लोकसभा के टिकट बंटवारे में वैश्य समुदाय के साथ सौतेला व्यवहार किया गया : संजू साव
गया। देश में 22% की आबादी वाले वैश्य समुदाय को लोकसभा चुनाव के टिकट बंटवारे में घोर उपेक्षा की गई है। केंद्र और राज्य की सरकार में वैश्य समाज को उचित प्रतिनिधित्व नहीं दिया जाता है। क्या सिर्फ वैश्य समाज का इस्तेमाल भाजपा करेगी? क्या सिर्फ वैश्य समाज के लोग सरकार को टैक्स देने का काम करेंगे?
यह सब सवालों को लेकर वैश्य समाज के विभिन्न उपजातियों के नेताओं और प्रतिनिधियों ने भाजपा पर वैश्य समाज को उपेक्षा करने का आरोप लगाया है। सोमवार को टिकारी रोड स्थित सूर्यगढा निवास में प्रेस वार्ता में गया जिला तैलिक साहू सभा के जिला अध्यक्ष संजू साव ने कही। उन्होंने कहा कि वैश्य समाज भाजपा का परंपरागत वोट बैंक रहा है।
लेकिन लोकसभा के टिकट बंटवारे में इस समाज के साथ सौतेला व्यवहार किया गया है। हम लोग अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं। वैश्य समाज की आबादी 22% है लेकिन आज तक उन्हें संगठन में हिस्सेदारी और राजनीति में भागीदारी तो दूर लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा और विधान परिषद चुनाव में उचित प्रतिनिधित्व नहीं दिया जा रहा है, जिससे वैश्य समाज के लोगो मे भाजपा के प्रति काफी रोष व्याप्त हैं। अगर हमारे समाज की उपेक्षा की गई तो लोगों का भाजपा से मोह भंग हो जाएगा।
वैश्य समाज की उपेक्षा बर्दाश्त नहीं है हम लोग एकजुटता के साथ हक लेकर रहेंगे।उन्होंने बताया कि आगामी रणनीति तय करने के लिए 7 अप्रैल को बोधगया के महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र में संपूर्ण समाज के लोगों के साथ एक चिंतन बैठक आयोजित की गई है,जिसमें 2025 के विधानसभा चुनाव में वैश्यों की अधिक भागीदारी बढ़ने पर चर्चा की जाएगी।
वैश्य समाज के वरिष्ठ नेता लालजी प्रसाद ने कहा कि लोकसभा चुनाव में वैश्य समाज के उम्मीदवार का टिकट काटकर दूसरे समाज को दिया गया है, जो सरासर हमारे अधिकार के साथ हनन है। वोट बैंक के लिए भाजपा वैश्य समाज का कब तक इस्तेमाल करते रहेगी। बिहार प्रदेश बुनकर कल्याण संघ के प्रदेश अध्यक्ष और पटवा समाज के नेता गोपाल प्रसाद पटवा ने कहा कि टिकट बांटने वालों ने हमेशा वैश्य समाज को ठगा है। जबकि वैश्य समाज का जितना वोट है उसके हिसाब से टिकट देना चाहिए था।
बरनवाल समाज के पूर्व अध्यक्ष रवि वर्णवाल ने कहा कि हमारी आवाज को विधानसभा और लोकसभा में दवाई जा रही है।जब प्रतिनिधि नहीं रहेगा तो हमारी समस्याओं को सदन के पटल पर कौन रखेगा। वैश्य समाज को अपेक्षा करना भाजपा के लिए परेशानी का सबब बन सकता है। माहुरी वैश्य मंडल के अध्यक्ष संजीव कुमार संजय ने कहा कि वैश्य समाज किसी भी राजनीतिक दल का बंधुआ मजदूर नहीं है। अपना अधिकार और हक पाने के लिए विधानसभा और लोकसभा में समाज का प्रतिनिधि होना जरूरी है।
गया जिला मध्यादेशीय वैश्य महासभा के जिला अध्यक्ष संतोष कुमार गुप्ता ने कहा की राष्ट्र के विकास में सर्वाधिक योगदान करने वाला वैश्य समाज है। इसके बावजूद भी भाजपा के द्वारा वैश्यों की अपेक्षा की जा रही है। आश्चर्य की बात है कि भाजपा के परंपरागत वोट बैंक होने के बावजूद भी विधानसभा में एक भी प्रतिनिधि भाजपा से नहीं है, जबकि राष्ट्रीय जनता दल से दर्जन भर विधायक वैश्य समाज से आते हैं।
प्रेस वार्ता में विकास कुमार, प्रेम प्रकाश पवन, राकेश कुमार, अजय कुमार, संतोष कुमार अग्रवाल, अर्जुन प्रसाद, बंटी वर्मा, सुनील कुमार, राजू गुप्ता, अरुण कुमार गुप्ता, नीरज कुमार वर्मा सहित बड़ी संख्या में विभिन्न उपजातियों के प्रतिनिधियों ने अपने हक और अधिकार के लिए चट्टानी एकता का परिचय दिया।
रिपोर्ट: मनीष कुमार।
Apr 01 2024, 22:48