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नवागांव व जोजोबेड़ा माघे पर्व में गैर पारंपरिक वाद्ययंत्र व संगीत बजाने पर रोक


दोनों गांवों के ग्रामीणों ने संयुक्त बैठक कर लिये कई निर्णय

चाईबासा : कोल्हान के झींकपानी प्रखंड के नवागांव में नवागांव तथा मंझारी प्रखंड के जोजोबेड़ा के ग्रामीणों की संयुक्त बैठक नवागांव के ग्राम मुंडा मोरन सिंह तामसोय की अध्यक्षता में हुई। बैठक में माघे पर्व समेत उनसे जुड़े अन्य पर्वों पर विचार-विमर्श कर उसकी सर्वसम्मत तिथि तय की गयी। 

साथ ही पूरे प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी माघे पर्व के दौरान उनकी परंपराओं का ध्यान रखने पर जोर दिया गया। आदिवासी हो समाज महासभा के पूर्व संगठन सचिव विश्वनाथ तामसोय ने कहा कि हमारी संस्कृति विशिष्ट है। यही हमारी पहचान व अस्मिता है। हम प्रकृति पूजक हैं। इसलिये हमारा जीवन-दर्शन भी प्रकृति से ही प्रेरित है। इसलिये हमें अपनी गौरवशाली संस्कृति को बचाये रखना जरूरी है। और ये सब तब होगा जब हम अपनी परंपरा को नहीं भूलेंगे।

माघे पर्व में गैर पारंपरिक वाद्ययंत्र व संगीत बजाने पर रोक

बैठक में प्रितिवर्य की भांति इस वर्ष भी माघे पर्व के दौरान दोनों गांवों में गैर पारंपरिक वाद्ययंत्र जैसे डेक बॉक्स, डीजे व गैर पारंपरिक गीत जैसे नागपुरी, संबलपुरी बजाने पर रोक लगायी गयी। दिऊरी के घर से निकलर देशाऊली पहुँंचने तक और पूजा के दौरान ही मागे नारे लगाने की अनुमति रहेगी।

 ग्रामीणों ने कहा कि हरमगेया पर्व के दिन खेलकूद कार्यक्रम नहीं किया जाये। क्योंकि इसके चक्कर में उस दिन बोंगा-बूरू प्रभावित हो जाता है। निर्णय हुआ कि माघे पर्व (मरंग पोरोब) 23 फरवरी, बोड़ोबोंजी 11 फरवरी, ओते ईली 20 फरवरी, गौमारा 21 फरवरी, गुरीई पोरोब 22 फरवरी, जतरा पोरोब 24 फरवरी, हरमगेया 25 फरवरी को मनाया जायेगा। बैठक में दिऊरी मोहन तामसोय, जतरा दिऊरी लोरेंस तामसोय, सहायक दिऊरी श्याम मुंडा, सहायक दिऊरी ज्योतिष हेंब्रम, सहायक दिऊरी डूचा तामसोय, विश्वनाथ तामसोय, खुबसुरत कोड़ा, हरीश चंद्र तामसोय, चंद्रमोहन तामसोय, प्रताप सिंह तामसोय, गोल तामसोय, लपुड मुंडा, लक्ष्मी गोप, चिंतामणि गोप आदि मौजूद थे।

राज्यपाल ने आज ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा - लोकतंत्र मतदाता के लिए मताधिकार सशक्त हथियार है


सरायकेला : राज्यपाल श्री सी०पी० राधाकृष्णन ने आज आर्यभट्ट सभागार, रांची में आयोजित ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि लोकतंत्र में मतदाता के लिए मताधिकार सशक्त हथियार है।

 लोगों को जाति, धर्म, संप्रदाय एवं प्रलोभन से ऊपर उठकर अपने मताधिकार का प्रयोग करना चाहिए। इससे लोकतंत्र सुदृढ़ होगा। सुदृढ एवं सशक्त लोकतंत्र के हेतु भारत निर्वाचन आयोग द्वारा अपने स्थापना काल से ही सतत प्रत्यनशील है एवं मतदाताओं को जागरूक करने के लिए निरंतर कार्य किया जा रहा है। निर्वाचन आयोग द्वारा इस वर्ष का थीम रखा गया है- ‘वोट जैसा कुछ नहीं, वोट जरूर डालेंगे हम’।

 उन्होंने कहा कि इस थीम को सफल बनाने के लिए अधिक से अधिक संख्या में मतदान करें एवं मतदान के लिए लोगों को प्रेरित भी करें। 

राज्यपाल महोदय ने कहा कि लोकतंत्र का आधार जनमत है और जनमत का आधार मतदान है। एक योग्य व्यक्ति द्वारा मतदान देने से लोकतंत्र मजबूत होता है। मतदाता को जागरूक करने के लिए चुनाव आयोग द्वारा तकनीकी का भी उपयोग किया जा रहा है। सी-विजिल, बूथ एप्प, वोटर हेल्पलाइन एप्प, सुविधा एप्प इत्यादि इनके उदाहरण है। मतदाता जागरूकता के परिणाम भी परिलक्षित हुए हैं। झारखंड में मतदाता सूची में 9,81,690 नए मतदाता जोड़े गए हैं। यहां 22 जनवरी, 2024 को प्रकाशित अंतिम मतदाता सूची में मतदाताओं की संख्या 2,53,86,152 मतदाता हैं। 

राज्यपाल महोदय ने कहा कि झारखंड के मतदाता सूची में उनका भी नाम सम्मिलित हो गया है एवं वे अपने मताधिकार का प्रयोग अवश्य करेंगे। उन्होंने नए मतदाताओं को ‘मतदाता फोटो पहचान पत्र’ वितरित किया एवं सभी से अपने मताधिकार का प्रयोग करने का आह्वान किया। उक्त अवसर पर चुनाव में उत्कृष्ट कार्य करने वाले पदाधिकारियों को सम्मानित किया गया एवं सभी के द्वारा ‘मतदाता प्रतिज्ञा’ ली गयी।

14 वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर युवा मैराथन दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन


सरायकेला : भारत निर्वाचन आयोग नई दिल्ली के निर्देशानुसार 14वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर युवा मैराथन दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। 

मैराथन दौड़ समाहरणालय 

परिसर से प्रारम्भ होकर प्रखंड कार्यालय सरायकेला में समाप्त हुआ। उक्त दौड़ प्रयोगिता को पुलिस अधीक्षक डॉ विमल कुमार तथा अनुमंडल पदाधिकारी सरायकेला नें हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। 

जिसमे नृपराज प्लस टू उच्च विद्यालय के छात्र एवं जिले के विभिन्न विभाग के वरीय पदाधिकारी एवं कर्मियों नें भाग लिया। इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले नृप राज उच्य विद्यालय के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को सम्मानित किया गया।

राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर प्रखंड सभागार सरायकेला कार्यक्रम का आयोजन किया गया

प्रखंड सह अंचल सरायकेला सभागार में 14वां राष्ट्रीय मतदाता दिवस समारोह का अयोजन किया गया है। कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन उप विकास आयुक्त के द्वारा किया गया। उन्होंने उपस्थित सभी लोगों को स्वतंत्र एवं निष्पक्ष तरीके से अपने मताधिकार का प्रयोग करने की शपथ दिलाई। 

उन्होंने सभी को मतदाता दिवस की बधाई दी। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उप विकास आयुक्त नें कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर हम लोग 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रुप में मनाते हैं। इसका उद्देश्य जनमानस में मतदान के प्रति जागरूकता लाना है। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि सभी मतदाताओं को अपने मतदान के अधिकार के प्रति जागरूक होना चाहिए और लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए इसका उपयोग करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि मतदाता देश का भविष्य निर्धारित करते हैं क्योंकि उनका बहुमूल्य वोट नीति निर्माताओं को चुनता है।

कार्यक्रम में उपरोक्त के अलावा मुख्य रुप से परियोजना निदेशक आई. टी. डी. ए. श्री संदीप कुमार दुराईबुरु, उप निर्वाचन पदाधिकारी श्री कानूराम नाग, अनुमंडल पदाधिकारी श्रीमती पारुल सिंह, प्रखंड सह अंचलाधिकारी श्रीमती यस्मिता सिंह, जिला शिक्षा पदाधिकारी श्री जितेंद्र सिन्हा, जिला खेल पदाधिकारी श्री अमित कुमार, सोशल मीडिया प्रसार पदाधिकारी श्री नंदन उपाध्याय एवं अन्य सम्बन्धित पदाधिकारी नें भाग लिया।

झारखंड पुनरूत्थान अभियान के मुख्य संयोजक सन्नी सिंकु ने निर्माण कार्य के लिए अधिग्रहित होने वाले उपजाऊ जमीन का किया विरोध

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चाईबासा: केंद्र और राज्य सरकार द्वारा बड़े बड़े कॉरपोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए कोल्हान के पोड़ाहाट आदिवासी और मूलवासी खूंटकट्टी रैयतों की जमीन को बिना उचित प्रक्रिया पूर्ण किए ही राज्य सरकार जिला में पदस्थापित आला अधिकारियों द्वारा बहुफसली सिंचित भूमि को अधिग्रहण करने की विज्ञापन प्रकाशित करा रही है। 

यह बातें चाईबासा बायपास सड़क निर्माण के लिए चिन्हित बहुफसली सिंचित कृषि भूमि पर पदयात्रा का नेतृत्व कर रहे झारखंड पुनरूत्थान अभियान के मुख्य संयोजक सन्नी सिंकु ने कहा है।और आगे उन्होंने कहा ऐसे सुनियोजित षड्यंत्र सिर्फ एनएच 75ई पुटिदा से रघुनाथपुर चाईबासा बायपास सड़क निर्माण कार्य करने के लिए बहुफसली सिंचित कृषि भूमि को अधिग्रहण करने के लिए 14जनवरी 2024 को ठीक मकर सक्रांति और मागे पर्व के दिन विज्ञापन प्रकाशित कराया गया।

 जिला में विगत वर्ष एनएच 320G हाटगमरिया से कोलेबिरा सड़क निर्माण करने के लिए जिंतुगाड़ा से बड़ानंदा मौजा के बहुफसली सिंचित कृषि भूमि को अधिग्रहण करने के लिए जगन्नाथपुर बायपास सड़क निर्माण की विज्ञापन भी 22 अक्टूबर 2023 को दुर्गापूजा के बीच प्रकाशित किया गया था। जो यह दर्शाता है जानबूझकर इरादतन कोल्हान पोड़ाहाट के आदिवासी मूलवासियों की बहुफसली सिंचित कृषि जमीन को बड़े बड़े पूंजीपतियों के व्यापक हित में असंवैधानिक रूप से राज्य सरकार और सरकरीतंत्र भूमि अधिग्रहण करना चाहती है। सरकार और नौकरशाह के उन मनमानी के खिलाफ झारखंड पुनरूत्थान अभियान एक वर्षों से लगातार विरोध करते हुए चरणबद्ध आंदोलन कर रही है। 

कभी खूंटकट्टी रैयती जमीन मालिकों के साथ बैठक और धरना प्रदर्शन करके तो कभी खेतों और सड़क पर पदयात्रा करके। और कई बार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन,महामहिम राज्यपाल के साथ ही जिला के आला अधिकारियों को भी मांग पत्र प्रेषित किया गया। लेकिन इसके बाबजूद न राज्य सरकार और न ही जिला के आला अधिकारियों में कोई कार्यसंस्कृति बदलते दिखाई दे रही है। ऐसे में गैर राजनीतिक सामाजिक संगठन झारखंड पुनरूत्थान अभियान की महती दायित्व है कि कोल्हान पोड़ाहाट के खूंटकट्टी रैयती जमीन मालिकों और ग्रामीणों को जागरूक करें और अपने बहुफसली सिंचित कृषि भूमि को बचाने के लिए लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन करने के लिए उत्प्रेरित करें। कयोंकि हमारे पूर्वजों ने पीढ़ी दर पीढ़ी इस खूंटकट्टी जल,जंगल,जमीन से अपना जीविका चलाने के लिए ही झाड़ जंगल को साफ कर गांव बसाया,खेती योग्य जमीन तैयार किया। और इसी भू सम्पदा को बचाए रखने के लिए कोल्हान में ब्रिटिश सरकार से लड़ते हुए हमारे हजारों पूर्वजों ने बलिदान दिया था। झारखंड पुनरूत्थान अभियान के द्वारा आयोजित चाईबासा बायपास के लिए प्रस्तावित बहुफसली सिंचित कृषि भूमि से होकर की जा रही पदयात्रा के पहले दिन जिस तरह से रघुनाथपुर,सिंहपोखरिया,गितिलपी, तुईबीर, डोंकाहातू, टोलगोय, डोबरोसाई, टेकासाई,कातीगुटु के मौजा मुंडा और रैयतदार ग्रामीणों का जन समर्थन मिल रहा है। 

ख़ासकर, गुमढ़ा पीढ़ के रैयतों का यह जन समर्थन 25 मार्च 1820 को शहीद पार्क चाईबासा में हुई हो विद्रोहियों की शहादत की याद दिला दिलाती है। इसी गुमड़ा पीढ़ के हथियारबंद हो विद्रोहियों ने ब्रिटिश सरकार के द्वारा कोल्हान पोड़ाहाट में सबसे पहले भेजे गए लेफ्टिनेंट रफसेज़ को चाईबासा स्थित उनके कैंप कार्यालय में चारों तरफ से घेर लिया था। जब लेफ्टिनेंट रफसेज को ब्रिटिश हुकूमत के द्वार कोल्हान पोड़ाहाट पर कब्जा करने के लिए भेजा गया था। गुमड़ा पीढ़ के हथियारबंद हो विद्रोहियों द्वारा अपने को चारों ओर से घिरा हुआ देखकर अपनी जान बचाने के लिए लेफ्टिनेंट रफसेज ने सेना प्रमुख जॉन पीटर मेलोर्ड और गार्ड को गोली चलाने का आदेश जारी किया था। ठीक जहां पर शहीद पार्क चाईबासा बना है उसी स्थान पर इसी गुमड़ा पीढ़ के 50 हथियारबंद हो विद्रोहियों को अंग्रेजी सेना ने सीने में गोली मारकर निर्मम पूर्वक हत्या कर दिया था। उन वीर शहीद हो विद्रोहियों की याद में अंग्रजों ने शहीद पार्क का निर्माण कराया था।

 जिस शहीद पार्क को 6 अक्टूबर 1937 में तत्कालीन बिहार उड़ीसा के गवर्नर सर मॉरिस गार्नियर ने उद्घाटन किया था। फिर से कोल्हान पोड़ाहाट के अपनी भू सम्पदा यानी खूंटकट्टी बहुफसली सिंचित जमीन को बचाने के लिए इसी गुमड़ा पीढ़ से उन वीर शहीद हो विद्रोहियों के वंशजों का पदयात्रा में व्यापक जन समर्थन फिर से आंदोलन पोड़ाहाट में जन आंदोलन को बल मिलने का आसार दिखाई दे रहा है। पदयात्रा में शामिल गुमड़ा पीढ़ के मानकी शिव शंकर सवैया ने कहा कोल्हान पोड़ाहाट में जो मानकी मुंडा विनियम लागु है। यह कोल्हान पोड़ाहाट के वीर शहीद हो विद्रोहियों के कुर्बानी का परिणाम है। जिन वीर शहीद पूर्वजों ने अपनी इस्टेट और आजादी को कोल्हान पोड़ाहाट में बहाल रखने के लिए ब्रिटिश सरकार के खिलाफ 1820 से लगातार देश आजाद होने तक अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह करते रहा। सिंह पोखरिया मौजा मुंडा दीपू सिंह सवैया ने कहा कि हमारा मौजा के एक भी रैयतदार किसी भी परिस्थिति में एक इंच जमीन देने के लिए तैयार नहीं है।पदयात्रा का शुभारभ केलेंडे रघुनाथपुर गांव के एनएच सड़क से पूर्व सांसद चित्रसेन सिंकु ने राष्ट्रीय झंडा दिखाकर रवाना किया।पदयात्रा में गितिलपी मौजा के मुंडा बबलू सवैया,तुईबीर मौजा के मुंडा मैथ्यू देवगम, तोलगोयसाई के मुंडा मधु पुरती, डोबरोसाई मुंडा रोबिन पड़ेया, कातीगुटू मुंडा सिडेयु पुरती, अमृत मांझी, बबलू सिंकु, सुरेश सवैया,भालबद्र सवैया,नरेश सवैया,कोलंबस हांसदा,रेयान सामड,महेंद्र जामुदा,सुमंत सिकु, गुरुचरण सिंकू,नारायण पुरती,विकास केराई ,विनीत लगुरी ,बालकृष्ण 

डोरायबुरु,कमल किशोर सवैया,मनमोहन सवैया, सिंह बोई सवैया,सरिता सवैया, सोमबारी सवैया और सैकड़ों महिला पुरुष ने रघुनाथपुर,सिंह पोखरिया ,गितिलपी,तुईबीर, टोलगोय साई, डोबरो साई, काती गुटु,गांव के ग्रामीणों के साथ अपने अपने बहुफसली सिंचित कृषि भूमि खेत ही खेत में पदयात्रा का नेतृत्व प्रदान किया। जिसमें सभी गांव के रैयतदर सैकड़ों की संख्या में शामिल हुआ।

बजट 2024: आगामी वित्त वर्ष 2024-25 में सामाजिक सरोकार पर सरकार करेगी अधिक खर्च, पीएम आवास और आयुष्मान भारत पर रहेगा फोकस


नई दिल्ली। आगामी वित्त वर्ष 2024-25 में सामाजिक सरोकार पर सरकार अधिक खर्च करने जा रही है। आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री आवास योजना, पेयजल जैसी अन्य सामाजिक सेवाओं से जुड़े मदों में सरकार चालू वित्त वर्ष की तुलना में पांच प्रतिशत अधिक राशि का आवंटन कर सकती है। चालू वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में सरकार ने सामाजिक सेवाओं से जुड़े मदों में 22.4 लाख करोड़ रुपए का आवंटन किया था।

6.6 लाख करोड़ का आवंटन

वित्त वर्ष 2013-14 में सामाजिक सेवाओं से जुड़े मदों में सिर्फ 6.6 लाख करोड़ का आवंटन किया गया था। इस हिसाब से वित्त वर्ष 2013-14 से लेकर चालू वित्त वर्ष में सामाजिक सरोकार से जुड़े मदों में सालाना 14.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही। आर्थिक विशेषज्ञों के मुताबिक, आयुष्मान भारत मिशन के साथ स्वच्छता अभियान, पीएम आवास, पेयजल सुविधा जैसी स्कीम पर फोकस से व्यक्तिगत रूप से स्वास्थ्य पर होने वाले जेब से बाहर (आउट ऑफ पाकेट) खर्च में वित्त वर्ष 2014 से वित्त वर्ष 2019 के दौरान 16 प्रतिशत की कमी आई है।

40 प्रतिशत से अधिक लोगों के पास अपना घर नहीं

स्वास्थ्य पर होने वाले खर्च के लिए कर्ज में कमी से लोगों की आय बढ़ी है और इससे ग्रामीण खपत में बढ़ोतरी हुई।सूत्रों के मुताबिक, आयुष्मान भारत में अभी पांच लाख रुपए तक के हेल्थ इंश्योरेंस का कवर दिया जाता है जिसे बढ़ाकर 7.5 लाख रुपए तक किया जा सकता है। सभी को आवास मुहैया कराने पर सरकार का विशेष जोर रह सकता है। नीति आयोग के मुताबिक, अब भी 40 प्रतिशत से अधिक लोगों के पास अपना घर नहीं है।

जीडीपी को बढ़ाने में मिलेगी मदद

आर्थिक जानकारों के मुताबिक, सामाजिक सरोकार जैसे मदों में खर्च की बढ़ोतरी से लोगों के जीवन स्तर को ऊपर ले जाने में मदद मिलती है जिससे लोगों की उत्पादकता बढ़ती है और देश के जीडीपी को बढ़ाने में मदद मिलती है। इसलिए सरकार का फोकस इस दिशा में है।

मनरेगा के मद में भी बढ़ोतरी संभव

चालू वित्त वर्ष के बजट के आरंभ में मनरेगा के मद में सिर्फ 60,000 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया था जिसे पूरक अनुमोदन में बढ़ाकर 74,500 करोड़ कर दिया गया। लेकिन मनरेगा के मद में होने वाले खर्च को देखते हुए चालू वित्त वर्ष के आखिर तक इस मद में 98,000 करोड़ तक खर्च होने का अनुमान है। आगामी वित्त वर्ष के लिए सरकार इस खर्च को देखते हुए ही मनरेगा के मद में आवंटन करेगी।

अयोध्या के नए राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के लिए कैबिनेट ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का किया अभिनंदन


रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की ओर से कैबिनेट के सामने पेश प्रस्ताव में इसे भारत की आत्मा की प्राण प्रतिष्ठा बताया गया।

नई दिल्ली। अयोध्या के नए राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के लिए कैबिनेट ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अभिनंदन किया। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की ओर से कैबिनेट के सामने पेश प्रस्ताव में इसे भारत की आत्मा की प्राण प्रतिष्ठा बताया गया। कठिन अनुष्ठान के साथ प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के सफल आयोजन को ऐतिहासिक बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी को युग प्रवर्तक बताया गया।

प्राण प्रतिष्ठा के साथ नए युग की शुरुआतः अनुराग ठाकुर

कैबिनेट में पारित प्रस्ताव की जानकारी देते हुए सूचना व प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि जनता के बीच लोकप्रियता को देखते हुए प्रधानमंत्री जननायक तो पहले से हैं, लेकिन प्राण प्रतिष्ठा के साथ नए युग की शुरुआत के बाद नवयुग प्रवर्तक के रूप में सामने आए हैं।कैबिनेट में बैठे मंत्रियों ने प्राण प्रतिष्ठा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन का उल्लेख करते हुए कहा कि हजार सालों तक बरकरार रहने वाले मंदिर निर्माण और इससे हजार सालों तक देश को दिशा मिलने का काम होने के बाद हुई हुई कैबिनेट की पहली बैठक को भी सहस्त्राब्दी की कैबिनेट (कैबिनेट ऑफ मिलेनियम) कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी।

कैबिनेट ने पीएम मोदी का आभार व्यक्त किया

कैबिनेट के सदस्यों ने कहा कि हम सिर्फ मंत्री के रूप में नहीं, बल्कि भारत के एक सामान्य नागरिक रूप में आभार व्यक्त करते हैं। अनुराग ठाकुर के अनुसार प्रस्ताव में कहा गया है कि प्राण प्रतिष्ठा के दौरान उमड़ा जनसैलाब और उनके भावनाओं का उभार अद्वितीय था। आपातकाल के खिलाफ आंदोलन के दौरान आम लोगों के बीच एकता जरूर देखी गई थी, लेकिन वह एकता सिर्फ एक तानाशाह के खिलाफ और प्रतिरोधी आंदोलन की थी। भगवान राम के लिए उभरा जन सैलाव एक नए युग के प्रवर्तन का संकेत है।

प्रस्ताव में राम जन्मभूमि आंदोलन की चर्चा

प्रस्ताव के अनुसार राम जन्मभूमि आंदोलन स्वतंत्र भारत का एकमात्र आंदोलन था, जिसमें पूरे देश के लोग एकजुट हुए थे और करोड़ों भारतीयों की भावनाएं जुड़ी हुई थी। प्राण प्रतिष्ठा के दिन भावनाओं का ज्वार भी इसी से जुड़ा है। राम को भारत की नियति बताने वाले प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन का उल्लेख करते हुए प्रस्ताव में कहा गया कि इस नियति का वास्तव में मिलन 22 जनवरी को हुआ है।इसके बाद हुई पहली बैठक में शामिल होने पर मंत्रियों ने खुद को सौभाग्यशाली बताया और कहा कि ऐसा सौभाग्य कई जन्मों में एक बार मिलता है। प्रस्ताव में कहा गया कि स्वतंत्र भारत में होने वाली कैबिनेट की बैठकों में ही नहीं, बल्कि अंग्रेजी शासन काल में वायसराय की एक्जीक्यूटिव कौंसिल की बैठकों में भी ऐसा अवसर नहीं आया होगा।

हेल्थ टिप्स:वजन कम करना चाहते है तो नाश्ते में खाएं ये हेल्दी चीजे,तेजी से घटने लगेगा वजन


ब्रेकफास्ट यानी यानी सुबह का नाश्ता ब्रेकफास्ट को पूरे दिन का सबसे जरूरू मील माना जाता है. सुबह का नाश्ता बॉडी में दिनभर एनर्जी बनाकर रखता है. सुबह का नाश्ता ठीक से न खाने से पूरे दिन बार-बार भूख लगती है. वजन घटाने वाले ज्यादातर लोग अपने ब्रेकफास्ट को स्किप करते हैं. वही, कुछ लोग अपनी डाइट में प्रोटीन लेना शुरू कर देते हैं, जिससे उन्हें बार-बार भूख नहीं लगती और लंबे समय तक पेट भरा रहता है।

हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें को प्रोटीन फैट लॉस में बड़ी भूमिका निभाता है. इसके अलावा,ये मेटाबॉलिक रेट को भी हाई रखता है. आज यहां हम आपको कुछ ऐसी डिशेज के बारे में बताने वाले हैं, जो वजन कम करने वाले लोगों के लिए परफेक्ट मील हैं.

दलिया

दलिया को सुपरफूड भी कहा जाता है. ये खाने में जितना हेल्दी होता है, पचने में भी उतना ही आसान ही होता है. इसे खाने से बार-बार भूख नहीं है. सुबह के नाश्ते में दलिया खाकर वजन कम किया जा सकता है. अगर आप मीठा दलिया नहीं खाना चाहते हैं तो नमकीन भी बना सकते हैं.

पोहा

पोहा उत्तर भारत में खूब खाया जाता है. पोहा लो कैलोरी फूड माना जाता है. स्वाद और हेल्थ में पोहा अच्छा माना जाता है. पोहा बनाने के दौरान कई मसालों और सब्जियों का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे शरीर को कई सारे न्यूट्रिएंट्स मिलते हैं.

उपमा

साउथ इंडियन डिश उपमा भी खाने में बेहद टेस्टी लगता है. इसे पचाना भी आसान होता है. उपमा को लाइट नाश्ता माना जाता है, जो वेट लॉस के लिए जाना जाता है. ये कुछ ही मिनटों में तैयार हो जाता है.

अंडे की भुजिया

प्रोटीन के सबसे रिच सोर्स में अंडे को शामिल किया जाता है. सुबह के हेल्दी ब्रेकफास्ट में अंडे की भुजिया का ऑमलेट को शामिल किया जा सकता है. इसमें आप अपनी मनपसंद की सब्जियां बना सकते हैं.

सरायकेला : नारायण आईटीआई लुपुंगडीह चांडिल में संयुक्त बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर जी की जयंती मनाई गई


सरायकेला : नारायण आईटीआई लुपुंगडीह चांडिल में संयुक्त बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर जी की जयंती मनाई गई एवं उनके तस्वीर पर श्रद्धा सुमन पुष्प अर्पित किया गया इस अवसर संस्थान का संस्थापक डॉक्टर जटाशंकर पांडे जी ने कहा कि भारत के स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षक, राजनीतिज्ञ तथा बिहार राज्य के दूसरे उपमुख्यमंत्री तथा दो बार मुख्यमंत्री थे। 

लोकप्रियता के कारण उन्हें 'जननायक' कहा जाता है। 23 जनवरी 2024 को भारत सरकार ने उन्हें मरणोपरान्त भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारतरत्न से सम्मानित करने की घोषणा की है।कर्पूरी ठाकुर का जन्म भारत में ब्रिटिश शासन काल के दौरान समस्तीपुर के एक गांव पितौंझिया, जिसे अब कर्पूरीग्राम कहा जाता है, में नाई जाति में हुआ था।उनके पिताजी का नाम श्री गोकुल ठाकुर तथा माता जी का नाम श्रीमती रामदुलारी देवी था।

 इनके पिता गांव के सीमान्त किसान थे तथा अपने पारंपरिक पेशा बाल काटने का काम करते थे।उन्होंने 1940 में मैट्रिक की परीक्षा पटना विश्‍वविद्यालय से द्वितीय श्रेणी में पास की। 1942 का भारत छोड़ो आंदोलन छिड़ गया तो उसमें कूद पड़े। 

परिणामस्वरूप 26 महीने तक भागलपुर के कैंप जेल में जेल-यातना भुगतने के उपरांत 1945 में रिहा हुए। 1948 में आचार्य नरेन्द्रदेव एवं जयप्रकाश नारायण के समाजवादी दल में प्रादेशिक मंत्री बने। सन् 1967 के आम चुनाव में कर्पूरी ठाकुर के नेतृत्व में संयुक्त समाजवादी दल (संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी(संसोपा ) बड़ी ताकत के रूप में उभरीकर्पूरी ठाकुर सदैव दलित, शोषित और वंचित वर्ग के उत्थान के लिए प्रयत्‍नशील रहे और संघर्ष करते रहे। उनका सादा जीवन, सरल स्वभाव, स्पष्‍ट विचार और अदम्य इच्छाशक्‍त‌ि बरबस ही लोगों को प्रभावित कर लेती थी और लोग उनके विराट व्यक्‍त‌ित्व के प्रति आकर्षित हो जाते थे। 

बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में उसे प्रगति-पथ पर लाने और विकास को गति देने में उनके अपूर्व योगदान को सदैव स्मरण किया ।

इस अवसर मुख्य रूप से उपस्थित थे एडवोकेट निखिल कुमार, पवन कुमार महतो,देव कृष्ण महतो,गौरव महतो,अजय मंडल, कृष्ण पद महतो,निमाई मंडल,दिलीप हेंब्रम,नारायण हेंब्रम, आदि मौजूद रहे।

भारत से राजनयिक विवाद के बीच मालदीव ने फिर चली उल्टी चाल, चीन के जासूसी जहाज को घुसने की दी इजाजत


 भारत से राजनयिक विवाद के बीच मालदीव ने एक बार फिर उल्टी चाल चली है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को अपना मित्र बताने वाले मोहम्मद मुइज्जू ने भारत के खिलाफ नई साजिश रची है। उन्होंने चीन के जासूसी जहाज को अपने क्षेत्र में घुसने की इजाजत दे दी। भारत से तनावपूर्ण संबंधों के बीच मालदीव ने चीनी जहाज के माले आने की पुष्टि करते हुए कहा कि मित्र राष्ट्रों के जहाजों का स्वागत है। चीनी जहाज के कुछ हफ्तों में मालदीव पहुंचने की संभावना है। इसने भारत की चिंता बढ़ा दी है भारत की चिंता इसलिए भी गंभीर है क्योंकि पिछले साल चीन ने अपने जासूसी जहाज को श्रीलंकाई धरती पर उतारा था, तब भी काफी बवाल हुआ था।

मालदीव का राष्ट्रपति बनने के बाद से मोहम्मद मुइज़ू के उठाए कदम भारत के खिलाफ ही रहे हैं। मालदीव का सर्वेसर्वा बनने से पहले उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान भारतीय सेना की आलोचना की थी और जीतने पर भारतीय सेना को देश से बाहर करने का वादा भी किया था। राष्ट्रपति बनने के बाद मुइज्जू ने किया भी ऐसा ही। मुइज्जू सरकार ने भारत को सेना के वापस चले जाने के लिए 15 फरवरी तक का वक्त दिया है। इतना ही नहीं मालदीव की परंपरा को तोड़ते हुए मालदीव के राष्ट्रपति भारत न जाकर चीन दौरे पर गए। इसी महीने मुइज्जू ने शी जिनपिंग से मुलाकात की थी, यह उनकी पहली राजकीय यात्रा भी थी। 

एक स्वतंत्र खुफिया शोधकर्ता और ओपन सोर्स डेटा के अनुसार, एक चीनी जासूसी जहाज के जल्द ही मालदीव पहुंचने की संभावना है। बता दें कि चीनी जासूसी जहाज पिछले साल श्रीलंकाई धरती पर उतरा था, जिसके बाद चीनी जहाज पर भारत की जासूसी करने के आरोप भी लगे थे। चीन ने इस बार मालदीव के सहारे भारत पर निशाना साधने की कोशिश की है।

चीन के पास रिसर्च और जासूसी क्षेत्रों में जहाजों का सबसे बड़ा बेड़ा है, जिसके बारे में विशेषज्ञों का मानना ​​है कि यह वैज्ञानिक और सैन्य दोनों उद्देश्यों की पूर्ति करने में सक्षम है। रिपोर्ट के अनुसार, चीनी पोत जियांग यांग होंग 03 "हिंद महासागर क्षेत्र में प्रवेश कर रहा है और माले की ओर कदम बढ़ा चुका है। उधर, मालदीव ने भी पुष्टि कर दी है कि चीनी जहाज को उसने अपने क्षेत्र में आने की इजाजत दे दी है। मालदीव ने आधिकारिक बयान में कहा कि मित्र राष्ट्र चीन का उसके क्षेत्र में स्वागत है। उधर, हिन्द महासागर में चीन की उपस्थिति ने भारत की चिंता बढ़ा दी है।

चीनी जहाज कब निकला और कब पहुंचेगा मालदीव

शिपस्पॉटिंग पोर्टल Marinetraffic.com के आंकड़ों के अनुसार , जियांग यांग होंग 03 पोत 16 जनवरी को चीनी बंदरगाह से माले के लिए रवाना हुआ था। वर्तमान में जावा सागर में मंडराते हुए जहाज के 8 फरवरी के आसपास मालदीव पहुंचने की उम्मीद है, हालांकि उम्मीद यह भी है कि जहाज 30 जनवरी तक भी पहुंच सकता है। 

हालांकि इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है कि भारत ने चीन के जासूसी जहाज की यात्रा पर मालदीव के साथ आपत्ति व्यक्त की है या नहीं, लेकिन नई दिल्ली सरकार ने पहले भी ठोस कदम उठाए थे, जब चीनी जहाज ने पड़ोसी देश श्रीलंका का दौरा किया था। रक्षा सूत्रों का कहना है कि भारतीय नौसेना जहाज की गतिविधि पर नजर रख रही है।

घाटशिला में सुसनी जोबनी निवासी आयुर्वेद चिकित्सक के पुत्र का सड़क दुर्घटना में निधन


घाटशिला :19 जनवरी 2024 को घाटशिला के सुसनी जोबनी निवासी आयुर्वेद के चिकित्सक डॉ अनंत कालिंदी तथा उनके इकलौते पुत्र हरीश कालिंदी का  सड़क दुर्घटना में ट्रक के चपेट में आने से अकास्मिक निधन हो गया।  

इस दुर्घटना में उनके साथ अंगद कालिंदी भी गंभीर रूप से घायल हो गए। इस घटना की सूचना पाकर झारखंड कांग्रेस प्रदेश सचिव सह 20 सूत्री पूर्वी सिंहभूम जिला सदस्य श्री सनत कालटू चक्रवर्ती जी के द्वारा उनके घर जाकर उनके शोक संतृप्त परिवार से मिलकर उनको शोक संवेदना व्यक्त किया ।

उन्होंने कहा की फुलडुंगरी क्षेत्र में एनएच 18 पर हमेशा सड़क दुर्घटना होती रहती है परंतु एनएच ऑथरिटी और केंद्र सरकार को इससे कोई सरोकार नहीं हैं उनको सिर्फ नोट छापना है, दो - दो टोल बूथ बना दिया है । बस पैसा डालो गाड़ी चलाओ उसके बाद कुछ भी हो उनको देखना नहीं है ।

इस जगह पर सुरक्षा के नाम से दो क्रॉस प्वाइंट को बंद कर दिया गया है क्या इससे स्थायी समाधान हो जाएगा, क्या इस तरफ के लोग उस तरफ और उधर के लोग इधर आना जाना नहीं करेंगे.. सड़क के एक तरफ अनुमण्डल हॉस्पिटल है, स्कूल है, पर्यटन स्थल हैं जबकी दूसरे तरफ प्रखंड कार्यालय है, कोर्ट है, बाज़ार है क्या लोग इन सबका प्रयोग नहीं करेंगे ।  

हमने पहले भी इस मुद्दे पर आंदोलन किया था और मांग किया था की इस जगह पर गोलचक्कर या फिर अंडर पास हो ना चाहिए परंतु उस वक्त केन्द्र के सत्ताधारी पार्टी के नेताओ ने कहा था की इनको सड़क का बन जाना हज़म नहीं हो रहा है ये लोग विकास विरोधी है और उनके बहकावे में आकार हमें बहुत ज्यादा जनसमर्थन नहीं मिला था ।

हम आज भी एनएच अथॉरिटी से मांग करते हैं की इस जगह पर अभिलंब गोलचक्कर या अंडर पास बनवाया जाए ताकी आम जनता को सहुलियत हो तथा आम जनता से भी इस मुद्दे पर समर्थन की अपेक्षा करते है ।

इस मौके पर घाटशिला कांग्रेस प्रखण्ड अध्यक्ष श्री सत्यजीत सीट जी, भुजंग भूषण मन्ना जी, विजय सीट जी, विश्वनाथ प्रताप सहित अन्य उपस्थित रहे ।