*चर्चित इंस्पेक्टर नीशू तोमर को जांच में मिली बड़ी राहत,पुलिस ने ली लंबी सांस,लेकिन पता नही कहां है तोमर आज*
सुलतानपुर,बहुचर्चित इंस्पेक्टर नीशू तोमर पर लगे रेप आरोप प्रकरण में करीब 19 महीने बाद पूरी हुई पुलिस की तफ्तीश,नीशू तोमर को चल रही जांच में मिली बड़ी राहत,पुलिस की जांच में नीशू तोमर को महिला सिपाही से दुष्कर्म समेत अन्य आरोपो में मिली क्लीनचिट,मात्र गाली-गलौज व धमकी का अपराध पुलिस की जांच में हुआ साबित, भादवि की धारा-504,506 में नीशू तोमर के खिलाफ दाखिल हुई चार्जशीट।
सीजेएम बटेश्वर कुमार ने दाखिल चार्जशीट पर प्रसंज्ञान हेतु बीते 19 फरवरी की तारीख में की थी सुनवाई,फिलहाल सीजेएम ने स्वतः ही चार्जशीट पर प्रसंज्ञान के पूर्व पीड़िता को सुनना माना जायज और मामले को प्रकीर्ण वाद में दर्ज कर पीड़िता को नोटिस जारी करने का दिया आदेश,कोर्ट ने प्रसंज्ञान पर सुनवाई के लिए तय की है आगामी 16 मार्च की तारीख। कोर्ट के इस आदेश के अगले दिन ही पीड़िता महिला सिपाही की तरफ से पुलिस जांच पर सवाल उठाते हुए आपत्ति व बहस के लिए मांगा गया है समय,कोर्ट ने पीड़िता की अर्जी को पत्रावली के साथ नियत तिथि को पेश करने का दिया है आदेश।बीते जनवरी माह के प्रथम सप्ताह में ही पूर्व सीओ सिटी राघवेंद्र चतुर्वेदी ने तफ्तीश कर दी थी पूरी,पूर्व सीओ ने अपनी जांच में दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-164 के आधार पर वीडियो वायरल कर देने के आरोप में प्रकाश में आये दो आरोपियों के खिलाफ लगे आरोपों की पुष्टि न होने पर पूरी तरीके से दे दी है क्लीनचिट,वहीं मुख्य आरोपी इंस्पेक्टर नीशू तोमर को रेप सहित बड़ी धाराओं में क्लीनचिट देते हुए मात्र गाली-गलौज व धमकी के अपराध में बताया है दोषी,सीओ ने अपनी जांच में सुप्रीम कोर्ट सहित अन्य विधि व्यवस्थाओं का हवाला देते हुए 164 के बयान की विश्वसनीयता व उसके महत्व को लेकर जारी सिद्धांतो के मुताबिक बताई है अपनी तफ्तीश,सीओ के मुताबिक इंस्पेक्टर एवं महिला सिपाही के बीच आपसी सहमति से सम्बंध में रहने के साक्ष्य आये है सामने,जांच रिपोर्ट के मुताबिक दोनों ही है कानून के जानकार व पूर्ण रूप से वयस्क और अपना भला-बुरा समझने में समर्थ तो लम्बे समय तक बिना विरोध के एक-दूसरे से जुड़े रहने की दशा में आखिर कैसे माना जा सकता है। रेप की श्रेणी में अपराध,ऐसे ही अन्य तथ्यों व जांच में सामने आए साक्ष्यो को आधार बनाते हुए सीओ ने रेप सहित अन्य धाराओं को चार्जशीट में शामिल करना माना गलत,जांच अधिकारी के मुताबिक दोनों पक्षो के बीच कुछ बातों को लेकर मात्र गाली -गलौज व धमकी के आरोप की हो रही पुष्टि,जिसकी वजह से उन्हीं धाराओं में भेजी गई चार्जशीट,पूर्व सीओ की जांच रिपोर्ट के कुछ बिंदुओं पर उच्चाधिकारी ने जताया था ऐतराज,जिसके बाद वर्तमान सीओ सिटी शिवम मिश्रा को मिल गई थी तफ्तीश,सीओ शिवम मिश्रा ने लगी आपत्तियो के सम्बंध में पुनः की जांच और उन्होंने भी नीशू तोमर को मात्र गाली-गलौज व धमकी का बताया दोषी,जिसके बाद उच्चाधिकरियो के जरिये तफ्तीश पर कोई ऐतराज न आने पर कोर्ट भेजी गई मामले की जांच रिपोर्ट,मामूली धाराओं में चार्जशीट तैयार होने के चलते नीशू तोमर के खिलाफ घोषित ईनाम की कार्यवाही भी हुई रद्द।सूत्रों के मुताबिक पुलिस विभाग के अफसरों की जानकारी में आ चुका है नीशू तोमर,22 सितंबर 2022 को पुलिस अभिरक्षा में जाने के बाद से करीब 17 महीने से लापता चल रहा था नीशू तोमर,फिलहाल अभी तक नीशू तोमर के बारे मे नहीं मिल पा रही कोई विश्वसनीय जानकारी,लेकिन जल्द ही नीशू तोमर के बारे में सच्चाई सामने आने की जताई जा रही उम्मीद,दोनों पक्षों ने अपने-अपने पक्ष को मजबूत व सही साबित करने के लिए हर स्तर पर आजमाया दांव,रेप आरोपी नीशू तोमर के अधिवक्ता बृजेश पाण्डेय शुरू से ही अपने क्लाइंट को बता रहे थे निर्दोष और पुलिस व अदालत की कार्यवाही पर जता रहे थे निष्पक्षता का भरोसा,वहीं पीड़िता के अधिवक्ता संतोष कुमार पांडेय भी अपने पक्ष को सही बताकर करते रहे पैरवी और पुलिस की तफ्तीश पर लगातार उठाते रहे सवाल,फिलहाल आगे की कानूनी लड़ाई में कौन-कितना होता है सफल,यह सब तय करेगा आने वाला कल।करीब 17 महीनें से लापता पुलिस इंस्पेक्टर नीशू तोमर से जुड़े प्रकरण को लेकर जिला न्यायालय से लेकर हाईकोर्ट एवं पीड़िता सिपाही के गैर जनपद ट्रांसफर को रुकवाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुँच चुका है मामला,पीड़िता की याचिका पर हाईकोर्ट ने मात्र आठ सप्ताह में तफ्तीश पूरा करने का दिया था निर्देश,फिलहाल पुलिस ने जांच पूरी करने में लगा दिया लम्बा समय,हाईकोर्ट से जारी निर्देश के मुताबिक समय से विवेचना न करने पर पीड़िता ने पुनः हाईकोर्ट में दी थी अर्जी,जिस पर हाईकोर्ट ने सम्बंधित अधिकारियों से किया था जवाब-तलब,वहीं पुलिस अभिरक्षा में जाने के बाद नीशू तोमर के लापता होने को लेकर भी दाखिल हैबियस कार्पस याचिका भी है लम्बित,इसके अलावा नीशू के अपहरण समेत अन्य आरोपो से जुड़ी एफआईआर सम्बन्धी जांच भी है अभी लम्बित,मामले में शुरू से लेकर अब तक आ चुके है कई मोड़,आगे भी नया मोड़ सामने आने के जताए जा रहे आसार,जिम्मेदार अफसर लम्बे समय बाद भी नीशू को ढूढ़ पाने में दिखे नाकाम,पुलिस विभाग से ही ट्रेनिंग किये नीशू तोमर को ढूढ़ पाने में पुलिस के सारे नेटवर्क दिखे फेल,नीशू जान-बूझकर कहीं छिपा है या कहीं बना है बंधक या किसी मकशद को हल करने के लिए किसी के जरिये नीशू के साथ किसी अप्रिय वारदात को दिया जा चुका है अंजाम,ऐसी ही कई बातों को लेकर संशय रहा बरकरार,फिलहाल अब सब लगा रहे उसके जल्द ही सामने आने के कयास,नीशू के पास मौजूद रही एक पेन ड्राइव में कैद कई प्रभावशाली लोगों से जुड़ी अश्लील वीडियो के सम्बंध में जांच व कार्यवाही को लेकर अब भी रहस्य बरकरार,अश्लील वीडियो के सम्बंध में निष्पक्ष जांच होने पर कईयो को कार्यवाही की जद में आने की जताई जा रही उम्मीद,सूत्रों के मुताबिक मामले में कुछ विभागीय व अन्य प्रभावशाली लोगों की संलिप्तता होने की वजह से जिम्मेदार अफसर कार्यवाही से करते रहे परहेज,जबकि इस तरीके के मामलों में कई बड़े-बड़े अफसरों पर डिपार्टमेंटल मिस कंडक्ट के चलते गिर चुकी है बर्खास्तगी की गाज,पर इतने गम्भीर मामले में आखिर क्यों लटकी है कार्यवाही व जांच,आगे की कार्यवाही में स्थिती होगी साफ,पुलिस की ऐसी जांच में अपने विभाग के लोगों को येन-केन-प्रकारेण संरक्षण देने का माना जा रहा मामला,भविष्य में नहीं आया अपेक्षित जांच परिणाम तो नीचे से लेकर ऊपर तक के सभी जिम्मेदार अफसरों पर गिर सकती है गाज,क्योंकि सभी ने एक के बाद एक होने वाली अपनी कमियों को छिपाने के लिए डुबोई है पुलिस विभाग की साख,नवागत डीजीपी प्रशांत कुमार अश्लील वीडियो सहित इस प्रकरण से जुड़े अन्य मुद्दों पर ले सकते है संज्ञान। (रिपोर्ट :अंकुश)
Feb 22 2024, 15:06