पटना में कामकाजी महिलाओं के बच्चों की देखभाल का टेंशन खत्म, पालना घर की हुई शुरुआत
पटना : राजधानी पटना के कामकाजी महिलाओं के लिए एक खुशखबरी है। पटनासिटी में एज ऐसे पालनाघर की शुरुआत हुई है जिसमे आप अपने बच्चों को रखकर अपने काम काज को कर सकती है औऱ जब ड्यूटी समाप्त हो तो अपने बच्चो को पालना घर से वापस ले जा सकती है।
इस बीच पालना घर आपके बच्चों का सम्पूर्ण ध्यान भी रखती है।जीविका, ग्रामीण विकास विभाग, बिहार सरकार द्वारा राज्य के अंत्यंत निर्धन परिवारों के आर्थिक एवं सामाजिक उन्नयन हेतु सतत जीविकोपार्जन योजना (ग्रामीण/शहरी) का संचालन किया जा रहा है|
प्रायः यह देखा गया है कि छोटे बच्चो के देखभाल की जिम्मेवारी महिलाओं पर होने के कारण उन्हें रोज़गार/स्वरोजगार में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है और यहाँ तक कि कई बार उन्हें अपना काम भी छोड़ना पड़ता है|
इसका सीधा असर परिवार की आय पर पड़ता है और परिवार चाह कर भी अपनी आय नहीं बढ़ा पाता। फलस्वरूप गरीबी का दुष्चक्र बना रहता है |
यदि महिला काम पर चली भी जाती है तो उस अवधि में उसके छोटे बच्चे के देख रेख की जिम्मेवारी परिवार के ही बड़े बच्चो की होती है | इस स्थिति में बड़े बच्चो की पढाई और छोटे बच्चे का स्वास्थ एवं पोषण भी प्रभावित होता है |
उपरोक्त के आलोक में अत्यन्त निर्धन परिवारों की आय को बढ़ाने तथा उनके जीवनस्तर में सुधार हेतु इस वर्ग के छोटे बच्चो के लिए पालनाघर का संचालन किये जाने की आवश्यकता महसूस की गयी थी |
फलस्वरूप अक्टूबर 2023 में गया नगर निगम अंतर्गत चंदौती प्रखंड के वार्ड नंबर 27, धनिया बगीचा में एक आदर्श पालनाघर खोला गया |
इसी कड़ी में पटना नगर निगम के वार्ड संख्या 54 में व्यवहार न्यायलय,पटना सिटी के समीप स्थित रैनबसेरा में एक आदर्श पालनाघर का शुभारम्भ हुआ है |
उल्लेखनीय है कि पालनाघर का उद्देश्य असंगठित क्षेत्र में कार्यरत महिलायों की संख्या को बढ़ाकर ऐसे परिवारों को गरीबी के दुष्चक्र से बाहर निकालना है|
आदर्श पालनाघर में 6 माह से 3 वर्ष तक के बच्चो को तीन समय का पौष्टिक आहार, टीकाकरण, विद्यालय पूर्व शिक्षा और खेल के माध्यम से सीखने की प्रक्रिया जैसी कई सुविधाये निःशुल्क प्रदान की जायेंगी।
Feb 15 2024, 16:03