69 वां अक्षयपात्रा केन्द्रीयकृत रसोई केन्द्र का राज्यपाल द्वारा मुकुंदगंज में हुआ शुभारंभ।
हज़ारीबाग: झारखण्ड के राज्यपाल महामहिम सीपी राधाकृष्णन के द्वारा शुक्रवार को मुकुंदगंज डेमोटांड़ में अक्षयपात्रा केन्द्रीयकृत रसोई केन्द्र का शुभारंभ किया गया।
मौके पर मौजूद लोगों को सम्बोधित करते हुए महामहिम ने कहा कि इस केन्द्रीयकृत रसोई के माध्यम से पूरे जिले के एक लाख बच्चों को गर्म, ताजा एवं पौष्टिक भोजन मिलेगा।
आधुनिक तकनिक से किचन का संचालन होगा, किचन के लिए अनाज एवं सब्जी की खरीदारी स्थानीय स्तर से होगी जिससे यहां के किसानों को आर्थिक लाभ होगा तथा अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। साथ ही कहा किएकीकृत रसोई से बच्चों को मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता समान रूप से मिलने से उनको सम्पूर्ण पोषण मिल सकेगा।
कहा कि बच्चों को अच्छा भोजना उपलब्ध कराना पुण्य का कार्य है, उन्हांेने विवेकानंद के वाक्य ‘भूखे को उपदेश की जगह खाना मिले’ को उद्धृत करते हुए कहा कि इस बात को समझते हुए अक्षय फाउण्डेशन इस तरह की किचन का संचालन न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी संचालित कर रहा है। हजारीबाग का यह केन्द्र झारखण्ड में इस तरह का पहला केन्द्रीयकृत किचन होगा जिसके माध्यम से एक समय पर एक लाख बच्चों के लिए पोषक भोजन तैयार कर उनके विद्यालयों तक पहुंचाया जाएगा।
उन्होंने अक्षय फाउण्डेशन के द्वारा एमडीएम की राशि में अक्षय के आधे से अधिक अंशदान के द्वारा भोजन की गुणवत्ता को सुनिश्चित कराये जाने की भी बात बताई।
इस अवसर पर सांसद जयंत सिन्हा ने कहा कि अक्षयपात्रा रसोई का लोकार्पण राज्य एवं जिला के लिए एतिहासिक है। बच्चों को सीधे तौर पर पोषक एवं प्रचुर मात्रा में आहार उपलब्ध कराने सहित स्थानीय कृषकों एवं आमजनों को रोजगार से जोड़ा जा सकेगा। पोषक आहार बच्चों का मानसिक एवं शारीरिक विकास में सहायक साबित होगा।
मौके पर सदर विधायक मनीष जायसवाल ने कहा कि अक्षयपात्र रसाई सेवा के तरीका है शिक्षा विभाग के लिए यह वरदान साबित होगा। साथ ही पौष्टिकता के मानकों पर यह केन्द्र खरा उतरेगा।
मौके पर फाउण्डेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के द्वारा केन्द्रीकृत रसोई के बारे में जानकारी दी गई कि इस तरह के 68 केन्द्र पूरे देश में पूर्व से संचालित हैं। हजारीबाग में यह केन्द्र प्रतिदिन एक लाख सरकारी स्कूल के बच्चांे को मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराएगी, जिसमें तहत पहली से आठवी कक्षा के बच्चे शामिल हैं। इसके निर्माण एवं संचालन में भारतीय विमानन पतनण प्राधिकरण, सीडबी केन्द्र एवं राज्य सरकार की महत्वपूर्ण भागीदारी है।
इस दौरान माननीय अतिथियों को केन्द्र के मशीनरी एवं कार्य प्रणाली से अवगत कराया गया। मौके पर डीएमएफटी मद से जिला के विभिन्न प्रखण्डों में 89 किचन शेड के शिलन्यास सहित जिला परिषद चौक स्थित पुस्तकालय एवं संग्राहालय का शिलन्यास किया गया।
महामहिम ने विनोबा भावे विश्विद्यालय परिसर में जनजातिय अध्ययन केन्द्र का उद्घाटन।
सफलता के लिए निरंतर रेस में बने रहें, सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ें: महामहिम
जनजातिय समाज की अपनी जीवनशैली तथा इनके दर्शन सबसे अलग होते हैं। इनके जीवन से आधुनिक समाज काफी कुछ सीख सकता है। इसी सोच के साथ राज्य का पहला जनजातिय अध्ययनकेन्द्र का शुभारंभ किया गया है। यह केन्द्र जनजातिय जीवन से संबंधित अध्ययन एवं शोध का महत्वपूर्ण केन्द्र बनेगा। उक्त बातें महामहिम ने विनोबा भावे विश्विद्यालय परिसर में जनजातिय अध्ययन केन्द्र का उद्घाटन के मौके पर कही। उदन्होंने कहा कि जनजातिय समाज को सशक्त करने के लिए शिक्षा के स्तर पर अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना होगा। साथ ही इन समुदायों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए इनकी महान सांस्कृतिक विरासत, व्यक्तित्व, महापुरूषों की जीवनी को सामने लाने की जरूरत है ताकि आने वाली पीढ़ी इनसे प्रेरणा ले सके। उन्होंने इस क्रम में भगवान बिरसा मुण्डा, सिद्धू-कान्हू, जतरा टाना-भगत आदि महापुरूषों का उदाहरण दिया। साथ ही कहा कि सरकारें जनजातिय समुदाय के बच्चों के सशक्तिकरण एवं उनको प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए एकलव्य विद्यालय संचालित करना एक सराहनीय कदम है। महापुरूषों के सम्मान में जनजातिय गौरव दिवस का आयोजन करना सरकार की संवेदनशीलता को प्रदर्शित करता है। उन्होंने जनजातिय दर्शन की तारीफ करते हुए कहा कि यह समाज प्रकृति पूजक हैं, प्रकृति के संरक्षण संवर्द्धन का संदेश इन्हीं एकमात्र समाज से मिलता है। यहां दहेजप्रथा नहीं है। महिला एवं पुरूषों में भेदभाव भी दिखाई नहीं देती है, जिन्हंे अन्य समाज भी सीख ले सकते हैं। मौके पर उन्होंने छात्रों से अपील की कि सफलता के लिए निरंतर रेस में बने रहें, सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ें। उन्होंने जनजातिय समाज से अपील की कि नशापान के बुराई से बचें, शराब न केवल आर्थिक विपन्नता की वजह वरण स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक है उन्होंने जनजातिय समाज को सरकार की योजनाओं से जुड़ने एवं उसका लाभ लेने की अपील की।
इस अवसर पर हजारीबाग सांसद जयंत सिन्हां ने कहा कि जिले में जनजातिय अध्ययन केन्द्र का शुभारंभ गर्व का विषय है। उन्होंनें केन्द्र के स्थापना में राज्य सरकार, जिला प्रशासन, विश्वविद्यालय प्रशासन एवं सांसदों के योगदान एवं अंशदान के लिए अभार जताते हुए कहा कि इस तरह का राज्य का पहला संस्थान है जिसका योजनाबद्ध तरीके से संचालित करना, संसाधनों से युक्त करना हमारी महत्वपूर्ण जिम्मेवारी है। उन्होंनंे इस संदर्भ में भविष्य की कार्ययोजना बताते हुए कहा कि यहां जनजातिय संग्राहालय बनाया जाएगा। इस अवसर पर सदर विधायक मनीष जायसवाल ने कहा इस केन्द्र के माध्यम से जनजातिय समुदाय के अतित को संजाने एवं भविष्य को संवारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इससे पूर्व महामहिम के द्वारा प्रांगन स्थित विनोबा भावे की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गई। साथ ही आठ करोड़ की लागत से निर्मित जनजातिय अध्ययनकेन्द्र का माननीय अतिथियों के द्वारा नारियल फोड़ कर एवं फीता काटकर विधिवत उद्घाटन किया गया। मौके पर महामहिम का परम्परागत तरीके से स्वागत किया गया, राष्ट्रगान एवं दीप प्रज्जवलन का कार्य भी किया गया। इस अवसर पर डीआईजी, कुलपति, उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, विश्वविद्यालय प्रशासन सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद थे।
Jan 22 2024, 13:43