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उत्तरकाशी की टनल में पचास घंटे से ज्यादा समय से फंसे हैं 40 मजदूर, रेस्क्यू ऑपरेशन में आ रही ये परेशानी

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उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बीते रविवार को ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा से डंडालगांव के बीच निर्माणाधीन सुरंग धंसने के बाद से फंसे मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। मजदूर टनल में 50 घंटे से ज्यादा वक्त से फंसे हुए हैं। सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन तेज हो गया है। यमुनोत्री हाईवे पर बन रही इस टनल से मलबा हटाने का काम जारी है।अधिकांश मलबे को काट कर हटा दिया गया है। हालांकि अभी भी मलबा बचा हुआ है, जिसके चलते मजदूरों की जान मुसीबत में फंसी हुई है।अब ऑगर ड्रिलिंग मशीन मंगाई है, यह मशीन मलबे में 900 मिमी स्टील पाइप लगाएगी। इन 900 मीटर के पाइप के जरिए सुरंग में फंसे हुए मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जाएगा। 

मजदूरों से वॉकी टॉकी के जरिए किया जा रहा संपर्क

टनल के अंदर फंसे चालीस मजदूरों के रेस्क्यू के लिए तीसरे दिन भी ऑपरेशन जारी है। इस बीच टनल में फंसे मजदूरों से वॉकी टॉकी के जरिए संपर्क किया जा रहा है। मजदूरों ने बताया है कि वो सुरक्षित हैं। इसके साथ ही पाइप के जरिये ऑक्सीजन का भी प्रबंध किया गया है और खाने-पीने का सामान मजदूरों तक पहुंचाया जा रहा है। श्रमिकों के पास रोशनी के लिए मशालें भी हैं।अधिकारियों ने कहा कि लोगों के पास ऑक्सीजन सिलेंडर तक पहुंच है, और उन्हें पानी की आपूर्ति के लिए इस्तेमाल की जाने वाली पाइप के माध्यम से अतिरिक्त ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है।

इस वजह से आ रही रेस्क्यू ऑपरेशन में रुकावट

एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम पुलिस और स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर मलबे को हटाने का काम कर रही है। मलबे को ट्रकों के जरिए बाहर निकाला जा रहा है, लेकिन मलबा हटाते वक्त ऊपर से लगातार मिट्टी गिर रही है। आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने बताया कि मलबा गिरने की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में रुकावट आ रही है। ऐसे में गिरते मलबे से निपटने के लिए शॉटक्रीट विधि का इस्तेमाल किया जा रहा है। जो आंशिक रूप से सफल रही है।

रेस्कूय के लिए 900 मिलि मीटर स्टील पाइप डालने की कोशिश

एक तरफ जहां मलबा हटाने का काम चल रहा है तो वहीं दूसरी तरफ सुरंग के दूसरे छोर पर पाइप डालने का काम भी किया जा रहा है। एनडीआरएफ सुरंग के अंदर फंसे 40 मजदूरों को निकालने के लिए 900 मिलि मीटर का स्टील पाइप डालने की कोशिश कर रही है। अगर ये पाइप मलबे के दूसरे छोर तक बिछाने में कामयाबी मिल जाती है तो सभी मजदूरों को तुरंत बाहर निकाला जा सकता है। ये पाइप ढाई से तीन फीट तक चौड़ा होगा। स्टील का ये पाइप अदर अंदर पहुंच गया तो मलबा हटाए बिना ही अंदर फंसे लोगों को सुरक्षित निकाला जा सकेगा। डिज़ास्टर मैनेजमेंट के सेक्रेटरी रंजीत सिन्हा ने कहा कि आज रात या परसों सुबह तक सबको बाहर निकाला जा सकता है।

पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री से ली जानकारी

इधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर उत्तरकाशी के सिल्क्यारा के पास टनल में फंसे श्रमिकों के बारे में जानकारी ली। अब तक प्रधानमंत्री दो बार मुख्यमंत्री से स्थिति की जानकारी ले चुके हैं। मुख्यमंत्री ने राहत और बचाव कार्यों की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि तमाम राज्य और केंद्रीय एजेंसियां परस्पर समन्वय और तत्परता के साथ राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने स्वयं मौके पर जाकर स्थानीय निरीक्षण किया और बचाव कार्यों पर लगातार नजर बनाए रखे हुए हैं। बचाव कार्य के लिए बड़े व्यास के ह्यूम पाइप हरिद्वार और देहरादून से भेजे जाने की व्यवस्था कर दी गई है।मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरंग के अंदर फंसे सभी मजदूर सुरक्षित हैं और उन्हें जल्द बाहर निकलने की पूरी कोशिश की जा रही है।

दिल्ली में प्रदूषणःलोगों को कानून का डर नहीं, ना ही सेहत की है चिंता, दिवाली पर जमकर हुई आतिशबाजी के बाद जहरीली हुई हवा

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देश की राजधानी दिल्ली गैस चैंबर में तब्दील हो गई है। दिवाली के बाद से एक बार फिर दिल्ली धुआं-धुआं है। दिल्ली और एनसीआर में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी दिवाली की रात जमकर आतिशबाजी हुई। जिसके बाद एक फिर प्रदूषण से आबोहवा खराब हो गई है। इस बात से साफ जाहिर होता है कि लोगों को ना तो कानून का डर है ना ही अपनी और अपने परिवार के सेहत की चिंता है। 

पिछले साल की तुलना में पॉल्यूशन लेवल 45% ज्यादा बढ़ा

दिल्ली-एनसीआर में AQI का लेवल एक बार फिर चढ़ना शुरू हो गया है। जो बेहद गंभीर कैटेगरी में जा पहुंचा है। पिछले साल की तुलना में इस बार दिवाली के बाद, दिल्ली की हवा में पॉल्यूशन लेवल 45% ज्यादा बढ़ गया और धुंध इतनी ज्यादा है कि कुछ 100 मीटर के बाद ही विजिबिलिटी खत्म हो रही है। सफर एप के मुताबिक दिल्ली में हवा की गुणवत्ता कल के मुकाबले और ज्यादा खतरनाक हो गई है। दिल्ली में AQI 435 दर्ज किया गया है। पूसा रोड के हाल सबसे गंभीर हैं जहां AQI लेवल 572 पहुंच गया है। लोधी रोड का 440, नॉर्थ कैंपस में 413, दिल्ली एयरपोर्ट पर 469, IIT दिल्ली में 488 और आनंद विहार में AQI 451 दर्ज किया गया और सभी गंभीर श्रेणी में है।

हवा में सामान्य से साढ़े तीन गुना से ज्यादा प्रदूषण के कण

दिल्ली-एनसीआर की हवा में सामान्य से साढ़े तीन गुना से ज्यादा प्रदूषण के कण मौजूद हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB)के मुताबिक सोमवार शाम पांच बजे हवा में प्रदूषक कण पीएम 10 का स्तर 354 और पीएम 2.5 का स्तर 261 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर रहा। बता दें कि हवा में पीएम 10 का स्तर 100 से कम होने और पीएम 2.5 का स्तर 60 से कम होने पर ही हवा को साफ माना जाता है। ऐसे में जिस तरह की स्थिति दिल्ली-एनसीआर की हवा में देखने को मिल रही है वह काफी खतरनाक है।

दीपावली वाले दिन सबसे साफ रहा दिन

बता दें कि मौसम के अनुकूल होने व हवा की गति बढ़ने से दीपावली के दिन लोगों ने आठ वर्ष बाद साफ हवा में सांस ली। दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 218 में दर्ज किया गया। यह खराब श्रेणी में है। वर्ष 2022 में दिवाली के दिन एक्यूआई 312 और वर्ष 2016 में 431 दर्ज किया गया था। रविवार को दिल्लीवासियों की सुबह साफ आसमान और धूप के साथ हुई। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) सुबह सात बजे 202 पर रहा, जो कम से कम तीन सप्ताह में सबसे अच्छा रहा। 

पार्किंग रेट किया दोगुना

प्रदूषण को लेकर जिम्मेदारी केवल सरकार और कानून की नहीं है आम लोगों को भी जागरूक होना पड़ेगा।हालांकि, आम आदमी को इसका एहसास तो ही नहीं। फिर चाहे आतिशबाजी की बात हो या गाड़ियों के इस्तेमाल की। यही वजह है कि प्रदूषण के उच्च स्तर के बीच लोगों को निजी गाड़ियों का इस्तेमाल करने के प्रति हतोत्साहित करने के मकसद से नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (NDMC) ने अपने क्षेत्र में पार्किंग शुल्क दोगुना कर दिया है। एक आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया है कि मौसम की स्थिति को देखते हुए एनडीएमसी के कर्मियों द्वारा प्रबंधित किए जाने वाले पार्किंग स्थलों पर पार्किंग शुल्क को 31 जनवरी 2024 तक दोगुना कर दिया गया है। इसमें कहा गया है कि प्रदूषण की स्थिति के कारण दिल्ली में लागू ‘ग्रेडेड एक्शन रिस्पांस प्लान’ (GRAP) के चौथे चरण के दिशानिर्देशों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। एनडीएमसी वर्तमान में पार्किंग स्थलों पर चार पहिया वाहनों के लिए 20 रुपये प्रति घंटा और अधिकतम 100 रुपये प्रति दिन और दोपहिया वाहनों के लिए 10 रुपये प्रति घंटा और अधिकतम 50 रुपये प्रति दिन का शुल्क लेती है।

अर्जुन रणतुंगा का बीसीसीआई सचिव जय शाह पर गंभीर आरोप, श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड की बर्बादी के लिए ठहराया जिम्मेदार

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वर्ल्ड कप 2023 के सारे लीग मैच खत्म हो चुके हैं। अब आईसीसी वनडे विश्व कप 2023 के सेमीफाइनल मुकाबले शुरू होने हैं।टीम इंडिया ने वर्ल्ड कप 2023 की लीग स्टेज में अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए सभी 9 मैच जीत लिए।इसके साथ ही सेमीफाइनल में जगह बना ली।भारत के अलावा साउथ अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ने सेमीफाइनल में जगह बनाई है। वर्ल्ड कप में अगर बाकी टीमों के प्रदर्शन की बात की जाए तो पाकिस्तान, इंग्लैंड और श्रीलंका यह टीमें है जिन्होंने काफी खराब प्रदर्शन किया।इंग्लैंड ने सिर्फ 3 ही मुकाबले जीते तो वहीं पाकिस्तान के हिस्से में भी सिर्फ 4 जीत आई। श्रीलंका की बात की जाए तो श्रीलंका 2 ही मुकाबला जीत पाई और 2025 में खेले जाने वाली चैंपियंस ट्रॉफी से भी बाहर हो गई।इस बीच श्रीलंका के पूर्व कप्तान अर्जुन राणातुंगा ने भारतीय क्रिकेट बोर्ड यानी बीसीसीआई के सचिव जय शाह पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

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श्रीलंकाई क्रिकेट को जय शाह चला रहे-रणतुंगा

1996 में श्रीलंका को वर्ल्ड कप विजेता बनाने वाले पूर्व कप्तान अर्जुन रणतुंगा ने कहा कि जय शाह का श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड के अधिकारियों पर दबदबा है। उनकी मिलीभगत की वजह से ही श्रीलंका की क्रिकेट का बुरा हाल हो रहा है।श्रीलंका के डेली मिरर न्यूज पेपर के यूट्यूब चैनल पर इंटरव्यू के दौरान रणतुंगा ने कहा कि श्रीलंकाई क्रिकेट को जय शाह चला रहे हैं। जय शाह के दबाव के कारण श्रीलंका बर्बाद है।उन्होंने कहा कि श्रीलंका क्रिकेट के अधिकारियों और जय शाह के संबंधों के चलते वे (शाह) एसएलसी को कुचल सकते हैं और नियंत्रित भी कर सकते हैं।भारत का एक व्‍यक्ति श्रीलंका क्रिकेट को बर्बाद कर रहा है।

अपने पिता के कारण जय शाह शक्तिशाली-रणतुंगा

रणतुंगा का दावा है कि वह केवल अपने पिता यानी भारत के गृह मंत्री अमित शाह के कारण शक्तिशाली हैं। रणतुंगा का ये बयान तब आया है जब श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड को बर्खास्त कर दिया गया है। दरअसल,श्रीलंका की टीम भारत में चल रहे वनडे वर्ल्ड कप में 9 में से 7 लीग मैच हार गई और 10 टीमों में 9वां स्थान हासिल किया। श्रीलंका सेमीफाइनल में पहुंचने से चूक गया और साथ ही 2025 में होने वाली आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के लिए भी क्वालिफाई नहीं कर सका। 

आईसीसी ने श्रीलंकाई क्रिकेट बोर्ड पर लगाया प्रतिबंध

श्रीलंका के खराब प्रदर्शन के बाद वहां के खेल मंत्री रोशन रणसिंघे ने 6 नवंबर को श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड को बर्खास्त कर दिया था। साथ ही एक अंतरिम बोर्ड का गठन भी किया था। अर्जुन रणतुंगा को नए अंतरिम बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। जिसे कुछ घंटों के बाद ही आईसीसी ने खत्म कर दिया। क्‍योंकि आईसीसी ने श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड की तत्काल प्रभाव से सदस्यता छीन ली। अब आईसीसी के अगले आदेश तक 1996 की विश्‍व चैंपियन श्रीलंका टीम अंतरराष्‍ट्रीय क्रिकेट नहीं खेल सकेगी।

मणिपुर में तनाव के बीच केंद्र का बड़ा एक्शन, 9 मैतेई चरमपंथी समूहों पर 5 साल के लिए लगाया प्रतिबंध

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मणिपुर में हिंसा की आग को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए केन्द्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राष्ट्र विरोधी गतिविधियों और सुरक्षाबलों पर घातक हमले करने को लेकर नौ मैतेई चरमपंथी संगठन और उनके सहयोगी संगठनों पर बैन लगा दिया है। नौ मैतेई उग्रवादी ग्रुप्स और उनके सहयोगी संगठनों पर पांच साल के लिए बैन लगा दिया। यह बैन इनकी राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों और सुरक्षा बलों पर घातक हमले करने के कारण लगाया गया है। ये ग्रुप्स मणिपुर में एक्टिव हैं। यह बैन आज से ही लागू होगा।

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इन उग्रवादी ग्रुप्स पर लगाया बैन

गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन में जिन ग्रुप्स को बैन गया है उनमें- उनमें पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) और इसकी राजनीतिक शाखा, रिवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट (आरपीएफ), यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) और इसकी सशस्त्र शाखा मणिपुर पीपुल्स आर्मी (एमपीए) शामिल हैं। इनमें पीपुल्स रिवोल्यूशनरी पार्टी ऑफ कांगलेईपाक (पीआरईपीएके) और इसकी सशस्त्र शाखा रेड आर्मी, कांगलेईपाक कम्युनिस्ट पार्टी (केसीपी), इसकी सशस्त्र शाखा (जिसे रेड आर्मी भी कहा जाता है), कांगलेई याओल कनबा लुप (केवाईकेएल), कोआर्डिनेशन कमेटी (कोरकॉम) और एलायंस फॉर सोशलिस्ट यूनिटी कांगलेईपाक (एएसयूके) भी शामिल हैं।

गृह मंत्रालय ने बताया बैन लगाना क्यों जरूरी?

अपनी अधिसूचना में गृह मंत्रालय ने कहा है कि केंद्र सरकार की राय है कि यदि मैतेई चरमपंथी संगठनों पर तत्काल अंकुश नहीं लगाया गया तो वे अपने अलगाववादी, विध्वंसक, आतंकवादी और हिंसक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए अपने कैडरों को संगठिन करने का अवसर तलाश सकते हैं।इसमें कहा गया कि वे भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए हानिकारक ताकतों के साथ मिलकर राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों का प्रचार करेंगे, लोगों की हत्याओं में शामिल होंगे और पुलिस तथा सुरक्षाबलों के जवानों को निशाना बनाएंगे। अधिसूचना के अनुसार, अंकुश न लगाए जाने की स्थिति में ये समूह और संगठन अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार से अवैध हथियार और गोला-बारूद हासिल करेंगे। अपनी गैरकानूनी गतिविधियों के लिए जनता से भारी धन की वसूली करेंगे।

इन ग्रुप्स पर बैन बढ़ा

इसके अलावा पीएलए,यूएनएलएफ, पीआरईपीएके,केसीपी,केवाईकेएल को कई साल पहले गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत गृह मंत्रालय ने बैन किया था। नए एक्शन में इन पर बैन को पांच साल तक बढ़ा दिया है। अन्य संगठनों के गैरकानूनी घोषित होने का ऐलान ताजा है।

3 मई को कुकी और मैतेई समुदायों के बीच भड़क उठी थी हिंसा

दरअसल, मणिपुर उस समय हिंसा की आग में जल उठा जब 3 मई को कुकी और मैतेई समुदाय के लोग आमने-सामने आ गए। तीन मई को राज्य के कुकी और दूसरे जनजातीय समुदाय ने एक रैली निकाली। ये रैली मैतेई समुदाय को जनजाति का दर्ज़ा दिए जाने की मांग के ख़िलाफ़ निकाली गई थी। रैली के बाद हिंसा भड़की और कुकी समुदाय की तरफ से मैतेई समुदाय पर हमले किए गए।इसके जवाब में मैतेई समुदाय ने भी प्रतिक्रिया दी और मैतेई बहुल इलाक़ों में रह रहे कुकी समुदाय के लोगों के घर जला दिए गए और उन पर हमले किए गए।इन हमलों के बाद मैतेई बहुल इलाकों में रहने वाले कुकी और कुकी बहुल इलाकों में रहने वाले मैतेई अपने-अपने घर छोड़कर जाने लगे। हिंसा में अब तक 150 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है जबकि सैकड़ों की संख्या में लोग घायल हुए हैं।हिंसा की वजह से हजारों की संख्या में लोग पलायन कर दूसरे राज्यों में रहने के लिए मजबूर हैं। इसके साथ-साथ हजारों लोगों को राहत शिविर में रखा गया है।

क्यों भड़की हिंसा की आग?

बता दें कि मणिपुर में मुख्य तौर पर तीन समुदाय के लोग रहते हैं. मैतेई और जनजातीय समूह कुकी और नगा. पहाड़ी इलाक़ों में कुकी, नगा समेत दूसरी जनजाति के लोग रहते हैं।जबकि इंफ़ाल घाटी में बहुसंख्यक मैतेई लोग रहते हैं।मैतेई समुदाय के ज़्यादातर लोग हिंदू हैं तो नगा और कुकी समुदाय के लोग मुख्य तौर पर ईसाई धर्म के हैं। जनसंख्या में ज़्यादा होने के बावजूद मैतेई मणिपुर के 10 प्रतिशत भूभाग में रहते हैं जबकि बाक़ी के 90 प्रतिशत हिस्से पर नगा, कुकी और दूसरी जनजातियां रहती हैं।मणिपुर के मौजूदा जनजाति समूहों का कहना है कि मैतेई का जनसांख्यिकी और सियासी दबदबा है। इसके अलावा ये पढ़ने-लिखने के साथ अन्य मामलों में भी आगे हैं।उनका मानना है कि अगर मैतेई को भी जनजाति का दर्जा मिल गया तो उनक लिए नौकरियों के अवसर कम हो जाएंगे और वे पहाड़ों पर भी ज़मीन ख़रीदना शुरू कर देंगे। ऐसे में वे और हाशिए पर चले जाएंगे।

ममता बनर्जी का महुआ मोइत्रा को मौन समर्थनः विवादों के बीच दी नई जिम्मेदारी, अब संभालेंगी ये पद

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ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस की सांसद इन दिनों विवादों में हैं। बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा के ख़िलाफ़ पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप लगाया था। जिसके बाद ये मामला लोकसभा की एथिक्स कमेटी तक पहुंच चुका है। लोकसभा की एथिक्स कमेटी ने पैसे लेकर सवाल पूछने के आरोपों की जांच के बाद अपनी उस ड्राफ्ट रिपोर्ट को अडॉप्ट कर लिया है, जिसमें उन्हें सदन से निष्कासित करने की सिफारिश की गई है।हालांकि ममता बनर्जी अब तक इस मामले में चुप्पी साधे हैं। इस बीच टीएमसी के एक फैसले के बाद ये साफ है कि महुआ मोइत्रा तो ममता बनर्जी का पूरा समर्थन है।दरअसल, आरोपों में घिरीं टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को उनकी पार्टी ने नई जिम्मेदारी दी है।

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने मोइत्रा को कृष्णानगर (नदिया नॉर्थ) जिले का पार्टी अध्यक्ष नियुक्त किया है। टीएमसी सांसद महुआ बनर्जी ने इस नई जिम्मेदारी के लिए पार्टी प्रमुख और सीएम ममता बनर्जी का शुक्रिया अदा किया है। महुआ बनर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, "मुझे कृष्णानगर (नादिया उत्तर) का जिला अध्यक्ष नियुक्त करने के लिएममता दीदी और तृणमूल कांग्रेस को धन्यवाद। मैं कृष्णानगर के लोगों के लिए पार्टी के साथ हमेशा काम करूंगी।

महुआ मोइत्रा पर आरोप है कि उन्होंने अपना पार्लियामेंट का पासवर्ड लॉगइन बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से शेयर किया ताकि वो उनकी ओर जब भी जरूरत पड़े संसद में 'सीधे सवाल' कर सकें। एक इंटरव्यू ने महुआ ने माना था कि उन्होंने उन्होंने दर्शन हीरानंदानी से लॉगइन और पासवर्ड शेयर किया है। लेकिन उन्होंने इसके एवज में कैश लेने की बात से इनकार किया। जबकि वकील जय अनंत देहाद्राई ने अपनी शिकायत में कहा था कि महुआ ने पैसे लेकर हीरानंदानी ग्रुप की ओर से सवाल पूछे हैं। देहाद्राई की इस शिकायत के बाद बीजेपी सांसद ने लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को चिट्ठी लिख महुआ मोइत्रा को सदन से निलंबित करने और उनके ख़िलाफ़ आपराधिक मुकदमा चलाने की मांग की थी।

ब्रिटेन की गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन बर्खास्त, जानें ऋषि सुनक के इस फैसले के पीछे की वजह

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ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन को बर्खास्त कर दिया है। अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले सुनक ने अपने कैबिनेट में फेरबदल की है।सुएला ब्रेवरमैन ने पुलिस पर फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों के प्रति बहुत अधिक उदार होने का आरोप लगाया था।पिछले कुछ दिनों से वह लगातार सख्त बयान दे रही हैं।कैबिनेट से बाहर किए जाने के बाद अभी साफ नहीं है कि ब्रैवरमैन की जगह किसे मंत्री बनाया जाएगा।

सरकार का कहना है कि ब्रेवरमैन ने सोमवार को कैबिनेट फेरबदल के तहत अपना पद छोड़ दिया। एपी की रिपोर्ट के अनुसार, सुनक पर ब्रेवरमैन को बर्खास्त करने का दबाव बढ़ रहा था।अपनी बर्खास्तगी के बाद, ब्रेवरमैन ने कहा, “गृह सचिव के रूप में सेवा करना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सौभाग्य रहा है।” उन्होंने यह भी कहा है कि आने वाले दिनों में वह कुछ खुलासे भी कर सकती हैं।

बता दें कि ब्रेवरमैनने इजरायल-हमास संघर्ष शुरू होने बाद लंदन में होने वाले प्रदर्शनों से सख्ती से नहीं निपटने का आरोप लगाते हुए उन्होंने मेट्रोपालिटन सिटी पुलिस पर निशाना साधा था। उन्होंने पुलिस पर ‘पसंदीदा भूमिका’ निभाने का आरोप लगाया था। मसलन फिलिस्तीन समर्थक प्रोटेस्ट को पुलिस समर्थन जैसे गंभीर दावे किए थे। साथ ही दावा किया था कि पुलिस ने बड़े पैमाने पर “फिलिस्तीनी समर्थक भीड़” को नजरअंदाज किया।

उन्होंने सुनक की मंजूरी के बिना एक लेख भी लिखा, जिसमें शनिवार के फिलिस्तीन समर्थक मार्च की आलोचना की थी। इस मार्च में तीन लाख लोग जुटे थे। लंदन में उन्होंने बड़ा प्रोटेस्ट किया था।

पिछले कुछ दिनों से वह लगातार सख्त बयान दे रही हैं। ऋषि सुनक से पहले लिज ट्रस कुछ दिनों के लिए प्रधानमंत्री थीं। उनके कार्यकाल में भी सुएला गृह मंत्री थीं। तब वह भारतीयों को लेकर अपने विवादित बयानों के कारण चर्चा में आ गई थीं। तब लीसेस्टर में भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच के दौरान बवाल हुआ था। तब उन्होंने कहा था कि इसके लिए यूके में होने वाला अनियमित माइग्रेशन जिम्मेदार है। इसके अलावा उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि माइग्रेशन एक बड़ी समस्या है और भारतीय सबसे ज्यादा है जो ओवरस्टे करते हैं।

पाकिस्‍तान में एक और आतंकी की हत्‍या, जैश आतंकी तारिक रहीम को अज्ञात हमलावरों ने मारी गोली, मसूद अजहर का था करीबी

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पाकिस्‍तान में एक बार फिर एक आतंकी की हत्‍या हुई है। इस बार अज्ञात हमलावरों ने जैश-ए-मोहम्‍मद के आतंकी मौलाना तारिक रहीम उल्‍लाह तारिक को ढेर किया है।मारा गया मौलाना तारिक रहीम उल्लाह जैश के संस्थापक मसूद अजहर का करीबी बताया जा रहा है। घटना के समय मौलाना तारिक भारत विरोधी एक रैली में हिस्सा लेने जा रहा था।इसी दौरान कुछ अज्ञात लोगों ने उसे गोलियों से भून दिया।बता दें कि पिछले सप्ताह लश्कर ए तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद का करीबी अकरम खान उर्फ अकरम गाजी भी पाकिस्तान के बाजापुर में अज्ञात हमलावरों की गोली का निशाना बन गया था। पाकिस्तान में इस साल मारे जाने वाले आतंकियों की संख्या अब एक दर्जन के पार पहुंच गई है।

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तारिक पाकिस्‍तान का एक मशहूर मौलाना था जिसे सुनने के लिए हजारों की संख्‍या में भीड़ उमड़ती थी। मौलाना जिस सभा में शामिल होने के लिए जा रहा था, वह कराची के ओरंगी टाउन में आयोजित हो रही थी। इस रैली में भारत में प्रतिबंधित आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के टॉप आतंकवादी मौलाना रहीम उल्लाह तारिक को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया गया था। रैली में हजारों भारत विरोधियों की भीड़ थी। इस रैली में शामिल होते ही मौलाना तारिक रहीम उल्लाह को भीड़ में मौजूद किसी अज्ञात हमलावर ने गोली मार दी। पुलिस का कहना है कि गोली बेहद करीब से मारी गई है।

पुलिस मौलाना तारिक को गंभीर हालत में अस्पताल ले गई। अस्पताल में डॉक्टरों ने मौलाना को मृत घोषित कर दिया। गोली मौलाना के सिर में मारी गई है। पाकिस्तान की पुलिस ने इस घटना को टारगेट किलिंग माना है। इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों की पड़ताल की जा रही है। हालाँकि अभी तक पुलिस किसी भी संदिग्ध को गिरफ्तार नहीं कर पाई है।

बता दें कि पाकिस्तान में भारत के मोस्ट वांटेड एवं उनके सहयोगी लगातार मारे जा रहे हैं।पाकिस्तान में इस साल की शुरुआत से टारगेट किलिंग का दौर चल रहा है। अभी तक करीब 12 दुश्मनों को अज्ञात हमलावर ढेर कर चुके हैं। ऐसा भी नहीं है कि आईएसआई, इन आतंकियों को महफूज रखने का प्रयास नहीं कर रही। इसके बावजूद आतंकी, अज्ञात हमलावरों का निशाना बन रहे हैं।हालांकि आईएसआई की तरफ से ऐसा आरोप लगाया जाता है कि इन सब हत्याओं के पीछे भारतीय एजेंसियों का हाथ है।

इस महीने इस तरह की यह तीसरी हत्या है। 10 नवंबर को अकरम गाजी को मार दिया गया जबकि पांच नवंबर को लश्कर कमांडर ख्वाजा शाहिद का कटा हुआ सिर एलओसी के पास मिला।इस साल मार्च में हिजबुल मुजाहिदीन के एक शीर्ष कमांडर की पाकिस्तान के रावलपिंडी में अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। उससे पहले फरवरी में अज्ञात बंदूकधारियों ने बंदरगाह शहर कराची में अल-बद्र मुजाहिदीन के पूर्व कमांडर सैयद खालिद रजा की गोली मारकर हत्या कर दी थी, जिसे पुलिस ने एक टारगेट किलिंग बताया था। इस साल की शुरुआत में इस्लामिक स्टेट (आईएस) के टॉप कमांडर के रूप में काम करने वाले कश्मीरी आतंकी ऐजाज अहमद अहंगर की अफगानिस्तान के कुनार प्रांत में हत्‍या हुई थी। बताया गया था कि उसे तालिबान ने मार दिया था।

*हैदराबाद के नामपल्ली में एक अपार्टमेंट में भीषण आग, नौ लोगों की झुलसकर मौत*

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दिवाली के दौरान आग लगने के कई मामले सामने आए। इन घटनाओं में हैदराबाद में आग लगने से बड़ा हादसा भी शामिल हैं। हैदराबाद के नामपल्ली इलाके में स्थित एक अपार्टमेंट में अचानक आग लग गई। देखते ही देखते पूरे अपार्टमेंट में फैली आग में झुलसकर 9 लोगों की मौत हो गई है।घटना की सूचना मिलते ही दमकल की चार गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और आग पर काबू पाया।

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पुलिस ने बताया कि आग ग्राउंड फ्लोर में रखे केमिकल्स के ड्रमों में लगी थी। ग्राउंड फ्लोर पर आग लगने के बाद यह ऊपरी मंजिलों तक फैल गई। इस वजह से लोग फंस गए और बचकर नहीं निकल पाए। आग बुझाने के बाद फायर ब्रिगेड ने 21 लोगों को बाहर निकाला और अस्पताल पहुंचाया। इसमें से 9 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 12 लोग अभी भी गंभीर हालत में हैं, जिनका इलाज चल रहा है।

पुलिस के मुताबिक, इस बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर एक गोदाम में कई केमिकल्स रखे थे। इसी गोदाम में ही एक कार की रिपेयरिंग भी चल रही थी। शुरुआती जांच में सामने आया है कि यहां एक स्पार्क से केमिकल्स ने आग पकड़ ली और देखते ही देखते आग पूरे कमरे से होते हुए अपार्टमेंट में फैल गई।

यह घटना नामपल्ली के बाजार घाट इलाके में सोमवार सुबह करीब 9.35 बजे छह मंजिला इमारत में हुई। सूचना मिलने पर दमकल की चार गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंचीं और आग पर काबू पाया।

उत्तरकाशी टनल हादसा: 40 जानों को बचाने की जंग जारी, पाइप से पहुंचाया गया ऑक्सीजन और खाना पानी

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उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सुरंग में हुए भूस्खलन के बाद बचाव अभियान दूसरे दिन भी जारी है। सुरंग के अंदर 40 से अधिक मजदूर फंसे हुए हैं। गनीमत है कि अंदर फंसे करीब 40 मजदूर सुरक्षित हैं।उन्हें निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।पुलिस के आला अधिकारियों के अलावा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव में जुटी हुई है। इस बीच उत्तराखंड के सीएम धामी भी घटनास्थल पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया।

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सीएम धामी ने मौके का जायजा लेने के बाद बताया कि उत्तरकाशी टनल से मलबा हटाने के लिए खुदाई करने वाली कई मशीनें बुलाई गईं हैं, जिनकी मदद से टनल से मलबा हटाने का काम चल रहा है। लेकिन, टनल में लगातार मलबा आने से रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारी पहली प्राथमिकता सभी को सकुशल बाहर निकालना है। इसके लिए पूरी रात रेस्क्यू ऑपरेशन चला है और मैं खुद मॉनिटर कर रहा हूं। उन्होंने आगे कहा कि माननीय प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के निर्देश पर सभी एक्सपर्ट और एजेंसियां मौके पर मौजूद हैं और मजदूरों को निकालने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में रविवार तड़के एक बड़ा हादसा हो गया। ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा से डंडालगांव के बीच निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा तड़के अचानक टूट गया जिससे उसमें काम कर रहे करीब 40 श्रमिक अंदर फंस गए। टनल हादसे को 24 घंटों से ज्यादा हो चुका है 60 मीटर के मलबे को काट दिया है और 30-35 मीटर का मलबा रह गया। मलवा हटाने के लिए हैवी एक्सकैवेटर मशीनों को जुटाया गया है। वॉकी-टॉकी के थ्रू टनल में फंसे मजदूरों से संपर्क हुआ हैं। फिलहाल सभी मजदूर सुरक्षित बताए जा रहे हैं। निर्माणाधीन सुरंग में पानी की आपूर्ति के लिए बिछी पाइप लाइन से ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। इसके साथ ही इसी पाइप लाइन से कंप्रेसर के जरिए दबाव बनाकर टनल में फंसे मजदूरों तक खाना और पानी भेजा गया है। 

एनडीआरएफ की टीमों का कहना है कि अंदर फंसे मजदूरों को खाना और पानी दिया गया है। उन्हें उम्मीद है कि आज शाम तक वे मलबे को तोड़कर मजदूरों को बाहर निकाल लेंगे। हम फंसे हुए श्रमिकों को कुछ चिप्स और पानी देने में कामयाब रहे हैं। हम पुष्टि कर सकते हैं कि श्रमिक सुरक्षित स्थिति में हैं। एनडीआरएफ के सहायक कमांडर कर्मवीर सिंह भंडारी ने बताया कि बचाव अभियान जारी है, हमें उम्मीद है कि आज शाम तक हम मलबे को तोड़ देंगे और घटनास्थल तक पहुंच जाएंगे। फंसे हुए श्रमिकों को बचाने के लिए। उस हिस्से में प्लास्टर का काम पूरा नहीं हुआ था, यही कारण है कि सुरंग ढह गई। 

बता दें कि चारधाम सड़क परियोजना के तहत यमुनोत्री हाईवे पर सिलक्यारा से पोलगांव के बीच राज्य की सबसे लंबी (4.5 किमी) सुरंग बनाई जा रही है। जिसमें अब करीब 500 मीटर हिस्सा ही सुरंग के आर-पार होने के लिए बचा है। दिन-रात दो शिफ्ट में मजदूर इस सुरंग का निर्माण कार्य कर रहे हैं। शनिवार रात आठ बजे शिफ्ट शुरू हुई थी। जिसमें 40 से 50 मजदूर काम पर गए थे। यह शिफ्ट रविवार को बड़ी दीपावली के दिन सुबह 8 बजे खत्म होने वाली थी। जिसके बाद सभी मजदूर दीपावली की छुट्टी मनाने के लिए उत्साहित थे। लेकिन इससे पहले ही सुबह करीब पांच बजे सुरंग के सिलक्यारा वाले मुहाने से 230 मीटर अंदर सुरंग का 30 से 35 मीटर हिस्सा टूट गया। पहले धीरे-धीरे मलबा गिरा। जिसे सभी ने हल्के में लिया। फिर अचानक भारी मात्रा में मलबा आया और सुरंग बंद हो गई। इस दौरान 3-4 मजदूरों ने भाग कर अपनी जान बचाई। लेकिन अन्य सुरंग के अंदर ही फंस गई। जिनकी 40 के करीब बताई जा रही है।

पीएम मोदी ने छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार बनने का किया दावा, बोले- कांग्रेस के जाने का काउंट डाउन शुरू हो चुका है

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छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण के लिए मतदान खत्म हो चुके हैं। अब दूसरे चरण के लिए प्रचार जोर शोर से हो रहा है। इसी क्रम में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सातवीं बार छत्तीसगढ़ के दौरे पर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज छत्तीसगढ़ के मुंगेली में जनसभा को संबोधित किया।मुंगेली में पीएम नरेंद्र मोदी ने सभा को संबोधित करते हुए दावा किया कि तीन दिसंबर को भाजपा की सरकार बन रही है है। उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में भाजपा के पक्ष में भारी मतदान करने के लिए मैं छत्तीसगढ़ की जनता को हृदय से धन्यवाद देता हूं। आज मैं विशेष रूप से छत्तीसगढ़ की महिलाओं और युवाओं का आभार व्यक्त करना चाहता हूं। मैं उनके मजबूत फैसले को, भाजपा के प्रति उनके विश्वास और लगाव को आदरपूर्वक नमन करता हूं। 

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कांग्रेस नेताओं की विदाई का समय आ गया-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले चरण में ही कांग्रेस पस्त हो गई है। उन्होंने हार मान ली है। यहां कांग्रेस के जाने का काउंट डाउन शुरू हो चुका है। पांच साल लूटने वाले कांग्रेस नेताओं की विदाई का समय आ गया है। आदिवासी, गरीब, पिछड़े सभी कांग्रेस की विदाई के लिए आतुर हैं। महिलाओं ने ठान लिया है कि उन्हें कांग्रेस नहीं चाहिए।

वोटबैंक और तुष्टिकरण के लालच में कांग्रेस कुछ भी कर सकती है -पीएम मोदी

जनसभा में हमलावर होते हुए पीएम मोदी ने कहा कि वोटबैंक और तुष्टिकरण के लालच में कांग्रेस कुछ भी कर सकती है। कांग्रेस ने दलित, ओबीसी और आदिवासी की आस्था तक का सम्मान नहीं किया। आजादी के इतने दशकों के बाद आज देश में कोई भी गरीब है, तो उसकी गुनहगार सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस है। ‘गरीबी हटाओ’ नारे के दशकों बाद भी देश के दलित, ओबीसी और आदिवासी गरीब रहे हैं, तो इसकी गुनहगार कांग्रेस ही है।

कांग्रेस मोदी के बहाने पूरे ओबीसी समाज को गाली दे रही-पीएम मोदी

मुंगेली में विजय संकल्प महारैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मोदी आपको हर संकट से मुक्ति दिलाना चाहता है, आपका जीवन सुधारना चाहता है, आपको ले जाना चाहता है, इसीलिए कांग्रेस मोदी से नफरत करती है। कांग्रेस की नफरत इतनी बढ़ चुकी है कि वो मोदी की जाति से भी नफरत करने लगी है। पीएम मोदी ने कहा कि बीते अनेक महीनों से मोदी के बहाने पूरे ओबीसी समाज को गाली दे रही है। गाली तो गाली, कांग्रेस डंके की चोट पर अदालत के कहने के बावजूद भी माफी मांगने से इनकार कर रही है। ये इस बात का उदाहरण है कि कांग्रेस ओबीसी से कितनी नफरत करती है।

महादेव एप पर बघेल को घेरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महादेव एप पर बयान देते हुए कहा कि कांग्रेस के गणित बाजो को बताना होगा कि मुख्यमंत्री को इसमें कितना पैसा मिला है। दिल्ली दरबार मे कितना पैसा दिया है। एक एक टिकट बेचकर कांग्रेस के नेताओ ने ऊपर कितने पैसे पहुचाये है यह सच भी सामने आना चाहिए। यहां तो इससे सम्बंधित ऑडियो भी वायरल हो रहा है। पीएससी घोटाला पर बोले प्रधानमंत्री पिछले दरवाजे से कितने लोगो का चयन हुआ है। कांग्रेस के गणित बाजो को बताना चाहिए,नौजवानों के साथ जो छल हुआ है वह किसके इशारे पर हुआ।

मोदी की गारंटी दुहराई-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि जब केंद्र में भाजपा की सरकार होती है और राज्य में भी भाजपा की सरकार होती है, तो डबल इंजन की ताकत लग जाती है। डबल इंजन की सरकार तेजी से विकास करती है। छत्तीसगढ़ भाजपा ने आपसे जो वादे किए हैं, जो गारंटियां दीं, वो सरकार जल्द से जल्द पूरा करके दिखाएगी। ये मोदी की गारंटी है और मोदी की गारंटी का मतलब होता है, गारंटी पूरा होने की गारंटी।