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रमन सिंह बोले- पता नहीं था कि इतना बड़ा अंडरकरंट है

रायपुर-   छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव की काउंटिंग के शुरुआती रुझानों में बीजेपी ने बड़ी बढ़त बनाई है। ऐसे में पूर्व सीएम और बीजेपी नेता रमन सिंह का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि इतनी बड़ी जीत का अंदाजा नहीं था। इतना बड़ा अंडरकरंट है, ये पता नहीं था।

 

रमन सिंह ने कहा कि तीनों राज्यों में बीजेपी की सरकार बनेगी। रमन सिंह ने कहा कि बीजेपी को जनता ने पूरा आशीर्वाद और समर्थन दिया है। जनता ने पीएम मोदी के नेतृत्व और गारंटी पर भरोसा जताया। पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जो समय दिया और बीजेपी सरकार की जो साढ़े 9 साल की उपलब्धियां हैं, जनता ने उस पर भरोसा जताया है।

दूसरे राउंड में 5334 वोटों से बृजमोहन अग्रवाल आगे

रायपुर-   दूसरे राउंड में 5334 वोटों से बृजमोहन अग्रवाल आगे है. बीजेपी ने 46 तो वहीं कांग्रेस ने 40 सीटों पर आगे है. धमतरी विधानसभा में तीसरे राउंड तक कांग्रेस से ओमकार साहू 5440 वोट से आगे चल रहे हैं. कांग्रेस से ओमकार साहू को 5840, भाजपा से रंजना साहू को 3217 वोट मिले हैं.

दूसरे राउंड में 5334 वोटों से बृजमोहन अग्रवाल आगे

वहीं सिहावा विधानसभा में तीसरे राउंड तक कांग्रेस के अंबिका मरकाम 1828 वोट से आगे चल रही है. यहां अंबिका मरकाम 5248 को वोट, श्रवण मरकाम को 4859 वोट मिले हैं. वहीं कुरुद विधानसभा में तीसरे राउंड तक भाजपा के अजय चंद्राकर 2530 वोट से आगे चल रहे हैं. कांग्रेस से तारिणी चंद्राकर को 4617, भाजपा से अजय चंद्राकर को 5334 वोट मिले हैं.

रायपुर के दक्षिण, पश्चिम, उत्तर सीट में बीजेपी आगे

रायपुर-   रायपुर के तीन सीट में बीजेपी आगे चल रही है. दक्षिण, पश्चिम, उत्तर में बीजेपी की बढ़त है. ग्रामीण में कांग्रेस लीड कर रही है. बता दें कि डाक मत पत्रों की गिनती समाप्त होने के बाद अब एवीएम से मतों की काउंटिंग शुरू हो गई है. रायपुर जिले के 7 विधानसभा सीटों में पोस्टल बैलेट के अब तक आए रुझान में भाजपा पांच सीटों में आगे चल रही है. वहीं कांग्रेस केवल दो सीटों में आगे है.

7 विधानसभा में कौन कहां आगे

रायपुर पश्चिम – भाजपा आगे

रायपुर उत्तर – भाजपा आगे

रायपुर दक्षिण – भाजपा आगे

रायपुर ग्रामीण – कांग्रेस आगे

धरसींवा – भाजपा आगे

आरंग – कांग्रेस आगे

अभनपुर – भाजपा आगे

BJP अध्यक्ष साव ने कहा – छत्तीसगढ़ में खिलेगा कमल, पूर्ण बहुमत से बन रही भाजपा सरकार

रायपुर-   बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने छत्तीसगढ़ में भाजपा की जीत का दावा किया है. अरुण साव ने कहा, जनता का भरपूर आशीर्वाद मिला है. भाजपा को पूर्ण बहुमत मिलेगा. साव ने कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, सरकार ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई. एग्जिट पोल पर साव ने कहा, हम पूरी तरह से आश्वस्त हैं. हमारे कार्यकर्ताओं ने परिश्रम की पराकाष्ठा पेश की है. पूर्ण बहुमत मिलेगा, हमें अपने कार्यकर्ताओं पर पूरा भरोसा है. कल छत्तीसगढ़ में कमल खिलेगा.

अरुण साव ने कहा, हमारी सरकार आई तो क्राइम करप्शन, कानून व्यवस्था पर खलल डालने वाले को नहीं छोड़ेंगे. कानून का बुलडोजर जरूर चलेगा. कल का दिन ऐतिहासिक होने वाला है. कार्यकर्ताओं में उत्साह का वातावरण है. जनता को कुशासन से छुटकारा मिले वो घड़ी आने वाली है. कल की मतगणना में भारतीय जनता पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलने वाला है. भाजपा की सरकार बनने वाली है. छत्तीसगढ़ आगे बढ़ेगा.

सीएम ने पीएम को चिट्ठी लिखी है. इस पर अरुण साव ने कहा, मुख्यमंत्री 5 साल से केवल चिट्ठी लिख रहे हैं, जो वादा किया वादा निभाया नहीं. छत्तीसगढ़ की जनता को धोखा देने का काम किया. अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन सरकार ने नहीं किया. अब छत्तीसगढ़ की जनता ने फैसला कर लिया है. भाजपा की सरकार बनने जा रही है.

ऑपरेशन लोटस को लेकर साव ने कहा, कांग्रेस डरी हुई है, घबराई हुई है. 5 साल जनता को लूटा है, इसलिए डरे हुए हैं. हम पूरी तरह से आश्वस्त हैं. कल छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनने जा रही है, हमें अपने कार्यकर्ताओं पर पूरा भरोसा हैं.

विधानसभा चुनाव की मतगणना कल : रायपुर में बंद रहेंगी 6 शराब दुकानें, कलेक्टर ने जारी किया आदेश

रायपुर-   छत्तीसगढ़ में 3 दिसंबर को विधानसभा चुनाव की मतगणना होगी. इसके चलते कलेक्टर ने राजधानी में कल शुष्क दिवस घोषित किया है. रविवार को मतगणना क्षेत्र के आसपास की कुल 6 शराब दुकानें बंद रहेंगी.

सेजबहार स्थित गवरमेंट इंजिनियरिंग कॉलेज में मतगणना होगी. मतगणना स्थल के समीप कुल 6 शराब भट्टी सहित 3 होटल-बार पूर्ण रूप से बंद रहेंगे. इसके लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी और कलेक्टर सर्वेश्वर भूरे ने आदेश जारी कर दिया है.

देख आदेश कॉपी –

आचार संहिता में जन सुनवाई बंद, केंद्र को भेजी गईं 1,925 शिकायतें, सर्वाधिक शिकायतें जमीन पर कब्जे की

रायपुर- विधानसभा चुनाव- 2023 की तिथियों की घोषणा के बाद से ही प्रदेशभर में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। इसकी वजह से जनशिकायतों की सुनवाई लगभग 50 दिनों से बंद है। तब से मुख्यमंत्री और कलेक्टर जनचौपाल में आम लोगों की शिकायतों की सुनवाई बंद हो गई है। इस दौरान लोगों ने केंद्रीय प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग, राष्ट्रपति, पीएमओ को शिकायतें भेजी हैं। इन दो माह में लगभग 1,925 शिकायतें केंद्र तक पहुंची हैं। जिनमें सबसे ज्यादा शिकायतें लोगों की जमीन से संबंधित हैं, जिसे रायपुर एसडीएम कार्यालय को ट्रांसफर किया गया है।

दूसरे नंबर पर पुलिस अधीक्षक रायपुर को शिकायतें भेजी गई हैं, जिसमें लोगों ने साइबर क्राइम से लेकर, मारपीट और धोखाधड़ी की घटनाओं में अपराध दर्ज नहीं होने को लेकर अपनी शिकायतें की थीं, जिस पर केंद्र से ही सभी शिकायतों को एसएसपी कार्यालय स्थानांतरित किया गया है।

इन विभागों से जुड़े मामलों की शिकायतें

लोक शिकायत विभाग और पीएमओ के पास की गई शिकायतें अधिकांश आदिमजाति विभाग, पर्यावरण संरक्षण मंडल, सीईओ रायपुर, सीएमएचओ रायपुर, नगर पालिका तिल्दा, कृषि विभाग, संचालक शिक्षा विभाग, खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग, श्रम विभाग, नगर निगम रायपुर, नगर निगम बिरगांव, नजूल अधिकारी, पुलिस अधीक्षक कार्यालय, आरडीए, एसडीएम तिल्दा, एसडीएम रायपुर, खेल एवं युवा कल्याण विभाग, एसडीएम आरंग, एसडीएम अभनपुर के पास निराकरण के पास अभी भी 73 शिकायतें लंबित हैं।

2,364 शिकायतें अब भी हैं लंबित

आचार संहिता के कारण मुख्यमंत्री जनचौपाल बंद होने तक 2,364 शिकायतें रायपुर में लंबित हैं। दूसरी ओर कलेक्टर रायपुर के पास भी 733 शिकायतें अभी भी निराकरण के लिए अटकी हुई हैं। इसकी मूल वजह निराकरण करने वाले अधिकांश अधिकारियों-कर्मचारियों की चुनाव ड्युटी प्रमुख है। जिसकी वजह से अब नई सरकार बनने के बाद ही इन शिकायतों का निराकरण होता दिखाई दे रहा है।

रायपुर कलेक्टर डा. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने कहा, जनचौपाल में लंबित शिकायतों का निराकरण किया जा रहा है। आचार संहिता की वजह से अभी जनचौपाल का आयोजन नहीं हो रहा है। आचार संहिता के बाद इसे शुरू किया जाएगा।

नई सरकार के गठन के बाद जनचौपाल

जिला प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि अब आचार संहिता खत्म होने के बाद यानी कि नई सरकार के गठन के बाद ही इसकी दोबारा से शुरुआत हो पाएगी। कलेक्टर जनचौपाल को एक साल पहले ही शुरू किया गया था।

विभिन्न कार्यालयों को भेजी गई शिकायतें

पीएमओ 1,407

राष्ट्रपति 24

प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग 57

कुल -1,925

छत्‍तीसगढ़ के इस जिले में महिलाओं के कंधों पर होगी मतगणना की पूरी जिम्‍मेदारी, कलेक्‍टर ने बताई ये वजह

कांकेर-   छत्‍तीसगढ़ में मतों की गणना तीन दिसंबर को होगी। मतगणना को लेकर तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इस बार बस्‍तर संभाग के कांकेर जिले में मतगणना की जिम्‍मेदारी महिलाओं के कंधे पर होगी। इसके लिए महिलाओं को आवश्‍यक प्रशिक्षण दिए गए हैं।

कलेक्‍टर प्रियंका शुक्ला ने कहा, "मतदान के दिन, हमने एक इंद्रधनुष थीम वाला मतदान केंद्र भी बनाया। हमने पांच अलग-अलग थीम पर मतदान केंद्र बनाए थे, जिनमें से इंद्रधनुष मतदान केंद्रों ने सबसे ज्यादा ध्यान आकर्षित किया। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि थर्ड जेंडर खुद को खास महसूस कराने के लिए किया था।

इस बार जिले में पूरी मतगणना महिलाएं करेंगी। मुख्य संदेश जो हम देना चाहते हैं वह यह है कि काम करने की क्षमता लिंग पर निर्भर नहीं करती है। लगभग 200 महिलाएं हैं इसके लिए प्रशिक्षित किया गया है, और रिजर्व जोड़ने के बाद संख्या बढ़ जाएगी।

कलेक्टर-एसपी ने लिया मतगणना स्थल का जायजा

इसी बीच मतगणना के लिए आवश्यक तैयारियों का जायजा लेने कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी डा. प्रियंका शुक्ला और एसपी दिव्यांग पटेल ने नाथिया नवागांव के शासकीय पालीटेक्निक कालेज का निरीक्षण किया। साथ ही अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।

अधिकारी द्वय ने अंतागढ़, भानुप्रतापपुर और कांकेर विधानसभा क्षेत्र के लिए तैयार किए गए अलग-अलग मतगणना कक्ष में आवश्यक व्यवस्थाओं का अवलोकन किया। इसके बाद उन्होंने ईटीपीबीएस स्कैनिंग रूम सहित मंच एवं मीडिया सेंटर का निरीक्षण कर अधिकारियों को भारत निर्वाचन आयोग से जारी नियमों व निर्देशों का कड़ाई से पालन करने के लिए कहा।

एग्जिट पोल से कांग्रेस-भाजपा के नेताओं की धड़कनें तेज, बागियों और तीसरे मोर्चे की पूछपरख बढ़ी

रायपुर-    छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को लेकर आए विभिन्न एग्जिट पोल ने कांग्रेस-भाजपा के नेताओं की धड़कनें तेज कर दी हैं। एग्जिट पोल में भले ही छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनती दिख रही हो, लेकिन कुछ सीटों पर मुकाबला कांटे का ही बताया जा रहा है।

एग्जिट पोल ने दो से पांच सीटों पर निर्दलीय व तीसरे मोर्चे के प्रत्याशियों के जीतने की भी संभावना जताई है। प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों में बहुमत के साथ सरकार बनाने के लिए 46 सीटें जीतनी होंगी। ऐसे में यदि कोई पार्टी दो-चार सीटों से चूकती है तो निर्दलीय व तीसरे मोर्चे से बनने वाले विधायकों पर नजर रहेगी। हालांकि प्रदेश का चुनावी इतिहास हमेशा कांग्रेस-भाजपा के बीच ही केंद्रित रहा है और तीसरी ताकतों ने सेंध लगाने के लिए प्रयास किए, लेकिन वे सफल नहीं हो पाईं।

पिछली बार विधानसभा चुनाव 2018 में प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस 68 सीट के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, भाजपा को 15 सीट मिली थी। जबकि जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़(जे) को पांच और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को दो सीटें मिलीं थीं। कांग्रेस भारी बहुमत में थी इसलिए तीसरे मोर्चे की जरूरत नहीं पड़ी। इस बार मामला कुछ अलग ही बनता दिख रहा है।

राजनीतिक प्रेक्षकों के अनुसार अगर दोनों ही दलों की सीट 45 या इसके आसपास तक पहुंची तो त्रिशंकु विधानसभा की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है। इस बार बस्तर में कांग्रेस के पूर्व नेता अरविंद नेताम की हमर राज पार्टी की पार्टी चुनावी मैदान में है ,जबकि प्रदेश के कुछ आइएएस अफसरों की ओर खड़ी की गई छत्तीसगढ़ महतारी पार्टी भी मोर्चे पर है। इसके अलावा जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जकांछ), आम आदमी पार्टी (आप), बसपा, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (गोंगपा) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआइ) सहित लगभग 60 राजनीतिक दल मैदान में हैं।

कांग्रेस-भाजपा दोनों चिंतित

कांग्रेस-भाजपा दोनों ही दल के नेता भले ही जीत को लेकर आश्वस्त नजर आ रहे हैं मगर पार्टियों को अपने विधायकों की खरीद-फरोख्त की भी चिंता सता रही है। यही कारण है कि जीतने के बाद किसी भी जीते हुए प्रत्याशी को पार्टिंयां एक घंटे भी अकेले नहीं छोड़ना चाहेंगी।

सूत्रों के अनुसार कांग्रेस-भाजपा दोनों ने चार्टर्ड प्लेन बुक कर लिया है। कांग्रेस सभी प्रत्याशियों को जीत का प्रमाण पत्र लेने के बाद रायपुर के वीआइपी रोड स्थित एक होटल में ठहराने की योजना बना ली है। इसके बाद उन्हें बैंगलुरू ले जाया जा सकता है। जबकि भाजपा भी अपने विधायकों को दिल्ली ले जा सकती है। मतदाताओं के रूझान के अनुसार एग्जिट पोल से इतर कांग्रेस-भाजपा दाेनों पार्टियों का 35-35 सीटों पर आसानी से जीत का आकलन किया जा रहा है मगर 20 ऐसी सीटे हैं जिनमें कड़ा मुकाबला है।

महिलाओं की ज्यादा भागीदारी से पार्टियां उत्साहित

प्रदेश की 90 में से 71 सीटों में इस बार मतदान बढ़ा है। इनमें 51 सीटें ऐसी हैं जहां महिला मतदाताओं का मतदान प्रतिशत वर्ष 2018 की तुलना में बढ़ा है। इससे कांग्रेस-भाजपा दोनों ही पार्टियां उत्साहित हैं और दावा है कि तीन दिसंबर काे मतगणना के बाद परिणाम उनके अनुकूल आएगा।

भाजपा का दावा है कि महतारी वंदन योजना में हर महीने एक हजार रुपये मिलने की योजना और 500 रुपये में रसोई गैस सिलेंडर मिलने की योजना में महिलाएं अधिक मतदान की हैं। जबकि सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस का दावा है कि किसानों की कर्ज माफी, महिला स्व सहायता समूहों की कर्ज माफी, हर वर्ग की महिलाओं को गैस सिलेंडर में 500 रुपये की सब्सिडी और गृह लक्ष्मी योजना में हर महिला को 15 हजार रुपये सालाना देने की घोषणा से महिलाओं का मत कांग्रेस के पक्ष में गए हैं।

बहुमत से बन रही है सरकार

छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा, पहली बात तो एग्जिट पोल के रूझान बता रहे हैं कि कांग्रेस की बहुमत से सरकार बन रही है। जहां तक तीसरे मोर्चों से संपर्क की बात है 

तो पार्टी पहले से ही सभी के साथ संपर्क में रहती है। तीन दिसंबर को क्या स्थिति बनती है, इसके बाद पार्टी आगे की रणनीति तय करेगी।

अंडर करेंट से बनेगी भाजपा की सरकार

छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, भाजपा स्पष्ट बहुमत से सरकार बना रही है। एग्जिट पोल में जो आंकड़े दिख रहे हैं उनमें सर्वे के सैंपल कुछ वर्ग तक सीमित है। भाजपा ने महतारी वंदन योजना में महिलाओं को 12,000 रुपये सालाना और एकमुश्त किसानों को भुगतान, बकाया बोनस जैसी घोषणाएं की है। जिसे लेकर अंडर करेंट है। इससे सरकार बनेगी।

तहसीलदार को मित्र बता 2 लाख में नामांतरण का दिया झांसा

रायपुर-   राजधानी रायपुर में लगातार किसानों के साथ धोखाधड़ी का मामला सामने आ रहा है। एक मामला ऐसा है जहां आरोपी ने स्वयं को तहसीलदार का मित्र बता पहले नामांतरण के नाम पर लाखों रुपए ऐंठे फिर कूटरचित दस्तावेजों के माध्यम से किसान की ज़मीन ही हड़प ली। इस मामले की शिकायत सिविल लाइन थाना में की गई है जहां पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।

आपको बता दे की पीड़ित किसान रूपेंद्र कुमार जांगड़े के स्वर्गीय पिता सुखेलाल जांगड़े के नाम पर ग्राम पंडरीतराई स्थित भूमि के नामांतरण की प्रक्रिया के लिए उसने जमीन दलाल विकास राकुंडला से संपर्क किया जिस पर विकास ने स्वयं को तहसीलदार का मित्र बताते हुए 2 लाख रुपयों में नामांतरण करवा देने का आश्वासन देते हुए 1 लाख रुपए लिए जिसके बाद किसान व उसकी माता को जालसाजी कर उनसे मुख्यतार नामा लेते हुए स्वयं के पिता व मित्र के नाम पर उक्त भूमि की रजिस्ट्री कर ली। अब किसान का आरोप है की उक्त भूमि के वारिसान सूखेलाल की तीनो बेटियां भी थी, जिनके ना कही हस्ताक्षर मौजूद है ना ही किसी अन्य प्रकार के दस्तावेज, साथ ही मुख्तयार नामा केवल न्यायिक प्रक्रिया में उपयोग हेतु दिया गया था ना की ज़मीन बेचने के लिए। ये सब के अलावा किसान ने यह भी आरोप लगाया है की रजिस्ट्री में दर्शाई गई राशि गलत है, रजिस्ट्रार ने उक्त भूमि का बिना स्थल निरीक्षण किए ही बैनामा पंजीयन हेतु अनुमति दे दी जिससे शासन को भी राजस्व का नुकसान हुआ है।

किसान ने रायपुर तहसील की प्रक्रिया पर भी सवालिया निशाना खड़े करते हुए आरोप लगाया है की फर्जी दस्तावेजों की बिना जांच किए, असली हकदारों के बिना हस्ताक्षर किए,बिना नोटिस तामील कराए,बड़ी रफ्तार के साथ जिस प्रकार से आरोपी के पक्ष में नामांतरण की कार्यवाही की गई है, इसमें अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध नज़र आ रही है। अब किसान ने न्याय के लिए पुलिस का दरवाज़ा खटखटाया है, देखना यह होगा कि कब तक पुलिस मामले की जांच कर आरोपी को हिरासत में लेकर उचित कार्यवाही करती है, क्युकी अगर कार्यवाही नही होती तो ऐसे अपराधियों के हौसले बुलंद होते चले जायेंगे और छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में किसान प्रताड़ित होते रहेंगे।

निर्दलीय प्रत्याशी ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव रद्द करने हाईकोर्ट में दायर की याचिका, चुनाव आयुक्त पर केस दर्ज की भी मांग, जानिए मामला

रायपुर-   निर्दलीय प्रत्याशी ने छग हाई कोर्ट में याचिका दायर कर विधानसभा चुनाव रद्द करने की मांग की है। प्रत्याशी ने याचिका में कहा है कि आचार संहिता के बाद मतदाताओं को लुभाने के लिए की गई घोषणाएं नियमों का उल्लंघन है। उन्होंने हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की है।

रायगढ़ के निर्दलीय प्रत्याशी राधेश्याम शर्मा ने दायर याचिका में बताया कि चुनाव आयोग ने जिस दिन विधानसभा चुनाव 2023 की अधिसूचना जारी की, उसी दिन से आदर्श आचार संहिता लागू है। इसके बाद कांग्रेस- भाजपा दोनों प्रमुख दलों ने किसानों को कर्ज माफी, बेरोजगारों को रोजगार देने, महिलाओं को नगद राशि और मुफ्त गैस सिलेंडर देने की घोषणा कर मतदाताओं को लुभाने का प्रयास किया है। यह चुनाव आयोग के निर्देशों का उल्लंघन है।

मालुम हो कि आचार संहिता लागू होने के बाद मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए इस तरह की घोषणाएं नहीं की जा सकती। याचिका में कहा गया है कि केंद्रीय और राज्य चुनाव आयोग के संरक्षण में मतदाताओं को प्रलोभन देने का खुला खेल चला है, इसके लिए चुनाव आयुक्त को पद से हटाकर उनके खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्जकिये जाने की मांग की है, उन्होंने कहा है कि कांग्रेस और भाजपा की राजनीतिक दल की मान्यता रद्द की जाए। याचिका पर सुनवाई के संबंध में अभी कोई निर्णय कोर्ट ने नहीं लिया है।

कांग्रेस-बीजेपी ने किया उल्लंघन

छत्तीसगढ़ में औद्योगिकीकरण सहित जनहित के मामलों को लेकर आंदोलन करते रहे सामाजिक कार्यकर्ता राधेश्याम शर्मा ने हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की है. इसमें उन्होंने बताया कि वे रायगढ़ से बतौर निर्दलीय प्रत्याशी विधानसभा चुनाव लड़ा, जिसमें उन्हें बेबी वॉकर चुनाव चिन्ह आवंटित किया गया था. उन्होंने याचिका में बताया है कि विधानसभा चुनाव 2023 के लिए केंद्रीय चुनाव आयोग ने जिस दिन अधिसूचना जारी की, उसी दिन से राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई. इसके बाद भी कांग्रेस और भाजपा जैसे प्रमुख राजनीतिक दलों ने आचार संहिता लागू होने के बाद मतदाताओं को लुभाने के लिए कर्जमाफी, बेरोजगारों को रोजगार देने, महिला स्वसहायता समूह की कर्ज माफी, महिलाओं को मुफ्त में गैस सिलेंडर, आर्थिक प्रलोभन जैसे कई घोषणाएं की है, जो चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है।

आचार संहिता दूषित हुई

राधेश्याम शर्मा ने हाईकोर्ट में दायर याचिका में चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों का उल्लेख करते हुए कहा कि केंद्रीय और राज्य चुनाव आयोग के संरक्षण में दोनों राजनीतिक दलों ने लोक लुभावन घोषणा पत्र जारी किया है. इससे स्वस्थ्य लोकतंत्र की स्थापना संभव नहीं है. आचार संहिता के बीच राजनीतिक दलों ने जिस तरह से मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए प्रलोभन देकर घोषणाएं की है और आर्थिक लाभ देने का झांसा दिया है. इससे आचार संहिता पूरी तरह दूषित हो गई है।