12 फरवरी बिहार की राजनीति के लिए होगा अहम दिन, सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों ओर से तैयारी जोरो पर
डेस्क : आनेवाला कल यानि 12 फरवरी बिहार की राजनीति के लिए अहम दिन है। कल 12 फरवरी को नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनी बिहार की नई एनडीए सरकार का फ्लोर टेस्ट होना है। यह फ्लोर टेस्ट सत्तापक्ष व विपक्ष दोनों के लिए एक परीक्षा है। सरकार का दावा है कि उसके पास बहुमत के लिए जरूरी विधायकों की संख्या से अधिक का समर्थन प्राप्त है। वहीं विपक्ष सरकार बनने के बाद से ही यह दावा करता रहा है कि असली खेल तो 12 फरवरी को होगा। दो पक्ष एक-दूसरे को मात देने के लिए पूरी तैयारी की है।
इधर इस परीक्षा को लेकर बीते शनिवार से सत्तापक्ष व विपक्ष, दोनों ही खेमे में अभ्यास का दौर शुरू हो गया है। बहाने अलग-अलग हैं पर लक्ष्य एक। अपना-अपना किला सुरक्षित रखने के लिए सभी दलों में आज रविवार को भी परीक्षा से पहले का यह अभ्यास जारी रहेगा।
शनिवार को बोधगया में सत्ता पक्ष के भाजपा विधायकों का दो दिवसीय प्रशिक्षण शुरू हुआ । भाजपा के तीन विधायक देर शाम तक इस शिविर में नहीं पहुंचे थे। आज रविवार को वहीं विधायक दल की बैठक भी होगी । इस बहाने भाजपा के सभी विधायक दो दिन नेतृत्व की नजरों के सामने रहेंगे। वहां से विश्वास प्रस्ताव के दिन सीधे विधानसभा पहुंचेंगे । जदयू ने शनिवार को सरकार के वरिष्ठ मंत्री श्रवण कुमार के आवास पर विधायकों को भोज के बहाने जुटाया। वहां विधायकों को पार्टी के व्हिप की प्रति भी थमाई गई।
बैठक में जदयू विधायकों ने एकजुटता का संदेश दिया। विश्वासमत हासिल करने का दावा भी किया। दिन के भोज में शामिल होने विभिन्न कारणों से आधा दर्जन विधायक नहीं पहुंचे। रविवार को इनके भी हाजिर रहने का पार्टी को भरोसा है। पूर्व मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि 12 फरवरी को सरकार अपना बहुमत साबित करेगी। सारे विधायक एकजुट हैं, कोई समस्या नहीं है। रविवार को संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी के आवास पर विधायक दल की बैठक होगी ।
वहीं विपक्ष राजद ने पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के आवास पर पार्टी विधायकों को एकत्रित किया। यहां पहुंचे विधायकों के फोन तक जमा करा लिए गए थे। राजद ने पार्टी को किसी टूट से बचाने के लिए अपने सभी विधायकों को शनिवार की शाम से अगले 40 घंटे (सोमवार सदन शुरू होने ) तक तेजस्वी प्रसाद यादव के सरकारी आवास पांच देशरत्न मार्ग पर ही रोक लिया है। उन्हें पहले पार्टी के विधायक दल की बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था। पहुंचने के बाद सभी विधायकों को कपड़े, दवा एवं अन्य जरूरी सामान मंगवाने को कहा गया। जानकारी के मुताबिक, नीलम देवी को छोड़ पार्टी के सभी 78 विधायक मौजूद हैं। बाद में भाकपा माले, माकपा व माले के भी सभी 16 विधायकों को यहीं बुलाकर इकट्ठे रखा गया।
Feb 12 2024, 13:47