पटना पहुंचे लोजपा(आर) सुप्रीमो चिराग पासवान, नए चेहरों और अपने बहनोई को टिकट देने सवाल पर दिया यह साफ-साफ जवाब
डेस्क : बीते शनिवार को लोजपा (रामविलास) द्वारा अपने खाते में आए सभी पांच सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नाम का एलान कर दिया गया था। जिसमें पार्टी ने कई नए चेहरे और दो महिलाओं को अपना प्रत्याशी बनाया है। जिसके बाद से उनपर परिवारवाद के साथ कई अन्य आरोप भी लग रहे है।
वहीं प्रत्याशियों के नाम के एलान के बाद आज रविवार को लोजपा (रामविलास) के सुप्रीमो चिराग पासवान पटना पहुंचे। चिराग ने टिकट बंटवारे में उनके ऊपर लग रहे आरोपों पर अपनी सफाई दी है और बताया है कि आखिर क्यों उनकी पार्टी ने नए चेहरों को मौका दिया है। इस दौरान उन्होंने बहनोई को टिकट देने पर उठ रहे सवालों का भी जवाब दिया।
आपको बता दें कि चिराग पासवान के खाते में जो पांच सीटे आई है। उसमें हाजीपुर, जमुई, समस्तीपुर, वैशाली और खगड़िया सीट मिली है।जिसमें हाजीपुर से जहां वे खुद चुनाव लड़ेंगे। जबकि अपनी सीटिंग सीट जमुई से अपने बहनोई अरुण भारती को प्रत्याशी बनाया है। वहीं समस्तीपुर से वर्तमान सांसद व उनके चचेरे भाई प्रिंस राज की जगह चिराग ने बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी की बेटी शांभवी को प्रत्याशी बनाया है। जिसके बाद कई लोग उनसे नाराज है।
इधर चिराग ने इन सभी आरोप और नाराजगी के सवाल पर कहा कि लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को गठबंधन में मात्र पांच सीटें मिली हैं और पांच सीटों में संभव नहीं है कि सभी को संतुष्ट किया जाए। पार्टी ने काफी सोंच विचार और तमाम तरह की चीजों, फीडबैक के आधार पर उम्मीदवारों का चयन किया गया है। टिकट इतनी आसानी से मिलना होता तो शायद बहुत पहले ही इसकी घोषणा हो गई होती। तमाम तरह के सर्वे को देखने समझने और विचार करने में टिकट बंटवारे में देरी हुई। महज पांच सीटों पर 50 और 500 लोगों को संतुष्ट करना संभव नहीं है।
उन्होंने कहा कि जिन लोगों को टिकट नहीं मिला उनकी नाराजगी को भी सम्मान देता हूं। उनकी नाराजगी स्वभाविक है। हर किसी को पार्टी से उम्मीदें और अपेक्षाएं होती हैं और यह सवाल हर बार चुनाव में बरकरार रहता है। ऐसी स्थिति सिर्फ लोजपा (रामविलास) में ही नहीं सभी पार्टियों में यही हाल है। पार्टी ने जो फैसला लिया है उसमें दो चीजों पर प्रमुखता से ध्यान दिया है। टिकट बंटवारे में युवाओं को महत्व दिया गया है। युवा खुद में एक जाति हैं, महिलाएं भी एक जाति हैं।
वहीं यह पूछे जाने पर कि उन्होंने कहा था कि धोखा देने वाले लोगों को टिकट नहीं देंगे तो वीणा देवी को कैसे टिकट दिया गया, इसपर चिराग ने कहा कि मैं इस बात को मानता हूं कि मैनें कहा था कि जिन्होंने धोखा दिया है उन्हें टिकट नहीं दूंगा लेकिन वीणा देवी उन लोगों में शामिल नहीं हैं।
चिराग ने कहा कि उम्मीदवारों के चयन में युवाओं को भागीदारी हुई है। पांच में से दो सीटें महिलाओं को दी गई हैं। मैं खुद अपने सोशल मीडिया पर युवा बिहारी लिखता हूं। मुझे खुशी है कि यह टीम युवाओं की है और यंग सोंच वाली है। अगर मेरे जीजा जी की बात आती है तो उनकी सारी काबिलियत को समा दिया जाता है सिर्फ यह कहकर कि वो मेरे जीजा हैं लेकिन उस व्यक्ति को देखिए। वे विदेश से पढ़कर आए हैं, लंदन से एनबीए किया है, सफल बिजनेशमैन रहे हैं और वे एक राजनीतिक पृष्टभूमि से आते हैं।
Apr 01 2024, 09:40