फसल अवषेष जलाने की घटना को रोकने हेतु जिला स्तरीय अन्तर्विभागीय कार्य समूह की हुई बैठक
औरंगाबाद: श्रीकान्त शास्त्री, जिलाधिकारी, (भा0प्र0से0) औरंगाबाद की अध्यक्षता में दिनांक 06.04..2024 को फसल अवषेष जलाने की घटना को रोकने हेतु जिला स्तरीय अन्तर्विभागीय कार्य समूह की बैठक आहूत की गयी।
जिला पदाधिकारी, औरंगाबाद ने फसलों के अवषेष को खेतो में जलाने से होने वाले नुकसान को लेकर उपस्थित सभी सम्बंधित विभागों के अधिकारियों को पूरी गम्भीरता से कार्य करने का निदेष दिया गया। साथ ही किसानों एवं आम लोगो के बीच इसका व्यापक प्रचार-प्रसार कराने का निदेष दिया गया।
बैठक में उपस्थित जिला कृषि पदाधिकारी के द्वारा बताया गया कि फसल अवषेष को खेतो मे जलाने से फायदा कम नुकसान ज्यादा होता है जैसे पोषक तत्व की क्षति होती है, मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ की क्षति होती है। जमीन में पाये जाने वाले लाभकारी सूक्ष्म जीवाणुओं का सफाया हो जाता है।
साथ ही हानिकारक गैसां का उत्सर्जन होता है तथा फसल अवषेष जलाने से एरोसॉल के कण निकलते है जो हवा को प्रदूषित करते है। एक टन पुआल जलाने से वातावरण को होने वाले नुकसान के कारण तीन किलों ग्राम पार्टीकुलेट मैटर, 1460 कि0ग्रा0 कार्बन डाईऑक्साइड, 60 कि0ग्रा0 कार्बन मोनोऑक्साईड, 99 कि0ग्रा0 राख एवं 02 कि0ग्रा0 सल्फर डाइऑक्साइड उत्सर्जित होता है, जो मानव स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसानदायक होता है एवं साँस लेने में तकलीफ, आँखो में जलन, नाक एवं गले की समस्या उत्पन्न होती है। जबकि एक टन पुआल जमीन में मिलाते है तो नाइट्रोजन 20-30 ग्राम, पोटाष 30-40 कि0ग्रा0, सल्फर 5-7 कि0ग्रा0 एवं ऑर्गेनिक कार्बन 6-8 कि0ग्रा0 की मात्रा में पोषक तत्व की प्राप्ति होती है।
जिला कृषि पदाधिकारी के द्वारा बताया गया कि आत्मा योजना के तहत आयोजित किसान चौपाल के माध्यम से प्रखण्ड कृषि पदाधिकारी, प्रखण्ड तकनीकी प्रबंधक, कृषि समन्वयक, सहायक तकनीकी प्रबंधक, किसान सलाहकार को निदेष दिया गया कि किसानो को फसल अवषेष जलाने की घटना को रोकने हेतु उसके दुष्प्रभाव के बारे में विस्तृत जानकारी दिया जाय। फसल अवषेष प्रबंधन के तहत रिपर कम्बाईन्डर, स्ट्री बेलर, हैपी सिडर, रोटरी मल्चर एंव सुपर सिडर आदि पर भी कृषि विभाग के द्वारा अनुदान 40-80 प्रतिषत तक दी जाती है।
बैठक में जिला स्तरीय अन्तर्विभागीय कार्य समूह के पदाधिकारी एवं उनके प्रतिनिधि उपस्थित थे यथा जिला वन पदाधिकारी, अपर समाह्नर्ता, आपदा, सिविल सर्जन, औरंगाबाद, जिला पंचायतिराज पदाधिकारी, वरिय वैज्ञानिक एवं प्रधान, कृषि विज्ञान केन्द्र, सिरीस, जिला सहाकरिता पदाधिकारी, जिला पशुपालन पदाधिकरी एवं परियोजना निदेषक, आत्मा, औरंगाबाद उपस्थित थे।
Apr 06 2024, 22:10