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पुलिस की उदासीनता से हताश परिवार ने मीडिया से मांगी मदद

रायपुर-   बेमेतरा जिला के ग्राम देवरबीजा के सुनीत सोनी ने प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता कर बताया कि अनिल सोनी के द्वारा हमारी जमीन हड़पने की तमाम कोशिश को सभी स्तर में विफल करने के कारण वह हमारे परिवार को कारण अकारण परेशान, प्रताड़ित करने में तुला हुआ है

और शायद किसी भी हद तक जा सकता है जिससे घर परिवार के लोग मेरे साथ भयभीत है और पुलिस प्रशासन से सहयोग नही मिलने पर हम सब अधिक आशंकित है क्योंकि पुलिस में हमारे द्वारा शिकायत के बावजूद किसी प्रकार की कभी कार्रवाई नही होने से उसके हौसले बुलंद है

इस बात की जानकारी गांव समाज के लोगो से मुलाकात बातचीत से पता चलता है और पिछले कुछ समय में हुए तमाम घटनाक्रम से हमारे आशंका को भी बल मिलता है जिससे हम सब अधिक भयभीत है इसलिए आपके माध्यम से शासन प्रशासन तक अपनी बात पहुचाने का प्रयास है जिससे शासन प्रशासन के दखल से हमें न्याय मिल सके और हमारा परिवार भय के साये से मुक्त रह सके क्योंकि हम सब बहुत परेशान और प्रताड़ित है ।

सुनीत ने बताया कि बेमेतरा में हमारे परिवार की आबादी जमीन जो विद्या बाई सोनी के नाम पर है, खसरा नम्बर 987 का टुकड़ा खसरा 460/ 3 जिसका रकबा 2.5 डिसमिल है।जिसमें सन 1962 से स्व. कृष्ण कुमार सोनी के परिवार का कब्जा रहा है और जिसका अधिकार पत्र हमारे पास है उसे हमारे सोनी परिवार के मेरे रिश्ते में भाई, बड़े पिता जी की संतान अनिल कुमार सोनी, जो व्याख्याता है तथा बेमेतरा में ही पदस्थ है उनके द्वारा अपनी पहुंच और राजनीतिक रसूख का दुरुपयोग कर हमारे जमीन को हड़पने का प्रयास जा रहा है।

जबकि हमारे पक्ष में तहसीलदार एवं कोर्ट का आदेश भी है इसके बावजूद राजनीतिक पहुंच एवं सरकारी संरक्षण में हमारे स्वामित्व की जमीन पर कुछ समय पहले मंदिर बनाने के नाम से भूमिपूजन कर निर्माण कार्य भी प्रारंभ किया गया था। जिसे बहुत ही मुश्किल से पुरजोर विरोध कर हमारे द्वारा रोकवाया गया था और पुलिस में शिकायत भी किया गया था पर पुलिस चौकी प्रभारी द्वारा जमीन संबंधी प्रकरण में पुलिस का हस्तक्षेप नही होता बताया गया जबकि पुलिस वाले हमारे जमीन पर हमारे द्वारा लगाए गए टीन शेड आदि को उखाड़ने और थाने के पास ही मैदान में रखने/ रखवाने वालो के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नही किये।

जिसके लिए पुलिस विभाग के आला अधिकारियों से भी कई बार आवेदन/ फरियाद किया गया जिसपर कोई सुनवाई भी नही होती, और किसी प्रकार की कोई कार्रवाई तो दूर की बात है उलट हमसे एसपी साहब दुर्व्यवहार करते है की बार बार शिकायत लेकर आते हो, जबकि हमारे द्वारा अनेकों बार प्रमाण सहित शिकायत पर कोई भी कार्रवाई ही नही कि जाती जिससे पुलिस की मिलीभगत की आशंका प्रबल होती है।

सुनीत ने कहा कि बीते दिनों स्थानीय विधायक एवं विस चुनाव प्रत्याशी के चुनाव प्रचार के दौरान किये गए ट्वीट में भी अनिल सोनी साथ थे (तस्वीर संलग्न) जिससे विधायक से करीबी संबन्ध भी स्पष्ट प्रतीत होता जो हमारे जमीन में मन्दिर निर्माण के लिए भूमिपूजन में भी शामिल हुए थे। सुनीत ने पत्रकार वार्ता में पत्रकारों से अपने पक्ष के अनेक दस्तावेजो को भी साझा किया जो उनके पक्ष में है।

पुलिस की उदासीनता से हताश परिवार ने मीडिया से मांगी मदद

रायपुर- बेमेतरा जिला के ग्राम देवरबीजा के सुनीत सोनी ने प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता कर बताया कि अनिल सोनी के द्वारा हमारी जमीन हड़पने की तमाम कोशिश को सभी स्तर में विफल करने के कारण वह हमारे परिवार को कारण अकारण परेशान, प्रताड़ित करने में तुला हुआ है और शायद किसी भी हद तक जा सकता है जिससे घर परिवार के लोग मेरे साथ भयभीत है और पुलिस प्रशासन से सहयोग नही मिलने पर हम सब अधिक आशंकित है क्योंकि पुलिस में हमारे द्वारा शिकायत के बावजूद किसी प्रकार की कभी कार्रवाई नही होने से उसके हौसले बुलंद है इस बात की जानकारी गांव समाज के लोगो से मुलाकात बातचीत से पता चलता है और पिछले कुछ समय में हुए तमाम घटनाक्रम से हमारे आशंका को भी बल मिलता है जिससे हम सब अधिक भयभीत है इसलिए आपके माध्यम से शासन प्रशासन तक अपनी बात पहुचाने का प्रयास है जिससे शासन प्रशासन के दखल से हमें न्याय मिल सके और हमारा परिवार भय के साये से मुक्त रह सके क्योंकि हम सब बहुत परेशान और प्रताड़ित है ।

सुनीत ने बताया कि बेमेतरा में हमारे परिवार की आबादी जमीन जो विद्या बाई सोनी के नाम पर है, खसरा नम्बर 987 का टुकड़ा खसरा 460/ 3 जिसका रकबा 2.5 डिसमिल है।जिसमें सन 1962 से स्व. कृष्ण कुमार सोनी के परिवार का कब्जा रहा है और जिसका अधिकार पत्र हमारे पास है उसे हमारे सोनी परिवार के मेरे रिश्ते में भाई, बड़े पिता जी की संतान अनिल कुमार सोनी, जो व्याख्याता है तथा बेमेतरा में ही पदस्थ है उनके द्वारा अपनी पहुंच और राजनीतिक रसूख का दुरुपयोग कर हमारे जमीन को हड़पने का प्रयास जा रहा है। जबकि हमारे पक्ष में तहसीलदार एवं कोर्ट का आदेश भी है इसके बावजूद राजनीतिक पहुंच एवं सरकारी संरक्षण में हमारे स्वामित्व की जमीन पर कुछ समय पहले मंदिर बनाने के नाम से भूमिपूजन कर निर्माण कार्य भी प्रारंभ किया गया था। जिसे बहुत ही मुश्किल से पुरजोर विरोध कर हमारे द्वारा रोकवाया गया था और पुलिस में शिकायत भी किया गया था पर पुलिस चौकी प्रभारी द्वारा जमीन संबंधी प्रकरण में पुलिस का हस्तक्षेप नही होता बताया गया जबकि पुलिस वाले हमारे जमीन पर हमारे द्वारा लगाए गए टीन शेड आदि को उखाड़ने और थाने के पास ही मैदान में रखने/ रखवाने वालो के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नही किये। जिसके लिए पुलिस विभाग के आला अधिकारियों से भी कई बार आवेदन/ फरियाद किया गया जिसपर कोई सुनवाई भी नही होती, और किसी प्रकार की कोई कार्रवाई तो दूर की बात है उलट हमसे एसपी साहब दुर्व्यवहार करते है की बार बार शिकायत लेकर आते हो, जबकि हमारे द्वारा अनेकों बार प्रमाण सहित शिकायत पर कोई भी कार्रवाई ही नही कि जाती जिससे पुलिस की मिलीभगत की आशंका प्रबल होती है।

सुनीत ने कहा कि बीते दिनों स्थानीय विधायक एवं विस चुनाव प्रत्याशी के चुनाव प्रचार के दौरान किये गए ट्वीट में भी अनिल सोनी साथ थे (तस्वीर संलग्न) जिससे विधायक से करीबी संबन्ध भी स्पष्ट प्रतीत होता जो हमारे जमीन में मन्दिर निर्माण के लिए भूमिपूजन में भी शामिल हुए थे। सुनीत ने पत्रकार वार्ता में पत्रकारों से अपने पक्ष के अनेक दस्तावेजो को भी साझा किया जो उनके पक्ष में है।

झीरम कांड पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मुख्यमंत्री बघेल ने बताया न्याय का दरवाजा खुलने जैसा, कहा- अब छग पुलिस करेगी जांच…

रायपुर- झीरम कांड पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के लिए न्याय का दरवाज़ा खोलने जैसा करार दिया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि अब छत्तीसगढ़ पुलिस इसकी जांच करेगी. किसने, किसके साथ मिलकर क्या षडयंत्र रचा था, सब साफ़ हो जाएगा. झीरम के शहीदों को एक बार फिर श्रद्धांजलि.

एनआईए की अपील को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. इस फैसले के चंद घंटे बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर कहा कि झीरम कांड दुनिया के लोकतंत्र का सबसे बड़ा राजनीतिक हत्याकांड था. इसमें हमने दिग्गज कांग्रेस नेताओं सहित 32 लोगों को खोया था.

उन्होंने कहा कि कहने को एनआईए ने इसकी जांच की, एक आयोग ने भी जांच की, लेकिन इसके पीछे के वृहत राजनीतिक षडयंत्र की जांच किसी ने नहीं की. छत्तीसगढ़ पुलिस ने जांच शुरु की तो एनआईए ने इसे रोकने के लिए अदालत का दरवाज़ा खटखटाया था. आज रास्ता साफ़ हो गया है.

मंत्रालय में पदस्थ अधिकारियों के कक्ष में बिछी चुनावी चौसर, आने वाली नई सरकार का इंतजार कर रहे अधिकारी

रायपुर- प्रदेश के प्रशासनिक अधिकारी नई सरकार की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इसके साथ ही 2018 की तुलना में थोड़ा कम पड़े मतदान को लेकर गुणा-भाग किया जा रहा है। पत्रकारों से लेकर जिला कलेक्टरों से भी बात करके निष्कर्ष पर पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है। दलों के घोषणा पत्रों का किसे, कितना लाभ मिल रहा है, अपने कक्ष में आने वाले हर व्यक्ति से इस विषय पर बात की जा रही है। कुल मिलाकर, जितनी अधीरता से राजनीतिक दल और मतदाता नई सरकार की प्रतीक्षा कर रहे हैं, प्रशासनिक अधिकारियों में भी वही अधीरता देखी जा रही है। मतदान के साथ ही इनकी चुनावी व्यस्तता फिलहाल न्यूनतम हो गई है। आचार संहिता के कारण शासन और मंत्रियों के साथ कोई बैठक नहीं हो रही है। इसलिए कार्यालय अवधि का बड़ा समय चुनावी गुणा-भाग में ही बीत रहा है। प्रदेश में नई सरकार के आने में अब केवल 13 दिन ही शेष हैं। तीन दिसंबर को दोपहर एक बजे तक यह लगभग स्पष्ट हो जाएगा कि प्रदेश में किस पार्टी की सरकार बन रही है। फिलहाल तबतक चर्चा के साथ केवल अनुमान ही लगाए जा सकते हैं।

ओपी चौधरी और टेकाम की सबसे ज्यादा चर्चा

मंत्रालय में सबसे अधिक आइएएस ओपी चौधरी और नीलकंठ टेकाम को लेकर चर्चा गर्म है। आइएएस अफसर राजनीति में उतरे हैं, तो अफसरों की यह जिज्ञासा स्वाभाविक है कि प्रशासन से निकलकर कोई राजनीति में कितना सफल हो सकता है। चौधरी भाजपा की टिकट पर रायगढ़ और नीलकंठ टेकाम भी भाजपा की टिकट पर केशकाल से चुनावी मैदान में हैं। अधिकांश अफसर इसी बात से चिंतित दिख रहे हैं कि कुछ दिनों में चुनाव है, अगर सत्ता में फेरबदल हुआ तो उनका क्या होगा। पांच साल से कांग्रेस की सरकार में जो सेटिंग जमी है वह तो खतरे में आ जाएगी। जिन्हें सरकार का ज्यादा करीबी माना जाता है वे ज्यादा चिंतित हैं। इसी तरह जो भाजपा के कार्यकाल में करीबी रहे हैं और सरकार में बैकफुट पर रहे हैं उन्हें भी चिंता है कि सरकार किसकी बनेगी?

त्रिशंकु विधानसभा बनी तो क्या होगा

चर्चा यह भी है कि अगर कांटे का मुकाबला हुआ और निर्दलीय व अन्य दलों के खाते में सीट गई तो त्रिशंकु विधानसभा हो सकती है। इस पर एकराय बनाना मुश्किल है। त्रिशंकु के अलावा बस्तर-सरगुजा को लेकर भी चर्चा हो रही है। बस्तर संभाग की 12 सीटों पर अभी कांग्रेस के विधायक हैं। इसी तरह सरगुजा की 14 सीटों पर कांग्रेस के विधायक काबिज हैं। बस्तर-सरगुजा में कांग्रेस-भाजपा के खाते में कितनी सीट जा रही है। इसे लेकर भी चर्चा तेज हो चुकी है।

छत्तीसगढ़ की राजनीति अफसरों की धमक

चुनाव अफसरों की चर्चा के बीच केंद्र बिंदु बनने का विषय इसलिए भी है क्योंकि पिछले कुछ वर्षों में राजनीति में अफसरों की धमक बढ़ती जा रही है। इस बार दो आइएएस चुनावी मैदान में हैं। कांग्रेस- भाजपा दोनों ही दलों में एक दर्जन से ज्यादा अधिकारी राजनीति में दायित्व संभाल रहे हैं। कई आइएएस, राज्य प्रशासनिक सेवा, पुलिस और शिक्षक चुनावी राजनीति में परचम लहरा चुके हैं। पिछले चुनाव में रिटायर आइएएस शिशुपाल सोरी कांग्रेस की टिकट पर कांकेर से विधायक चुने गए। वहीं, वीआरएस लेकर चुनाव मैदान में उतरे आइएएस ओपी चौधरी को खरसिया सीट पर हार का सामना करना पड़ा था इस बार रायगढ़ से चुनावी मैदान में हैं। पार्टियों के संगठन की जिम्मेदारी भी पूर्व प्रमुख सचिव रहे गणेश शंकर मिश्रा, सरजियस मिंज सहित अन्य अधिकारी संभाल रहे हैं।

प्रदेश की राजनीति में सबसे सफल ब्यूरोक्रेट के रूप में प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने पहचान बनाई। पिछले चुनाव में एसीएस रहे सरजियस मिंज ने कांग्रेस का दामन थामा था। उम्मीद थी कि उनको जशपुर या कुनकुरी से चुनाव लड़ाया जा सकता है। हालांकि उनकी टिकट पक्की नहीं हो पाई। मिंज के पहले रिटायर्ड आइएएस आरपीएस त्यागी, इस्तीफा देने वाले डीएसपी विभोर सिंह व निरीक्षक गिरिजा शंकर जौहर कांग्रेस में गए थे। विभोर को कांग्रेस ने कोटा से उम्मीदवार बनाया, लेकिन वह पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पत्नी रेणु जोगी से चुनाव हार गए। सेवानिवृत्त आइजी रविंद्र भेड़िया की पत्नी अनिला भेड़िया अभी डौंडीलोहारा से चुनावी मैदान में हैं। आइजी रहे आरसी पटेल भी रिटायर होने के बाद कांग्रेस खेमे में गए थे। वहीं, पूर्व डीजी राजीव श्रीवास्तव ने पिछले लोकसभा चुनाव के समय भाजपा में शामिल हुए थे, लेकिन चुनाव के बाद वह सामाजिक गतिविधियों में आगे बढ़ गए। सेवानिवृत्त आइपीएस अकबर राम कार्राम ने निर्दलीय ताल ठोकी थी, लेकिन वह सफल नहीं हो पाए। इस साल चुनाव से पहले पूर्व आइएएस अधिकारी जिनेविवा किंडो कांग्रेस पार्टी में शामिल हुई हैं।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव बोले- छत्तीसगढ़ में पूर्ण बहुमत के साथ बनेगी BJP की सरकार

रायपुर-   छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने पहली प्रेसवार्ता में कहा, जनता का मत EVM में कैद हो चुका है. सबने भाजपा को आशीर्वाद दिया है. 3 दिसंबर को जनता को राज्य के कुशासन से मुक्ति मिलेगी.

राज्य विकास की ओर आगे बढ़ेगा. दिसंबर का महीना छत्तीसगढ़ की दृष्टि से महत्वपूर्ण है. भाजपा की सरकार 3 दिसंबर को बनेगी. नए विश्वास के साथ छत्तीसगढ़ आगे बढ़ने वाला है. कांग्रेस के झूठे प्रोपेगंडा को जनता ने करारा जवाब दिया है, जिसका परिणाम 3 दिसंबर को आएगा.

कांग्रेस के 75 पार के नारे पर अरुण साव ने कहा, 5 साल से भूपेश बघेल दावे कर रहे हैं, 700 से अधिक घोषणाएं की, विकास के दावे होंर्डिंग विज्ञापन में दिखे. धरातल में कुछ नही है. 75 पार का नारा हवा में दिखेगा. सुप्रीम कोर्ट से NIA को झटके पर अरुण साव ने कहा, मुख्यमंत्री कहते थे झीरम का सच मेरी जेब में है. किसे बचाने के लिए जेब में छीपा रखे थे. अब उसकी जांच होगी. किसने किसके साथ मिलकर राजनीति षड्यंत्र किया अब वो स्प्ष्ट होगा. भाजपा ने निष्पक्ष जांच की कोशिश हर प्रकार से की. आयोग बना कर जांच किया. भूपेश बघेल जेब में कहते रहे न वो आयोग में प्रस्तुत हुआ न कोई जांच हुई. वो सच बाहर आएगा ऐसी उम्मीद करते हैं.

मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा, मैं पार्टी का बहुत छोटा कार्यकर्ता हूं, परिश्रम से मैंने भाजपा के लिए काम किया. जनता का आशीर्वाद मिला. चेहरा विधायक दल और केंद्रीय नेतृत्व तय करेगा. प्रदेश अध्यक्ष के नाते कह रहा कि पूर्ण बहुमत भाजपा को मिल रहा है, कोई शंका नहीं है. हमने सभी सीटों का विश्लेषण कर लिया है. हर तरह से फीडबैक लिया हूं. विशेषज्ञों से भी मिला हूं. भाजपा की सरकार बनाने जनता ने मतदान किया है.

कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ प्रचार करने वाले तीन नेता पार्टी से निष्कासित, प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज बोले- पार्टी पर नहीं पड़ेगा कोई असर

रायपुर-     प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने अपनी दो दिन की समीक्षा बैठकों के बाद अब बागियों पर कार्रवाई करनी शुरू कर दी है। सोमवार को पार्टी ने जगदलपुर विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी जतिन जायसवाल के खिलाफ प्रचार करने वाले तीन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की है। इनमें पूर्व महिला कांग्रेस शहर अध्यक्ष कमल झज्ज, विक्रम शर्मा और कुक्की झारी शामिल हैं। इन्हें छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। जतिन ने समीक्षा बैठक के दौरान प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज से शिकायत की थी। आलाकमान के निर्देश पर जगदलपुर में शहर जिला अध्यक्ष सुशील मौर्य ने यह कार्रवाई की है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने दावा किया है कि कांग्रेस से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले नेताओं से पार्टी को कोई नुकसान नहीं होगा। पार्टी तो किसी एक को ही टिकट देगी लेकिन बाकी लोगों को मिलकर पार्टी के लिए काम करना चाहिए। अगर कोई पार्टी के विरोध में जाकर चुनाव लड़ेगा तो कार्रवाई तो होगी ही। इससे पार्टी को कोई असर नहीं पड़ेगा। कांग्रेस जीतकर आ रही है। बैज ने कहा कि पार्टी के पास और भी शिकायतें आई हैं। जांच के बाद दोषी पाए जाने पर निश्चित रूप से कार्रवाई होगी।

सैलजा ने की थी वन टू वन चर्चा

बीते शनिवार और रविवार को कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा ने दो दिन तक प्रदेश के सभी कांग्रेस प्रत्याशियों से वन टू वन चर्चा की थी। विधायकों से भी चुनाव की स्थिति की टोह लेती रहीं। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक सैलजा ने सीधे-सीधे पूछा है कि क्या आप चुनाव जीत रहे हैं? जीत रहे हैं तो जीत का अंतर क्या होगा? अगर हार गए तो किसकी वजह से हारेंगे? किसने साथ दिया, किसने नहीं दिया? कुछ प्रत्याशियों ने सैलजा को भितरघात करने वालों की नाम के साथ शिकायत की है। पार्टी सूत्रों के अनुसार 30 प्रतिशत सीटों पर बागियों ने पार्टी के विरोध में प्रचार-प्रसार व अन्य गतिविधियां की हैं। राजनीतिक प्रेक्षकों के अनुसार इससे कांग्रेस को बड़ा नुकसान हो सकता है। पार्टी ने अब तक 25 से अधिक विधानसभा सीटों पर भितरघात करने वाले करीब 50 नेताओं पर निष्कासन, निलंबन व अन्य कार्रवाई की है। वहीं आधा दर्जन से अधिक नेताओं को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है।

कांग्रेस की समीक्षा रिपोर्ट ही चुनाव का एग्जिट पोल : केदार गुप्ता

इधर, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता केदार गुप्ता ने कांग्रेस की ओर से की जा रही कार्रवाई पर चुटकी ली है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में कितनी अंतर्कलह है, यह उसकी समीक्षा बैठकों के बाद सामने आ रहा है। कांग्रेस कई टुकड़ों में बंट चुकी है। उसकी समीक्षा बैठक ही छत्तीसगढ़ का एग्जिट पोल है, जो बता रहा है कि जनता ने उन्हें ठुकरा दिया है। परिणाम आए नहीं, लेकिन सिर फुटव्वल चल रही है।

रमन बोले, सरकार बनने पर सभी ‘घोटालों’ की कराएंगे जांच!

रायपुर-  पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने जहां बीजेपी के पूर्ण बहुमत में आने का दावा किया। वहीं उन्होंने कहा, कांग्रेस सरकार के दौरान हुए सभी घोटालों की निष्पक्ष जांच कराएंगे। कहा,

पिछले 5 साल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी रही। जिसने न केवल छत्तीसगढ़ को आर्थिक रूप से कमजोर किया बल्कि सीजीपीएससी में हुई लूट जैसे मामलों ने प्रदेश के युवाओं का भविष्य बर्बाद करने का काम किया। बीजेपी की सरकार जल्द से जल्द इन सभी घोटालों पर जांच कर दोषियों को कड़ी सजा दिलवाएगी।

बता दें, चुनाव के दौरान भी बीजेपी का वादा था, छत्तीसगढ़ में जो भी घोटाले हुए हैं, उनकी जांच कराएंगे। इसके साथ ही गृहमंत्री अमित शाह ने भी अपनी सभा में यहां तक कह दिया था कि भ्रष्टाचारियों को उल्टा लटकाएंगे। ऐसे में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था, जितने भी काम कांग्रेस सरकार में हुए हैं, उनके नाम के आगे बीजेपी सिर्फ घोटाले लिखभर दे रही है। ये लोग ईडी और आईटी के दम पर चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन जनता कांग्रेस की सरकार बनवाएगी। बहरहाल, अभी 3 दिसंबर को मतगणना के बाद ही तय हो पाएगा कि किसी की सरकार बनेगी। वैसे दोनों पार्टियां अपने-अपने जीत के दावे कर रही हैं।

पुराने विवाद के चलते युवक की पीट-पीटकर हत्या

दिल्ली- झीरम नक्सल हमले की जांच पर एनआईए की अपील को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. इसके साथ ही मामले में छत्तीसगढ़ पुलिस के लिए जांच का रास्ता खुल गया है. जितेंद्र मुदलियार ने नक्सल हमले में षड्यंत्र की जांच करने एफआईआर दर्ज कराया था.

एनआईए ने सुप्रीम कोर्ट में अपील कर कहा था कि छत्तीसगढ़ पुलिस जांच नहीं कर सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई कर एनआईए की अपील को ख़ारिज कर दिया.

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव ने कहा कि शीर्ष न्यायालय के फ़ैसले के बाद अब छत्तीसगढ़ पुलिस षड्यंत्र के एंगल की जांच कर सकती है.

अब छत्तीसगढ़ पुलिस करेगी झीरम हमले की जांच…

दिल्ली- झीरम नक्सल हमले की जांच पर एनआईए की अपील को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. इसके साथ ही मामले में छत्तीसगढ़ पुलिस के लिए जांच का रास्ता खुल गया है. जितेंद्र मुदलियार ने नक्सल हमले में षड्यंत्र की जांच करने एफआईआर दर्ज कराया था.

एनआईए ने सुप्रीम कोर्ट में अपील कर कहा था कि छत्तीसगढ़ पुलिस जांच नहीं कर सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई कर एनआईए की अपील को ख़ारिज कर दिया.

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव ने कहा कि शीर्ष न्यायालय के फ़ैसले के बाद अब छत्तीसगढ़ पुलिस षड्यंत्र के एंगल की जांच कर सकती है.

नेहरू पुस्तकालय को मिला ई-लर्निंग का सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार

रायपुर- इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर को कर्सोटियम फॉर ई-रिसोर्सेस इन एग्रीकल्चर (सेरा) के बेहतर उपयोग एवं उसका अधिकतम पाठकों द्वारा सर्वश्रेष्ठ उपयोग किए जाने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा 2022 के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार ओडिसा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर में आयोजित पुस्तकालयाध्यक्षों के सम्मेलन एवं सेरा एम्बेस्टर प्रशिक्षण कार्यक्रम के अवसर पर पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. माधव पाण्डेय ने कुलपति डॉ. पी.के. राउल (ओडिसा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर) एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के उच्चाधिकारी और सेरा प्रमुख डॉ. एच.के. त्रिपाठी की उपस्थिति में प्राप्त किया गया। इस पुरस्कार हेतु भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के विभिन्न संस्थानों एवं कृषि विश्वविद्यालयों में से सर्वश्रेष्ठ उपयोग करने के लिए नेहरू पुस्तकालय को चुना गया ।

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के नेहरू पुस्तकालय में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा ई-संसाधनों के बेहतर उपयोग के लिए कर्सोटियम फॉर ई-रिसोर्सेस इन एग्रीकल्चर (सेरा) की सेवायें उपलब्ध करायी जा रही है जिनके माध्यम से हजारों कृषि से संबंधित देशी-विदेशी शोध पत्रिकाएं, ई बुक, शोध ग्रंथ, रिव्यू, एडवांसेस, एब्सटेक्ट तथा फुलटेक्स्ट आर्टिकल की सुविधा पाठकों का प्रदान की जा रही है ।

विदित हो कि नेहरू पुस्तकालय को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा, मध्यभारत का क्षेत्रीय पुस्तकालय घोषित किया गया है जहां लाखों की संख्या में शोध सामग्री एवं शोध ग्रंथ तथा ई-संसाधन उपलब्ध हैं, जिसे प्रतिवर्ष विद्यार्थियों द्वारा शोध लेख डाक्यूमेंट डिलीवरी सर्विस के माध्यम से न केवल उपलब्ध कराये जाते हैं, बल्कि देश के अन्य कृषि विश्वविद्यालयों के पुस्तकालयों से पाठकों के शोध कार्य हेतु ऑनलाइन शोध लेख मंगा कर उपलब्ध कराये जाते हैं। वर्ष 2021-22 में पाठकों के द्वारा सर्वाधिक 363484 (हिट्स) के माध्यम से सेरा का उपयोग किया गया ।