सरायकेला:कोल्हान के नारायण प्राइवेट आईटीआई लूपुंगडीह परिसर में तिलका माझी की जयंती मनाई गई।
सरायकेला :- कोल्हान के नारायण प्राइवेट आईटीआई लूपुंगडीह परिसर में तिलका माझी की जयंती मनाई गई इसमें उपस्थित संस्थान के संस्थापक डॉक्टर जटाशंकर पांडे ने कहा कि तिलका माँझी, (11 फ़रवरी 1750 - 13 जनवरी 1785) तिलका मांझी उर्फ जबरा पहाड़िया जिन्होंने राजमहल, झारखंड की पहाड़ियों पर ब्रिटिश हुकूमत से लोहा लिया।
इनमें सबसे लोकप्रिय तिलका मांझी हैं। तिलका मांझी संतालों के लिए अंग्रेजों से लड़ाई लड़ने में कभी पीछे नहीं हटे है। संताल एवं आदिवासी समुदाय में इतिहासकारों की कमी होने के कारण दूसरे जाति समुदाय के इतिहासकारों द्वारा इस संथाल समुदाय के इतिहास को तोड़ मरोड़ा जा रहा है इतिहास के साथ छेड़छाड़ किया जा रहा है, इसलिए ही तिलका मांझी को पहाड़िया जनजाति के साथ कुछ इतिहासकारों द्वारा जोड़ा जा रहा है जो गलत जानकारी है।
मांझी और मुर्मू सरनेम संतालों का है और तिलका, पानो और सुंदरा नाम भी अभी भी संतालों के बीच मौजूद हैं। तिलका मांझी का असली नाम तिलका मुर्मू है जबरा पहाड़िया नहीं। तिलका मांझी संतालो के बीच काफी लोकप्रिय है और उनका पुजा भी किया जाता है लेकिन पहाड़िया जनजाति के लोग तिलका मांझी का पुजा पाठ या कोई अन्य उनके नाम पर समारोह आयोजित नहीं देखने को मिलता है।
संथालों के अनेकों लोक गीतों में उनका नाम हैइसमें उपस्थित कॉलेज के प्राचार्य जयदीप पांडे , शान्ति राम महतो,कृष्ण चंद्र महतो ,देव कृष्णा महतो अजय कुमार मंडल ,गौरव महतो , संदीप नायक आदि उपस्थित थे ।














Feb 11 2024, 20:26
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