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विवादित नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने छोड़ी सपा, बनाई अपनी राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी, झंडा भी जारी किया, काफी समय से चल रहे थे खफा

समाजवादी पार्टी (सपा) से खफा चल रहे नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने सोमवार को अपनी नई पार्टी की घोषणा कर दी है। यही नहीं मौर्या ने अपनी पार्टी का झंडा भी जारी कर दिया है। इसके साथ ही अब स्वामी प्रसाद मौर्य 22 फ़रवरी को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में रैली में भाषण देंगे। साथ ही वो राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में भी शामिल होंगे।

उल्लेखनीय है कि, बीते कई दिनों से सपा से खफा बताए जा रहे स्वामी प्रसाद मौर्य ने आज पार्टी का गठन कर अब अलग रास्त चुन लिया है। हालांकि इस पार्टी में कौन-कौन रहेगा, इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है। स्वामी ने अपनी पार्टी का नाम राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी रखा है। अब स्वामी प्रसाद मौर्य मंगलवार को रायबरेली पहुंचेंगे, जहां वे भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी से जुड़ेंगे। इससे पहले बीते हफ्ते अपने विवादित बयानों से सुर्ख़ियों में रहने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य से त्यागपत्र दे दिया था। स्वामी प्रसाद मौर्य ने इसकी जानकारी अपने 'एक्स' हैंडल पर दी थी। उन्होंने इस्तीफा पोस्ट करते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और पार्टी को टैग किया था।

स्वामी प्रसाद ने अपने इस्तीफे में लिखा था कि मैं नहीं समझ पाया कि मैं एक राष्ट्रीय महासचिव हूं, जिसका कोई भी बयान व्यक्तिगत बयान हो जाता है और पार्टी के कुछ राष्ट्रीय महासचिव व नेता ऐसे भी हैं, जिनका प्रत्येक बयान पार्टी का बयान हो जाता है, एक ही स्तर के पदाधिकारियों में कुछ का निजी और कुछ का पार्टी का बयान किस तरह हो जाता है, यह समझ के परे है। उन्होंने आगे लिखा था कि, दूसरी हैरानी यह है कि मेरी इस कोशिश से आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों का रुझान समाजवादी पार्टी की ओर बढ़ा है। बढ़ा हुआ जनाधार पार्टी का और जनाधार बढ़ाने की कोशिश व बयान पार्टी का न होकर निजी कैसे? यदि राष्ट्रीय महासचिव पद में भी पक्षपात है, तो मैं समझता हूं, ऐसे भेदभावपूर्ण, महत्वहीन पद पर बने रहने का कोई औचित्य नहीं है।

राई का पहाड़ बना रही है भाजपा..', संदेशखाली की पीड़ित महिलाओं पर क्यों नहीं दिख रही बंगाल सीएम की 'ममता' ?

 पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार (18 फ़रवरी) को संदेशखाली मुद्दे पर भाजपा पर हमला किया, और कहा कि घटना "कराइ गई" थी और भाजपा "राई का पहाड़" बना रही थी। बता दें कि, संदेशखाली में फरार तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर आरोप है कि, वो घरों से उठाकर दलित -आदिवासी महिलाओं का बलात्कार करते हैं, उनकी जमीन हड़प लेते हैं, उनके पति-बच्चों को पीटते हैं। कई महिलाओं ने खुद मीडिया के सामने आकर ये बात कही है कि, TMC के गुंडे घरों में आकर सुन्दर लड़की, या नवविवाहिता को चुनते हैं और फिर पार्टी ऑफिस में ले जाकर रातभर लड़कियों का बलात्कार करते हैं। महिलाओं में इतना खौफ है कि, वो अपना चेहरा भी नहीं दिखा रहीं हैं और कैमरे पर आने से पहले मुंह ढांक लेती हैं। उनका कहना है कि, शाहजहां शेख के गुंडे उनकी हत्या भी कर सकते हैं। हालाँकि, ममता बनर्जी इसे राई का पहाड़ बता रहीं हैं। 

 

बीरभूम में एक कार्यक्रम में बोलते हुए, सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि, "एक घटना हुई। इसे होने के लिए बनाया गया था। पहले, ED गई। फिर उसके मित्र, भाजपा, वहां गए।कुछ मीडिया वाले साथ गए और वे बात का बतंगड़ बना रहे हैं। वे यहां शांति भंग करने और आग लगाने की कोशिश कर रहे हैं।" बनर्जी की यह टिप्पणी संदेशखली में कथित जमीन हड़पने और महिलाओं के यौन उत्पीड़न के मामले में मुख्य आरोपियों में से एक TMC नेता शिबा प्रसाद हाजरा को रविवार को उत्तर 24 परगना जिले की एक अदालत द्वारा आठ दिनों की पुलिस हिरासत में भेजने के बाद आई है।

संदेशखाली में क्या हो रहा ?

बता दें कि, राशन घोटाले में फरार TMC नेता शाहजहां शेख की गिरफ्तारी की मांग को लेकर स्थानीय लोगों, विशेषकर महिलाओं ने हाथों में चप्पलें लेकर संदेशखाली के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन किया है। शाहजहां शेख, तलाशी लेने पहुंची ED की टीम पर हमले के बाद से फरार है। बंगाल पुलिस भी उसका कोई पता नहीं लगा पाई है। अब TMC नेता शाहजहां शेख के जाने के बाद इन महिलाओं की थोड़ी हिम्मत बढ़ी है और वे सड़कों पर उतरकर न्याय मांग रहीं हैं।

प्रदर्शन कर रहीं सैकड़ों महिलाओं का कहना है कि शाहजहां शेख और उसके गुंडे उनका यौन शोषण करते हैं, घरों से महिलाओं को उठा ले जाते हैं और मन भरने पर छोड़ जाते हैं। महिलाओं का कहना है कि, यहाँ रेप और गैंगरेप आम बात है। TMC के गुंडे अपनी महिला कार्यकर्ताओं को भी नहीं छोड़ते, उन्हें अकेले मीटिंग में बुलाते हैं, धमकी देते हैं कि नहीं आई तो तुम्हारे पति को मार डालेंगे। प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं का कहना है कि, उन्हें (TMC के गुंडों को) जो भी महिला पसंद आ गई, उसे वो घर से उठा ले जाते हैं और रात भर भोगकर, सुबह घर भेज देते हैं। पश्चिम बंगाल की पुलिस TMC के गुंडों की ढाल बन जाती और पीड़ितों को ही दबाती है। एक महिला ने तो मीडिया से बात करते हुए यहाँ तक दावा किया था कि, TMC के गुंडे घरों के सामने आकर कहते हैं कि 'बाहर निकल आज तेरे साथ सामूहिक बलात्कार करेंगे।' ये कहते हुए गुंडे उसे पति और पुलिस के सामने खींच कर ले गए, लेकिन कोई नहीं बचा सका। अब बंगाल सीएम कह रहीं हैं कि महिलाओं ने कोई FIR ही नहीं लिखवाई है, लेकिन जब पुलिस के सामने ही उनका शोषण हो, तो उनकी शिकायत कौन लिखेगा ?

अब शाहजहां शेख के फरार होने के बाद ये महिलाएं आवाज़ उठाने लगी हैं तो बंगाल पुलिस ने इलाके में धारा 144 लगा दी है। लोगों को वहां जाने नहीं दिया जा रहा है, कांग्रेस-भाजपा के प्रतिनिधिमंडल को रोक दिया गया था। यहाँ तक कि, गवर्नर जब उन पीड़ित महिलाओं से मिलने जा रहे थे, तो TMC वर्कर्स ने केंद्र सरकार के विरोध के नाम पर उनका काफिला भी रोक दिया था। किसी तरह गवर्नर यहाँ पीड़िताओं से मिलने पहुँच पाए और उनकी बातें सुनीं, लेकिन एक्शन तो बंगाल पुलिस को लेना है, जो ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली TMC सरकार के आधीन है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि, जो बंगाल पुलिस अब तक ED अधिकारीयों पर हमला करके फरार हुए TMC नेता शाहजहां शेख को नहीं ढूंढ पाई है, उसके खिलाफ आवाज़ उठा रही पीड़ित महिलाओं को दबा रही है, क्या उससे इंसाफ की उम्मीद की जा सकती है ?

राहुल गांधी को अखिलेश यादव की दो टूक, बताया कब कांग्रेस की न्याय यात्रा में होंगे शामिल

#akhilesh_yadav_reaction_on_congress_samajwadi_party_seat_sharing_issue

समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे पर गतिरोध बने हुए हैं। इस बीच भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने को लेकर अखिलेश यादव ने बयान दिया है। साथ ही साथ सीट शेयरिंग पर भी बात की है। समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव ने बता दिया है कि वो राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में कब शामिल होंगे। उनका कहना है कि अभी बातचीत चल रही है, कई दौर में बातचीत हो चुकी है। कई सूचियां इधर से गई कई उधर से आई. जिसमें सीटों का बंटवारा हो जाएगा समाजवादी पार्टी उनकी न्याय यात्रा में शामिल हो जाएगी।

बता दें कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग को लेकर पेंच फंसा हुआ है। कई दौर की बातचीत के बाद भी सीटों फैसला नहीं हो सका है।इस बीच कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा उत्तर प्रदेश में है और आज अमेठी पहुंचने वाली है। मीडिया से बातचीत में कांग्रेस की न्याय यात्रा में शामिल होने पर अखिलेश यादव ने कहा कि जब तक सीटों का बंटवारा नहीं हो जाएगा, तब तक समाजवादी पार्टी उनकी न्याय यात्रा में शामिल नहीं हो पाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के साथ कई दौर की बातचीत चल चुकी है। कई सूचियां उधर से आई हैं और कई सूचियां इधर से भी गई है। लिहाजा जब तक सीटों पर फैसला नहीं होता समाजवादी पार्टी इस यात्रा में शामिल नहीं होगी।

पार्टी अखिलेश यादव को यात्रा में शामिल होने का न्योता भेज चुकी है. पिछले दिनों अखिलेश ने कहा था कि उन्हें यात्रा में शामिल होने का न्योता नहीं दिया गया, जिसके बाद कांग्रेस ने न्योता भेजा था. काग्रेस के नेता जयराम रमेश ने उम्मीद जताई है कि अखिलेश यात्रा में जरूर शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि कल अखिलेश यादव भी भारत जोड़ो न्याय यात्रा से जुड़ेंगे।

बता दें कि पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का बेहद खराब प्रदर्शन रहा था। यही नहीं, उसने पूरे देश में 52 सीटें जीती थीं, जिसमें से पूर्वोत्तर या हिंदी बेल्ट में बहुत कम सीटों पर जीत हासिल कर सकी है। उत्तर प्रदेश में केवल रायबरेली की सीट मिली थी, जबकि राहुल गांधी खुद अपना गढ़ अमेठी बचाने में कामयाब नहीं हो सके थे। उन्हें बीजेपी की कद्दावर नेता स्मृति ईरानी ने हरा दिया था। ऐसे में समाजवादी पार्टी 17 सीटें देने को तैयार है। इन सीटों की लिस्ट कांग्रेस अध्यक्ष अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भी भेज दी गई है, लेकिन कांग्रेस ने मुरादाबाद मंडल में दो सीटों की डिमांड कर दी है। कांग्रेस पार्टी मुरादाबाद लोकसभा सीट भी चाहती है। पिछले चुनाव में इस सीट पर समाजवादी पार्टी की जीत हुई थी। समाजवादी पार्टी किसी भी सूरत में ये सीट छोड़ने को तैयार नहीं है।

संदेशखाली मामलाः सुप्रीम कोर्ट से ममता बनर्जी सरकार को राहत, संसद की विशेषाधिकार समिति की कार्यवाही पर लगाई रोक

#sandeshkhali_case_big_relief_for_mamta_government_as_supreme_court 

इन दिनों पश्चिम बंगाल में संदेशखाली मामले को लेकर सियासत गर्म है। इस बीच संदेशखली मामले में पश्चिम बंगाल सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने संसद की विशेषाधिकार समिति के नोटिस पर रोक लगा दी है।दरअसल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और सांसद सुकांत मजूमदार यौन उत्पीड़न की शिकार महिलाओं के प्रदर्शन में शामिल होने पहुंचे थे। पुलिस ने लाठीचार्ज किया और वो घायल हो गए। इसी मामले में संसद की प्रिविलेज कमेटी ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और डीजीपी के खिलाफ विशेषाधिकार उल्लंघन की कार्रवाई करने का फैसला लिया था।ममता बनर्जी सरकार के सांसदों ने प्रिविलेज कमेटी की कार्रवाई को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका पेश की, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उस पर रोक लगा दी।

पिछले हफ्ते सभी भाजपा सांसदों को संदेशखाली जाने से रोका जा रहा था, तभी सुकांत मजूमदार पुलिस से भिड़ गए। इस दौरान उन्हें चोटें भी आईं। सांसदों से दुर्व्यवहार के मामले में शिकायत मिलने पर लोकसभा सचिवालय की विशेषाधिकार समिति ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और संबंधित जिले के डीएम एसपी और थानाध्यक्ष को समन जारी कर 19 फरवरी को पेश होने का आदेश दिया था।

इस नोटिस को चुनौती देते हुए पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से याचिका दायर की गई थी। पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने यह मामला सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच के सामने उठाया। सिब्बल ने कहा, ‘संदेशखाली में धारा 144 लगी हुई थी। ऐसे में धारा-144 का उल्लंघन करके की गई राजनीतिक गतिविधि विशेषाधिकार का हनन नहीं हो सकती।

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ताओं की दलीलों का संज्ञान लिया और सोमवार सुबह साढ़े दस बजे पेश होने के लिए जारी नोटिसों पर रोक लगा दी।

बता दें कि पश्चिम बंगाल के 24 उत्तरी परगना जिले में स्थित संदेशखाली लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। यहां कई महिलाओं ने टीएमसी नेता शाहजहां शेख और उसके करीबी शिबू हजारा एवं उत्तम सरकार पर यौन शोषण और उनकी जमीन पर अवैध कब्जा करने का इल्जाम लगाया है। यहां के प्रदर्शनकारी लगातार प्रशासन से इनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। संदेशखाली के महिलाओं ने मीडिया को बताया कि शाहजहां शेख के लोगों ने न सिर्फ उनके साथ अत्याचार किया, बल्कि उनके मछली पालन वाली जमीन भी कब्जा ली थी। इसके साथ ही यह भी बताया कि शाहजहां शेख, शिबू हजारा और उत्तम सरकार के लोग नाबालिग बच्चों को नहीं छोड़ते थे। उन्हें शराब के साथ हथियार थमा देते थे। हालांकि राज्य सरकार ने इस मामले में बीजेपी पर तिल का ताड़ बनाने का आरोप लगाया है।

क्या एमएसपी की कानूनी गारंटी पर अध्यादेश की मांग रहेगी जारी, या चौथे दौर की बातचीत के बाद खत्म होगा आंदोलन?

#farmers_protest_2024 

केंद्र सरकार और किसानों के बीच रविवार देर रात हुई चौथे दौर की बैठक बेनतीजा रही है। हालांकि, बैठक में शामिल केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इस बैठक को सकारात्मक बताया है। उन्होंने कहा कि 'नए विचारों और सुझावों के साथ हमने भारतीय किसान मज़दूर संघ और अन्य किसान नेताओं के साथ सकारात्मक चर्चा की। गोयल ने कहा कि पिछले 10 साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से किए गए कार्यों को कैसे आगे बढ़ाया जाए, इस पर हमने विस्तार से बात की है। केंद्र सरकार ने किसानों के सामने फसलों के विविधीकरण का प्रस्ताव रखा है, जिसके तहत अलग-अलग फसलें उगाने पर उन्हें एमएसपी पर ख़रीदा जाएगा।

इससे पहले फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी और कर्ज माफी समेत 12 मांगों को लेकर दिल्ली कूच के लिए निकले किसान अध्यादेश की मांग की। रविवार को चंडीगढ़ में सरकार के साथ देर शाम करीब सवा आठ बजे शुरू हुई चौथे दौर की वार्ता में किसान संगठनों ने स्पष्ट कर दिया है कि एमएसपी की कानूनी गारंटी के लिए केंद्र अध्यादेश लेकर लाए। वह इससे कम किसी बात पर नहीं मानेंगे। 

किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने केन्द्र सरकार से शनिवार को मांग की कि वह न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी गारंटी देने के लिए अध्यादेश लाए। पंधेर ने शंभू बॉर्डर पर कहा कि अगर केन्द्र सरकार चाहे तो वह रातों रात अध्यादेश ला सकती है। अगर सरकार किसानों के आंदोलन का कोई समाधान चाहती है तो उसे यह अध्यादेश लाना चाहिए कि वह एमएसपी पर कानून लागू करेगी, तब बातचीत आगे बढ़ सकती है।

उधर, केंद्र सरकार ने हरियाणा से सटे पंजाब के सात जिलों पटियाला, एसएएस नगर (मोहाली), बठिंडा, मुक्तसर साहिब, मानसा, संगरूर और फतेहगढ़ साहिब में इंटरनेट पर पाबंदी 24 फरवरी तक बढ़ा दी है। इससे पहले 12 से 16 फरवरी तक तीन जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद की गई थीं। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्रीय मंत्रियों से चंडीगढ़ में 15 फरवरी को हुई बैठक में इंटरनेट बंद होने का मुद्दा उठाया था। वहीं, हरियाणा ने भी अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा जिलों में मोबाइल इंटरनेट और बल्क एसएमएस सेवाएं बंद कर दी हैं।

किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए क़ानून बनाने और स्वामीनाथन आयोग की सभी सिफारिशों को लागू करने की मांग कर रहे हैं। किसान नेताओं ने अपनी मांगों को लेकर दिल्ली चलो का नारा दिया थाय़ 12 फ़रवरी को केंद्र सरकार के साथ बातचीत बेनतीजा रहने के बाद किसान अगले दिन पंजाब-हरियाणा की सीमा शंभू बॉर्डर पर पहुंचे थे। वहां से जब उन्होंने हरियाणा की सीमा में दाखिल होने की कोशिश की तो सुरक्षा बलों ने उन्हें रोक दिया। सुरक्षा बलों ने किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े, पैलेट गन से गोलियां चलाईं. किसानों पर ड्रोन से भी आंसू गैस के गोले छोड़े गए। इसमें कई किसान और पुलिसकर्मी घायल हुए।

बता दें कि दो साल पहले भी किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाला था। इसके बाद किसानों के आंदोलन के आगे झुकते हुए नरेंद्र मोदी सरकार ने कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) क़ानून -2020, कृषक (सशक्तीकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तुएं संशोधन अधिनियम 2020 को रद्द कर दिया था। इस क़दम के बाद सरकार ने किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने का वादा किया था। इस पर किसानों ने अपना आंदोलन वापस ले लिया था।

पीएम मोदी ने संभल में रखी कल्कि धाम की आधारशिला, सीएम योगी- आचार्य प्रमोद कृष्णम साथ रहे मौजूद

#narendra_modi_in_kalki_dham_sambhal 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज उत्तर प्रदेश के दौरे पर हैं। वह कल्कि धाम मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल होने सुबह संभल पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज संभल में कल्कि धाम मंदिर का शिलान्यास किया। पीएम मोदी कांग्रेस से निष्कासित नेता और कल्कि पीठाधीश्वर प्रमोद कृष्णम के न्योते पर संभल पहुंचे।बता दें कि कल्कि धाम निर्माण ट्रस्ट के अध्यक्ष आचार्य प्रमोद कृष्णम हैं।

कल्कि धाम में आज कई संत, धर्मगुरु और अन्य जाने-माने लोग शामिल हुए हैं। वहीं, उज्जैन के बाबा महाकाल मंदिर से जुड़े महात्मा वैदिक मंत्र के बीच पूजन का कार्यक्रम संपन्न करा रहे हैं। इस कार्यक्रम में अयोध्या के हनुमान गढ़ी के महंत राजू दास, राम विलास वेदांती एवं स्वामी रितेश्वर महराज भी पहुंचे हैं। पीएम मोदी के दौरे से पहले यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कल्कि धाम पहुंचकर तैयारियों का जायजा लिया।

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने बताया कि उन्होंने 18 वर्ष पहले श्री कल्कि धाम बनाने का सपना देखा था। वर्ष 2016 में शिलान्यास की तैयारियां चल रही थीं। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने बताया कि कलियुग के अंत में भगवान विष्णु कल्कि रूप में अवतरित होंगे। स्कंद पुराण में भी इसका जिक्र मिलता है। संभल में भगवान शिव, श्रीकृष्ण और कलियुग में अवतरित होने वाले भगवान कल्कि से जुड़े 68 तीर्थ व 19 धर्म कूप भी हैं।

आज भी ईडी के सामने पेश नहीं होंगे दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, समन को फिर बताया गैर कानूनी

#Delhiarvindkejriwaltonotappearbeforeedtoday

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर ईडी के समन की अनदेखी की है। केजरीवाल एक बार फिर ईडी के सामने पेश नहीं हो रहे हैं।दिल्ली के कथित शराब घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही ईडी ने पूछताछ के लिए केजरीवाल को समन भेजा था। आने ने ईडी के समन को गैर कानूनी बताया है। ये छठवां समन है, जिसको केजरीवाल ने इग्नोर किया है। इससे पहले दिल्ली के सीएम ने 2 फरवरी को भी ईडी के सामने पेश होने से इनकार कर दिया था।

ईडी के समन को लेकर केजरीवाल बार-बार मोदी सरकार पर परेशान करने का आरोप लगाते आ रहे हैं। केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी ईडी के समन को लगातार गैर कानूनी बताती आई है। आम आदमी पार्टी का कहना है कि केंद्रीय एजेंसी ईडी के समन की वैधता का मामला अब कोर्ट में है। वह खुद कोर्ट गई है। ईडी को बार-बार समन भेजने की बजाय कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए।

कितनी बार भेजा गया समन

सीएम केजरीवाल को पहला समन पिछले साल 2 नवंबर के लिए भेजा गया था, जबकि दूसरा समन 21 दिसंबर के लिए भेजा गया, तीसरा समन पिछले महीने 3 जनवरी के लिए भेजा गया था। चौथा समन 17 जनवरी और पांचवां समन 2 फरवरी को भेजा गया था।

क्या है शराब नीति घोटाला

शराब नीति घोटाला दिल्ली सरकार द्वारा 2021 में लागू की गई नई आबकारी नीति से संबंधित है। इस नीति के तहत दिल्ली सरकार ने शराब की बिक्री का ठेका निजी कंपनियों को दे दिया था। आरोप है कि इस नीति में कई अनियमितताएं की गईं और शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया।इस घोटाले की जांच सीबीआई और ईडी कर रही है। सीबीआई ने इस मामले में मनीष सिसोदिया, संजय सिंह, दिनेश अरोड़ा, विजय नायर, समीर महेंद्रू और अभिषेक बोइनपल्ली सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया है।

किसानों और केंद्र सरकार के बीच चौथे दौर की बैठक शुरू, क्या आज निकल पाएगा समाधान, या जारी रहेगा आंदोलन

डेस्क: किसानों के आंदोलन का आज छठा दिन है। किसान शंभू बॉर्डर पर अड़े हुए हैं और प्रशासन द्वारा लगातार किसानों को दिल्ली की तरफ बढ़ने से रोका जा रहा है। इस बीच चंडीगढ़ में किसानों और सरकार के बीच चौथे दौर की बातचीत चल रही है। किसान संगठनों के 14 नेता इस बैठक में शामिल हुए हैं। इस बैठक में पीयूष गोयल, नित्यानंद राय और अर्जुन मुंडा केंद्र सरकार की तरफ से बैठक में भाग लेने के लिए पहुंचे हैं। वहीं पंजाब के सीएम भगवंत मान और पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड़िया भी इस बैठक में भाग ले रहे हैं। बता दें कि चौथे दौर की यह बैठक शुरू हो चुकी है।

'किसानों की मांग माने सरकार'

बता दें कि इससे पहले केंद्र सरकार और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच तीन राउंड की बैठक चंडीगढ़ में असफल रही है। इससे पूर्व हुए बैठक के बाद किसान नेताओं ने कहा कि सरकार एमएसपी की गारंटी देने की बात पर आनाकानी कर रही है। हालांकि कुछ किसानों ने इस बाबत सोचने का वक्त मांगा लेकिन बावजूद वो इस बात पर अड़े रहे कि किसानों की कर्जमाफी की जाए और उन्हें फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी की गारंटी दी जाए। इससे पहले किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा था कि केंद्र सरकार को टाल-मटोल की नीति नहीं अपनानी चाहिए। 

किसानों ने क्या कहा?

उन्होंने इस बैठक से पूर्व कहा था कि आचार संहिता लागू होने से पहले किसानों की मांगे मान लेनी चाहिए। लोकसभा चुनाव की घोषणा अगले महीने हो सकती है। फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी देने और कर्ज माफी पर किसान संगठनों और केंद्र सरकार के नेताओं के बीच बैठक जारी है। इस बीच हजारों किसान अलग-अलग मांगों को लेकर पंजाब और हरियाणा की सीमा पर शंभू और खनौरी में डटे हुए हुए हैं। वहीं राष्ट्रीय राजधानी में किसानों को प्रवेश करने से रोकने के लिए बड़ी तादाद में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है।

अयोध्या: भीड़ की वजह से 3 और नए पथ बनाने जा रही योगी सरकार, रामलला के दर्शन के लिए रोज उमड़ रहा जनसैलाब

डेस्क: यूपी के अयोध्या में रामलला के दर्शन करने के लिए भारी भीड़ आ रही है। 22 जनवरी से अब तक 45 लाख श्रद्धालुओं ने रामलला के दर्शन कर लिए हैं। हर दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। भारी भीड़ को देखते हुए योगी सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है, जिसके तहत 3 नए पथ बनाए जाएंगे।

क्या है पूरा मामला? 

श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए योगी सरकार अब अयोध्या में तीन और नए पथ बनाने जा रही है। पहला पथ लक्ष्मण पथ होगा, जो 6.70 किलोमीटर का होगा। लक्ष्मण पथ गुप्तार घाट से राजघाट तक बनेगा और ये फोर लेन होगा। वहीं दूसरा पथ अवध आगमन पथ होगा, जो 0.30 किलोमीटर का होगा। तीसरा पथ क्षीर सागर पथ होगा, जो 0.400 किलोमीटर लंबा होगा।

अयोध्या में योगी सरकार पहले से ही राम मंदिर जाने के लिए राम पथ, जन्मभूमि पथ, भक्ति पथ और धर्मपथ बनवा चुकी है लेकिन राम मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या की वजह से ये पथ कम पड़ रहे हैं। अयोध्या की सड़कों पर भारी भीड़ है। सरकार को उम्मीद है कि लक्ष्मण पथ,अवध आगमन पथ और क्षीर सागर पथ बन जाने के बाद श्रद्धालुओं को रामलला के दर्शन में और आसानी होगी।

अस्पताल से डिस्चार्ज हुए पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, सांस लेने में दिक्कत के बाद से जारी था इलाज

डेस्क: पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा को रविवार की दोपहर अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। मणिपाल अस्पताल ओल्ड एयरपोर्ट रोड के एचओड और रिपिरेटरी मेडिसिन और ट्रांसोलैंट फिजिशियन ड़ॉ. सत्य नारायण मैसूर ने कहा कि वह फिट और काम करने लायक हो गए हैं। 

दरअसल पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा को तबियत बिगड़ने के बाद गुरुवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। गुरुवार की सुबह उन्हें सांस लेने में दिक्कत होने लगी। इसके बाद उन्हें इलाज के लिए मणिपाल अस्पताल में भर्तीय कराया गया था। जहां डॉ. सत्यनारायण मैसूर ने उनका इलाज करा दिया। अस्पताल ने इस दौरान बयान दिया था कि वो सत्यनारायण मैसूर की देखरेख में हैं और विशेषज्ञों की टीम उनकी स्थिति पर नजर बनाए हुए है। 

अस्पताल से डिस्चार्ज हुए एचडी देवगौड़ा

देवगौड़ा के दामाद मंजूनाथ ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री को पिछले तीन दिनों से तेज बुखार और गंभीर रूप से खांसी हो रही थी। साथ ही उन्हें यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेंक्शन भी है। उन्होंने बताया पिछले तीन दिनों में घर पर ही एंटीबायोटिक्स और कफ सप्रेसेंट्स देकर उनका इलाज किया जा रहा था। 

इसके बाद जब उनकी तबियत गुरुवार को खराब हुई तो उन्हें दोपहर के वक्त अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया। बता दें कि देवगौड़ा का जन्म 18 मई 1933 को कर्नाटक के वोक्कालिगा परिवार में हुआ था। वो ओबीसी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने 1950 के दशक में सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी। उनकी शादी चेन्नमा से हुई, जिनसे उनकी 6 संताने हैं। बात दें कि उनके बेटे एचडी कुमारस्वामी कर्नाटक के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं।

कैसा रहा देवगौड़ा का राजनीतिक सफर

अगर देवगौड़ा के राजनीतिक सफर की बात करें तो साल 1953-62 तक वो कांग्रेस पार्टी के साथ जुड़े रहे। साल 1962 में उन्होंने होलेनारासिपुरा सीट ले पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा। निर्दलीय लड़े चुनाव में वो जीत गए। इसके बाद साल 1989 तक लगातार वो 6 बार विधायक चुने गए।

साल 1972-77 के दौरान कर्नाटक विधानसभा में वो नेता प्रतिपक्ष भी रहे। इसके बाद जब इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल की घोषणा की तो उन्हें 2 साल के लिए जेल भी जाना पड़ा। इंदिरा गांधी आपातकाल की घोषणा के बाद वो 2 बार कर्नाटक में जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहे। साल 1994 में उन्हीं के नेतृत्व में जनता दल ने कर्नाटक में विधानसभा चुनाव जीता। इसके बाद उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गाय। जून 1996 को उन्हें भारत का प्रधानमंत्री भी बनाया गया।