आलू बोआई के लिए चल रहा उपयुक्त समय, भरपुर मात्रा में उपलब्ध हैं बीज
वैशाली: आलू रोपाई का अभी उपयुक्त समय चल रहा हैं. दूसरी ओर पिछली साल आलू की कीमत में कमी को देखते हुए इस बार आलू की खेती कम होने की उम्मीद हैं. आलू बीज की कमी अभी बाजार में नहीं है.
किसान व व्यापारी बीज के लिए आलू कोल्ड स्टोरेज में रखते हैं. वहां से अब आलू निकालकर बेच रहे हैं. किसान बताते हैं कि वह हर साल आलू की खेती करते हैं. इस बार रकवा कम रहेगा.
बताया कि आलू का बीज बाजार में 8 से 10 रूपये किलो बिक रहा हैं. जब आलू की फसल निकल रही थी. उस समय आलू की कीमत चार रुपये किलो थी. किसान उसको कोल्ड स्टोरेज में रखे. अब जब बोआई के समय आलू वहां से निकाल रहे तो खर्च करीब पांच रूपये तक जा रहा हैं. अब आलू की खेती करने में उतना फायदा नहीं हैं. बीज वाला आलू छह रूपये किलो बेचना पड़ रहा हैं. अगर किसान कोल्ड स्टोरेज से लाकर उसको प्रोसेसिंग करके यानी सुखाकर तैयार करने के बाद बेच रहा हैं तो उसकी कीमत 8 से 10 के बीच हैं. अधिकांश किसान बड़े पैमाने पर पर आलू की खेती नहीं करेंगें. आलू की बीज आसानी से मिल रही हैं
रबी की फसल के लिए उपयुक्त समय चल रहा हैं. किसान गेहूं के साथ-साथ आलू की रोपाई कर रहे हैं उर्वरक व बीज की कमी नहीं रहें. इसको लेकर निगरानी की जा रही हैं.
उपचार के बाद करें रोपाई
ग्रामीण कृषि मौसम सेवा, कृषि मौसम विभाग जलवायु परिवर्तन पर उच्च अध्ययन केन्द्र डा. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविधालय पूसा के विज्ञानी डा. गुलाब सिंह ने किसानों को सुझाव दिया कि आलू की रोपाई प्राथमिकता से करें.
कुफरी चन्द्रमुखी, कुफरी अशोका, कुमारी बादशाह, कुफरी ज्योति, कुफरी सिंदुरी, कुफरी अरूण, राजेन्द्र आलू-1, कुफरी सिंदुरी, कुफरी अरूण, राजेन्द्र आलू-3 इस क्षेत्र के लिए अनुबंधित किस्में हैं. बीज दर 20-25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर रखें. पंक्ति से पंक्ति की दूरी 50-60 सेमी एवं बीज से बीज की दूरी 15-20 सेमी रखें.
बताया कि आलू को काट कर लगाने पर 2 से 3 स्वस्थ आंख वाले टुकड़े को उपचारित कर 24 घंटे के अन्दर लगाएं . बीज को एगलौल या एमीसान के 0.5 प्रतिशत घोल या एथेन एम 45 के 0.2 प्रतिशत घोल या एथेन एम 45 के 0.2 प्रतिशत घोल में 10 मिनट तक उपचारित कर छाया में सुखाकर रोपनी करें. समूचा आलू लगाना श्रेयस्कर हैं. खेत की जुताई में कम्पोस्ट 200-250 क्विंटल, 75 किलोग्राम नाइट्रोजन, 90 किलोग्राम फास्फोरस एवं 10 किलोग्राम पोटाश प्रति हेक्टर की दर से प्रयोग करें. इस विधि से आलू की खेती करने से बेहतर लाभ होगा.
Nov 22 2023, 08:08