प्रज्वल रेवन्ना मामले में पीएम मोदी ने तोड़ी चुप्पी, बोले-ऐसे व्यक्ति को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए, कर्नाटक सरकार को भी घेरा
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रज्ज्वल रेवन्ना यौन शोषण मामले में चुप्पी तोड़ी है। पीएम मोदी ने कहा कि प्रज्वल रेवन्ना जैसे व्यक्ति के लिए जीरो टॉलरेंस नीति होनी चाहिए। ऐसे अत्याचारियों को सभी कानूनी विकल्पों का उपयोग करते हुए कठोर से कठोर सजा दी जानी चाहिए। उन्होंने कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया कि उसने जद (एस) सांसद को देश से बाहर जाने दिया और वोक्कालिगा बहुल क्षेत्र में चुनाव संपन्न होने के बाद आपत्तिजनक सेक्स वीडियो जारी किए। पेम ने समाचार चैनल टाइम्स नाउ को दिए एक इंटरव्यू में यह बात कही।
समाचार चैनल टाइम्स नाउ से बात करते हुए मोदी ने कहा कि हजारों वीडियो की मौजूदगी से पता चलता है कि ये उस समय के हैं, जब जदएस और कांग्रेस के बीच गठबंधन था। ये वीडियो तब एकत्र किए गए जब वे सत्ता में थे। लेकिन, इन्हें जारी तब किया गया, जब वोक्कालिगा बहुल क्षेत्र में मतदान संपन्न हो गया। घटनाक्रम को बेहद संदिग्ध बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वीडियो उनके देश से बाहर जाने के बाद जारी किए गए। अगर राज्य सरकार के पास जानकारी थी, तो उसे नजर रखनी चाहिए थी। हवाई अड्डे पर भी निगरानी रखनी चाहिए थी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस मामले में कार्रवाई करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है क्योंकि यह कानून और व्यवस्था का मुद्दा था। उन्होंने कहा, आपने कुछ नहीं किया। भारत सरकार को सूचित नहीं किया गया। इसका मतलब है कि यह एक राजनीतिक खेल था। हालांकि, यह मेरा मुद्दा नहीं है, मेरा मुद्दा यह है कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाना चाहिए। हमारे देश में इस प्रकार के खेल बंद होने चाहिए। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, हमें उन्हें वापस लाना चाहिए और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। कोई अगर-मगर नहीं होना चाहिए।
पीएम ने कहा, जहां तक मोदी की बात है, जहां तक भाजपा की बात है, जहां तक हमारे संविधान की बात है, मेरा स्पष्ट विचार है कि ऐसे लोगों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस (कतई बर्दाश्त नहीं करने) की नीति होनी चाहिए। उपलब्ध सभी कानूनी विकल्पों का उपयोग करके कड़ी सजा दी जानी चाहिए।
बता दें कि कांग्रेस और जनता दल (सेक्यूलर) ने 2018 के चुनावों के बाद कर्नाटक में गठबंधन सरकार बनाई थी और 2019 का लोकसभा चुनाव साथ लड़ने के बाद दोनों अलग हो गए थे। पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा नीत पार्टी ने पिछले साल सितंबर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन किया था और दोनों दल मौजूदा लोकसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ रहे हैं।











पूर्व कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कांग्रेस और राहुल गांधी को लेकर बड़ा दावा किया है। आचार्य प्रमोद ने कहा कि अगर देश में कांग्रेस की सरकार बनी तो वो राम मंदिर का फैसला पलट सकते हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी इसको लेकर योजना बना चुके हैं और अपने नेताओं के साथ बैठक कर चुके हैं। आचार्य प्रमोद कृष्णम के इस दावे के बाद एक बार फिर सियासत गरमा गई है। पूर्व कांग्रेस नेता व ऐंचोड़ा कंबोह स्थित श्री कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने दावा किया है कि राहुल गांधी और उनकी टीम इस देश को किसी न किसी बहाने से तोड़ना चाहती है। उन्होंने कहा कि पहले की कांग्रेस और वर्तमान की कांग्रेस में काफी फर्क है। वह कांग्रेस में 32 साल से अधिक समय तक रहे हैं। जब राम मंदिर का फैसला आया तो राहुल गांधी ने अपने करीबियों के साथ बैठक की थी। इसमें कहा था कि कांग्रेस सरकार बनने के बाद वह एक सुपरपावर कमेटी का गठन करेंगे। राम मंदिर के फैसले को वैसे ही पलट देंगे जैसे राजीव गांधी ने शाह बानो के फैसले को पलट दिया था। आचार्य प्रमोद पहले भी कांग्रेस को राम मंदिर के मुद्दे पर घेरते रहे हैं। राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के निमंत्रण को अस्वीकार करने पर आचार्य ने कांग्रेस के बड़े नेताओं पर निशाना साधा था। इसी कारण उन्हें पार्टी ने निष्कासित कर दिया था। आचार्य ने कहा था कि कांग्रेस के नेता राम विरोधी हैं और तभी वो राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में नहीं गए थे। इससे पहले कृष्णम ने कहा था कि चार जून के बाद कांग्रेस पार्टी के दो धड़े हो जाएंगे। एक धड़ा राहुल गांधी का होगा तो दूसरा प्रियंका गांधी वाड्रा का। आचार्य का कहना है कि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और नेताओं के दिल में एक ज्वालामुखी रही है जो चार जून के बाद फट जाएगा। शनिवार को एक चैनल से बातचीत करते हुए आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि प्रियंका गांधी के साथ साजिश हो रही है। प्रियंका गांधी को पार्टी का अध्यक्ष बनने और राज्यसभा में जाने से रोका गया। कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी नहीं दी गई।यह साजिश उनके खिलाफ कई वर्षों से चल रही है। राहुल गांधी का खेमा चाहता है कि प्रियंका गांधी राजनीति से बाहर हो जाएं। इस वजह से प्रियंका गांधी के समर्थक दुखी हैं। इसके चलते ही चार जून के बाद कांग्रेस के दो धड़े होने वाले हैं।
वेस्टइंडीज और अमेरिका की संयुक्त मेजबानी में होने वाले टी20 वर्ल्ड कप को आतंकी हमले की धमकी मिली है। जिसके बाद मेजबान देशों की एजेंसियां अलर्ट मोड पर पहुंच गई हैं, और जरूरी कदम उठाने की बात की जा रही है। बता दें कि टी20 वर्ल्ड कप टूर्नामेंट का आयोजन अमेरिका और वेस्टइंडीज में होना है, लेकिन कैरेबिया में अधिकांश मुकाबले खेले जाने हैं। त्रिनिदाद के प्रधानमंत्री डॉक्टर कीथ रॉले ने खुलासा किया है कि टी20 वर्ल्ड कप को आतंकी हमले की धमकी मिली है। टी20 विश्व कप का काउंटडाउन शुरू हो चुका है और अब इस टूर्नामेंट को शुरू होने में एक महीने से भी कम का समय रह गया है। अगले महीने से शुरू होने वाले इस वैश्विक टूर्नामेंट में 20 टीमें हिस्सा ले रही है जिसमें भारत भी शामिल है। इस टूर्नामेंट का आयोजन अमेरिका और वेस्टइंडीज में होना है, लेकिन कैरेबिया में अधिकांश मुकाबले खेले जाने हैं। वेस्टइंडीज में ग्रुप चरण के कुछ मैचों के अलावा सुपर आठ चरण के सभी मैच, सेमीफाइनल और फाइनल का आयोजन होना है। इस बीच, टूर्नामेंट पर आतंकी हमले का साया छा गया है। त्रिनिदाद के प्रधानमंत्री डॉक्टर कीथ रॉले ने खुलासा किया कि वेस्टइंडीज और अमेरिका की संयुक्त मेजबानी में होने वाले टी20 वर्ल्ड कप को आतंकी हमले की धमकी मिली है। रॉले ने कहा कि खतरे को संभालने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा तैयारियों और प्रतिक्रिया तत्परता पर अतिरिक्त प्रयास लगाया जाएगा। रॉले के हवाले से त्रिनिदाद डेली एक्सप्रेस ने कहा, ''दुर्भाग्य से आतंकवाद का खतरा अपनी अनेक और विविध अभिव्यक्तियों में 21वीं सदी की दुनिया में हमेशा मौजूद रहने वाला खतरा है।''रॉले ने विशेषकर किसी संस्था का नाम नहीं लिया, लेकिन रिपोर्ट्स में बताया गया है कि इस्लामिक स्टेट ने अपने प्रचार माध्यम से यह धमकी दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक,"प्रो-इस्लामिक स्टेट (आईएस) मीडिया स्रोतों ने खेल आयोजनों के खिलाफ हिंसा भड़काने वाले अभियान शुरू किए हैं, जिसमें अफगानिस्तान-पाकिस्तान शाखा, आईएसखोरासन (आईएस-के) के वीडियो संदेश शामिल हैं, जिसमें कई देशों में हमलों पर रोशनी डाली गई है और समर्थकों से युद्ध के मैदान में शामिल होने की गुजारिश की है." प्रधानमंत्री ने आगे कहा, ''यह इस पृष्ठभूमि में है कि सभी राष्ट्र, हमारे क्षेत्र की तरह, जब बड़ी या कमजोर सभाओं की मेजबानी करते हैं, तो व्यक्त या निहित सभी खतरों को गंभीरता से लेने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा तैयारियों और प्रतिक्रिया तत्परता में अतिरिक्त प्रयास करते हैं।'' आतंकी हमले की धमकी मिलने के बाद आईसीसी भी हरकत में आया और उसने तैयारियों को लेकर आश्वासन दिया है। आईसीसी के प्रवक्ता ने न्यूज एजेंसी पीटीआई के हवाले से कहा, टूर्नामेंट में शामिल होने वाले सभी लोगों की सुरक्षा और सिक्योरिटी हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। हमारे पास सुरक्षा स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त प्लान है। हम मेजबान देश और अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में बने हुए हैं और स्थिति पर नजर रख रहे हैं। किसी भी तरह के जोखिम से निपटने के लिये सुरक्षा के चाक चौबंद उपाय किए जा रहे हैं।
May 07 2024, 12:05
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