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उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव के बयान पर घमासान : बीजेपी नेता केदार गुप्ता ने कहा-

रायपुर- छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 होने के बाद परिणाम को लेकर राजनीतिक गलियारे में सियासत तेज है. राजनीतिक दल अपने-अपने जीत एक दावा कर रहे हैं. वहीं उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव के अगले चुनाव नहीं लड़ने की बात पर भाजपा प्रवक्ता केदार गुप्ता ने बयान दिया है. टीएस सिंहदेव के दुखी होने का समय जनता ने तय कर दिया है. इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस की समीक्षा बैठक पर भी तंज कसा है.

टीएस सिंह देव के सीएम नहीं बना तो चुनाव लड़ने का कोई औचित्य नहीं के बयान पर बीजेपी प्रवक्ता केदार गुप्ता ने कहा कि टीएस सिंहदेव के दुखी होने का समय जनता ने तय कर दिया है. कांग्रेस की सरकार को जड़ समेत मतदाता छग से उखाड़ के फेंक रहे हैं. बाबा तो मुख्यमंत्री अब बनेंगे नहीं, बाबा कांग्रेस के अच्छे नेता रहे हैं. हम चाहेंगे कि नेता प्रतिपक्ष बनकर हमारे साथ रहे. भाजपा की सरकार बन रही हैं. अच्छा विपक्ष होगा तो काम करने मे आनंद आता हैं.

कांग्रेस की समीक्षा बैठक पर केदार गुप्ता ने कहा कि हमलोग तो देख रहे की कांग्रेस में कितना अंतर्कलह है. पार्टी कई टुकड़ों में बट चुकी है. मुझे लगता है कांग्रेस की समीक्षा ही छग का एक्जिट पोल है. जो बता रहा कि कांग्रेसी को जनता ने ठुकरा दिया है. ये आपस में भी लड़ हैं. इनका सर्वनाश, सत्यानाश तय हैं.

बीजेपी विपक्ष में हैं लेकिन आजतक कोई गंभीर शिकायत नहीं आई. कुछ शिकायत आई तो आपस में बैठ के सुलझा लेंगे. कांग्रेस में तो चुनाव के बाद अभी परिणाम नहीं आए हैं सिर फुटव्वल हैं.

50 सीटों पर महिला के अधिक वोट पर कांग्रेस के बयान पर केदार गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में सबसे ज्यादा प्रताड़ित महिला और युवा रहे हैं. युवाओं को नग्न प्रदर्शन करना पड़ा, नारियों के साथ लगातार सामुहिक बलात्कार की घटनाये हुई. महिलाएं तनाव में थी, गुस्से में थी,शराबबंदी का वादा किया था वो भी पूरा नहीं किया. बीजेपी ने कहा नारियों का सम्मान करेंगे, 12 हजार रुपये का आर्थिक सहयोग करेंगे. इसलिए नारियों ने बीजेपी को बढ़-चढ़ कर वोट किया है. बीजेपी की सरकार बनेगी ये बात तय हैं.

1 दिसंबर को रायपुर में होगा भारत ऑस्ट्रेलिया का मैच


रायपुर- फाइनल मुकाबले में हार का सामना करने के बाद भारतीय खिलाड़ियों और समर्थकों को निराश होना पड़ा है। लेकिन क्रिकेट प्रेमियों के लिए हम अच्छी खबर लेकर आए हैं। जी हां एक बार फिर भारत-ऑस्ट्रेलिया आमने सामने होने वाले हैं और वो भी रायपुर के शहीद वीर नारायण सिंह स्टेडियम में। इस मैच के लिए जिला प्रशासन ने अनुमति दे दी है।

भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच टी20 मेचों की सीरीज 23 नंवबर से शुरू हो रहा है, जिसमें पांच मैचों खेले जाएंगे। इस प्रतियोगिता का एक मैच नागपुर में होना था, लेकिन कुछ कारणों से नागपुर के बजाए अब ये मैच रायपुर में खेला जाएगा। तय शेड्यूल के अनुसार दोनों देशों के बीच ये मैच 1 दिसंबर को खेला जाएगा।

बता दें कि रायपुर का स्टेडियम में दर्शक क्षमता लगभग 58,000 है। सीएससीएस का कहना है कि मैच के आयोजन में समय कम है। इसलिए टिकट के रेट भी जल्दी घोषित किए जाएंगे। स्टेडियम में सीटों की गिनती एक-दो दिन में पूरी हो जाएगी। इसके बाद जल्द ही टिकट के रेट तय कर दिए जाएंगे।

30 प्रतिशत सीटों पर कांग्रेस के बागी बिगाड़ सकते हैं 75 पार का समीकरण

रायपुर-  विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के बागी और भितरघाती सीटों का समीकरण बिगाड़ सकते हैं। दोनों पार्टियों की समीक्षा बैठकों में यह फीडबैक मिला है। इसमें सबसे अधिक नुकसान कांग्रेस को हो रहा है। इससे कांग्रेसियों की धड़कनें बढ़ी हुई हैं। बीस बागियों में 12 कांग्रेस और आठ भाजपा के हैं। इनके अलावा 15 सीटों पर कांग्रेस को भितरघातियों से भी नुकसान पहुंचने की आशंका है। इस तरह कांग्रेस को 27 सीटों पर नुकसान हो रहा है, जिससे कांग्रेस का 75 पार का दावा सिमटता नजर आ रहा है। कांग्रेस और भाजपा के बीच अब बराबरी की टक्कर दिख रही है। तीन दिसंबर को परिणाम आने के बाद ही पता चल पाएगा कि बागियों और भितरघातियों ने किस पार्टी को कितना नुकसान पहुंचाया है।

टिकट की पहली सूची आने के बाद से ही कांग्रेस बागियों और भितरघातियों से परेशान रही। पार्टी ने ऐसे लगभग 50 नेताओं पर निष्कासन, निलंबन समेत अन्य कार्रवाई भी की है। वहीं आधा दर्जन से अधिक नेताओं को नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण भी मांगा है। हालांकि कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा ने दावा किया है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की ही सरकार बनेगी। अच्छा फीडबैक मिला है। 75 पार सीटों के दावों पर उन्होंने कहा कि अभी इसमें ओवर कान्फिडेंस नहीं होना चाहिए।

कांग्रेस के बागी

जशपुर विधानसभा सीट से प्रदीप खेस कांग्रेस प्रत्याशी विनय भगत के खिलाफ, सक्ती विधानसभा अनुभव तिवारी प्रत्याशी डा. चरणदास महंत के खिलाफ, जैजैपुर से टेकचंद्र चंद्रा प्रत्याशी बालेश्वर साहू के खिलाफ, पामगढ़ से गोरेलाल बर्मन शेषराज हरबंश के खिलाफ, पाली-तानाखार से छत्रपाल सिंह दुलेश्वरी सिदार के खिलाफ, लोरमी से सागर सिंह बैस थानेश्वर साहू के खिलाफ, मुंगेली से रूपलाल कोसरे संजीत बनर्जी के खिलाफ, सरायपाली से विधायक किस्मतलाल नंद चातूरी नंद के खिलाफ, रायपुर उत्तर से अजीत कुकरेजा कुलदीप जुनेजा के खिलाफ, धमतरी से लोकेश्वरी साहू ओंकार साहू के खिलाफ, बालोद से मीना साहू संगीता सिन्हा के खिलाफ और कसडोल से गोरेलाल साहू संदीप साहू के खिलाफ चुनाव लड़ा है।

बिलासपुर महापौर निलंबित, अन्य पर भी कार्रवाई

कांग्रेस ने बिलासपुर के महापौर रामशरण यादव को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है। उन पर पार्टी संगठन के खिलाफ अनर्गल वार्तालाप करने का आरोप है। वहीं जिन बागियों को छह साल के लिए निलंबित किया है, उनमें जशपुर से प्रदीप खेस, जांजगीर से गुड्डू महराज, सरायपाली किस्मतलाल नंद, पामगढ़ से गोरेलाल वर्मन, रायगढ़ से शंकर अग्रवाल, मुंगेली से रूपलाल कोसरे, भाटापारा से मनोहर साहू, संजारी बालोद से मीना साहू, पाली तानाखार से छत्रपाल सिंह कंवर, कवर्धा से योगेश्वर राज सिंह, सामरी से प्रभातबेला मरकाम, लैलूंगा से महेंद्र सिदार, वैशाली नगर से अजहर अली, अंतागढ़ से अनूप नाग, कांति नाग, दंतेवाड़ा से अमूलकर नाग, महासमुंद से विश्वजीत बेहरा और बिलासपुर से प्रेमचंद्र जायसी शामिल हैं।

इन सीटों पर एक से अधिक पर कार्रवाई

रायपुर उत्तर से अजीत कुकरेजा, आनंद कुकरेजा, सागर दुल्हानी, बिल्हा से शिव ध्रुव, निर्मल दिवाकर, लोरमी से महेंद्र सिदार, सागर सिंह बैस, सूरज बर्मन, बालोद से सत्येंद्र साहू, पीमन साहू, ललिता साहू, तुकाराम, हलधर, कोंडागांव से मनीष श्रीवास्तव, शिशिर श्रीवास्तव, सुरेश पाटले, कसडोल से गोरेलाल साहू, मनोज अडिल, मरवाही से गुलाब सिंह राज, शंकर पटेल, मुद्रिका सिंह सर्राटी, नारायण आर्मो, अजीत सिंह श्याम, गजरूप सिंह सलाम, दयाराम वाकरे, विवेक पोर्ते, तूफान सिंह धुर्वे और प्रताप सिंह मरावी शामिल हैं।

भाजपा के बागी

भटगांव विधानसभा सीट से राम बाई देवांगन भाजपा प्रत्याशी लक्ष्मी राजवाड़े के खिलाफ, जशपुर से शिव भगत रायमुनि भगत के खिलाफ, रायगढ़ से गोपिका गुप्ता ओपी चौधरी के खिलाफ, मस्तुरी से चांदनी भारद्वाज डा. कृष्णमूर्ति बांधी के खिलाफ, वैशालीनगर से जेपी यादव और संगीता केतन शाह दोनों प्रत्याशी रिकेश सेन के खिलाफ, गुंडरदेही से आरके राय वीरेंद्र साहू के खिलाफ, रायपुर उत्तर से सावित्री जगत पुरंदर मिश्रा के खिलाफ चुनाव लड़ा है।

कुरूद विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी से भितरघात की आशंका, प्रदेश अध्यक्ष ने पांच नेताओं को जारी किया नोटिस

धमतरी-   कुरूद विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस की प्रत्याशी तारिणी नीलम चंद्राकर से भितरघात करने आशंका को देखते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कांग्रेस के पांच नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने जनपद पंचायत कुरूद की अध्यक्ष शारदा देवी साहू, नगर पंचायत कुरूद के अध्यक्ष तपन चंद्राकर, नगर पंचायत भखारा के पूर्व अध्यक्ष भरत नाहर व वर्ष 2018 में कुरूद की कांग्रेस प्रत्याशी रही लक्ष्मीकांता साहू, उनके पति हेमंत साहू को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

17 नवंबर को विधानसभा चुनाव का मतदान संपन्न होने के बाद प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा ने रायपुर में 18 को कांग्रेस के प्रत्याशियों की बैठक लेकर समीक्षा की। बैठक में पार्टी विरोधी गतिविधियों की शिकायत करते हुए कांग्रेस प्रत्याशी तारिणी नीलम चंद्राकर ने भीतरघात की आशंका जताई। इसके बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने रविवार को इन पांचों नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी कर 24 घंटे के भीतर जवाब मांगा है। उल्लेखनीय है जनपद अध्यक्ष शारदा साहू, नगर पंचायत अध्यक्ष तपन चन्द्राकर, भरत नाहर व लक्ष्मीकांता साहू ने टिकट की मांग की थी। कांग्रेस ने तारिणी नीलम चंद्राकर को टिकट दे दिया। इसके बाद से पारिवारिक व स्वास्थ्यगत कारण बताकर अथवा दूसरे विधानसभा क्षेत्र में प्रचार करने व कुरूद में पूछपरख नहीं होने की बात कहकर इन नेताओं ने कुरूद के चुनाव प्रचार अभियान से दूरी बना ली थी।

बगावत से जब्त हुई थी कांग्रेस की जमानत

वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में पूरे प्रदेश में लहर के बावजूद कुरूद में कांग्रेस तीसरे स्थान पर आई थी। वहीं जमानत जब्त हो गई थी। कांग्रेस से टिकट न मिलने पर बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले नीलम चंद्राकर दूसरे स्थान पर रहे थे। यहां से भाजपा के अजय चंद्राकर को जीत मिली थी। इसके बाद नीलम चंद्राकर को कांग्रेस ने निष्कासित कर दिया गया। बाद में उनकी पार्टी में वापसी हुई। उन्हें कुरूद मंडी का अध्यक्ष भी बना दिया गया। इतना ही नहीं इस बार के चुनाव में उनकी पत्नी तारिणी चंद्राकर को कांग्रेस ने टिकट दे दिया। लक्ष्मीकांता साहू टिकट वितरण से पूर्व लगातार बागी को टिकट नहीं देने की मांग उठाती रही।

*कांग्रेस के 75 पार के दावे पर मंत्री अमरजीत भगत का बयान…..कहा-*

अंबिकापुर-   छत्तीसगढ़ में चुनाव खत्म हो गया है और राजनीतिक दल सीटों के अंक गणित में जुटे हुए है। ऐसे में कांग्रेस के अबकी बार 75 पार के दावे पर सरकार के मंत्रियों के अलग-अलग विचार सामने आ रहे है। एक तरफ डिप्टी सीएम सिंहदेव जहां 75 पार न होकर दो तिहाई सीट हासिल करने का दावा कर रहे है। वहीं डिप्टी सीएम के इस बयान को लेकर कहा कि हो सकता है, कोई ऐसा कमिटमेंट या कोई लिखित एग्रीमेंट तो नहीं है। यह एक अनुमान रहता है, लेकिन अमूनन वही स्थिति रहेगी जो पिछले चुनाव में थी। 19-20 हो सकता है। सीएम पद के लिए चल रहे बयानबाजी को लेकर मंत्री अमरजीत भगत ने बगैर किसी का नाम लेते हुए कह दिया कि ठीक है जो है वह है।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद अब राजनीतिक पार्टियां 90 विधानसभा सीटों पर जीत और हार को लेकर मंथन कर रही है। कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा दो दिनों से लगातार राजीव भवन में सभी विधानसभा के कैंडिडेट के साथ वन टू वन चर्चा कर रही है। सूबे के मुखिया भूपेश बघले कांग्रेस की जीत और प्रदेश में 75 से अधिक सीट को लेकर लगातार दावे कर रहे है। लेकिन सरकार के ही डिप्टी सीएम टी.एस.सिंहदेव इस बात से इंकार करते नजर आ रहे है। एक दिन पहले ही सिंहदेव ने साफ किया था कि सरकार ने अच्छा काम किया है। लेकिन 75 सीटे आना मुश्किले है। सिंहदेव ने प्रदेश में दो तिहाई सीटों पर जीत दर्ज करने का दावा करते हुए कहा था कि यदि दो तिहाई से कम सीट आती है, तो निराशा होगी।

वहीं दूसरी तरफ सरगुजा संभाग से ही मंत्री और सीतापुर विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी अमरजीत भगत रायपुर रवाना होने से पहले मीडिया से चर्चा की। रायपुर में विधायक दल की बैठक में शामिल होने रायपुर जा रहे मंत्री अमरजीत भगत ने बताया कि चुनाव के बाद काफी रिलैक्स महसूस कर रहा हूं और चुनाव की भागा दौड़ी से अब छुट्टी मिली है। उन्होंने कहा कि अब परिणाम का इंतजार 3 दिसंबर को फिर शुरू होगा। वहीं प्रदेश में 75 पार के दावे पर डिप्टी सीएम के बयान पर जब मंत्रीजी से उनका मत जानना चाहा गया, तो उन्होने दो टूक शब्दों में कह दिया कि कोई ऐसा कमिटमेंट या कोई लिखित एग्रीमेंट तो नहीं है। यह एक अनुमान रहता है, लेकिन अमूनन वही स्थिति रहेगी जो पिछले चुनाव में थी, 19-20 हो सकता है।

सीएम पद के लिए चल रहे बयानबाजी को लेकर मंत्री अमरजीत भगत ने बगैर किसी का नाम लेते हुए कह दिया कि ठीक है जो है वह है। वह हाईकमान तय करेगा….हम नहीं है। साथ ही सरगुजा संभाग की सीटों पर कांग्रेस की जीत के सवाल पर अमरजीत भगत ने कह दिया कि जितना आएगा वह आएगा, लेकिन हम अपनी जीत को लेकर एकदम आस्वस्त हैं। अमरजीत भगत के बयानों से समझा जा सकता है कि मौजूदा वक्त में सभी नेता प्रदेश में सरकार बनाने पूर्ण बहुमत को लेकर दावा तो कर रहे है, लेकिन अपने ही संभाग में पार्टी को कितनी सीट मिलेगी, उसे लेकर मंत्रीजी कुछ भी बोलने से बचते नजर आये। कुल मिलाकर देखा जाये तो बस्तर के बाद सरगुजा में भी इस बार कांग्रेस की स्थिति उतनी मजबूत नही है, जिस तरह से साल 2018 के चुनाव में थी। ऐसे में अब ये देखने वाली बात होगी कि राजनेताओं के दावों और हकीकत में कितना अंतर होता है, ये तो 3 दिसंबर को ही स्पष्ट हो जायेगा।

CM पद को लेकर TS सिंहदेव का बयान, PCC चीफ बैज बोले- वो बड़े लीडर हैं, उनका…

रायपुर-  TS बाबा के सीएम बनने के बयान पर पीसीसी चीफ दीपक बैज का बयान सामने आया है. बैज ने कहा, वो बयान हमारे वरिष्ठ नेता का व्यक्तिगत हैं. भाजपा को मुद्दा चाहिए, वो बड़े लीडर उनका सोचना कहना छत्तीसगढ़ के लिए मायने रखता है. ये उनका व्यक्तिगत बयान है.

कांग्रेस की समीक्षा बैठक को लेकर पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा दो दिनों तक समीक्षा हुई, प्रत्याशियों से चर्चा हुई. पार्टी ने बेहतर चुनाव लडा है. 2023 में कांग्रेस फिर से सरकार बना रही है. छत्तीसगढ़ में 75 प्लस सीटों पर जीत कर आएंगे.

समीक्षा बैठक पर हुई शिकायतों को लेकर पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा, कुछ शिकायतें आई. कुछ प्रत्याशियों, जिलाध्यक्षों ने शिकायत की है. शिकायतों को पार्टी ने गंभीरता से लिया है. शिकायतों का परीक्षण कराएंगे कुछ गलत होगा तो कार्रवाई होगी.

आगजनी रोकने रेलवे का अभियान, तीन दिनों में 100 से अधिक ट्रेनों की जांच, इन लोगों पर हुई कार्रवाई

रायपुर-    रेलवे की ओर से अग्नि दुर्घटना से यात्रियों के बचाव के लिए विशेष जागरूकता और जांच अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत रेलवे अधिकारियों, कर्मचारियों की टीम ने पिछले तीन दिनों में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे से होकर गुजरने वाली 100 से अधिक ट्रेनों की जांच की है। वाणिज्य विभाग और रेलवे सुरक्षा बल द्वारा गाड़ियों के पैंट्रीकारों सहित यात्री डिब्बों में ले जाए जा रहे किसी भी प्रकार के विस्फोटक और एलपीजी सिलेंडर, केरोसिन स्टोव आदि ज्वलनशील सामान की जांचकर त्वरित कार्रवाई की जा रही है। स्टेशन परिसर के चारों ओर सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से निगरानी भी रखी जा रही है। साथ ही गाड़ियों में धूम्रपान पर रोक, अग्निशमन यंत्रों की उपलब्धता व वैधता भी जांची जा रही है। गाड़ियों में यात्रियों को अग्निशमन यंत्रों, आपातकालीन खिड़की के प्रयोग संबंधी जानकारी दी जा रही है।

अधिकारियों का कहना है कि यात्री सुरक्षा रेलवे की सर्वोच्च प्राथमिकता है। ट्रेनों में आग लगने की घटनाएं मानव जीवन और रेल संपदा के लिए सबसे गंभीर आपदाओं में से एक है, इसलिए अग्नि सुरक्षा जागरूकता अभियान सुरक्षित यात्रा वातावरण बनाने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। इसका मुख्य उद्देश्य यात्रियों को ट्रेनों में यात्रा के दौरान अग्नि सुरक्षा के महत्व से अवगत कराना तथा जागरूकता अभियान चलाकर आगजनी घटनाओं के जोखिम को कम करना है। सभी टिकट चेकिंग कर्मचारियों को ड्यूटी के दौरान अग्निशमन यंत्रों की उपलब्धता और गाड़ियों में प्रतिबंधित सामान की जांच करने के लिए निर्देशित किया गया है।

तीन वर्ष का कारावास और जुर्माना

अधिकारियों का कहना है कि यात्री गाड़ियों में किसी भी प्रकार का ज्वलनशील और विस्फोटक (गैस सिलेंडर, केरोसिन, पेट्रोल, डीजल, पटाखा) सामान इत्यादि लेकर यात्रा न करें, इससे बड़ी दुर्घटना घटित हो सकती है। साथ ही ऐसी गलती से लोगों की जानमाल का नुकसान भी हो सकता है। रेल यात्रा के दौरान स्टेशन, प्लेटफार्म अथवा यात्री गाडियों में ज्वलनशील और विस्फोटक सामान को लेकर जाना धारा 164 रेल अधिनियम के तहत दंडनीय अपराध है। ऐसे करते पकड़े जाने पर तीन साल तक का कारावास और जुर्माना का प्रविधान है।

74 मामलों में कार्रवाई

जागरूकता और सघन चेकिंग अभियान के अंतर्गत रेलवे सुरक्षा बल द्वारा 16 नवंबर तक कुल 74 मामलों में आरोपितों पर रेल अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है। इसमें यात्री गाड़ियों में यात्रियों द्वारा केरोसिन, पेट्रोल, डीजल तथा पटाखें लेकर यात्रा करने के साथ ही पेंट्रीकार की चेकिंग के दौरान गैस सिलेंडर पाए जाने के मामले शामिल हैं।

राजस्व संबंधी मामलों की सुनवाई पर विधानसभा चुनाव का असर, न्यायालयों में 12 हजार से ज्यादा प्रकरण लंबित

रायपुर-   राजधानी सहित प्रदेशभर में विधानसभा चुनाव का सीधा असर राजस्व मामलों पर देखने को मिल रहा है। कलेक्टर न्यायालय हो या एसडीएम या तहसील सभी जगहों पर मामले लंबित हैं। अकेले रायपुर जिले में 12 हजार से ज्यादा राजस्व मामले लंबित हैं। राजस्व विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में 12,005 राजस्व मामले विभिन्न न्यायालयों में लंबित हैं। इसका प्रमुख कारण चुनावी कार्यों में तहसीलदार, एसडीएम सहित अन्य राजस्व अधिकारियों की ड्यूटी रही।

आचार संहिता लगने से पहले से ही तहसील कार्यालय के ज्यादातर अधिकारी-कर्मचारी निर्वाचन कार्यों में लगे रहे। इसके बाद ईवीएम की कमिशनिंग से लेकर प्रशिक्षण सहित अन्य कार्यों के अलावा मतदान करवाने की जिम्मेदारी भी इन्हीं को सौंपी गई। इसकी वजह से ज्यादातर तहसीलदार, एसडीएम सहित अन्य जिम्मेदार अपनी अदालत में नहीं बैठ पाए और मामलों की पेंडेंसी बढ़ती गई। मतदान के बाद अब सोमवार से सभी अधिकारी-कर्मचारी अपने-अपने कार्यालयों में वापस लौटेंगे और इसके बाद मामलों का समय पर निराकरण किया जाना संभव हो सकेगा।

पटवारियों की उपलब्धता कार्यालयों में नहीं

चुनाव के दौरान पटवारियों की भी ड्यूटी लगाई गई थी। मशीनों की कमीशनिंग से लेकर दिव्यांग सहित बुजुर्गों को घर से मतदान करवाने के लिए उन्हें भेजा गया था। इसकी वजह से अधिकांश पटवारी कार्यालयों में लोगों के जाने के बाद वे नहीं मिल सके। इसकी वजह से भी लोगों के प्रतिवेदन सहित कई अन्य कार्य अटके ही रहे।

विवादित मामले दो से पांच साल से लंबित

राजस्व मामलों में जमीन सहित अन्य कई ऐसे प्रकरण हैं, जो कि पिछले कई वर्षों से लंबित हैं। आंकड़ों के अनुसार 1,275 मामले ऐसे हैं, जो कि दो साल से लंबित हैं। वहीं, 571 पांच साल से लंबित चल रहे हैं, जबकि 179 मामलों की तो सुनवाई होते पांच साल से अधिक समय से हो चुका है। लेकिन इनका निराकरण अब तक नहीं हो पाया है।

लगातार लगाए गए राजस्व शिविर

जिला प्रशासन की ओर से राजस्व मामलों को निपटाने के लिए लगातार शिविर लगाए गए। इसके तहत रायपुर तहसील सहित जिले की अन्य सभी तहसीलों में भी प्रकरण निपटाने के लिए शिविरों के माध्यम से लोगों को राहत देने का प्रयास किया गया। लेकिन इन शिविरों में भी लोगों ने आने में दिलचस्पी नहीं दिखाई, जिसकी वजह से मामले और बढ़ते ही जा रहे हैं। प्रकरणों के निराकरण को लेकर कलेक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने कहा कि सारे प्रकरणों का निराकरण समय-सीमा के भीतर करने के निर्देश दिए गए हैं। हो सकता है चुनावी कार्यों की वजह से मामलों के निराकरण में विलंब हुआ हो। अब तेजी से सभी मामलों को निराकृत किया जाएगा।

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेता टीएस सिंहदेव ने कहा: ‘ये मेरा आखिरी चुनाव था, अब मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा"

रायपुर-   छत्तीसगढ़ में मतदान खत्म होने के बाद कांग्रेस भवन में बैठक हुई। बैठक में PCC चीफ दीपक बैज शामिल हुए। उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश से कांग्रेस के पक्ष में फीडबैक मिल रहा है। बता दें कि एक दिन पहले ही टीएस सिंहदेव ने कहा कि ये उनका अंतिम चुनाव था और वो अब चुनाव नही लड़ेंगे। ये बयान तब आया है जब प्रदेश में चुनाव सम्पन्न हुए है और परिणाम भी नही आये हैं। आईबीसी 24 से एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में टीएस ने कहा कि उनके समर्थक व चाहने वाले लोग ये चाहते है कि वो सीएम बने मगर सीएम कौन होगा ये हाईकमान तय करेगा। लेकिन अब वो अपने निर्णय से ये कह रहे हैं कि अब वो चुनाव नही लड़ेंगे। इतना ही नहीं टीएस सिंह देव ने ये भी कहा कि पार्टी की ओर से उन्हें जो जिम्मेदारी दी जाएगी उसका निर्वहन वो करते रहेंगे मगर चुनाव नही लड़ेंगे।

बाबा के इस बयान से ये कयास भी लगाए जा रहे हैं कि क्या आलाकमान ने टीएस बाबा से सीएम पद को लेकर कोई वादा तो नहीं कर दिया है जिसके आधार पर महाराज इस प्रकार के बयान दे रहे हैं। सवाल ये भी है कि क्या मौजूदा सीएम भूपेश बघेल अपनी कुर्सी बाबा के लिए छोड़ने को तैयार होंगे? क्योंकि ढाई-ढाई साल के जिस फार्मुले की चर्चा कांग्रेस के पहले कार्यकाल में जब-जब चली, भूपेश खेमे के विधायकों ने दिल्ली दौरा कर शक्ति प्रदर्शन कर हर बार ये साबित करने की कोशिश की कि वादे अपनी जगह है और समर्थन अपनी जगह। पिछली बार तो बाबा इस पूरे मामले पर चुप रह गए। लेकिन इस बार वो इस मूड में नज़र नहीं आ रहे।

युवक की हत्या के मामले में 2 नाबालिग सहित 6 आरोपी गिरफ्तार

रायपुर-    रायपुर में पुरानी दुश्मनी के चलते एक युवक की हत्या का दी गई। वह दूसरे मोहल्ले में मातर का कार्यक्रम देखने के लिए गया था। इस दौरान वहां मौजूद कई लड़कों ने गाली-गलौज और मारपीट की। फिर उसके सीने में चाकू घोंप दिया। पुलिस ने शनिवार देर शाम इस मामले में 2 नाबालिगों सहित 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

धरसींवा थाना पुलिस ने बताया कि निनवा गांव निवासी मयंक भारती 15 अक्टूबर की शाम करीब 6.30 बजे दूसरे मोहल्ले में मातर कार्यक्रम देखने गया था। वहां पर उसे गांव के राहुल वर्मा, रमाकांत साहू, सुमित साहू और अन्य युवक मिले। इनका पहले भी मयंक भारती के साथ उनका विवाद हो चुका है।

भाई मालिक राम वर्मा ने पुलिस को बताया कि कार्यक्रम स्थल पर आरोपियों ने गाली-गलौज करते हुए मयंक से धक्का-मुक्की करने लगे। इस दौरान आरोपियों ने अपने पास रखा चाकू निकाला और मयंक के सीने में मार दिया। सूचना मिलने पर वह मौके पर पहुंचे और मयंक को अस्पताल ले गए, लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।

पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम ने मामला दर्ज होने के बाद आरोपियों की तलाश में छापामारी शुरू की। पुलिस ने तीन दिनों की मशक्कत के बाद शनिवार को आरोपी रमाकांत साहू, राहुल वर्मा, सुमित साहू, मुकेश साहू के साथ दो नाबालिगों को पकड़ा है। वारदात में इस्तेमाल चाकू भी जब्त कर लिया गया है।