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बिहारी चाय को मिली नई पहचान, रजिस्टर्ड हुआ ' बिहार टी ' का ट्रेडमार्क
बिहार: बिहार की चाय को नई पहचान मिली हैं. व्यापार चिन्ह रजिस्ट्री द्वारा ' बिहार टी ' के ट्रेडमार्क को मंजूरी दे दी हैं. उल्लेखनीय है कि बिहार राज्य अंतर्गत लगभग 5600 हेक्टेयर में चाय की खेती की जाती हैं जिसमें किशनगंज जिला प्रमुख हैं. किशनगंज जिला पदाधिकारी तुषार सिंगला ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि बिहार टी का ट्रेडमार्क स्वीकृत हो जाने से बिहार की चाय को एक विशिष्ट पहचान मिली हैं और इसका लाभ किशनगंज जिले के साथ चाय उत्पादकों का मिलेगा.

        डीएम ने बताया कि कृषि क्षेत्र में किशनगंज जिला अंतर्गत अपार संभावनाएं हैं और वो कृषि एवं उद्दोग विभाग के साथ मिलकर उसको साकार करने हेतु प्रयासरत हैं. व्यापार चिह्न रजिस्ट्री अधिनियम 1999 के अंतर्गत ट्रेडमार्क भारत सरकार द्वारा जारी किया जाता हैं. ट्रेडमार्क रजिस्टार का कार्यालय मुंबई महाराष्ट्र में स्थित हैं.

    यह एक ऐसा चिन्ह हैं जिसका उपयोग किसी व्यवसाय में प्रयुक्त शब्द, नाम, कारण, लेवल या संख्या, या किसी अन्य व्यवसाय या सेवा से उत्पन्न अन्य समान वस्तुओं को अलग करने के लिए किया जाता हैं. एक पंजीकृत व्यापार-चिह्न व्यवसाय के लिए एक संपत्ति या बौद्धिक संपदा हैं और इसका उपयोग किसी ब्रांड या प्रतीक में कंपनी के निवेश की रक्षा के लिए किया जाता हैं.

       बिहार की चाय को प्रोत्साहित करने हेतु सचिव, कृषि विभाग बिहार पटना द्वारा भी सभी कार्योलयों से बिहार राज्य अंतर्गत अवस्थित चाय उत्पादकों की चाय का प्रयोग करने हेतु अनुरोध किया गया हैं. बिहार राज्य अंतर्गत अवस्थित चाय उत्पादकों में रजवाड़ी टी किशनगंज, इमरान टी एंड एग्रो फैक्ट्री किशनगंज, डोंक टी किशनगंज एवं माला ग्रीन टी फैक्ट्री किशनगंज प्रमुख हैं.
केके पाठक पर सड़क से सदन तक हुआ संग्राम, 8 महीने में मंत्री हो या राज्यभवन, सबसे भिड़े
बिहार: आईएएस अधिकारी केके पाठक ने विवादों के बीच बिहार छोड़कर दिल्ली जाने का फैसला लिया हैं. उन्होंने केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने के लिए नीतीश सरकार को आवेदन दिया, जिसे मंजूर कर लिया गया हैं. वर्तमान में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का पद संभाल रहे केकेपाठक चर्चित आईएएस अधिकारी हैं. शिक्षा विभाग में, बीते 8 महीने में उनका काफी विवादों भरा रहा. इस दौरान वे मंत्री और राज्यपाल तक से भिड़ गए. शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए कई सख्त फैसले लिए. इसका शिक्षकों से लेकर पदाधिकारियों ने जमकर विरोध किया. उनके खिलाफ सड़क से लेकर सदन तक संग्राम हुआ.

      नीतीश कुमार उन्हें साल नवंबर 2021 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस लेकर आई थी. उस समय उन्हें मद्द निषेध विभाग की जिम्मेदारी दी गई. करीब डेढ़ साल के बाद जून 2023 में पाठक का तबादला शिक्षा विभाग में कर दिया गया. इस विभाग में उन्होंने मुश्किल से 8 महीने का समय बिताया.

   शिक्षा विभाग के एसीएस रहते हुए केके पाठक की राजभवन और सरकार से की मुद्दों पर तनातनी हुई. शिक्षा के क्षेत्र में में सुधार लाने के लिए उन्होंने ने कई ऐसे फैसले लिए कि उनके ही विभाग के अधिकारीयों एवं कर्मचारियों को रास नहीं आए. स्कूल से लगातार अनुपस्थित रहने वाले बच्चों का नाम काटा गया. वहीं स्कूल से गायब पाए जाने वाले शिक्षकों पर भी कार्रवाई हुई. केके पाठक ने जिलाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में नियमित रूप से स्कूलों के निरीक्षण के निर्देश दिए. खुद केके पाठक ने भी बीते 8 महीने में कई स्कूलों का दौरा किया और अव्यवस्था मिलने पर स्टाफ को लताड़ लगाई.

     शिक्षक एवं कर्मचारी के खिलाफ सख्ती दिखाने पर केके पाठक का शिक्षक संघों ने विरोध किया. उनके खिलाफ सड़क पर मार्च किया गया. विरोध होने पर केके पाठक में शिक्षक संघों पर ही प्रतिबंध लगा दिया. इस मुद्दे  पर भी सड़क से लेकर सदन तक खूब हंगामा हुआ.

        पिछली महागठबंधन सरकार में आरजेडी के चंद्रशेखर शिक्षा मंत्री थे.उस दौरान केकेपाठक का उनसे खूब टकराव हुआ. पाठक ने अपने स्तर पर कई 
कड़े फैसले लिए. शिक्षा मंत्री के आपत्ति जताने पर भी वे अपने फैसलों पर अडिग रहे. नौबत यहां तक आ गई कि चंद्रशेखर ने अपने दफ्तर जाना छोड़ दिया और घर से ही विभाग का कामकाज निपटाने लगे.

      केके पाठक के शिक्षा विभाग में 8 महीने के कार्यकाल में राजभवन से भी कई मुद्दों पर टकराव हुआ. विश्वविद्यालय के क्षेत्राधिकार के मुद्दे पर राज्यपाल से भिड़ गए. विश्वविद्यालय में कुलपति की नयुक्ति के लिए केके पाठक के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने विज्ञापन जारी कर दिए थे, जबकि राजभवन पहले ही इस नियुक्ति का विज्ञापन जारी कर चुका था. इसके बाद अभ्यर्थी कन्फ्यूज हो गए कि किस विज्ञापन के आवेदन किये जाएं. बाद में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हस्तक्षेप किया और उनके कहने पर विभाग ने अपना विज्ञापन वापस लिया था.

       हाल ही में केकेपाठक ने कुलपतियों और विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों की बैठक बुलाई. राजभवन ने इसमें जाने से वीसी एवं अन्य अधिकारियों को अनुमति नहीं दी. 28 फरवरी को हुई इस बैठक में सभी वीसी ने दूरी बनाए रखी. इसके बाद पाठक एक्शन में आ गए और उन्होंने बैठक में शामिल नहीं होने वाले सभी वीसी एवं यूनिवर्सिटी पदाथिकारियों का वेतन रोक दिया.

    केके पाठक ने पिछले दिनों स्कूलों का समय बदलकर सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक कर दिया. शिक्षकों के साथ ही अभिभावकों ने इसका विरोध किया. हाल ही में विधानसभा के बजट सत्र में यह मुद्दा विपक्ष ने उठाया और जमकर हंगामा किया. इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्पष्ट किया कि स्कूलों का समय सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक ही रहेगा. सिर्फ शिक्षक 15 मिनट पहले स्कूल आयेंगें और 15 मिनट बाद स्कूल से जायेंगें. मगर केके पाठक अपने फैसले पर अड़े रहे. सीएम के कहने के बावजूद शिक्षा विभाग ने अब तक स्कूलों की टाईमिंग का आदेश जारी नहीं किया. ऐसे में शिक्षक कंफ्यूज में हैं कि वे सुबह 9 बजे स्कूल पहुंचे या फिर 9.45 बजे.

   स्कूलों में छुट्टियों को लेकर केके पाठक विवादों में रहें. महागठबंधन सरकार के कार्यकाल के दौरान शिक्षा विभाग ने स्कूलों में रक्षाबंधन समेत कुछ हिंदु पर्व त्योंहारों की छुट्टियां घटा दी थी. इस मुद्दे पर बीजेपी ने जमकर हंगामा किया था. बीते जनवरी महीने में शीतलहर के चलते स्कूल बंद किए जाने के फैसले का भी केके पाठक ने विरोध किया. उन्होंने पटना समेत अन्य जिलों की डीएम द्वारा भीषण ठंड से स्कूल बंद करने के फैसले पर सवाल उठाए थे.
जमीन की जमाबंदी को तुरंत करवा लें आधार से लिंक, बहुत सारी टेंशन हो जाएगी दूर
बिहार: जमीन की जमाबंदी को आधार नंबर से जोड़ने की प्रक्रिया चार-पांच महीने से चल रही हैं. इसमें आधार के साथ मोबाइल नंबर भी जुड़वाना हैं, लेकिन राजधानी इसमें काफी पीछे चल रहा हैं.

    
          पटना जिला में करीब 17 लाख 50 हजार जमाबंदी को आधार और मोबाइल नंबर से जोड़ा जाना हैं, लेकिन करीब सवा लाख जमाबंदी को ही अब तक जोड़ा जा सका हैं. ग्रामीण अंचलों में लोग कुछ सजगता दिखा रहे हैं लेकिन शहरी क्षेत्र में इसकी रफ्तार काफी धीमी हैं. बड़ी संख्या में लोगों को पता नहीं हैं कि आखिर कैसे और कहां जमाबंदी की आधार लिंकिंग होगी.

      
              दूसरी समस्या यह भी हैं कि बड़ी संख्या में ऐसी जमाबंदी हैं जिसके रैयत की मृत्यु हो चुकी हैं, लेकिन अभी भी उनके नाम से ही रसीद कट रही हैं. ऐसे में आधार लिंक कराने के लिए भूस्वामी को वंशावली समेत कई प्रक्रिया से गुजरना होता हैं.


     
      बिहार में जमीन विवाद के काफी मामले आते हैं. जमाबंदी में धोखाधड़ी कर किसी की जमीन बेच देना, अपने नाम करा लेना जैसी घटनाएं होती रहती हैं. ऐसे में जमाबंदी के आधार से लिंक रहने पर जमीन के कागजातों में कोई हेर-फेर किया जाएगा तो भूस्वामी के मोबाईल पर एसएमएस अलर्ट आ जाएगा. ऐसे में समय रहते भू-स्वामी एहतियाती कदम उठा सकेंगें. इस तरह से उनकी जमीन सुरक्षित रहेगी.साथ ही गरीबों को जमीन के हिसाब से सरकार की योजनाएं मिलनें में भी सहूलियत होगी. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने जमाबंदी अनिवार्य कर दी हैं. आधार नंबर लिंक नहीं कराने पर आगे की प्रक्रिया मुश्किल हो जाएगी.

     
      आधार लिंक प्रक्रिया बेहद सरल हैं. भूस्वामी अपने राजस्व कर्मचारी को जमीन की लगान रसीद, आधार कार्ड की फोटो कॉपी और उससे जुड़ा मोबाईल नंबर देंगें. राजस्व कर्मचारी उसे लिंक कर जानकारी आनलाईन कर देंगें. लिंक होने की जानकारी कर देंगें. लिंक होने की जानकारी मोबाईल पर मिल जाएगी.
सरकारी स्कूलों के टाईमिंग में नहीं हुआ कोई बदलाव, पहले की तरह ही चलेंगें सभी विद्यालय, वायरल लेटर फर्जी
बिहार: बिहार के तमाम सरकारी विद्यालय पहले की तरह ही संचालित होंगे. बुधवार को सरकारी विद्यालयों के संचालन संबंधी समय में बदलाव का वायरल लेटर फर्जी निकला. स्कूल टाईमिंग को लेकर वायरल लेटर दिनभर न्यूज चैनलों और इंटरनेट मीडिया पर वायरल होता रहा, लेकिन शिक्षा विभाग ने
इस पत्र का खंडन देर शाम में किया.

       
       माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने इस संबंध में एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि कथित रूप से शिक्षा विभाग की अधिसूचना संख्या-554 (28 फरवरी, 2024) को प्रसारित होने की सूचना प्राप्त हुई हैं. उक्त अधिसूचना पूरी तरह फर्जी हैं. यह अधिसूचना विभाग की ओर से निर्गत नहीं हैं.

     
          सबसे हैरानी की बात है कि कथित रूप से वायरल लेटर में भी माध्यमिक निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव का हस्ताक्षर दिखाया गया हैं.

    
       जिस असामाजिक तत्व ने कथित रूप से शिक्षा विभाग से निर्गत फर्जी पत्र को बताकर राज्य में वायरल किया हैं, उसके खिलाफ शिक्षा विभाग ने कोई भी एक्शन लेने की बात नहीं कहीं हैं. न ही इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज करायी हैं, जबकि इस फर्जी पत्र से शिक्षा विभाग की छवि को खराब करने की कोशिश की गई हैं.

    
       इसके मुताबिक शिक्षक सुबह 9.45 बजे विद्यालय आयेंगें. तथा शाम 4.15 बजे तक रहेंगें. यानी विद्यालयों में अन्य कार्यों सहित पठन-पाठन का कार्य 9.45 बजे से 4.15 बजे तक किया जाएगा. इस फर्जी पत्र में विद्यालयों की आठ घंटी के समय तय की गई थी.
दूसरी पाली की सक्षमता परीक्षा स्थगित,BSEB ने बताया कारण; अभ्यर्थियों ने किया हंगामा
बिहार: बिहार विद्यालय परीक्षा समिति( बिहार बोर्ड) ने सक्षमता परीक्षा की दूसरी पाली की परीक्षा स्थगित कर दी हैं. तकनीकी कारणों से यह परीक्षा रद्द की गई हैं. बिहार बोर्ड के परीक्षा नियंत्रक ने विज्ञप्ति जारी कर इसकी जानकारी दी. बिहार के 52 केन्द्रों पर दूसरी पाली में तकनीकी समस्याएं उत्पन्न हो गई थी. परीक्षा हॉल में दो घंटे बैठने के बाद अंतिम समय में शिक्षक अभ्यर्थियों को रद्द होने की सूचना दी गई .

        जानकारी के अनुसार पटना समेत नौ जिलों में बनाए गए केन्द्रों पर तकनीकी समस्या उत्पन्न हो गई थी. इसे लेकर सगुना मोड़ स्थित टूनीश इंफोटेक प्राइवेट लिमिटेड अॉनलाइन सेंटर पर शिक्षक अभ्यर्थियों ने हंगामा भी किया.हालांकि, पहली पाली की परीक्षा शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गई. गौरतलब है कि परीक्षा छह मार्च तक आयोजित की जाएगी. दो लाख 32 हजार नियोजित शिक्षकों ने इसके लिए आवेदन किया हैं.

      बता दें कि राज्य के नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए सोमवार से सक्षमता परीक्षा शुरू हुई. पहले दिन दोनों पालियों में नौ जिलों के 52 केन्द्रों पर अॉनलाइन परीक्षा हुई. लगभग 35 से 40 हजार नियोजित शिक्षकों ने भाग लिया. हालांकि कुछ केन्द्रों पर उपस्थिति कम मिलने की जानकारी मिली हैं.कई शिक्षकों को माउस चलाने में भी दिक्कत हुई.

     इलेक्ट्रॉनिक गजट का इस्तेमाल कर कोई परीक्षा में कदाचार न कर सके इसके लिए सख्ती बरती गई.
कदाचार न कर सके इसके लिए सख्ती बरती गई.
शिक्षकों को परीक्षा केन्द्र में प्रवेश करने से पहले दो स्तरों से जांच की गई हैं. इस वजह से कई शिक्षक कुछ केन्द्रों पर गुस्सा भी गये. हालांकि बगैर जांच के किसी को केन्द्र में प्रवेश नहीं दिया गया.जूता-मोजा भी खुलवा लिए गए.

जानिए कब आएगा 10 वीं बार्ड परीक्षा का परिणाम, इस दिन से चेक होगी आंसर सीट
बिहार: मैट्रिक परीक्षा 2024 की कापियों की  मूल्यांकन कार्य एक मार्च से शुरू होगी, जो 10 मार्च 2024 तक चलेगी.ऐसे में उम्मीद हैं कि मार्च के अंत तक दसवीं का परिणाम जारी कर दिया जाएगा.

बता दें कि पिछले वर्ष  10 वीं बोर्ड परीक्षाओं का रिजल्ट 31 मार्च 2023 को जारी किया गया था. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने मूल्यांकन कार्य में पूरी तरह गोपनीयता बरतने के लिए निर्देशित किया हैं. मूल्यांकन कार्य उन्हीं शिक्षकों से लिया जाएगा जो मान्यता प्राप्त विद्यालय में कार्यरत हैं. उन शिक्षकों की सूची परीक्षा समिति के बेवसाइट पर उपलब्ध हैं.

       परीक्षा समिति ने कहा हैं कि सह परीक्षक एवं प्रधान परीक्षकों की नियुक्ति पत्र की हार्ड कॉपी जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय भेजा जा रहा हैं. नियुक्ति पत्र वितरण के लिए 28 से 29 मार्च तक उपलब्ध रहेगा. माध्यमिक स्तर के मान्यता प्राप्त विद्यालय के प्रधान स्वयं या प्रतिनिधि भेजकर नियुक्ति पत्र जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय से प्राप्त करेंगें. पत्र प्राप्त करने के बाद संबंधित शिक्षक मूल्यांकन कार्य के लिए विरमित करेंगें.

     काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एसोसिएशन ने सोमवार को आयोजित केमिस्ट्री विषय की परीक्षा को स्थगित कर दी. आईएससीई 2024 के 26 फरवरी को केमेस्ट्री की परीक्षा आयोजित होने वाली थी, उसे अप्रत्याशित परिस्थितियों के कारण स्थगित कर दिया गया. अब यह परीक्षा 21 मार्च को ली जाएगी. परीक्षा दो बजे से आयोजित की जाएगी. सीआईएससीई ने इस संबंध में बेवसाइट पर नोटिस जारी कर दिया हैं
  
      आईएससीई बोर्ड परीक्षा 2024 में शामिल होने वाले छात्र वेबसाइट cisce.org पर जाकर सूचना देख सकते हैं.

        12 वीं बोर्ड की परीक्षा 12 फरवरी से शुरू हुई हैं जो तीन अप्रैल तक चलेगी. परीक्षा हर दिन दोपहर दो से पांच बजे तक आयोजित की जा रही हैं. शहर में बोर्ड की ओर से छह परीक्षा केन्द्र बनाए गए हैं. इनमें संत जोसेफ कान्वेंट, संत जेवियर हाई स्कूल, कार्मेल हाई स्कूल, डॉन वास्को एकेडमी और लोहिया नगर माउंट कार्मेल हाई स्कूल को परीक्षा केन्द्र बनाया गया हैं.



शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा आज से शुरू, इन बातों का जरूर रखें ध्यान, वरना नहीं मिलेगी एंट्री
बिहार: बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा शिक्षकों के लिए सक्षमता परीक्षा 26 फरवरी से आयोजित की जाएगी. सक्षमता परीक्षा राज्य के नौ जिलों में केन्द्रों पर होगी. यह परीक्षा छह मार्च तक चलेगी. यह परीक्षा कंप्यूटर आधारित होगी.

        
      परीक्षा के लिए शिक्षकों को साढ़े आठ बजे केन्द्रों पर पहुंचना होगा. परीक्षा केंद्रों के गेट 9.30 बजे तक बंद कर दिए जाएंगे. प्रथम पाली की परीक्षा सुबह 10 से दोपहर 12.30 बजे तक ली जाएगी.

   
     वहीं द्वितीय पाली की परीक्षा तीन से साढ़े पांच बजे तक आयोजित की जाएगी. सक्षमता परीक्षा के लिए 2, 32, 130 शिक्षकों ने फॉर्म भरा हैं
     
      
        कदाचार मुक्त परीक्षा के लिए सुरक्षा व्यवस्था सख्त बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर का कहना हैं कि कदाचार मुक्त परीक्षा के लिए नौ जिलों के जिला पदाधिकारी, पुलिस अधीक्षक एवं जिला शिक्षा अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं.

           
         केंद्राधीक्षकों को क्या निर्देश दिए गए हैं कि निर्धारित समय के बाद आने वाले शिक्षकों को परीक्षा केन्द्र के अंदर प्रवेश किसी भी स्थिति में नहीं दिया जाएगा. कंप्यूटर केन्द्रों पर बायोमेट्रिक उपस्थिति ली जाएगी. परीक्षा केन्द्र के किसी भी इलेक्ट्रॉनिक समान ले जाने की इजाजत नहीं दी जाएगी.

           
       सक्षमता परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्न बहु विकल्प  वाले होंगें. प्रत्येक प्रश्न के लिए एक अंक निर्धारित किए गए हैं. निगेटिव मार्किंग नहीं होगी.
बिहार के हर प्रखंड में बनेगा स्वीमिंग पूल, तैराकी की दी जाएगी ट्रेनिंग, जानिए क्या हैं
बिहार: बिहार के सभी प्रखंडों में स्विमिंग पुल बनायें जायेंगें. ये पुल 25 मीटर लंबे और 12.5 मीटर चौड़े होंगें. बाढ़ से बचाव के लिए हर आयु वर्ग के लोगों की तैराकी सिखाई जाएगी.वही प्रशिक्षण प्राप्त करने वालों में कुछ ऐसे लोग भी होंगें, जो तैराक बनकर उभरेंगें.

        स्विमिंग पुल निर्माण के लिए आपदा प्रबंधन ने भवन निर्माण विभाग को प्रस्ताव बनाने को पत्र लिखा था. अब भवन निर्माण विभाग ने नक्शा और प्राक्कलन तैयार कर आपदा प्रबंधन को भेज दिया हैं. वहां से स्वीकृति मिलते ही निर्माण की दिशा में कार्य शुरू हो जाएगा. इसके निर्माण के लिए 40-40 मीटर लंबी-चौड़ी जमीन की जरूरत पड़ेगी.

       जानकारी के अनुसार, आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बाढ़ के दौरान आने वाले आपदा से निपटने और पानी में डूबे कर होने वाली मौतों को रोकने के उद्देश्य से स्विमिंग पुल बनाने की योजना बनाई गई हैं. पहले चरण में गंगा के किनारे बसे प्रखंडों में जमीन उपलब्धता के आधार पर स्विमिंग पूल का निर्माण होगा. इसके बाद बाढ़ से प्रभावित होने वाले प्रखंडों में  इसका निर्माण होगा और लोगों को तैराकी का प्रशिक्षण दिया जाएगा.

          ये सुविधाएं होंगी

   यह चार लेन का होगा, चारों ओर स्टील की रेलिंग होगी
इसके चारों तरफ व ऊपरी भाग में टाईल्स लगाई जाएगी
महिला और पुरूषों के लिए अलग-अलग चेंजिंग रूम और शौचालय बनेंगें.
पानी की कमी नहीं हो, इसके लिए दो सबमर्सिबल बोरिंग भी लगाई जाएंगी.
   बाढ़ के दौरान आपदा से निपटने के उद्देश्य से लोगों को दिया जाएगा तैराकी का प्रशिक्षण

     बिहार में नदियों का जाल होने के बावजूद राष्ट्रीय स्तर पर युवा तैराकी में नहीं उभर पा रहे हैं. सुविधाएं बढ़ने से यहां भी ऐसे तैराक हो सकेंगें. बिहार तैराकी संघ के उपाध्यक्ष प्रभाकर नंदन प्रसाद ने बताया कि स्विमिंग पुल में फ्री, बैक,  ब्रेस्ट और बटर फ्लाई स्टाईल स्ट्रोक के आधार पर तैराकी की जाती हैं.  राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाली तैराकी प्रतियोगिता में इन्हीं चारों स्ट्रोक के आधार पर विजेताओं का चयन होता हैं. लेकिन नदी में जो लोग तैराकी की जानकारी नहीं होती हैं.
तेजस्वी की जन विश्वास यात्रा का दूसरा चरण कब से, 14 सौ किलोमीटर का रोड-शो प्रस्तावित.
बिहार: तेजस्वी यादव की 20 फरवरी से शुरू ' जन विश्वास यात्रा के पहला चरण शनिवार को समाप्त हो गया. कल  25 फरवरी को ' जन विश्वास यात्रा ' के दूसरा चरण की  शुरूआत होगी, जो 28 फरवरी को समाप्त होगा.

       यात्रा के पहले चरण में तेजस्वी ने लगभग 1100 किलोमीटर की दूरी तय की है और इस दौरान उन्होंने बड़ी-बड़ी 16 जनसभाओं को संबोधित किया जिसमें लाखों लाख की संख्या में लोग शामिल हुए. आगामी 3 मार्च को महागठबंधन की ओर से पटना के गांधी मैदान में आयोजित ' जन विश्वास रैली ' में आने का निमंत्रण दिया.

         राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने बताया कि कल 25 फरवरी तेजस्वी की ' जन विश्वास यात्रा ' के दूसरे चरण के लिए सवेरे पटना से निकलेंगें और 28 फरवरी को पटना लौटेंगें. इस दूसरे चरण में आमसभा न होकर केवल रोड-शो होगा.

          25 फरवरी को हाजीपुर, महुआ, कल्याणपुर, लहेरियासराय, मधुबनी, झंझारपुर होते हुए सुपौल में रात्रि विश्राम करेंगें.

         अगले दिन 27 फरवरी को बांका, अमरपुर, असरगंज, जमुई, लखीसराय, मुंगेर, खगड़िया, महेश खूंट, सोनबरसा होते हुए मधेपुरा में रात्रि विश्राम करेंगें और 28 फरवरी को मधेपुरा, सहरसा, सिमरी, बख्तियारपुर, सोनबरसा, मानसी, साहेबपुरकमाल, बलिया, बेगुसराय, बरौनी, मोकामा, बाढ़, बख्तियारपुर, और फतुहा होते हुए पटना वापस लौटेंगें.

       राजद प्रवक्ता ने बताया कि अपने यात्रा के दूसरे चरण में तेजस्वी रोड-शो के माध्यम से लगभग 1400 किलोमीटर की दूरी तय करेंगें. बिहार के इतिहास में तेजस्वी यादव ऐसे पहले नेता होंगें, जो नौ दिनों में सड़क मार्ग से लगभग 2500 किलोमीटर की लगातार यात्रा कर बिहार बिहार के सभी जिलों के जनता-  जनार्दन के बीच जाकर एक रिकॉर्ड स्थापित करने जा रहे हैं.

     गगन ने कहा कि तेजस्वी यादव की ' जन विश्वास यात्रा ' को लेकर समाज के सभी समुदाय एवं वर्गों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा हैं. बड़ी संख्या में बड़े- बुजुर्ग, जहां उन्हें आर्शिवाद देने पहुंच रहे हैं वहीं नौजवानों में गजब का उत्साह देखा जा रहा हैं सभी तेजस्वी में ही बिहार का भविष्य देख रहे हैं. सभा स्थल से लेकर उनके गुजरने के मार्ग में बड़ी संख्या में  महिलाओं की उपस्थिति हो रही हैं.

     नेता प्रतिपक्ष जब उन्हें तीन मार्च को ' जन विश्वास रैली ' में पटना आने को निमंत्रण देते हैं तो लोगों का उत्साह और भी ज्यादा बढ़ जाता हैं. ' जन विश्वास यात्रा' और तीन मार्च को महागठबंधन द्वारा आयोजित ' जन विश्वास रैली ' को एतिहासिक और अभूतपूर्व रूप से सफल बनाने के लिए उन्होंने पार्टी के सभी इकाइयों महागठबंधन में शामिल सभी घटक दलों से समन्वय स्थापित करने का निर्देश दिया हैं.

     
केके पाठक के विभाग का यह कैसा हाल? बिहार के 58 लाख लाख बच्चों ने बीच में ही छोड़ दी पढ़ाई.
बिहार: बिहार के 58 लाख बच्चों ने बीच में ही कक्षा छोड़ दी. सूबे में  पहली से 12वीं तक के ये बच्चे ऐसे हैं, जो पिछले साल तक स्कूलों में थें. यू-डायस 2023-24 को लेकर मुजफ्फरपुर समेत राज्य के विभिन्न जिलों के आंकड़ों से यह सामने आया हैं. 20 फरवरी तक की रिपोर्ट की समीक्षा की गई हैं. शिक्षा विभाग इसे लेकर चिंतित हैं कि बच्चे बीच में अपनी पढ़ाई क्यों छोड़ रहे हैं. विभाग अपने अधिकारियों पर कार्रवाई भी कर रहा हैं.

     बच्चों के अगली कक्षा में प्रमोशन से लेकर नए नामांकन को लेकर यू-डायस में बच्चों का आंकड़ा देना हैं. पहले केवल संख्या दी जाती थी, लेकिन अब नाम, पते के साथ बच्चे का पूरा रिकॉर्ड देना होता हैं. एक बच्चे का दोहरा नामांकन नहीं हो, बच्चों के नाम पर सरकारी योजनाओं की गड़बड़ी नहीं हो, इसे लेकर एक-एक बच्चे की आईडी के साथ रिकॉर्ड देना हैं. पिछले साल तक सूबे 2,44,77,511 बच्चे नामांकित थे. 58 लाख बच्चे इनमें ऐसे हैं, जिन्होंने इस सत्र में पढ़ाई शुरू नहीं की. यही नहीं, सूबे में नामांकित बच्चों में अभी भी 53 फीसदी का ही आंकड़ा यू-डायस पर दिया गया हैं. बिहार शिक्षा परियोजना की प्रशासी पदाधिकारी शाहजहां ने बच्चों के वर्गवार अपडेशन को लेकर 29 तक का अल्टीमेटम दिया हैं. इसे लेकर 38 जिलों के डीपीओ सर्व शिक्षा अभियान से लेकर एमआइएस का वेतन बंद करने की कार्रवाई शुरू की गई हैं.

      सूबे में एक करोड़ 30 लाख बच्चों की ही एंट्री यू-डायस पर होगी, उन्हें ही सभी तरह की सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा. मुजफ्फरपुर में पिछले साल नामांकित बच्चों की रिपोर्ट 10,63,929 की दी गई हैं. इसके अलावा जिले में अब तक 6,87,985 बच्चों की इंट्री यू-डायस पर हुई हैं. सबसे कम इंट्री शिवहर में 18 फीसदी, लखीसराय में 20, पू. चंपारण में 23 फीसदी इंट्री हुई हैं. सीतामढ़ी में 34 फीसदी, पं चंपारण में 35 फीसदी इंट्री हुई हैं.