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जिला विधिज्ञ संघ औरंगाबाद के कार्यसमिति के चुनाव में 26 पदों पर 58 अभ्यर्थी, चुनाव प्रचार चरम पर

औरंगाबाद: जिला विधिज्ञ संघ औरंगाबाद के कार्यसमिति के चुनाव में अब दस दिन शेष हैं पुस्तकालय अध्यक्ष पद पर पूर्व के पुस्तकालय अध्यक्ष चंद्रकांता कुमारी इस बार निर्विरोध निर्वाचित घोषित हुई है, आज निवार्चन समिति के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी महेंद्र प्रसाद सिंह, सहायक निवार्चन पदाधिकारी कामता प्रसाद सिंह,अवध किशोर पांडे, सरोज रंजन सिन्हा और अभय कुमार ने 26 पदों पर 58 अभ्यर्थियों के क्रमांक घोषित किया, अध्यक्ष एकल पद पर अशोक कुमार सिंह, परशुराम सिंह, रामप्रवेश ठाकुर और विजय कुमार पाण्डेय अभ्यर्थी है।

महासचिव एकल पद पर अखिलेश कुमार, अमरेन्द्र नारायण सिंह, जगनरायण सिंह, नागेंद्र सिंह, नवीन कुमार, राजीव रंजन सिंह, सतीश कुमार सिंह अभ्यार्थी है, कोषाध्यक्ष एकल पद पर अजय कुमार, गिरिजेश कुमार सिंह, प्रदीप कुमार, सुजीत कुमार सिंह, सुनील कुमार सिंह अभ्यार्थी है,वरिष्ठ सदस्य के पांच सदस्यीय पद पर मो अकमल हसन, अम्बुज कुमार सिन्हा, मिथलेश कुमार , मनोज कुमार सिंह,महेश प्रसाद सिंह, यमुना प्रसाद सिंह,विनय कुमार मिश्रा अभ्यार्थी है, उपाध्यक्ष तीन सदस्यीय पद पर अमित कुमार, ओंकार कुमार सिंह, अशोक कुमार सिंह, उदय कुमार सिन्हा, संजय कुमार सिंह, सुर्दशन यादव, क्षितिज रंजन अभ्यार्थी है, संयुक्त सचिव तीन सदस्यीय पद पर अनिल कुमार सिंह, काली प्रसाद, दिलीप कुमार सिंह, देवी नंदन सिंह, धिरेंद्र कुमार सिंह, प्रमोद कुमार सिंह, रामपरिखा सिंह, शम्भु नाथ मिश्रा, सियाराम पांडेय अभ्यार्थी है, सहायक सचिव तीन सदस्यीय पद पर अनिल कुमार सिंह, पवन कुमार सिंह, सतीश कुमार स्नेही,संत सिंह, श्याम नंदन तिवारी अभ्यार्थी है, अंकेक्षक एकल पद पर अनिल कुमार सिन्हा और राजेश कुमार सिंह अभ्यार्थी है।

 निगरानी सदस्य एकल पद पर अनिल आशुतोष,अभय कुमार सिंह, हरेंद्र कुमार अभ्यार्थी है कार्यसमिति सदस्य सात सदस्यीय पद पर इम्तेयाज अंसारी, घनश्याम ठाकुर, नीरज कुमार सिंह, योगेश कुमार मिश्रा,विनय कुमार द्विवेदी, साकेत कुमार,सुरेश प्रसाद, संजय कुमार, शशि- भूषण कुमार अभ्यार्थी है आपको मालूम कि जिला विधिज्ञ संघ औरंगाबाद के कार्यसमिति का चुनाव 13 फरवरी को होगा और मतगणना 14 फरवरी से परिणाम आने तक जारी रहेगा, मतदान में लगभग 800 मतदाता भाग लेंगे।

कम नहीं हो रही अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें, सुबह-सुबह आवास पर पहुंची क्राइम ब्रांच की टीम, जानें क्या है मामला

#delhi_crime_branch_team_reach_cm_arvind_kejriwal_residence 

दिल्ली शराब घोटाला केस में बार-बार ईडी की नोटिस की अनदेखी करने वाले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। इस बीच शनिवार की सुबह दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम अरविंद केजरीवाल के आवास पर पहुंची है। क्राइम ब्रांच की टीम केजरीवाल को नोटिस देने पहुंची है। केजरीवाल ने बीजेपी पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया था। बीजेपी ने इस आरोप के खिलाफ शिकायत की थी। शुक्रवार देर शाम को भी एक नोटिस लेकर क्राइम ब्रांच की टीम सीएम के आवास पर पहुंची थी, लेकिन नोटिस किसी के द्वारा रिसिव नहीं करने की वजह से पुलिस रात में वहां से लौट आई थी। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली सीएम का दफ्तर नोटिस लेने के लिए तैयार हो गया है। जबकि क्राइम ब्रांच की टीम का कहना है कि सीएमओ रिसिविंग देने को तैयार नहीं हैं।

दिल्ली पुलिस कमिश्नर को 30 जनवरी को भाजपा नेताओं ने अरविंद केजरीवाल और आतिशी के विधायकों के खरीद-फरोख्त के प्रयासों वाले दावों के खिलाफ शिकायत दी थी। यह शिकायत 6 पेज की थी। इस शिकायत के बाद ही गुरुवार की रात को दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच को जांच के लिए बोला गया था। इसके बाद लीगल फॉर्मेलिटी यानी कानूनी औपचारिकता पूरी होने के बाद शुक्रवार की शाम को एसीपी के नेतृव में दिल्ली पुलिस की एक टीम इंक्वॉयरी का नोटिस लेकर अरविंद केजरीवाल के घर गई थी।

दरअसल, 27 जनवरी को केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि उनके विधायकों को खरीदने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा था कि बीजेपी ने उनके विधायकों को 25-25 करोड़ रुपये का ऑफर दिया है और साथ ही पार्टी का टिकट देने का भी लालच दिया है। केजरीवाल ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, पिछले दिनों इन्होंने हमारे दिल्ली के सात एमएलए को संपर्क कर कहा है -कुछ दिन बाद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लेंगे। उसके बाद एमएलए को तोड़ेंगे। 21 एमएलए से बात हो गई है औरों से भी बात कर रहे हैं। उसके बाद दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार गिरा देंगे। आप भी आ जाओ। 25 करोड़ रुपये देंगे और बीजेपी की टिकट से चुनाव लड़वा देंगे। उनका दावा था कि उन्होंने 21 एमएलए से संपर्क किया है लेकिन हमारी जानकारी के मुताबिक उन्होंने अभी तक सात एमएलए को ही संपर्क किया है और सबने मना कर दिया।

विशेष केन्द्रीय सहायता योजनान्तर्गत स्वीकृत योजनाओं के अपूर्ण रहने पर डीएम नेसंतोष व्यक्त किया, कार्य जल्द पूरा करने का दिया निर्देश

औरंगाबाद : आज 02 फरवरी जिलाधिकारी श्रीकान्त शास्त्री की अध्यक्षता में विशेष केन्द्रीय सहायता योजना, डिस्ट्रिक्ट ऑफ कंसर्न योजना एवं आकांक्षी जिला कार्यक्रम योजनान्तर्गत कार्यान्वित योजनाओं

का प्रगति का समीक्षा किया गया। 

समीक्षा के क्रम में विशेष केन्द्रीय सहायता योजनान्तर्गत स्वीकृत योजनाओं को अपूर्ण रहने पर असंतोष व्यक्त किया गया तथा सभी कार्यों को यथाशीघ्र पूर्ण कराने के निर्देश दिया गया। साथ ही नव चयनित योजनाओं का कार्य माह मार्च 2024 तक पूर्ण कराने का निर्देश दिया गया।

आकांक्षी जिला कार्यक्रम योजनान्तर्गत आंगनवाड़ी जीर्णोद्धार संबंधी कार्य को यथाशीघ्र पूर्ण कराने का कार्यपालक अभियंता, एल० ए० ई० ओ० को निदेश दिया गया तथा निविदा संबंधी कार्य यथाशीघ्र पूर्ण कराने का निर्देश डी० पी० ओ०, एस० एस० ओ० को दिया गया । 

(CSR) से संबंधी कार्य को अचूक रूप से माह फरवरी मे पूर्ण कराने का निदेश कार्यपालक अभियंता, एल० ए० ई० ओ० दिया गया। 

बैठक में निम्न पदाधिकारियों द्वारा भाग लिया गया:- 

जिला योजना पदाधिकारी / कार्यपालक अभियंता, स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन, कार्य प्रमंडल / कार्यपालक अभियंता, ग्रामीण कार्य विभाग, कार्य प्रमंडल, औरंगाबाद एवं दाउदनगर / कार्यपालक अभियंता, भवन निर्माण विभाग,

भवन प्रमंडल / कार्यपालक अभियंता, नगर विकास प्रमंडल / कार्यपालक अभियंता, लघु सिंचाई प्रमंडल / कार्यपालक अभियंता, बिहार पुलिस भवन निर्माण शिक्षा निगम / जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, प्रारंभिक शिक्षा एवं समग्र अभियान / कार्यपालक अभियंता, सर्व शिक्षा अभियान, औरंगाबाद ।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

जहर खाकर युवक ने किया आत्महत्या का प्रयास, इलाज के लिए अस्पताल मे भर्ती

औरंगाबाद : जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के विषैनी गांव में आज शुक्रवार को पारिवारिक तनाव में आकर एक युवक ने शराब के नशे में जहर खा आत्महत्या करने का प्रयास किया। 

हालत बिगड़ते देख स्वजनों द्वारा इलाज हेतु सदर अस्पताल लाया गया। ड्यूटी पर रहे चिकित्सकों ने उपचार किया। 

अस्पताल में बीमार युवक के स्वजनों ने बताया कि हम सभी बाहर गए थे। इसी क्रम में पारिवारिक तनाव में आकर युवक ने जहर खा लिया। सदर अस्पताल में इलाज के बाद युवक की स्थिति खतरे से बाहर है। 

युवक के परिजनो ने बताया कि पहले सुबह शराब के नशे में अनिल रजक घर आया इसके बाद पत्नी के साथ झगड़ा करने लगा। इसके बाद गुस्से में आकरअनिल रजक नेजहर खाकर अपनी जीवन लीला समाप्त करने की प्रयास की। आनन फानन में परिजनों ने इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया जहां की हालत गंभीर देखते हुए चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए बाहर रेफर कर दिया है। 

इधर अनिल रजक की जहर खाने के बाद परिजनों में अफरा तफरी का माहौल उत्पन्न हो गया है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

मरणोपरांत प्रधानाध्यापक की सामने दो-दो पत्नियां, जानिए क्या है पूरा मामला

औरंगाबाद : गोह प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय, देवकुंड में शंकर चौधरी प्रधानाध्यापक के पद पर पदस्थापित थे। महीनों दिन पूर्व उनका निधन हो गया। निधन होने तक उनकी एक ही पत्नी थी। उनके मरने के बाद अब उनकी दो पत्नियां हो गईं। मरने के बाद दूसरी शादी कराने का कारनामा किया है, हथियारा पंचायत के राजस्व कर्मचारी विनय सिंह ने। 

दरअसल, प्रधानाध्यापक शंकर चौधरी के निधन के बाद उनकी पत्नी सिताबी देवी ने अंचल कार्यालय में पारिवारिक सूची बनाने के लिए करीब एक माह पहले आवेदन दिया। पीड़ित सिताबी देवी पारिवारिक सूची को लेकर लगातार अंचल कार्यालय का चक्कर लगाती रही, लेकिन राजस्व कर्मचारी कुछ न कुछ बहाना बनाकर टालता रहा। इस दौरान गुरुवार को राजस्व कर्मचारी ने जो पारिवारिक सूची बनाकर दी, उसमें शंकर चौधरी की पत्नी सिताबी देवी व दूसरी पत्नी का नाम सेम्फुल देवी के नाम दर्ज किया।यानी कि पारिवारिक सूची में दो-दो पत्नियों का नाम दर्ज कर दिया। 

अंचल कार्यालय में भीड़ देख जिला पार्षद प्रतिनिधि श्याम सुंदर ने कहा कि बिना जांच किए ही कर्मचारी ने शिक्षक की मौत के बाद उनकी दूसरी शादी करा दी है। उन्होंने जिलाधिकारी से जांच कर कार्रवाई की मांग की है।

दूसरी महिला पहले से ही है शादीशुदा-

राजस्व कर्मचारी ने जिस महिला का नाम दूसरी पत्नी के तौर पर दर्ज किया है, वह पहले से ही शादीशुदा है। उसके पति का नाम शिव चौधरी है। 

मृतक की पत्नी ने राजस्व कर्मचारी पर मनमानी का आरोप लगाते हुए कहा कि मेरे पति शंकर चौधरी के मरने के बाद मैंने मृत्यु प्रमाण बनवाया जिसमे पत्नी के नाम मे सिताबी देवी ही अंकित है। बने हुए मृत्यु प्रमाण पत्र के साथ मैंने कोर्ट एफिडेविट भी जमा किया था, लेकिन राजस्व कर्मचारी ने मनमाने तरीके से दूसरी पत्नी का नाम दर्ज कर दिया है।  

शिव चौधरी के है तीन बेटे व दो है बेटियां-

जिस महिला सेम्फुल देवी का नाम शंकर चौधरी की पत्नी के तौर पर राजस्व कर्मचारी ने दर्ज किया है, उस सेम्फुल देवी के पति शिव चौधरी का घर बन्देया थाना क्षेत्र के साव बिगहा गांव में है। वह फिलहाल देवकुंड में जमीन खरीदकर वही घर बना कर वही रह रहे है।

उनके तीन बेटे और दो बेटियां है। इनमें सूरज कुमार, गोलू कुमार, चिंटू कुमार, केशम देवी व मीणा कुमारी शामिल है। पुत्र सूरज कुमार व पुत्री केशम देवी की शादी हो गई है।

क्या कहते है सीओ-

इस सबंध में सीओ मुकेश कुमार से बात करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने फोन नही उठाया।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

यूसीसी के लिए बनाई गई समिति ने धामी सरकार को सौंपी अपनी सिफारिशें, जानें 800 पन्ने वाले ड्राफ्ट में क्या-क्या?

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उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का मसौदा तैयार करने वाली एक्सपर्ट कमेटी ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी है। अब कल यानी शनिवार को कैबिनेट बैठक में यूसीसी ड्राफ्ट रिपोर्ट को मंजूरी मिलने के बाद इसे छह फरवरी को विधानसभा में पेश किए जाने की उम्मीद है। उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र 5 फरवरी से शुरू हो रहा है। ऐसे में सत्र की शुरुआत के अगले ही दिन धामी सरकार इतिहास रच सकती है। विधानसभा से अध्यादेश को मंजूरी दिए जाने के बाद इसे राज्यपाल के पास भेजा जाएगा। राज्यपाल की मंजूरी के बाद उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन जाएगा, जहां समान नागरिक संहिता लागू हो जाएगी। इसके साथ ही यूसीसी को लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन जाएगा।

वहीं ड्राफ्ट मिलने के बाद पुष्कर सिंह धामी ने कहा, ‘लम्बे समय से हम सभी को प्रतीक्षा थी हमको आज ड्राफ्ट मिल गया है। चुनाव से पहले उत्तराखण्ड की देव तुल्य जनता को वादा था। अब इस ड्राफ्ट की परिक्षण कर के इसे विधेयक में लाकर आगे बढ़ाएंगे।हम इस मसौदे का परीक्षण करेंगे और सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद इसे राज्य विधानसभा के दौरान रखेंगे। इस पर आगे चर्चा की जाएगी। 

विधानसभा चुनाव 2022 के बाद सीएम धामी ने यूसीसी लागू करने के लिए जस्टिस देसाई की अध्यक्षता में समिति बनाई थी। मुख्यमंत्री धामी ने समिति का तीन बार कार्यकाल बढ़ाया। अब समिति ने करीब ढाई लाख सुझावों और 30 बैठकों में रायशुमारी के बाद तैयार हुआ ड्राफ्ट सीएम धामी को सौंपा।

यूसीसी के ड्राफ्ट में ये हैं प्रावधान

-तलाक के लिए सभी धर्मों का एक कानून होगा।

-तलाक के बाद भरण पोषण का नियम एक होगा।

-पति-पत्नी दोनों को तलाक के समान आधार उपलब्ध होंगे। तलाक का जो ग्राउंड पति के लिए लागू होगा, वही पत्री के लिए भी लागू होगा। फिलहाल पर्सनल लॉ के तहत पति और पत्नी के पास तलाक के अलग अलग ग्राउंड हैं।

-गोद लेने के लिए सभी धर्मों का एक कानून होगा।मुस्लिम महिलाओं को भी मिलेगा गोद लेने का अधिकार।गोद लेने की प्रक्रिया आसान की जाएगी।

-संपत्ति बटवारे में लड़की का समान हक सभी धर्मों में लागू होगा।

-अन्य धर्म या जाति में विवाह करने पर भी लड़की के अधिकारों का हनन नहीं होगा।

-सभी धर्मों में विवाह की आयु लड़की के लिए 18 वर्ष अनिवार्य होगी।

-शादी का अनिवार्य रजिस्ट्रेशन होगा। बगैर रजिस्ट्रेशन किसी भी सरकारी सुविधा का लाभ नही मिलेगा. ग्राम स्तर पर भी शादी के रजिस्ट्रेशन की सुविधा होगी।

-लिव इन रिलेशनशिप के लिए पंजीकरण जरूरी होगा।

-उत्तराधिकार में लड़कियों को लड़कों के बराबर का हिस्सा मिलेगा। अभी तक पर्सनल लॉ के मुताबिक लड़के का शेयर लड़की से अधिक।

-नौकरीशुदा बेटे की मौत पर पत्री को मिलने वाले मुआवजे में वृद्ध माता-पिता के भरण पोषण की भी जिम्मेदारी। अगर पत्नी पुर्नविवाह करती है तो पति की मौत पर मिलने वाले कंपेंशेसन में माता पिता का भी हिस्सा होगा।

-एक पति पत्नी का नियम सब पर लागू होगा।

पेटीएम पर आरबीआई का “डंडा” आम लोगों पर क्या होगा असर?

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क्या आप भी जेब में पर्स लेकर घूमने के बजाय डीजिटल पेमेंट करने में ज्यादा सुविधा महसूस करते हैं। दरअससर आज हमारे देश में हर दूसरा शख्स ऐसी ही सोच रखता है। डिजिटल मोड के इस दौरा मे एक नाम तेजी से उभरा Paytm, जिसने भारतीय लोगों को डिजिटल लेनदेन का चस्का लगाया। डिजिटल पेमेंट सर्विस की दुनिया की बेताज बादशाह कही जाने वाली कंपनी पेटीएम पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कई तरह के बैन लगा दिए हैं।

आरबीआई ने बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए के तहत पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल या बैंक) को तुरंत नए ग्राहकों को नहीं जोड़ने का निर्देश हाल ही में दिया था। इतना ही नहीं, आरबीआई सर्कुलर के अनुसार, 29 फरवरी, 2024 के बाद पेटीम पेमेंट्स बैंक से किसी भी ग्राहक के खाते, प्रीपेड कार्ड, वॉलेट, फास्टैग, एनसीएमसी कार्ड आदि में जमा, लेनदेन, टॉप-अप या निकासी की अनुमति नहीं दी जाएगी। 

30 करोड़ पेटीएम यूजर्स पर होगा असर

आरबीआई के आदेश का असर बड़े तबके पर पड़ सकता है क्योंकि पेटीएम के पास डिजिटल पेमेंट बाज़ार का 16-17 फ़ीसदी हिस्सा है और जानकारों के मुताबिक करोड़ों लोग इससे प्रभावित हो सकते हैं।ऐसे में बड़ा सवाल है कि आम लोगों पर इसका क्या असर होगा।कंपनी का दावा है कि उसके पास 300 मिलियन यानी 30 करोड़ से अधिक वॉलेट यूजर्स हैं। वहीं पेटीएम पेमेंट्स बैंक में 30 मिलियन यानी 3 करोड़ ग्राहकों ने बैंक खाता खोल रखा है। इसका आसान मतलब यह होता है कि इसका सीधा असर 30 करोड़ पेटीएम यूजर्स पर पड़ने वाला है।

पेटीएम बैंक क्या है

आरबीआई के फ़ैसले का क्या असर होगा ये समझने के लिए पहले ये जानना ज़रूरी है कि पेटीएम बैंक है क्या और ये आम बैंक से कैसे अलग है। पेटीएम पेमेंट बैंक में केवल पैसे जमा किए जा सकते हैं, उनके पास कर्ज़ देने का अधिकार नहीं है। ये डेबिट कार्ड तो जारी कर सकते हैं लेकिन क्रेडिट कार्ड जारी करने के लिए किसी लेंडर रेगुलेटर के साथ डील करनी पड़ेगी। यानी ये एक ऐसा बैंक अकाउंट है जिसमें पैसे रखे जा सकते हैं, आम तौर पर मर्चेंट्स को जो भुगतान मिलता है वो उनके पेटीएम पेमेंट अकाउंट में जाता है और फिर उनके बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर होते हैं। इसके बदले में पेटीएम अपने ग्राहकों को क्रेडिट प्वाइंट देता है। पेटीएम की पेरेंट कंपनी का नाम है वन97 कंम्यूनिकेशंस और इसी कंपनी के पास प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट यानी पीपीआई लाइसेंस है जिसे साल 2017 में पेटीएम पेमेंट बैंक शुरू करने के लिए इस्तेमाल किया गया।

पेटीएम वॉलेट और यूपीआई इस्तेमाल करने वाले का क्या होगा?

29 फरवरी तक पेटीएम की सभी सर्विस सामान्य रूप से ही काम करेंगी। इसके बाद पेटीएम वॉलेट और यूपीआई सेवा का इस्तेमाल करने वाले लोगों के लिए कुछ बदलाव होंगे। सबसे अहम ये कि अगर आपके वॉलेट में पहले से पैसे हैं तो आप उसे दूसरी जगह ट्रांसफ़र कर सकते हैं लेकिन वॉलेट में कोई भी राशि डिपॉज़िट नहीं की जा सकती। हालांकि, अगर आपने पेटीएम अकाउंट को किसी थर्ड पार्टी बैंक से जोड़ रखा है तो आपका पेटीएम काम करता रहेगा और यूपीआई पेमेंट का भी इस्तेमाल करते रहेंगे। थर्ड पार्टी या एक्सटर्नल बैंक का मतलब है कि आप पेटीएम पर अगर स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया, एचडीएफ़सी बैंक या पंजाब नेशनल बैंक सहित किसी भी मान्यता प्राप्त बैंक के अकाउंट का इस्तेमाल करते हैं तो आपके लिए कुछ भी नहीं बदलने वाला है। लेकिन अगर आप पेटीएम बैंक से लिंक वॉलेट का इस्तेमाल कर रहे हैं तो आप ऐसा नहीं कर पाएंगे। 29 फ़रवरी के बाद से ना तो बैंक अकाउंट में और ना तो वॉलेट में कोई क्रेटिड लिया जा सकेगा।

दुकानदार पेटीएम के जरिए पेमेंट रिसीवकर सकेंगे?

जो दुकानदार अपने पेटीएम पेमेंट्स बैंक अकाउंट में पैसा रिसीव करते हैं, वे पेमेंट रिसीव नहीं कर पाएंगे। इसकी वजह यह है कि उनके अकाउंट्स में क्रेडिट की अनुमति नहीं है, लेकिन कई व्यापारियों या कंपनियों के पास दूसरी कंपनियों के क्यूआर स्टिकर्स हैं जिनके जरिए वे डिजिटल पेमेंट्स स्वीकार कर सकते हैं।

केन्द्रीय बजट को बीजेपी ने बताया लोक और गरीब राज्यों के लिए कल्याणकारी, विपक्ष ने बताया आम लोगों के साथ छलावा

डेस्क : बीते गुरुवार को केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में वर्ष 2024-25 का अंतरिम बजट पेश की। इधर इस बजट को एनडीए जहां लोक और गरीब राज्यों के लिए कल्याणकारी बताया है। वहीं विपक्ष ने इसे आमलोगों के साथ छलावा करार दिया है। 

बीजेपी के राज्यसभा सांसद व बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने केंद्र सरकार के अंतरिम बजट को गरीबों, महिलाओं और बिहार जैसे गरीब राज्यों के लिए कल्याणकारी बताया। इससे केंद्रीय करों में हिस्से के रूप में बिहार को इस वर्ष 1 लाख 2737 करोड़ की जगह 1 लाख 11 हजार करोड़, यानी 8500 करोड़ अधिक मिलेंगे। अगले वर्ष यह राशि 1.22 लाख करोड़ होगी। 50 साल के लिए राज्यों को 1 लाख 30 हजार करोड़ का व्याज-मुक्त ऋण देने की घोषणा भी बड़ी पहल है।

केंद्रीय बजट में राज्यों के लिए अलग-अलग घोषणाएं नहीं होती, फिर भी वर्ष 2024-2025 के अंतरिम बजट से बिहार को सर्वाधिक लाभ मिलेगा। लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य तीन करोड़ किया गया है।

वही दूसरी ओर कांग्रेस के बिहार प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश अंतरिम बजट को निराशाजनक बताया। उन्होंने कहा कि जब सत्ताधारी वर्ग में विजन के ऊपर कुर्सी की चिन्ता हावी हो जाती है तो इस तरह का बजट देखने को मिलता है। हमेशा के मुताबिक इस बजट में गरीब, बेरोजगार नौजवान और मध्यम वर्ग के लिए कुछ भी हाथ नहीं लगा। चुनिंदा अमीरों को रेवड़ियां बांटने का प्रयास है। गरीबों के लिए कुछ भी नहीं किया गया है।

शिक्षक नियुक्ति के दूसरे चरण का सप्लीमेंट्री रिजल्ट जारी, 739 अभ्यर्थी हुए सफल

डेस्क : बिहार लोक सेवा आयोग ने गुरुवार को शिक्षक नियुक्ति के दूसरे चरण का सप्लीमेंट्री रिजल्ट जारी कर दिया है। आयोग ने पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के अधीन आने वाले विद्यालयों के लिए रिजल्ट जारी किया है। 739 को सफलता मिली है। 

आयोग ने प्राचार्य के चार पदों का परिणाम निकाला है। वहीं मिडिल स्कूलों में सामाजिक विज्ञान, गणित व विज्ञान और हिन्दी व अंग्रेजी विषय का रिजल्ट जारी किया गया है। सामाजिक विज्ञान में 78, गणित व विज्ञान मिलाकर 77 और हिन्दी व अंग्रेजी 79 का चयन किया गया है। वहीं माध्यमिक (9वीं से 10वीं) में आठ विषयों 234 व उच्च माध्यमिक में 13 विषयों में विषयों का रिजल्ट जारी किया गया है।

इस विभाग ने आयोग को पूरक रिजल्ट जारी करने का अनुरोध पत्र भेजा था। पूर्व में जारी रिजल्ट के बाद काउंसिलिंग में कई वर्गों में चयनित शिक्षक अनुपस्थित रहे थे। इन्हीं सीटों को भरने के लिए पूरक रिजल्ट जारी किया गया है। आयोग ने इसबार तीन विभागों के लिए परीक्षा आयोजित की थी। 

आयोग के सचिव रवि भूषण ने बताया कि प्राचार्य सहित मध्य, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक के स्कूलों का रिजल्ट जारी किया गया है।

*केन्द्र सरकार के बजट पर राजद ने किया कटाक्ष, कहा-मोदी सरकार ने जनता को थमाया चुनावी लॉलीपॉप

औरंगाबाद : अंतरिम बजट के बहाने मोदी सरकार ने जनता को ‘‘चुनावी लॉलीपॉप’ थमाया है। यह बजट केवल सरकार के चहेते उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने वाला है जिसमें महंगाई और बेरोजगारी की ज्वलंत समस्याओं से निपटने का कोई खाका पेश नहीं किया गया है। यह बात राजद जिला प्रवक्ता डॉ रमेश यादव ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहीं। 

उन्होने कहा कि आज के बजट से किसानों को काफी उम्मीद थी। उन्हें लग रहा था कि बजट में किसानों के लिए और घोषणाएं की जाएंगी, लेकिन बजट बहुत ही निराशाजनक है। सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था, लेकिन सरकार किसानों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को भी तय नहीं कर पा रही है। यह सरकार किसानों के हितेषी न होकर पूंजीपतियों की हितेषी है और केवल उन्हीं के लिए काम करती है। सरकार का यह बजट बहुत ही निराशाजनक है। सरकार ने केवल पूंजी पतियों के लिए ही बजट पेश किया है और किसानों के लिए को घोषणा नहीं की है। यह सरकार केवल धर्म के नाम पर राजनीति करती है। 

उन्होंने कहा कि जिस तरह अलग-अलग वर्गों के लिए काम किया जा रहा है। चाहे ग्रामीण अर्थव्यवस्था की बात हो या आयुष्मान भारत योजना का दायरा बढ़ाने से जुड़े एलान हों या महिलाओं के विकास पर ध्यान। यह सभी काफी अहम क्षेत्र हैं। हम कह सकते हैं कि यह काफी विवेकपूर्ण बजट है, जो कि भारत के लिए मजबूत पथ की नींव रखता है। 

उन्होने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देशवासियों की उम्मीदों (बजट को लेकर) पर ठंडा पानी फेरा है। वह ज्ञान, गरीब, युवा और नारी की बात करती हैं लेकिन उन्होंने इन सबके लिए कुछ नहीं किया। यही इस सरकार की बदकिस्मती है कि पिछले 10 साल में जो वादे उनकी ओर से किए गए, सरकार खर्च चलाने के लिए कर्ज ले रही है। अगले साल यह चीज और बढ़ने वाली है। देश की सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी और महंगाई है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र