गिरिडीह: मौत के सुरंग में जाकर बैरल का उत्खनन कर रहे हैं मजदूर
गिरिडीह:- जिले की तिसरी प्रखंड के असुरहड्डी जंगलों में इन दिनों बैरल पत्थरों का उत्खनन धड़ल्ले से हो रही है। हैरत की बात है कि वन प्रक्षेत्र में होने के बावजूद वन विभाग द्वारा इस पर कोई रोक नहीं लगाया जा रहा है।
बता दें असुरहड्डी के जंगलों में अवैध तरीके से पूर्व में एक दो सुरंग संचालित होती थी परन्तु वर्तमान मे बेखौफ तस्कर अब लगभग दर्जनों की संख्या मे अवैध सुरंग बनाकर कर खादान संचालित कर रहे है।
इन अवैध सुरंगों में जाकर कई मजदूर अपनी जान जोखिम में डाल कर बैरल पत्थर का अवैध खनन कर रहे हैं। कईयों कि तो जान भी जा चुकी है। हालांकि पूर्व में वन विभाग के टीम द्वारा कई बार सुरंगों को जेसीबी मशीन के द्वारा ध्वस्त जरूर किया गया परन्तु वर्तमान मे वन विभाग के द्वारा संज्ञान नहीं लेने के कारण तस्कर धड़ल्ले से अवैध खदानों को संचालित कर रहे है।
मिली जानकारी के अनुसार पहले इस व्यवसाय में एक दो लोग संलिप्त थे किंतु वर्तमान मे इस अवैध कारोबार से दर्जनों से अधिक लोग जुड़ चुके हैं। स्थानीय लोगों के मुताबिक इस अवैध कारोबार मे क्षेत्र के कई नामचीन लोगों का नाम शामिल हैं।
बता दें कि जंगलों में उत्खनन किए जा रहे इन बैरल पत्थरों की बड़े शहरों एवं विदेशी बाजारों में काफी अधिक क़ीमत है जिस कारण लोग इस अवैध कारोबार में जुड़ते जा रहे हैं। ऐसे अवैध तरीके से प्राकृतिक खनिजों का धड़ल्ले से उत्खनन और बिक्री होने से ना सिर्फ सरकार के राजस्व कि बल्कि जंगलों एवं पर्यावरण को भी काफी नुकसान पहुंच रहा है।
इस सम्बन्ध में वनक्षेत्र पदाधिकारी अनिल कुमार बात करने पर बताया कि अवैध उत्खनन कि जानकारी मिली है जल्द ही टीम गठित कर कार्रवाई कि जाएगी साथ ही इस धंधे मे जुड़े अवैध कारोबारियों को चिन्हित कर कठोर कार्रवाई भी कि जाएगी। वन प्रक्षेत्र में किसी प्रकार का अवैध उत्खनन नहीं करने दिया जायेगा।
Jan 02 2024, 16:51