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उदयमान सूर्य को अर्ध्य के साथ लोक आस्था के महापर्व छठ का हुआ समापन, राज्य में तकरीबन 80 लाख से अधिक परिवारों ने किया यह व्रत

डेस्क : लोक आस्था के चार दिवसीय छठ महापर्व का आज उगते हुए सूर्य के अर्ध्य के साथ समापन हो गया। यह महापर्व बीते शुक्रवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ था। शनिवार की शाम को छठव्रतियों ने भगवान सूर्य की पूजा कर तथा उन्हें भोग अर्पित कर खरना का प्रसाद ग्रहण किया था। इसके साथ ही आज सोमवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने तक 36 घंटे का निर्जला व्रत आरंभ हो गया था। 

बीते रविवार को अस्तचगामी सूर्य को पहला अर्घ्य दिया गया था और आज सोमवार को उदयगामी सूर्य को अर्ध्य समर्पित करने के बाद व्रर्तियों द्वारा अन्न-जल ग्रहण करने के साथ ही इस महापर्व का समापन हो गया। 

आपको बताते चलें कि, छठ महापर्व के सफल तथा निर्विघ्न आयोजन के लिए शासन-प्रशासन की और से पुख्ता इतंजाम किये गए थे। सभी छठ घाटों पर मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई थी। राज्यभर में 4000 से अधिक छठ घाट सरकार के नगर विकास विभाग द्वारा तैयार किये गये थे। वहीं इससे बड़ी तादाद में समाजिक संगठनों द्वारा भी अर्ध्य के लिए तालाबा और पोखर तैयार किये गये थे। जहां छठ व्रर्तियों ने भगवान भास्कर को अर्ध्य दिया।  

एक बार फिर इस महापर्व में सामूहिकता बोध उदाहरण के रूप में दिखने को मिला। छठ महापर्व में शामिल होने के लिए दूर देश व प्रदेशों से स्वजन भी अपने-अपने गांव आ पहुंचे। जो परदेसी नहीं आ पाये, वे छठ पर्व के बिहार के इस अनमोल संस्कार को वहीं जीवंत बनाया हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने परिवार के साथ मनाया महापर्व छठ, उदयमान सूर्य को अर्घ्य देकर राज्य के लिए तरक्की की कामना की

डेस्क : लोक आस्था के चार दिवसीय छठ महापर्व का आज उगते हुए सूर्य के अर्ध्य के साथ समापन हो गया। यह महापर्व बीते शुक्रवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ था। शनिवार की शाम को छठव्रतियों ने भगवान सूर्य की पूजा कर तथा उन्हें भोग अर्पित कर खरना का प्रसाद ग्रहण किया था। इसके साथ ही आज सोमवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने तक 36 घंटे का निर्जला व्रत आरंभ हो गया था। 

बीते रविवार को अस्तचगामी सूर्य को पहला अर्घ्य दिया गया था और आज सोमवार को उदयगामी सूर्य को अर्ध्य समर्पित करने के बाद व्रर्तियों द्वारा अन्न-जल ग्रहण करने के साथ ही इस महापर्व का समापन हो गया। 

इधर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज सोमवार को अपने सरकारी निवास एक अन्ने मार्ग में अपने परिजनों के साथ छठ महापर्व मनाया। इस दौरान उन्होंने उदयमान सूर्य को अर्घ्य दिया। ये आयोजन पूरी तरह पारिवारिक था। जिसमें नीतीश के भाई और बहनों का पूरा परिवार शामिल था। 

इस मौके पर सीएम नीतीश कुमार ने राज्य की तरक्की की कामना की और कहा कि यह अनुशासन का पर्व है। व्रती साफ मन से डूबते और सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं। सूर्य देव से राज्य की प्रगति, सुख- समृद्धि की प्रार्थना करता हूं।

आपको बताते चलें कि, छठ महापर्व के सफल तथा निर्विघ्न आयोजन के लिए शासन-प्रशासन की और से पुख्ता इतंजाम किये गए थे। सभी छठ घाटों पर मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई थी। राज्यभर में 4000 से अधिक छठ घाट सरकार के नगर विकास विभाग द्वारा तैयार किये गये थे। वहीं इससे बड़ी तादाद में समाजिक संगठनों द्वारा भी अर्ध्य के लिए तालाबा और पोखर तैयार किये गये थे। जहां छठ व्रर्तियों ने भगवान भास्कर को अर्ध्य दिया।

गया में छठ व्रतियों ने उदयमान सूर्य को दिया अर्घ्य, चार दिवसीय छठ महापर्व सम्पन्न

गया : चार दिवसीय लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा ऊगते हुए उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही सम्पन्न हो गया। गया के फल्गु नदी, पिता महेश्वर ब्राह्मणी घाट, पॉलिटेक्निक घाट, केंदुई घाट झारखंडी घाट, सीता कुंड समेत विभिन्न घाटों पर छठ व्रतियों ने ऊगते हुए उदयीमान सूर्य को अर्घ्य दिया और छठी मैया की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की और इसके बाद व्रत का पारण किया।

बता दें कि, यह व्रत कुल 36 घंटे का था। जिसे छठव्रती महिलाओं ने छठ पूजा के सम्पन्न के बाद खोला है। बता दे कि चार दिनों तक चलने वाला लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा नहाय-खाय के साथ इसकी शुरुआत हुई थी और खरना के बाद डूबते हुए अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य और फिर आज ऊगते हुए उदयीमान सूर्य को अर्थ देने के साथ ही यह त्यौहार सम्पन्न हो गया।

मान्यता है कि छठी मैया निसंतान दांपतियों को संतान का वर्दान देती हैं और घर की सुख-समृद्धी का भी आशीर्वाद देती है। इस वजह से महिलाएं छठ पर्व का व्रत रखती है। जिससे उनकी संतान को दीर्घायु की प्राप्ति होती है और जिनकी संतान नहीं हैं, उन विवाहित दंपतियों को संतान का सुख प्राप्त होती है। इस व्रत को पूरे नियम के साथ किया जाता है।

रिपोर्ट: मनीष कुमार

क्रिकेट विश्व कप, आखिरकार ऑस्ट्रेलिया ने रोक दिया भारत का विजय अभियान, 6 विकेट से हरा छठी बार विश्व कप का खिताब जीता

ऑस्ट्रेलिया ने भारत को वर्ल्ड कप फाइनल में 6 विकेट से हराकर छठी बार विश्व कप का खिताब जीत लिया। ऑस्ट्रेलिया की ओर से टेविस हेड ने शानदार शतकीय पारी खेली और टीम को जीत दिला दी। हेड के अलावा लाबुशान ने भी भारतीय गेंदबाजों का जमकर सामना किया। इससे पहले अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेले जा रहे फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों ने एक मुश्किल पिच पर भारत को सिर्फ 240 रनों पर ही रोक दिया है।

पहले बल्लेबाजी का न्योता पाने के बाद भारत की शुरुआत खराब रही, जब मिचेल स्टॉर्क ने शुभमन गिल (4) को जल्द चलता कर दिया, लेकिन यहां से इसे बाद खासकर कप्तान रोहित शर्मा (47) ने बहुत ही सकारात्मक अंदाज में बल्लेबाजी की। पावर-प्ले में स्कोर अच्छा बन रहा था, लेकिन भारत ने जहां 82 रन बनाए, लेकिन तीन विकेट गिर गए.

निगाहें जमने के बाद रोहित निकले,

तो अय्यर (4) बड़ी पारी नहीं खेल सके। यहां से विराट कोहली (54) और केएल राहुल (66) ने टीम को उबारते हुए पटरी पर लाया, लेकिन कोहली क्या आउट हुए कि नियमित अंतराल पर विकेटों का गिरना शुरू हो गया। और एक समय सूर्यकुमार एक छोर पर अकेले पड़ गए. ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की बेहतरीन प्लानिगं और शानदार एक्जीक्यूशन शुरू से लेकर आखिर तक दिखाई पड़ी. और नतीजा यह रहा कि भारत कोटे के 50 ओवरों में सभी विकेट खोकर 240 रन ही बना सका। ऑस्ट्रेलिया के लिए मिचेल स्टार्क ने तीन, हेजलवुड और पैट कमिंस ने दो-दो, जबकि एडम जंपा ने एक विकेट लिया।

भारत (प्लेइंग इलेवन): रोहित शर्मा (कप्तान), शुभमन गिल, विराट कोहली, श्रेयस अय्यर, केएल राहुल (विकेटकीपर), सूर्यकुमार यादव, रवींद्र जड़ेजा, मोहम्मद शमी, जसप्रित बुमरा, कुलदीप यादव, मोहम्मद सिराज

ऑस्ट्रेलिया (प्लेइंग इलेवन): ट्रैविस हेड, डेविड वार्नर, मिशेल मार्श, स्टीवन स्मिथ, मार्नस लाबुशेन, ग्लेन मैक्सवेल, जोश इंगलिस (विकेटकीपर), मिशेल स्टार्क, पैट कमिंस (कप्तान), एडम ज़म्पा, जोश हेज़लवुड

शेरघाटी में अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को दिया अर्घ्य, प्रशासन द्वारा किए गए मुकम्मल व्यवस्था

गया/शेरघाटी। शेरघाटी प्रखंड में अस्ताचलगामी भागवान भास्कर की अर्ध्य के साथ चार दिनों तक चलने वाली सूर्योपासना का महापर्व छठ के तीसरे दिन का अनुष्ठान पूरा हुआ।

जिसको लेकर स्थानीय प्रशासन की ओर से नगर परिषद क्षेत्र के विभिन्न घाटों पर व्रतियों की सुविधा का ख्याल के मद्देनज़र मुकम्मल इंतजाम की गई थी। जिसके तहत छठ घाटों के उन्नयन पहुंच पथो के निर्माण व मरम्ती, प्रकाश की समुचित व्यवस्था, सड़कों की साफ-सफाई के अलावा पानी का छिड़काव की गई थी। यानि व्रतियों के होने वाली हर छोटी सी छोटी दिक्कतों को दूर करने की हरसंभव इंतजाम की गई है।

प्रशासन द्वारा की गई इंतजाम में स्थानीय छठ समितियां भी बढ़ चढ़कर कर सहयोग की। वही, स्थानीय प्रशासन घाटों की सुरक्षा एवं वर्तियो के गुजरने वाली हर सड़क पर सुरक्षा को लेकर कड़े इंतजाम किये गये थे। वही, स्थानीय छठ समितियों भी जगह-जगह अपने वालंटियर की तैनाती कर रखी थी। इसके साथ ही पुलिस प्रशासन की ओर से प्रयाप्त संख्या में घाटों पर पुलिस बल की तैनाती की गई थी।

वही, दूसरी ओर अनुमंडल पदाधिकारी शेरघाटी अनुग्रह नारायण सिंह एवं एसडीपीओ शेरघाटी राज किशोर सिंह के अलावा थानाध्यक्ष विमल कुमार सभी घाटों पर पहुंचकर सुरक्षा का इंतजाम एवं विधि-व्यवस्था की समीक्षा अधीनस्थ अधिकारियों के साथ करते देखे गयें। इसी क्रम में स्थानीय शहर स्थित राममंदिर छठ घाट पहुंचे, जहां तैनात स्टैटिक मजिस्ट्रेट मिथिलेश कुमार सिंह से सुरक्षा इंतजाम की जानकारी ली।

रिपोर्ट: अरविंद कुमार सिंह।

माथे पर दउरा लेकर छठ घाट पहुंचे केन्द्री गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय, अस्ताचलगामी सूर्य को दिया अर्ध्य, प्रदेशवासियों के समृद्धि की कामना की

डेस्क : चार दिवसीय लोक आस्था के महापर्व छठ के आज तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्ध्य दिया गया। राजधानी पटना के गंगा घाट से लेकर तालाबों और घरों पर लोगो पूरे श्रद्धा के साथ छठ व्रर्ती अस्तचलगामी भगवान सूर्य को अर्ध्य दिया। पूरा वातावरण भक्तिमय बना हुआ है। वहीं कल सुबह उगते हुए सूर्य यानी उदयगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य देंगी। अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए छठव्रती और श्रद्धालु दोपहर बाद से ही छठ घाटों पर पहुंचने लगे थे। 

वही इस पावन अवसर पर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने भी डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया और छठ मईया से देश और प्रदेशवासियों की सुख शांति और समृद्धि की कामना की। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय खुद माथे पर दउरा लेकर छठ घाट पहुंचे, जहां छठव्रतियों के अर्घ्य देने के बाद उन्होंने भी अर्घ्य दिया। 

नित्यानंद राय ने बिहार समेत देश के लोगों को छठ महापर्व की बधाई और शुभकामनाएं दी। इस दौरान छठ घाट पर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के साथ सेल्फी लेने वालों की भीड़ देखने को मिली। घाट पर मौजूद श्रद्धालु अपने नेता नित्यानंद राय के साथ सेल्फी लेने नजर आए। इस मौके पर लालगंज विधायक संजय सिंह मौजूद थे।

क्रिकेट विश्व कप, भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया के मैच में भारत की टीम 240 रनों पर सिमट गई, पांच को छोड़कर कोई भी दहाई का आंकड़ा भी नहीं कर सका

 विश्व कप का फाइनल मुकाबला भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच आज अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला जा रहा है।

 ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पैट कमिंस ने टॉस जीतकर गेंदबाजी का फैसला किया। मैच की पहली इनिंग में भारतीय टीम 50 ओवर में 240 रन पर सिमट गई। ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 50 ओवर में 241 रन बनाने हैं।

 बड़ा स्कोर नहीं बना पाई टीम इंडिया

भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व कप के फाइनल में 240 रन पर सिमट गई। कंगारू टीम को जीत के लिए 241 रन का लक्ष्य बना है। भारत के लिए केएल राहुल ने सबसे ज्यादा 66 और विराट कोहली ने 54 रन बनाए। कप्तान रोहित शर्मा ने 47 और सूर्यकुमार यादव ने 18 रन बनाए। कुलदीप यादव ने 10 रनों का योगदान दिया। 

इन पांच खिलाड़ियों के अलावा कोई भी दहाई का आंकड़ा नहीं छू सका। रवींद्र जडेजा नौ, मोहम्मद शमी छह, श्रेयस अय्यर और शुभमन गिल चार-चार रन बनाकर आउट हुए। जसप्रीत बुमराह एक रन ही बना पाए। मोहम्मद सिराज नौ रन बनाकर नाबाद रहे। ऑस्ट्रेलिया के लिए मिचेल स्टार्क ने सबसे ज्यादा तीन विकेट लिए। पैट कमिंस और जोश हेजलवुड को दो-दो सफलता मिली।

लोक आस्था महापर्व के आज तीसरे दिन अस्ताचलगामी सूर्य को छठ व्रतियों ने दिया अर्घ्य, कल उदयीमान सूर्य के अर्घ्य के साथ इस महापर्व का होगा समापन

गया : लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा के तीसरे दिन अस्ताचलगामी सूर्य को छठ व्रतियों ने अर्घ्य दिया. इस दौरान शहर के विभिन्न घाटों पर लोगों का जन सैलाब उमड़ पड़ा.

शहर के विभिन्न कोने-कोने से लोग अपने परिवार के साथ अर्घ्य देने के लिए घाटों पर पहुंचे, जहां उन्होंने विधिवत पूजा-अर्चना के दौरान अस्ता चलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया. मुख्य रूप से शहर के केंदुई घाट, राय बिंदेश्वरी घाट, झारखंडे घाट, पिता महेश्वर घाट, पॉलिटेक्निक घाट, सूर्यकुंड सहित विभिन्न घाटों पर लोग पहुंचे, जहां उन्होंने पूजा-अर्चना की.

इस दौरान घाटों पर नगर निगम, स्वयंसेवी संस्थाओं एवं स्थानीय समितियों द्वारा बेहतर व्यवस्था की गई है. चेंजिंग रूम से लेकर घाटों को आकर्षक रौशनी से सजाया गया है. वहीं सुरक्षा को लेकर चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल की तैनाती की गई है. छठ माता की गीतों से सभी छठ घाट गुंजायमान है. 

वहीं कई समितियां एवं संस्थाओं द्वारा नारियल, फल, सूप आदि का वितरण छठ व्रतियों के बीच किया जा रहा है. पूरा वातावरण धार्मिक बना हुआ है.

रिपोर्ट: मनीष कुमार

लोक आस्था का महापर्व छठ : सीएम आवास में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डूबते भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया, प्रदेश की सुख, शांति और समृद्धि की कामना की

डेस्क : चार दिवसीय लोक आस्था के महापर्व छठ के आज तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्ध्य दिया जा रहा है। राजधानी पटना के गंगा घाट से लेकर तालाबों और घरों पर लोगो पूरे श्रद्धा के साथ छठ व्रर्ती अस्तचलगामी भगवान सूर्य को अर्ध्य दे रहे है। पूरा वातावरण भक्तिमय बना हुआ है। वहीं कल सुबह उगते हुए सूर्य यानी उदयगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य देंगी। अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए छठव्रती और श्रद्धालु दोपहर बाद से ही छठ घाटों पर पहुंचने लगे। 

इधर राजधानी पटना के एक अणे मार्ग स्थित सीएम आवास में भी पूरे धूमधाम के साथ छठ पर्व हो रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सगे संबंधी छठ व्रर्त कर रहे है। वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डूबते हुए भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया और प्रदेश की सुख, शांति और समृद्धि की कामना की। 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा के अवसर पर बिहार वासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह आत्मानुशासन का पर्व है। लोग शुद्ध अन्तःकरण एवं निर्मल मन से अस्ताचल और उदीयमान भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं। भगवान भास्कर से राज्य में प्रगति, सुख, समृद्धि और शांति के लिए प्रार्थना करता हूं।

Chhath Puja 2023 : गया के इस घाट में एशिया की सबसे बड़ा है भगवान सूर्य की प्रतिमा, यहां पूजा करने से होते है निरोग

गया : बिहार के गया में ब्राह्मणी घाट में एशिया की सबसे बड़ी भगवान सूर्य की प्रतिमा है। सतयुग से यह प्रतिमा स्थापित मानी जाती है। शास्त्रों का हवाला देते हुए पुजारी बताते हैं, कि यह प्रतिमा अत्यंत ही दुर्लभ है। वहीं, गया में उदयीमान- मध्याह्न काल और संध्याकालीन प्रतिमा के रूप में भी भगवान भास्कर विराजमान हैं।

गया में भगवान भास्कर तीनों प्रहर के रूप में विराजमान हैं। पितामहेश्वर में उत्तरायण सूर्य, सूर्यकुंड में दक्षिणायन सूर्य और ब्राह्मणी घाट में दोपहर के भगवान बिरंची के रूप में भगवान भास्कर विराजमान हैं। गया शहर में यह तीनों मंदिर चंद मीटर की दूरी पर पंचकोशी गया जी तीर्थ में स्थापित हैं। हालांकि मानपुर के सूर्य मंदिर को भी उत्तरायण सूर्य के रूप में मान्यता है। उदयीमान सूर्य की पहली किरण सबसे पहले पिता महेश्वर में स्थापित भगवान सूर्य की प्रतिमा पर पड़ती है 

पिता महेश्वर मंदिर में अलौकिक बात है, कि यहां मंदिर में स्थापित भगवान सूर्य की प्रतिमा पर उदयीमान सूर्य की किरण सबसे पहले पड़ती है। इस मंदिर के किनारे पर स्थित सरोवर में छठ में उदयीमान भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया जा जाता है। वहीं, सूर्यकुंड में स्थित भगवान भास्कर की प्रतिमा की काफी महिमा है। यहां पूजा करने के बाद लोग निरोग हो जाते हैं। साथ ही संतान की प्राप्ति और अन्य मन्नते पूरी हो जाती हैं। यहां अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा सदियों से है।

ब्राह्मणी घाट में अपराहन के भगवान भास्कर की प्रतिमा है। यहां भगवान सूर्य पूरे परिवार के साथ विराजमान हैं। ब्राह्मणी घाट में स्थापित भगवान सूर्य की प्रतिमा काफी प्राचीन है। यह प्रतिमा अति दुर्लभ बताई जाती है और मान्यता है कि देश की छोड़ दें, तो एशिया में इस तरह की प्रतिमा दुर्लभ है। यह जो मन्नत मांगी जाती है, वह निश्चित तौर पर पूरी होती है। यहां भगवान सूर्य अपनी पत्नी संज्ञा, पुत्र शनि और यम, 2 देवियां उषा और प्रत्यूषा, सैनिक-सेवक के साथ सात घोड़े और 1 चक्के पर विराजमान हैं। यह प्रतिमा अत्यंत ही दुर्लभ है। एक साथ परिवार के साथ विराजमान भगवान सूर्य की प्रतिमा नहीं ही मिलती है। 

पुजारी बताते हैं कि सूर्य के 12 नामों में से एक भगवान विरंची की यहां मध्यकालीन प्रतिमा है। इस तरह की प्रतिमा पूरे विश्व में शायद ही कहीं होने की बात पुजारी बताते हैं। प्रतिमा के दाहिने ओर उनके पुत्र शनि, बायें ओर यम, पैर के पास पत्नी संज्ञा और सारथी के रूप में अरुण मौजूद हैं। सात घोड़े के रथ पर सभी सवार हैं। प्रातः कालीन उषा और संध्याकालीन प्रत्यूषा की भी प्रतिमा है। कहते हैं कि शास्त्रों के हिसाब से प्रथम सतयुुग के काल में इस मंदिर की स्थापना हुई है। यहां मध्याह्न कालीन भगवान भास्कर की प्रतिमा होने के कारण सुबह और शाम दोनों वक्त छठ में अर्ध्य दिया जाता है।

गया से मनीष कुमार

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