वीवीपैट पर्चियों की पूरी गिनती की मांग, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और चुनाव आयोग से मांगा जवाब
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सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव में सभी वोटर वेरिफिएबल पेपर आडिट ट्रेल यानी वीवीपैट पर्चियों की गिनती की मांग करने वाली याचिका पर निर्वाचन आयोग और केंद्र से सोमवार को जवाब मांगा है। वर्तमान में परिस्थितियों में वीवीपैट पर्चियों के माध्यम से किसी भी पांच चयनित ईवीएम का सत्यापन किया जाता है। दरअसल, वीवीपैट एक स्वतंत्र वोट सत्यापन प्रणाली है, जो मतदाता को यह देखने की अनुमति देता है कि उसका वोट सही तरीके से डाला गया है या नहीं।
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में चुनाव आयोग के दिशानिर्देश को चुनौती दी गई है, जिसमें कहा गया है कि वीवीपैट सत्यापन क्रमिक रूप से किया जाएगा। याचिका में कहा गया है कि चुनाव न केवल निष्पक्ष होना चाहिए बल्कि दिखना भी चाहिए, क्योंकि सूचना के अधिकार को भारत के संविधान के आर्टिकल 19(1) (ए) और 21 के संदर्भ में भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का हिस्सा माना गया है।
जस्टिस बीआर. गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने चुनाव में सभी वीवीपैट पर्चियों की गिनती का अनुरोध करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अरुण कुमार अग्रवाल के वकीलों की दलीलों पर गौर करने के बाद याचिका पर आयोग और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया। मामले में अगली सुनवाई 17 मई को हो सकती है।
सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका में कहा गया है कि यदि वीवीपैट पार्चियों का एक साथ सत्यापन किया जाता है तो प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में गिनती के लिए अधिक अधिकारी तैनात करने होंगे और पूरा सत्यापन पांच से छह घंटे में किया जा सकता है। याचिका में बताया कि सरकार ने 24 लाख वीवीपैट खरीदे हैं, जिसमें लगभग पांच हजार करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, बावजूद इसके करीब 20 हजार वीवीपैट की पर्चियां ही सत्यापित हो सकती हैं।
वीवीपीएटी वोट सत्यापन प्रणाली है जो मतदाता को यह देखने की अनुमति देती है कि उसका वोट उसी उम्मीदवार को गया है या नहीं, जिसे उसने वोट दिया है। वीवीपैट के जरिये मशीन से कागज की पर्ची निकलती है जिसे मतदाता देख सकता है।इस पर्ची को एक सीलबंद डिब्बे में रखा जाता है और विवाद की स्थिति में इसे खोला जा सकता है। बता दें, आठ अप्रैल 2019 को शीर्ष अदालत ने प्रत्येक लोकसभा में वीवीपैट पर्चियों के माध्यम से गुजरने वाली ईवीएम की संख्या को एक से बढ़ाकर पांच करने का आदेश दिया था।
Apr 02 2024, 15:02