सउदी में फंसे झारखंड के 45 प्रवासी मजदूरों की सरकार से वतन वापसी की गुहार,
श्रमिकों द्वारा अपनी मांगों को ले हड़ताल करने पर कंपनी ने खाना-पीना किया बंद
गिरिडीह:सऊदी अरब में फंसे झारखंड के 45 मजदूरों के सामने अब भोजन का संकट खड़ा हो गया है। ये प्रवासी मजदूरों द्वारा लगातार गिड़गिड़ाकर सरकार से मुश्किल से छुटकारा दिलाने की मांग की जा रही है।
उनलोगों ने फिर से पांचवी बार वीडियो जारी कर एक बार फिर भारत सरकार और राज्य सरकार से मदद की गुहार लगाई है। मजदूरों का कहना है कि उनके पास न तो खाने-पीने के लिए कुछ है और न ही पैसे हैं।प्रवासी मजदूरो के हित में कार्य करनेवाले सिकन्दर अली ने भारत एवं राज्य सरकार से तत्काल मजदूरों की मदद करने की अपील की है।
उन्होंने कहा कि रोजगार के अभाव में झारखंड में आए दिन कहीं न कहीं से इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं। लोग रोजी रोटी की तलाश में विदेश जाते हैं, वहां उनको यातनाएं झेलनी पड़ती हैं। पलायन रोकने के लिए रोजगार की व्यवस्था करने की जरूरत है। इधर मजदूरों के परिजन काफी परेशान है और वे भी सरकार से मदद की मांग कर रहे हैं।वे जल्द से जल्द मजदूरों की वतन वापसी की लागातार अपील कर रहे हैं।
बता दें कि बीते 11 मई को सभी मजदूर कॉमर्शियल टेक्नोलॉजी कंपनी के कॉन्ट्रैक्ट पर ट्रांसमिशन लाइन में काम करने के लिए सऊदी अरब गए थे। इसके एवज में बतौर कमीशन 55 हजार रुपए नकद उन्हें देना पड़ा था।
बताते हैं कि काम के बदले लाइनमैन को 15 सौ रियाल (करीब 33 हजार), हेल्पर को 11 सौ रियाल (करीब साढ़े 24 हजार) के अलावा ओवरटाइम के लिए 750 रियाल तथा खाने-पीने के लिए अलग से 300 रियाल देने का आश्वासन मिला था। 7 महीना काम करवाकर कंपनी ने केवल 2 महीने की मजदूरी का भुगतान किया है।
बकाया मांगने पर कंपनी प्रबंधन द्वारा टाल-मटोल की जा रही है। जिसके बाद मजदूरों ने अपनी मांग को लेकर हड़ताल कर दिया तो कंपनी ने खाना-पीना देना तक बंद कर दिया। सऊदी अरब में झारखंड के 45 मजदूर फंसे हैं। इनमें 25 मजदूर हजारीबाग जिले से हैं। वहीं अन्य प्रवासी श्रामिक बोकारो और गिरिडीह जिले के हैं।
Dec 31 2023, 20:40