गिरिडीह:श्रम विभाग द्वारा भेजे गए पत्र से निजी स्कूल संचालकों में मची खलबली
गिरिडीह: झारखण्ड सरकार के श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग सहायक श्रमायुक्त का कार्यालय, गिरिडीह द्वारा जिले के सभी प्रखंडों में संचालित सभी निजी विद्यालयों को
विभाग अंतर्गत निर्धारित समस्त अहर्ताओं को पूर्ण करने के लिए निर्धारित समय में पंजियाँ एवं अभिलेख परीक्षणार्थ उपस्थापित करने का निर्देश दिया गया है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए श्रमायुक्त श्री रवि शंकर ने बताया कि सरकार के आदेश पर यह कार्रवाही की जा रही है,साथ इसमें कोताही बरतने वाले स्कूलों तथा स्कूल संचालकों/प्रिंसिपल के विरुद्ध नियत समय उपरांत केस दर्ज किया जाएगा।
बता दें कि उक्त संबंध में पूरे गिरिडीह जिले के अन्य सभी प्रखंडों समेत डुमरी प्रखंड के निजी स्कूलों को उक्त आदेश भेजे गए हैं। जबकि समाचार भेजे जाने तक कई स्कूल संचालकों ने बताया कि उन्हें ऐसे कोई आदेश प्राप्त नहीं हुए हैं।इस पर विभाग द्वारा जानकारी दी गई कि बाकी सभी विद्यालयों को भी उक्त आदेश संबंधी पत्र भेजे गए हैं,जो देर सबेर उन्हें अवश्य प्राप्त हो जाएंगे।पत्र पंजीकृत डाक द्वारा भेजे गए हैं तथा भेजे जा रहे हैं।
श्रम विभाग द्वारा इन स्कूलों में कार्यरत समस्त कर्मियों के हितों के रक्षार्थ विधि विधानों के तहत इन संस्थानों को अच्छादित करने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है।साथ ही मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 एवं झारखण्ड नियमावली, 1964 के अंतर्गत पोषित पंजियाँ एवं अभिलेख परीक्षणार्थ उपस्थापित करने की बात कही गई है।
कहा गया है कि उपदान संदाय अधिनियम, 1972 एवं उपदान संदाय नियमावली, 1972 के अंतर्गत आपके प्रतिष्ठान / कारखाना में कार्यरत सभी कर्मचारियों को उपदान का लाभ दिया जाना है। साथ ही इस अधिनियमान्तर्गत पोषित पंजी एवं अभिलेख निरीक्षक को यथाशीघ्र उपलब्ध कराना अनिवार्य है। आपके संस्थान
द्वारा उपदान से संबंधित विवरणी निरीक्षक को अबतक उपलब्ध नहीं कराई गई है।अतएव आपको निदेश दिया जाता है कि उपदान संदाय अधिनियम, 1972 एवं उपदान संदाय नियमावली, 1972 के तहत पोषित की जाने वाली निम्नलीखित पंजियाँ एवं अभिलेख अद्योस्ताक्षरी के समक्ष निर्धारित तिथि तक परीक्षणार्थ उपस्थापित करें।
साथ ही उक्त पत्र के साथ भेजे गए एक अन्य पत्र में लिखा है कि मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 एवं झारखण्ड नियमावली, 1964 के अंतर्गत आपके प्रतिष्ठान में कार्यरत महिला कर्मचारियों को मातृत्व प्रसुविधा का लाभ दिया जाना है। साथ ही इस अधिनियमान्तर्गत पोषित पंजी एवं अभिलेख निरीक्षक को उपलब्ध कराना अनिवार्य है। आपके संस्थान की विवरणी निरीक्षक को अबतक उपलब्ध नहीं कराई गई है।
निर्धारित तिथि तक उपरोक्त सभी पंजी एवं अभिलेख परीक्षणार्थ उपास्थापित नहीं किया जाता है तो इस अधिनियम के अंतर्गत बने प्रावधानों का उल्लंघन मानते हुए विधि-सम्मत अग्रेतर कार्रवाई की जायेगी।
Nov 24 2023, 21:39