ज्ञानवापी परिसर में व्यास जी का तहखाना क्या है? 31 साल पहले बंद हुई थी पूजा, अब मिली अनुमति
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ज्ञानवापी मामले में बुधवार को वाराणसी की अदालत से एक बड़ा फैसला आया है। इस फैसले के तहत ज्ञानवापी परिसर में मौजूद व्यास जी के तहखाने में हिंदू पक्ष को पूजा करने की इजाजत मिल गई है। कोर्ट ने स्थानीय प्रशासन को एक सप्ताह के भीतर व्यवस्था करने को कहा है ताकि हिंदू वहां पूजा कर सकें।बता दें कि नवंबर 1993 तक यहां पर पूजा-पाठ होता रहा था। लेकिन तब की राज्य सरकार ने तहखाने में पूजा-पाठ बंद करने के आदेश दिए थे।अब सवाल खड़ा होता है कि आखिर तहखाने से जुड़ा विवाद है क्या, जिसके कारण तहखान में पूजा-पाठ बंद करने के आदेश दिए गए?
ज्ञानवापी स्थित नंदी के मुख के सामने दक्षिणी दीवार के पास मौजूद तहखाने में वर्ष 1551 से व्यास पीठ स्थापित रहा। इसी व्यास पीठ से मां शृंगार गौरी की पूजा, भोग, आरती की जाती रही। वर्ष 1993 में राज्य सरकार यानी मुलायम सिंह के आदेश के जरिये पूजा-पाठ और परंपराओं को बंद करा दिया था।
मुलायम सिंह यादव की सरकार ने इसे अवैध रूप से बंद करा दिया था। साथ ही पूजा करने वाले पुजारियों को हटा दिया गया था।ज्ञानवापी परिसर के चारों ओर लोहे की बैरिकेडिंग भी करा दी गई थी। दिसंबर 1993 में ही तत्कालीन जिलाधिकारी ने व्यास पीठ के तत्कालीन पुजारी पंडित सोमनाथ व्यास के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाते हुए पूजा-पाठ पर रोक लगा दी। तहखाने में भी ताला लगा दिया था।
तहखाने में पूजा की मांग को लेकर सितंबर 2023 में याचिका दायर की गई थी। पूजा करने की मांग की याचिका सोमनाथ व्यास जी के नाती शैलेंद्र पाठक ने की थी। याचिका में मांग की गई थी कि तहखाने को डीएम को सौंप दिया जाए। जिसके बाद इस मामले को लेकर भी कई बार कोर्ट में सुनवाई हुई। 17 जनवरी को तहखाने को जिला प्रशासन ने कब्जे में ले लिया था और आज यानी 31 जनवरी को वाराणसी जिला कोर्ट ने तहखाने में पूजा करने से जुड़ा अपना फैसला सुनाया।
Jan 31 2024, 20:21