स्कूल बंद करने पर गुस्से में KK पाठक ! DM के आदेश को बताया गलत...शिक्षा विभाग की अनुमति के बिना सरकारी विद्यालयों को बंद कैसे कर सकते हैं ? क्या शीतलहर सिर्फ स्कूलों पर ही गिरती है ?
औरंगाबाद : कार्यभार संभालते ही शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के.के पाठक ने तल्ख तेवर अपना लिए हैं. इस बार जिलाधिकारियों को सख्त हिदायत दी है. साथ ही स्कूल बंद करने के आदेश को तुरंत वापस लेने को कहा है. के के पाठक ने आज सभी प्रमंडल के आयुक्तों को पत्र लिखा है. जिसमें कहा है कि आपके क्षेत्राधिकार में जहां भी शीतलहर के मद्देनजर स्कूल बंद करने का आदेश निकाला गय़ा है उसे वापस लें. जहां तक सरकारी विद्यालयों का सवाल है इसकी अवधि सुबह 9:00 बजे से लेकर शाम 5:00 बजे तक है. इस समय अवधि को बदलने के संबंध में कोई भी आदेश निकालने से पहले शिक्षा विभाग की पूर्वानुमति आवश्यक है. बात-बात पर विद्यालय को बंद करने की परंपरा पर रोक लगाएं.
शीतलहर सिर्फ विद्यालयों पर ही गिरती हैं ?
केके पाठक ने कहा है कि सभी प्रमंडल के आयुक्त जिला अधिकारियों को सुझाव दें कि जब वह सर्दी या शीतलहर के चलते कोई आदेश निकलते हैं तो वह पूरे जिले पर समान रूप से लागू होना चाहिए. इस प्रकार का आदेश निकालते समय एकरूपता एवं समरूपता को ध्यान रखें. सभी प्रमंडल के आयुक्त को लिखे पत्र में के.के. पाठक ने कहा है कि जिला दंडाधिकारियों ने धारा -144 का आदेश पारित किया है. उसमें सिर्फ विद्यालयों को ही बंद किया गया है .जबकि अन्य संस्थाओं का जिक्र नहीं किया गया है.. जैसे कोचिंग संस्थान, सिनेमा हॉल, मॉल, दुकानें, व्यावसायिक संस्थान उनकी गतिविधियां या समय अवधि को नियंत्रित नहीं किया गया है. ऐसी स्थिति में जिला प्रशासन से पूछें कि यह कैसी शीतलहर है जो केवल विद्यालयों पर ही गिरती है? कोचिंग संस्थानों में नहीं गिरती है. जबकि इन कोचिंग संस्थानों में हमारे ही विद्यालय के बच्चे पढ़ने जाते हैं.
प्रमंडलीय आयुक्त स्कूल बंद करने का आदेश वापस कराएं
केके पाठक ने कहा है कि कई जिलों के जिलाधिकारी द्वारा जो यह आदेश जारी किया गया है यह गंभीर और वैधानिक मामला है. क्योंकि इसके तहत हम कानून की धारा 144 सीआरपीसी को इन्वोक करते हैं.
औरंगाबाद से धीरेन्द्र
Jan 20 2024, 17:27