पूर्व डिप्टी सीएम व बीजेपी राज्यसभा सांसद सुशील मोदी की मांग, नौकरी देने के मामले पर श्वेत-पत्र जारी करे बिहार सरकार
डेस्क : बिहार की महागठबंधन सरकार द्वारा पिछले कई महीनों से शिक्षक समेत कई अन्य विभागों में नियुक्ति पत्र बांटा जा रहा है। वहीं प्रदेश की सरकार द्वारा देशभर में सबसे ज्यादा नौकरी देने का दावा करते हुए इसे ऐतिहासिक कार्य बताया जा रहा है।
इधर इस मामले को लेकर विपक्ष ने राज्य सरकार पर हमला बोला है। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री व बीजेपी के राज्य सभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने सबसे ज्यादा नौकरियां देने और इतिहास रचने के बिहार सरकार के दावे को चुनौती दी है।
उन्होंने कहा है कि इस मुद्दे पर बिहार सरकार श्वेत पत्र जारी करे और बताए कि 17 महीने में किस विभाग में कितने लोगों को नई नौकरी मिली। कहा कि सरकार 2.17 लाख शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देने का दावा करती है, जबकि अधिकतम एक लाख नए शिक्षकों की बहाली हुई। 50 हजार शिक्षक बाहरी हैं और 50 हजार ऐसे जो पहले से नियुक्त थे। लेकिन दोबारा नियुक्ति पत्र दिया गया।
सुशील मोदी ने कहा कि बिहार की भाजपा-जदयू गठबंधन सरकार के समय सबसे ज्यादा 3.5 लाख शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी, लेकिन तब हमने न कोई बड़बोला दावा किया, न सामूहिक फोटो सेशन कराया था। उन्होंने कहा कि जो सरकार कैबिनेट की पहली बैठक में 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने वाली थी उसका 17 महीने बाद 3.6 लाख नौकरी और 5 लाख रोजगार देने का दावा गलत है। इस मसले पर सरकार को पूरा विवरण ब्योरा जारी करना चाहिए।
Jan 16 2024, 09:15