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तेजस्वी की जन विश्वास यात्रा का दूसरा चरण कब से, 14 सौ किलोमीटर का रोड-शो प्रस्तावित.
बिहार: तेजस्वी यादव की 20 फरवरी से शुरू ' जन विश्वास यात्रा के पहला चरण शनिवार को समाप्त हो गया. कल  25 फरवरी को ' जन विश्वास यात्रा ' के दूसरा चरण की  शुरूआत होगी, जो 28 फरवरी को समाप्त होगा.

       यात्रा के पहले चरण में तेजस्वी ने लगभग 1100 किलोमीटर की दूरी तय की है और इस दौरान उन्होंने बड़ी-बड़ी 16 जनसभाओं को संबोधित किया जिसमें लाखों लाख की संख्या में लोग शामिल हुए. आगामी 3 मार्च को महागठबंधन की ओर से पटना के गांधी मैदान में आयोजित ' जन विश्वास रैली ' में आने का निमंत्रण दिया.

         राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने बताया कि कल 25 फरवरी तेजस्वी की ' जन विश्वास यात्रा ' के दूसरे चरण के लिए सवेरे पटना से निकलेंगें और 28 फरवरी को पटना लौटेंगें. इस दूसरे चरण में आमसभा न होकर केवल रोड-शो होगा.

          25 फरवरी को हाजीपुर, महुआ, कल्याणपुर, लहेरियासराय, मधुबनी, झंझारपुर होते हुए सुपौल में रात्रि विश्राम करेंगें.

         अगले दिन 27 फरवरी को बांका, अमरपुर, असरगंज, जमुई, लखीसराय, मुंगेर, खगड़िया, महेश खूंट, सोनबरसा होते हुए मधेपुरा में रात्रि विश्राम करेंगें और 28 फरवरी को मधेपुरा, सहरसा, सिमरी, बख्तियारपुर, सोनबरसा, मानसी, साहेबपुरकमाल, बलिया, बेगुसराय, बरौनी, मोकामा, बाढ़, बख्तियारपुर, और फतुहा होते हुए पटना वापस लौटेंगें.

       राजद प्रवक्ता ने बताया कि अपने यात्रा के दूसरे चरण में तेजस्वी रोड-शो के माध्यम से लगभग 1400 किलोमीटर की दूरी तय करेंगें. बिहार के इतिहास में तेजस्वी यादव ऐसे पहले नेता होंगें, जो नौ दिनों में सड़क मार्ग से लगभग 2500 किलोमीटर की लगातार यात्रा कर बिहार बिहार के सभी जिलों के जनता-  जनार्दन के बीच जाकर एक रिकॉर्ड स्थापित करने जा रहे हैं.

     गगन ने कहा कि तेजस्वी यादव की ' जन विश्वास यात्रा ' को लेकर समाज के सभी समुदाय एवं वर्गों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा हैं. बड़ी संख्या में बड़े- बुजुर्ग, जहां उन्हें आर्शिवाद देने पहुंच रहे हैं वहीं नौजवानों में गजब का उत्साह देखा जा रहा हैं सभी तेजस्वी में ही बिहार का भविष्य देख रहे हैं. सभा स्थल से लेकर उनके गुजरने के मार्ग में बड़ी संख्या में  महिलाओं की उपस्थिति हो रही हैं.

     नेता प्रतिपक्ष जब उन्हें तीन मार्च को ' जन विश्वास रैली ' में पटना आने को निमंत्रण देते हैं तो लोगों का उत्साह और भी ज्यादा बढ़ जाता हैं. ' जन विश्वास यात्रा' और तीन मार्च को महागठबंधन द्वारा आयोजित ' जन विश्वास रैली ' को एतिहासिक और अभूतपूर्व रूप से सफल बनाने के लिए उन्होंने पार्टी के सभी इकाइयों महागठबंधन में शामिल सभी घटक दलों से समन्वय स्थापित करने का निर्देश दिया हैं.

     
केके पाठक के विभाग का यह कैसा हाल? बिहार के 58 लाख लाख बच्चों ने बीच में ही छोड़ दी पढ़ाई.
बिहार: बिहार के 58 लाख बच्चों ने बीच में ही कक्षा छोड़ दी. सूबे में  पहली से 12वीं तक के ये बच्चे ऐसे हैं, जो पिछले साल तक स्कूलों में थें. यू-डायस 2023-24 को लेकर मुजफ्फरपुर समेत राज्य के विभिन्न जिलों के आंकड़ों से यह सामने आया हैं. 20 फरवरी तक की रिपोर्ट की समीक्षा की गई हैं. शिक्षा विभाग इसे लेकर चिंतित हैं कि बच्चे बीच में अपनी पढ़ाई क्यों छोड़ रहे हैं. विभाग अपने अधिकारियों पर कार्रवाई भी कर रहा हैं.

     बच्चों के अगली कक्षा में प्रमोशन से लेकर नए नामांकन को लेकर यू-डायस में बच्चों का आंकड़ा देना हैं. पहले केवल संख्या दी जाती थी, लेकिन अब नाम, पते के साथ बच्चे का पूरा रिकॉर्ड देना होता हैं. एक बच्चे का दोहरा नामांकन नहीं हो, बच्चों के नाम पर सरकारी योजनाओं की गड़बड़ी नहीं हो, इसे लेकर एक-एक बच्चे की आईडी के साथ रिकॉर्ड देना हैं. पिछले साल तक सूबे 2,44,77,511 बच्चे नामांकित थे. 58 लाख बच्चे इनमें ऐसे हैं, जिन्होंने इस सत्र में पढ़ाई शुरू नहीं की. यही नहीं, सूबे में नामांकित बच्चों में अभी भी 53 फीसदी का ही आंकड़ा यू-डायस पर दिया गया हैं. बिहार शिक्षा परियोजना की प्रशासी पदाधिकारी शाहजहां ने बच्चों के वर्गवार अपडेशन को लेकर 29 तक का अल्टीमेटम दिया हैं. इसे लेकर 38 जिलों के डीपीओ सर्व शिक्षा अभियान से लेकर एमआइएस का वेतन बंद करने की कार्रवाई शुरू की गई हैं.

      सूबे में एक करोड़ 30 लाख बच्चों की ही एंट्री यू-डायस पर होगी, उन्हें ही सभी तरह की सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा. मुजफ्फरपुर में पिछले साल नामांकित बच्चों की रिपोर्ट 10,63,929 की दी गई हैं. इसके अलावा जिले में अब तक 6,87,985 बच्चों की इंट्री यू-डायस पर हुई हैं. सबसे कम इंट्री शिवहर में 18 फीसदी, लखीसराय में 20, पू. चंपारण में 23 फीसदी इंट्री हुई हैं. सीतामढ़ी में 34 फीसदी, पं चंपारण में 35 फीसदी इंट्री हुई हैं.
मठ- मंदिरों की जमीन से अतिक्रमण हटावएगी नीतीश सरकार , सम्राट चौधरी का विधानसभा में एलान
बिहार: बिहार की नीतीश सरकार विभिन्न जिलों के मठ- मंदिरों की भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराएगी. डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने विधानसभा में शुक्रवार को यह घोषणा की. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इसको लेकर विस्तृत सर्वे करा रही हैं. सर्वे होने के तीन माह में अतिक्रमण हटा दिया जाएगा.

         बिहार विधानसभा के बजट सत्र के दौरान आरा से बीजेपी विधायक अमरेन्द्र प्रताप ने सवाल उठाया कि राज्य में 35 जिलों के मठ- मंदिरों का ब्योरा राज्य सरकार को दिया गया हैं, जिसमें 2867 एकड़ भूमि में 4321 एकड़ भूमि मठ का बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद से संबंधित नहीं हैं एवं बड़े हिस्से में अवैध कब्जा हैं. कब-तक सरकार भूमि को अवैध कब्जा से मुक्त कराएगी.

     अभी अशरफ सिद्धिकी के एक सवाल पर योजना एवं व विकास मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि पंचायती राज विभाग के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में चौक चौराहों आदि सार्वजनिक जगहों पर रोशन की व्यवस्था के लिए स्ट्रीट लाईट लगायी जा रही हैं. इसके बाद भी चौक-चौराहों पर मास्क लाईट लगाने को मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना में शामिल करने पर सरकार विचार करेगी.

            विधायक नीतीश मिश्रा के सवाल पर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि अनुमंडल स्तर पर भी अस्पतालों में शव वाहन की व्यवस्था की जाएगी. इसको लेकर जल्द वह समीक्षा करेंगें
बिहार के जिला परिषदों में 349 पदों पर होगी बहाली, पंचायती राज विभाग ने खोला नौकरी का पिटारा
बिहार: बिहार के बेरोजगारों के लिए अच्छी खबर हैं. पंचायती राज विभाग ने सहायक अभियंता, अवर अभियंता, निम्नवर्गीय लिपिक सहित 6 अलग-अलग पदों पर बहाली के लिए नए पद सृजित किए हैं. इन पदों पर बहाली के लिए रिक्ति जल्द ही बीपीएससी, तकनीकी सेवा और राज्य कर्मचारी चयन आयोग को भेजी जाएगी. सभी पदों पर नियमित होनी हैं.

         इसके पहले जिला परिषदों में उपयोगिता नहीं रह गए 2554 पदों का सरेंडर कर दिया गया. जिला परिषद कार्यालयों में तकनीकी कोटि के विभिन्न स्तरों पर पूर्व से स्वीकृत पदों के अतिरिक्त 349 पदों की सरकार से स्वीकृति मिली हैं.

       पंचायती राज विभाग ने समीक्षा में पाया कि जिला परिषद में की ऐसे पद पूर्व से स्वीकृत किए गए  हैं, जिनकी अभी कोई उपयोगिता नहीं रह गयी हैं. कुछ श्रेणियों में अतिरिक्त पदों की आवश्यकता हैं. जिला परिषद में पूर्व से सृजित पदों की संख्या 3267 हैं. इनमें से ज्यादातर पद स्वास्थ्य विभाग या शिक्षा विभाग द्वारा अपने अधीन सृजित कर लिए गए हैं या फिर

       इन पदों पर होगी नियुक्ति
       पद नाम
      मुख्य योजना पदाधिकारी                     38
       87154
      जिला अभियंता                                  34
      111098
  सहायक अभियंता सह प्राक्कलन पदाधिकारी   86
    87154
  कनीय अभियंता/ तकनीकी सहायक स्तर         41
  74526
  मुख्य लेखा पदाधिकारी सह राजस्व पदाधिकारी 38
  87154
निम्नवर्गीय लिपिक                     112
   36026
जमीन बेचने खरीदने का बना रहे हैं प्लान, तो ये खबर जरुर पढ़ ले; बिहार में लागू हुआ नया नियम
बिहार: जमीन की खरीद-बिक्री और निबंधन के लिए अब जमाबंदी में नाम का उल्लेख जरूरी होगा. जमीन विवाद के बढ़ते मामलों से निबटने के लिए हाईकोर्ट के आदेश पर निबंधन विभाग ने यह नियम गुरूवार से ही लागू कर दिया हैं. राजस्व दस्तावेजों में जिनके नाम से जमाबंदी कायम होगी,अब सिर्फ वही उस संपत्ति की बिक्री या पुन: निबंधन करा सकेंगें. निबंधन कार्यालय को जमाबंदी कायम होने का साक्ष्य देने पर ही आवेदक को संबंधित संपत्ति को बेचने की अनुमति मिलेगी. फ्लैट और अपार्टमेंट की बिक्री के लिए जमाबंदी से जुड़ा आदेश लागू नहीं होगा. निबंधन विभाग के उप निबंधन महानिरीक्षक मनोज कुमार संजय ने सभी जिलों के डीएम और अवर निबंधकों को पत्र लिखकर इसे लागू करने का निर्देश दिया हैं.

       शहरी क्षेत्र में खरीद-बिक्री के लिए विक्रेता या दानकर्ता के नाम से होल्डिंग कायम होने का उल्लेख दस्तावेजों में होना अनिवार्य होगा या उनको इससे संबंधित साक्ष्य देना होगा. अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु हो गयी हैं तो उनकी मृत्यु से संबंधित प्रमाण-पत्र  का साक्ष्य लगाने और उनका वारिस निर्धारित होने पर ही संबंधित व्यक्ति के नाम से कायम जमाबंदी दस्तावेजों की रजिस्ट्री की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा सकेगी.
      
       निबंधन की नई शर्त पटना हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन का नतीजा हैं. निबंधन विभाग की पूर्व निर्गत अधिसूचना के विरोध में दो वाद पटना हाईकोर्ट में सीडब्लूजेसी के तहत दायर किए गए थे. दोनों वादों में पटना हाईकोर्ट ने आदेश पारित कर अधिसूचना संख्या 3644 दिनांक 10.10.2019 पर रोक लगा दी थी.

        इसके साथ ही पारित आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु सभी संबंधितों को निर्देश भेजा गया था. नौ फरवरी 2024 को इससे संबंधितों को निर्देश भेजा गया था. नौ फरवरी 2024 को इससे संबंधित अन्य वादों का समेकित आदेश पारित होने के बाद निबंधन विभाग ने इसे सभी कार्योलयों को नया निर्देश दिया हैं.

      
बिहार के यूनवर्सिटी में अब नहीं होगी इंटर की पढ़ाई, शिक्षा विभाग ने जारी किया आदेश.
बिहार: शिक्षा विभाग ने जारी आदेश में कहा हैं कि विश्वविद्यालय अधिनियम में प्रावधानित हैं कि कॉलेजों से इंटर की शिक्षा अलग की जाएगी. डिग्री कॉलेजों में वर्तमान में संचालित इंटर स्तर की पढ़ाई को समाप्त कर एक अप्रैल, 2024 से पात्र सभी उच्च माध्यमिक विद्यालयों में इसकी पढ़ाई शुरू करने की स्वीकृति प्रदान की जाती हैं. बिहार के डिग्री कॉलेजों से शैक्षणिक सत्र 2024-25 से ही इंटरमीडिएट की पढ़ाई अलग होगी. इसको लेकर शिक्षा विभाग ने बुधवार को आदेश जारी कर दिया हैं. इस पर राज्य कैबिनेट की मंजूरी भी मिल गयी हैं.

       राज्य सरकार द्वारा उच्च माध्यमिक विद्यालयों की आधारभूत संरचना का बड़े पैमाने पर निर्माण कराया गया हैं. विशेष अभियान चलाकर 67 हजार 961 उच्च माध्यमिक और 65 हजार 737 माध्यमिक शिक्षक की नियुक्ति की गयी हैं. इसको देखते हुए आवश्यकता है कि केवल उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्लस-2 स्तर की शिक्षा संचालित की जाए. इस पर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति आगे की कार्रवाई करेगी. वर्ष 2016 से ही पटना विश्वविद्यालय के सभी डिग्री कॉलेजों से इंटर स्तर की शिक्षा समाप्त कर दी गयी हैं. उसके बाद ही अन्य विश्वविद्यालय से इंटर की पढ़ाई को अलग करना था पर तब शिक्षकों और आधारभूत संरचना की कमी के कारण नहीं हो सका था.

       शैक्षणिक सत्र 2024-25 में इंटरमीडिएट में नामांकन को लेकर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा संचालित अॉनलाइन फैसिलिटेशन फॉर स्टूडेंट्स (ओएफएसएस) पोर्टल पर 11 अप्रैल से 25 अप्रैल तक खुला रहेगा. शिक्षा विभाग ने बुधवार को यह आदेश जारी किया हैं. विभाग ने कहा कि डिग्री कॉलेज से इंटर की पढ़ाई को अलग करने को लेकर चिन्हित डिग्री कॉलेजों को ओएफएसएस पोर्टल से हटाने की कार्रवाई बिहार विद्यालय परीक्षा समिति करेगी. पहले राउंड का स्कूल आवंटन और नामांकन आठ मई से शुरू होगा और 15 मई को बंद होगा. दूसरा राउंड का नामांकन 30 जून और तीसरा राउंड 15 जुलाई तक चलेगा. स्पॉट नामांकन की प्रक्रिया 30 जुलाई तक चलेगा.
बिहार में कुल कितने वोटर ? कितने मतदाता करेंगें पहली बार वोटिंग ? चुनाव आयोग ने डिटेल में बताया?
बिहार: चुनाव आयोग ने बुधवार को पटना में एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया जिसमें मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि बिहार में लगभग 7.64 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें से दो करोड़ से अधिक 30 वर्ष से कम आयु के हैं. 18-19वर्ष उम्र के बीच 9.26 लाख मतदाता हैं और वे पहली बार मतदान करेंगें. अन्य 20-29 वर्ष उम्र के बीच 1.6 करोड़ मतदाता हैं. उन्होंने यह भी कहा कि 2019 के बाद से राज्य में 31.09 लाख महिला मतदाता शामिल हुई, जिनमें से 4.5 लाख 18-19 वर्ष आयु वर्ग की हैं. उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से समग्र चुनावी लिंग अनुपात में लगातार वृद्धि हुई हैं जब यह 877 से बढ़कर 892 हो गया और अब 909 हो गया हैं. राज्य के 243 विधानसभा क्षेत्रों में से 117 में यह अनुपात राज्य के औसत से अधिक था. उन्होंने कहा कि प्रदेश में महिला मतदाताओं की संख्या 3.64 करोड़ हैं जबकि ट्रांसजेंडरों मतदाताओं की संख्या 2290 हैं.

        उन्होंने कहा कि 6.30 लाख दिव्यांग मतदाता हैं, जबकि 14.50 लाख अति वरिष्ठ नागरिकों की हैं, जिनमें से 21.680 शतायु हैं उन्होंने कहा कि बुजुर्गो और दिव्यांगों के लिए मतदान केन्द्रों पर व्हीलचेयर जैसी व्यवस्था की जाएगी.

      मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि बिहार में कम मतदान चिंता का विषय हैं, क्योंकि यह वह भूमि हैं जहां माना जाता हैं कि लोकतंत्र का जन्म हुआ और जहां के नागरिक अभी भी राजनीतिक रूप से जागरूक हैं. वैशाली के प्राचीन लोकतांत्रिक गणराज्य का स्पष्ट संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा कि बिहार को लोकतंत्र की जननी के रूप में जाना जाता हैं. 2019 में मतदान संख्या न केवल राष्ट्रीय औसत से कम था बल्कि देश में कम मतदाता के मामले में दूसरे स्थान पर रहा था . मुख्य चुनाव आयुक्त  राजीव कुमार ने कहा कि मतदान में सुधार सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. उन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा हैं जहां  विशेष रूप से कम मतदान हुआ था. उन्होंने कहा कि  हमने देखा हैं कि 2019 में शहरी क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत कम था. राज्य में 16 विधानसभा क्षेत्र हैं जो मुख्य रूप से शहरी हैं.
बैंक उद्दमियों व लाभुकों को 15 मार्च तक दे ऋण
हाजीपुर: विकास भवन स्थित उप विकास आयुक्त के कार्यालय परिसर में सोमवार को पईएमईजीवी और पीएमएफएमई  योजना की समीक्षा हुई. उप विकास आयुक्त ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए योजनाओं की प्रगति की  जानकारी ली. इस दौरान पाया गया कि लाभुकों के बीच ऋण भुगतान में बैंकों का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं हैं. खासकर निजी बैंक की स्थिति ज्यादा खराब पायी गई. इतना नहीं कई निजी बैंकों के प्रतिनिधि इस महत्वपूर्ण बैठक में अनुपस्थित रहे. इस पर डीडीसी ने कड़ी नाराज़गी व्यक्त की. साथ 
ही उपविकास आयुक्त ने उद्दोग विकास के जीएम को निजी बैंकों के साथ अलग से एक बैठक बुलाने का निर्देश दिया हैं. साथ ही इन योजनाओं के तहत स्वीकृत ऋण के भुगतान के लिए 15 मार्च तक का समय बैंकों को दिया गया. बैठक में उपविकास आयुक्त के साथ महाप्रबंधन जिला उद्दोग केंद्र एवं विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधि शामिल थे.
एनडीए में नीतीश कुमार कितने दिनों तक रहेंगें? जेडीयू विधायक गोपाल मंडल ने किया खुलासा
बिहार: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद ने कहा था कि उनके लिए दरवाजा खुला हैं. इस बयान के बाद बिहार में जमकर राजनीति हो रही हैं.  जबकि नीतीश कुमार ने भी साफ बोल दिया हैं कि जिनको जो बोलना हैं बोलते रहे. हम फिर से एनडीए में हैं और हमलोग मिलकर बिहार का विकास करेंगें. इस पर जेडीयू विधायक गोपाल मंडल ने कहा है कि राजनीति में दरवाजा तो खुला ही रहता हैं. किसी का दरवाजा बंद नहीं रहता. नीतीश कुमार अभी जिनके साथ चल रहे हैं. चलने दीजिए.जेडीयू और एनडीए का गठबंधन 2024 तक चलेगा, उसके बाद देखा जाएगा.

              मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राजद के  साथ आने को लेकर किए गए सवाल पर लालू यादव ने कहा था कि वे आएंगें तो देखेंगे. मेरा दरवाजा खुला ही रहता हैं. उन्होंने महागठबंधन से जदयू के अलग होने को लेकर कहा कि नीतीश जी की आदत हैं, बदल दिए तो बदल दिए, हम ऐसा नहीं सोचते थे.

       वहीं जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री ने लालू प्रसाद के लिए दरवाजा बंद कर दिया है और उसपर अलीगढ़ का ताला भी लगा दिया हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के राजद को दो बार मौका दिया, पर उनके नेता धन उगाही में लग गए थे. नीरज कुमार ने कहा कि राजद कोटे के मंत्रियों द्वारा किये गए कार्यों की समीक्षा होगी, जो दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएंगी.


        
बिहार के 6 लाख शिक्षकों को केके पाठक ने दी खुशखबरी, सैलरी के लिए नहीं करना पड़ेगा इंतजार
बिहार: बिहार के करीब 6 लाख शिक्षकों को अब उन्हें अपनी सैलरी के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने इस संबंध में सभी जिलों के शिक्षा पदाधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया हैं. दरअसल, पिछले कुछ समय से शिक्षकों को समय पर वेतन नहीं मिलने से दिक्कत आ रही थी. केके पाठक ने कहा कि शिक्षकों के वेतन में देरी नहीं होनी चाहिए. महीना खत्म होते ही पहली तारीख को उनके खाते में सैलरी आ जानी चाहिए.

          हाल में ही बीपीएससी से बहाल कुछ शिक्षकों को भी बीते दो-तीन महीने से वेतन नहीं मिलने की बात सामने आई थी. इसके बाद केके पाठक ने समीक्षा बैठक की. जिसके बाद केके पाठक ने समीक्षा बैठक की. जिसमें पाया गया कि एक फीसदी नवनियुक्त शिक्षकों को अब तक वेतन मिलना शुरू ही नहीं हुआ हैं.
        
     विभाग की ओर से बताया गया कि जो शिक्षक पहले से भारत सरकार या राज्य सरकार के किसी अन्य विभाग में कार्यरत थे और उन्होंने रिलीविंग की फॉर्मेलिटी पूरी नहीं की.इस कारण उनका वेतन अटका हुआ हैं. साथ ही कुछ शिक्षकों ने पीआरएएन नंबर के लिए आवेदन नहीं किया हैं, उन्हें भी सैलरी नहीं मिल पा रही हैं. विभाग से ऐसे शिक्षकों को जल्द ही अपने कार्यक्रम पदाधिकारी से संपर्क करके आवेदन करने के लिए कहा.
  
      शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने रविवार से ही विद्यालयों में जीर्णोद्धार व मरम्मत का कार्य प्रारंभ करने को कहा हैं. यही नहीं उन्होंने इसके लिए जिलों को भेजी गयी 680 करोड़ की धनराशि को समय पर खर्च करने की ताकीद भी की हैं. साथ ही छुट्टी के दिनों में भी विद्यालय खुला रखकर काम करने का निर्देश दिया हैं.

       प्रदेश के साढ़े तीन लाख शिक्षकों को प्रशिक्षण मिलेगा. इसके लिए केंद्र सरकार राशि देगी. चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में इस कार्य के लिए बिहार को 87 करोड़ की राशि मिलेगी.