धार्मिक आध्यात्मिक स्मारक या अनुष्ठान के लिए सरकार से ज्ञापन देकर मांग, बैठक का हुआ आयोजन
पंकज कुमार श्रीवास्तव,कन्नौज। जिले में आज स्थानीय चौधरी चंदन सिंह स्नातकोत्तर महाविद्यालय कन्नौज में एक बैठक आहूत की गई जिसमें शहर के विभिन्न विद्वान साहित्यकार इतिहासकार शिक्षा विद एवं पत्रकारिता से जुड़े गणमान्य नागरिकों ने प्रतिभाग किया।
बैठक में भगवान श्री राम के गुरु महर्षि विश्वामित्र की तपोस्थली के रूप में धार्मिक ग्रंथो में वर्णित भागीरथी के तट पर बसे कन्नौज के प्रसिद्ध गांव अड़ंगा पुर में वर्तमान सरकार के माध्यम से कोई अत्यंत महत्वपूर्ण धार्मिक आध्यात्मिक स्मारक या अनुष्ठान के लिए सरकार से ज्ञापन के माध्यम से प्रार्थना को लेकर चर्चा की गई ।
बैठक के प्रारंभ में लेफ्टिनेंट डॉ आर मिश्रा द्वारा आज के विषय को लेकर इसका उद्देश्य एवं इसकी रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि कन्नौज की पावन धरा पर अनेका अनेक ऋषियों मुनियों मनीषियों ने जन्म लिया है ।
इसी कान्य कुब्ज की पावन धरा पर भगवान श्री राम के गुरु महर्षि विश्वामित्र ने अपनी तपोस्थली के रूप में चुना। कान्यकुब्ज की धारा पर हमारे आध्यात्मिक एवं धार्मिक पौराणिक ग्रंथों में ऐसे विभिन्न प्रमाण मौजूद हैं।
कन्नौज वासियों की ऐसी मनसा है की उनकी तपोस्थली के नाम से विख्यात पावन भूमि का भी पुनरुद्धार हो।इस संबंध मे 16 फरवरी को समय प्रातः 10:00 बजे कन्नौज वासियों द्वारा एक पत्र कन्नौज के माननीय जिलाधिकारी महोदय के माध्यम वर्तमान माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार को सौंपा जाएगा
बैठक में मौजूद रहे नवाब सिंह यादव ने इस संदर्भ में कहा कि मेरा मानना है कि आज मौजूदा सरकार उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में सांस्कृतिक क्षेत्र में पर्यटन के क्षेत्र में एवं ऐतिहासिक धरोहरों को बढ़ावा दे रही है अभी हाल में ही उत्तर प्रदेश में स्थित अयोध्या में भगवान श्री राम के भव्य मंदिर का निर्माण एवं उसमें भगवान श्री राम की मूर्ति स्थापना के साथ प्राण प्रतिष्ठा का काम संपन्न हुआ इसी प्रकार अन्य बहुत सी विकास की परियोजनाएं भी अयोध्या को प्राप्त हुई है।
हम सभी नगर वासी भगवान श्री राम के गुरु विश्वामित्र की तपोस्थली कन्नौज नगर के समीप बसे अड़ंगा पुर गांव जो की मोक्षदायिनी मां गंगा के तट पर बसा है उनका भी पुनरुद्धार होना चाहिए ।
बैठक की अध्यक्षता कर रहे प्रोफेसर सुशील राकेश शर्मा ने कहा कि विश्वामित्र की तपोस्थली अड़ंगापुर है ऐसा ब्रह्म पुराण समेत कई आध्यात्मिक एवं धार्मिक ग्रंथो में इसके प्रमाण व उल्लेख मिलता है साथ ही भगवान राम जब कन्नौज आए तो जहां पर उनके चरण पड़े वह भूमि में स्थित चिंतामणि मंदिर के नाम से जाना जाता है जो कि आज भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र बिंदु बना हुआ है बैठक में मौजूद साहित्यकार एवं वरिष्ठ पत्रकार स्मरजीत अग्निहोत्री ने कहा कि जहां जहां राम चरण चली जाई। ते ही समान अमरावती नहीं को चरितार्थ करते हुए भगवान श्री राम का आगमन कन्नौज की धारा पर भी हुआ तो वहां की भूमि तो वैसे ही अमरावती के समान है उसे पर भी उनके ही गुरु विश्वामित्र जी की तपस्थली भी रही है इस कारण इसका महत्व और बढ़ जाता है।
बैठक में मौजूद वरिष्ठ पत्रकार मनोज शुक्ला ने कहा कि आज जिस विषय को लेकर यहां बैठक आहूत की गई है यह अत्यंत महत्वपूर्ण विषय है और सभी नगर क्षेत्र के लिए बड़े गौरव की बात है इस पुनीत अभियान में कन्नौज से बड़ी संख्या में जन सहभागिता की परम आवश्यकता है हमारा उद्देश्य है कि कन्नौज की पावन भूमि पर गुरु विश्वामित्र की तपोस्थली पर कोई धार्मिक अथवा आध्यात्मिक प्रतीक के रूप में कोई भवन अथवा स्मारक का निर्माण वर्तमान सरकार के माध्यम से होता है तो यह पूरे कन्नौज क्षेत्र के लिए अत्यंत गौरव का विषय होगा ।
बैठक का संचालन सहायक प्रोफेसर उमेश चंद द्विवेदी ने किया इस अवसर पर अनुराग मिश्रा डॉक्टर रामदेव बाजपेई डॉ० वर्मा सुरेंद्र कुशवाहा राहुल तिवारी सहित तमाम गणमान्य जन मौजूद रहे।
Feb 16 2024, 09:50