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दशहरे पर ‘भ्रष्टाचार के रावण’ वाले भाजपा के पोस्ट पर सीएम भूपेश बघेल का पलटवार, कहा-

रायपुर-   भ्रष्टाचार का रावण बताते हुए इस दशहरे पर दहन किए जाने वाले भाजपा के सोशल मीडिया पोस्ट पर सीएम भूपेश बघेल ने पलटवार किया है. उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) में किए अपने पोस्ट में कहा कि बुराई हारेगी, सच जीतेगा. छत्तीसगढ़िया एक बार फिर जीतेगा.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक्स पर लिखा कि जाने दीजिए! पिछड़ों, आदिवासियों, दलितों को गाली देना ठाकुर रमन सिंह और उनकी पार्टी की परंपरा रही है. पहले “छोटा आदमी”, “कुत्ता”, “बिल्ली” और न जाने क्या क्या कहा है. आज पिछड़ों को रावण दिखाकर उनका वध करने का भाजपा द्वारा पोस्टर जारी करने के बाद आप सबकी प्रतिक्रिया मुझे लगातार मिल रही है.

उन्होंने कहा कि मैं आपसे कहना चाहूँगा कि विजयदशमी के पर्व को ख़ुशी से मनाइए, मैं आपके प्रति जवाबदेह हूँ, उनके कुकृत्यों से फर्क नहीं पड़ता. मेरे लिए- कमीशनखोरी, अशिक्षा, कुपोषण, किसानों की बदहाली, नक्सलवाद ही रावण का स्वरूप हैं. हम सबको मिलकर इन पर विजय पाना है, हम धीरे-धीरे कुछ कार्यों में कामयाब हुए हैं, बचे हुए पर हम फिर से मिलकर साथ काम करेंगे.

सीएम भूपेश बघेल ने सपरिवार नवाखाई का उत्सव मनाया

रायपुर-   सीएम भूपेश बघेल ने सपरिवार नवाखाई का उत्सव मनाया। ट्विटर पर फोटो साझा करते सीएम ने बताया कि दशहरा के पावन अवसर पर आज अपने पैतृक निवास कुरूदडीह में सपरिवार कुलदेवता की पूजा-अर्चना कर नवाखाई का उत्सव मनाया।

चावल घोटाले में 1.06 करोड़ नकद जब्त, ईडी का बड़ा दावा- 175 करोड़ की रिश्वतखोरी के मिले साक्ष्य

रायपुर-  प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 20 और 21 अक्टूबर को राजधानी रायपुर समेत छत्‍तीसगढ़ के कई जिलों में की गई छापेमारी में आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल उपकरण के साथ नकद 1.06 करोड़ रुपये जब्त किया है। टीम ने राइस मिलरों, छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित (मार्कफेड) के पूर्व एमडी, छत्तीसगढ़ राइस मिलर्स एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष और पदाधिकारियों और जिला विपणन अधिकारियों के ठिकानों पर दबिश दी थी, जिसमें ये नकद और कई अहम दस्तावेज मिले हैं।

ईडी ने जारी एक बयान में यह जानकारी देते हुए बताया कि आयकर विभाग की शिकायत के आधार पर यह कार्रवाई की गई। इस दौरान मुख्यत: कस्टम राइस मिलिंग और विशेष प्रोत्साहन राशि घोटाला की जांच की गई। इसमें पता चला कि विशेष प्रोत्साहन राशि में बढ़ोतरी के बाद से 40 रुपये से 120 रुपये क्विंटल के हिसाब से 500 करोड़ रुपये का भुगतान जारी किया गया।

ईडी ने बड़ा दावा करते हुए बताया कि मार्कफेड के एमडी के सहयोग से 175 करोड़ रुपये की रिश्वत राइस मिलर एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर ने सक्रिय रूप से एकत्र किया था। तलाशी अभियान के दौरान विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल उपकरण के साथ नकद 1.06 करोड़ जब्त कर आगे की जांच की जा रही है।

ऐसे हुआ चावल घोटाला

ईडी की ओर से बताया गया कि आयकर विभाग की ओर से यह आरोप लगाया गया था कि करोड़ों का चावल घोटाला राइस मिलर एसोसिएशन, छत्तीसगढ़ राज्य विपणन के अधिकारियों की मिलीभगत से हुआ है। मार्कफेड ने विशेष प्रोत्साहन राशि का दुरुपयोग करने की साजिश रचकर करोड़ों रुपये की रिश्वत कमाया। जांच में पाया गया कि खरीफ वर्ष 2021-22 तक विशेष प्रोत्साहन राशि सरकार द्वारा धान का प्रति क्विंटल 40 रुपये भुगतान किया गया।

धान की कस्टम मिलिंग के लिए मिलर और बाद में इसमें अत्यधिक वृद्धि से 120 रुपये प्रति क्विंटल धान का भुगतान दो किस्तों में किया गया। रोशन चंद्राकर के नेतृत्व में मार्कफेड के एमडी मनोज सोनी के सहयोग से रिश्वत की रकम एकत्र करना शुरू किया गया था। संबंधित जिला विपणन अधिकारी (डीएमओ) से बिल प्राप्त होने पर जिले से प्राप्त विवरण की जांच में यह सामने आया कि केवल उन्हीं मिलर के बिल जारी किए गए, जिन्होंने राशि दी थी। एसोसिएशन को भुगतान के लिए एमडी मार्कफेड ने मंजूरी दी थी।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज WRS कॉलोनी के दशहरा उत्सव में होंगे शामिल

रायपुर-   मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज रायपुर व भिलाई में आयोजित दशहरा उत्सव में शामिल होंगे. उन्होंने प्रदेशवासियों को विजयादशमी पर्व की बधाई दी है. मुख्यमंत्री ने भगवान राम के आदर्शों को याद किया. उन्होंने ट्वीट कर लिखा – आइये! प्रभु श्री राम के आदर्शों को याद करें और आदर्श, खुशहाल और न्याय से भरपूर नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने की राह पर और आगे बढ़ें. उन्होंने सभी को विजयादशमी की और अनंत शुभकामनाएं दी.

निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सीएम भूपेश बघेल 11 बजे अपने गृहग्राम पहुचेंगे. शाम 5:45 बजे WRS कॉलोनी के दशहरा उत्सव में शामिल होंगे. 6:25 बजे रावनभाठा मैदान में आयोजित दशहरा उत्सव में शामिल होंगे. इसके बाद 7:10 बजे कुम्हारी में आयोजित दशहरा उत्सव, 7:45 बजे चरोदा में आयोजित दशहरा उत्सव, 8:20 बजे भिलाई 3 और 8:55 बजे न्यू खुर्सीपार में आयोजित दशहरा उत्सव में शामिल होंगे.

सत्ता, सवाल और सियासत : सीएम बघेल का भाजपा पर हमला, कहा- घोषणा पत्र नहीं तैयार कर पाई बीजेपी

रायपुर-   मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रतनपुर दौरे से रवाना होने के पहले टिकट वितरण के बाद मची हलचलों को लेकर चर्चा की. साथ ही घोषणा पत्र को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है. भूपेश बघेल ने कहा विपक्ष के लोग पहले घोषणा पत्र तैयार करते हैं, पर बीजेपी नहीं कर पाई. अमित शाह महाघोटालेबाज के नामांकन में गए, पर वहां लटकाने की बात नहीं की. घोषणा पत्र आने से पहले हमने जनता से 3 वादे किए हैं, जिसमे जातिगत जनगणना, 20 क्विंटल धान खरीदी, आवास देने के साथ कई घोषणाएं की हैं. आगे भी जनता के हिसाब से घोषणा पत्र में शामिल किया जाएगा।

सीएम भूपेश बघेल ने गृहमंत्री अमित शाह पर साधा निशाना, कही ये बड़ी बात

रायपुर-   मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक बार फिर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि महाघोटालेबाज के नामांकन दाखिल कराने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आए थे।

केवल इतना कहा उलटा लटका देंगे, लटकना तो उनको था। उलटा लटका के सीधा कर देंगे बोलते हैं। गली मोहल्ले में जो दादा लोग करते हैं, ये उसी तरह की भाषा है। सीएम बघेल ने कहा कि भाजपा ने अब तक कोई घोषणा नहीं की। हमने तीन घोषणाएं की हैं। जातिगत जनगणना करने, 20 क्विंटल धान खरीदने और 17.50 परिवार को मकान देने की घोषणा की है।

योजनाओं को लेकर आगे बढ़ेंगे

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम वर्तमान में आधार लेकर योजनाओं को लेकर आगे बढ़ेंगे। जैसे नरवा का कार्यक्रम है, इसमें हमने 13 से 15 हजार नरवा विकास कर लिए हैं और आगे बढ़ाएंगे। इसी तरह गोठान को भी आगे बढ़ाना है। रीपा 300 शुरू किए हैं, उसे आगे भी बढ़ाएंगे। मुख्यमंत्री बघेल रतनपुर महामाया मंदिर रवाना होने के दौरान मीडिया से चर्चा कर रहे थे।

सरकार को बदनाम करने की नीयत : सीएम

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि भाजपा के लोग छत्तीसगढ़ की जनता के लिए क्या किया जाए यह नहीं बता रहे हैं। उनकी नीयत ये है कि कैसे सरकार को बदनाम किया जाए। बदनाम करके सत्ता में आया जाए और जितनी भी संपत्ति छत्तीसगढ़ की है, सब अदाणी को दे दी जाए। इनका एकमात्र एजेंडा यही है। मुख्यमंत्री ने घोषणा पत्र को लेकर पूछे गए प्रश्न पर कहा जब हम विपक्ष में थे तो हम पहले से तैयारी करते थे। पहले ही हमने बताया कि क्या करेंगे लेकिन भाजपा की कोई तैयारी नहीं है। अब तक छत्तीसगढ़ को लेकर कोई एक भी घोषणा उन्होंने नहीं की है।

टीएस सिंहदेव के खिलाफ भाजपा से उतरने को तैयार है चिंतामणि महाराज, बृजमोहन से विधायक ने की मुलाकात

अंबिकापुर-   कांग्रेस से टिकट कटने के बाद बलरामपुर के सामरी के विधायक चिंतामणि महाराज ने पार्टी छोड़ने के संकेत दिए हैं। उन्होंने अंबिकापुर सीट से उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव (टीएस बाबा) के विरुद्ध चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। उन्होंने कहा है कि भाजपा यदि उन्हें अंबिकापुर विधानसभा सीट से प्रत्याशी घोषित करती है तो वे भाजपा के साथ हो जाएंगे।

इधर, भाजपा ने छह महीने बाद होने वाले लोकसभा चुनाव में सरगुजा संसदीय सीट से टिकट देने के आश्वासन के साथ भाजपा में प्रवेश का प्रस्ताव उन्हें दिया है। चिंतामणि महाराज दो बार से कांग्रेस के विधायक हैं लेकिन इस बार पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया है। सामरी सीट से कांग्रेस ने नए चेहरे विजय पैकरा पर पार्टी ने दांव लगाया है।

चिंतामणि महाराज से की मुलाकात

रविवार को पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल हेलीकाप्टर से कुसमी पहुंचे। उनके साथ भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदेव साय, भाजपा के संभाग प्रभारी संजय श्रीवास्तव सहित अन्य स्थानीय नेता भी चिंतामणि महाराज के आश्रम श्रीकोट पहुंचे। भाजपा के नेता यहां मां काली की प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव में शामिल होने के साथ ही चिंतामणि महाराज से अलग से मुलाकात की। यह एकांत चर्चा लगभग 20 मिनट तक चली।

चिंतामणि महाराज ने दी प्रस्ताव की जानकारी

भाजपा नेताओं के श्रीकोट आश्रम पहुंचने के कारणों को संसदीय सचिव चिंतामणि महाराज ने खुद सार्वजनिक किया। उन्होंने कहा कि भाजपा की ओर से प्रवेश का प्रस्ताव दिया गया है। उन्हें आश्वस्त किया गया है कि यदि वे पार्टी में प्रवेश कर लेते हैं तो छह माह बाद होने वाले लोकसभा चुनाव में सरगुजा संसदीय सीट से प्रत्याशी बना दिया जाएगा। इसके लिए दिल्ली आलाकमान भी राजी हैं। चिंतामणि महाराज ने कहा कि आज हर क्षण लोगों का विचार बदलता है।

छह माह बाद क्या परिस्थिति बनेगी, इसे कोई नहीं जानता। इसलिए मैंने अपनी ओर से सुझाव रखा है कि भाजपा ने अंबिकापुर विधानसभा सीट से अभी तक प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। यदि वहां से प्रत्याशी घोषित कर दे तो भाजपा में प्रवेश कर लेंगे। उन्होंने कहा कि आज भाजपा की ओर से अंबिकापुर सीट से जो दावेदारी कर रहे हैं, उन्हें छह माह बाद उपचुनाव में प्रत्याशी घोषित कर दें और मुझे लोकसभा भेज दें, इसमें कोई आपत्ति नहीं होगी। बता दें कि चिंतामणि महाराज ने जिस अंबिकापुर विधानसभा सीट से भाजपा की ओर से टिकट की मांग की है, उस सीट से कांग्रेस की ओर से उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव पिछले तीन बार से चुनाव जीतते आ रहे हैं। चौथी बार भी कांग्रेस ने उन्हें यहां से प्रत्याशी घोषित किया है।

चिंतामणि के साथ अन्याय हुआ : बृजमोहन

पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने मीडिया से चर्चा में कहा कि चिंतामणि महाराज के साथ अन्याय हुआ है। वे दुखी हैं। इसी दुख में सहभागी बनने के लिए वे गए थे। यह पूछने पर कि क्या भाजपा चिंतामणि महाराज के साथ न्याय करेगी, बृजमोहन ने खुद सवाल दाग दिया कि क्या कांग्रेस पार्टी उनके साथ न्याय करेगी। चिंतामणि महाराज भाजपा के विचारों से पहले भी सहमत थे और आगे भी सहमत रहेंगे। भाजपा प्रवेश को लेकर बृजमोहन ने टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया।

सिंहदेव बोले - कांग्रेस में ही रहें चिंतामणि महाराज

उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि भाजपा में शामिल होना चिंतामणि महाराज की इच्छा है। हम लोग तो चाहेंगे कि वे कांग्रेस की रीति-नीति से विचारों और मन से जुड़े हुए हैं, इसलिए कांग्रेस में ही रहें। कांग्रेस ने उनके लिए जो बना उतना किया। आज स्थिति अगर दूसरी है तो उन्हें परिवार इतनी जल्दी नहीं छोड़ना चाहिए।

चिंतामणि महाराज का राजनीतिक जीवन

बता दें कि चिंतामणि महाराज संत गहिरा गुरु के बेटे हैं। संत गहिरा गुरु के अनुयायी उत्तर व मध्य छत्तीसगढ़ में निवास करते हैं। इनका बड़ा वोट बैंक है। संत समाज की आस्था आज भी इस परिवार पर है। चिंतामणि महाराज पहले भाजपा से ही जुड़े हुए थे। उन्हें छत्तीसगढ़ संस्कृत बोर्ड का अध्यक्ष भी नियुक्त किया गया था। सामरी सीट से भाजपा की टिकट नहीं मिलने पर एक बार उन्होंने निर्दलीय चुनाव भी लड़ा था। इसके बाद भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था। पहली बार कांग्रेस ने उन्हें लुंड्रा विधानसभा से टिकट दिया था। इस चुनाव में जीत के बाद दूसरी बार 2018 में उन्हें सामरी से प्रत्याशी घोषित किया गया था। सामरी सीट से उन्होंने रिकार्ड जीत दर्ज की थी।

महादेव एप पर राजनीति: सीएम बघेल बोले- भाजपा ने चुनावी फंड तो नहीं लिया, भाजपा के गौरव भाटिया ने किया पलटवार

रायपुर-  विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस-भाजपा दोनों ही दल एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। इस बीच महादेव एप पर सियासी गेम तेज हो गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार हमला बोला है। उन्होंने मीडिया से चर्चा में प्रश्न उठाते हुए कहा कि केंद्र सरकार एप बंद क्यों नहीं करती ?, एप बंद करने का काम केंद्र का है, राज्य का नहीं ?

केंद्र की भाजपा ने चुनावी फंड तो नहीं ले लिया: भूपेश

मुख्यमंत्री बघेल ने महादेव आनलाइन सट्टा एप को लेकर ईडी के चालान पर केंद्र की भाजपा सरकार पर आरोप लगाया है कि चुनावी फंड ले लिया होगा, इसलिए एप बंद नहीं करवा रही। भाजपा ने महादेव सट्टे का पैसा दाउद और पाकिस्तान के जरिए कांग्रेस को मिलने के प्रश्न पर कहा कि इससे मुर्खतापूर्ण और हास्यास्पद क्या हो सकती है। पूरे देश में शायद किसी राज्य ने कार्रवाई की तो छत्तीसगढ़ में हमने की। 450 लोगों की गिरफ्तारी हुई और हमने खुद होकर लुक आउट नोटिस जारी करने लिखी।

एप के संचालक को गिरफ्तार करने कहा, जो विदेश में है। यह एप पूरे हिंदुस्तान में चल रहा है। उसमें आप ही के लोग (भाजपा) तो बैठते हैं। केक काट रहे, पार्टी कर रहे, उसकी गिरफ्तारी क्यों नहीं कर रहे हमने कार्रवाई की, आप नहीं कर रहे, आपके क्या संबंध हैं।

पाकिस्तान से पैसे आने के आरोप पर प्रश्न कहा कि सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि सबसे बड़ी बात यह है कि सट्टा आम लोग खेलते हैं। पैसा वो वसूल रहे, लोगों को बर्बाद कर रहे और ये जीएसटी लगा रहे, कार्रवाई नहीं कर रहे ? कर रहे तो हमारे लोगों को पकड़ रहे, सलाहकार को पकड़ रहे, जहां कुछ नहीं मिला। केवल बदनाम करने कार्रवाई कर रहे, संचालक को क्यों नहीं पकड़ रहे ? बघेल ने कहा कि हिम्मत है तो इन सवालों के जवाब दे देना।

भूपेश को सट्टा एप से प्यार, भ्रष्टाचार से मोहब्बत: गौरव भाटिया

इधर, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर में पत्रकार वार्ता में भूपेश सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को सट्टा एप से प्यार है और भ्रष्टाचार से मोहब्बत है। उन्होंने मुख्यमंत्री के सवाल कि केंद्र ने महादेव एप क्यों बंद नहीं किया, पर कहा कि मुख्यमंत्री को अपने संवैधानिक अधिकारों को पढ़ लेना चाहिए। उन्हें अधिकार है कि वह छत्तीसगढ़ में महादेव एप को रोक सकते हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस की गारंटी के जी का मतलब घोटाला है। गांधी परिवार कह रहा जितना समय बचा है लूट लो, कोई लिमिट नहीं है। प्रदेश में कानून-व्यवस्था ध्वस्त है और भूपेश सरकार लूट-खसोट, ''परिवार-परिक्रमा'' में मस्त है। प्रदेश सरकार यहां के बेरोजगार युवकों को नौकरी तक नहीं दे सकी, यह उसकी बड़ी विफलता है। पीएससी की परीक्षाओं में कांग्रेसियों के बच्चे, मुख्यमंत्री के करीबी के बच्चे होना ही योग्यता का मापदंड है।

गांधी चालीसा पढ़ना छोड़ें: भाटिया

भाटिया ने पीएससी में शिकायत नहीं मिलने पर जांच नहीं होने वाले मुख्यमंत्री बघेल के बयान पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि ''गांधी चालीसा'' पढ़ना छोड़कर संविधान पढ़ें, जिसकी शपथ उन्होंने ली है। संविधान में कहीं नहीं लिखा है कि कार्रवाई करने के लिए शिकायत करना जरूरी है। उन्होंने कहा पीएससी, सहायक शिक्षक,उप निरीक्षक, वह कांग्रेस शासन में हुए सभी भर्ती घोटालो में भाजपा युवाओं को न्याय दिलाएगी। भाटिया ने संविदाकर्मियों के नियमितीकरण, शराबबंदी के वादे, महिला स्व सहायता समूह की कर्जमाफी और फुड पार्क को लेकर राज्य सरकार को घेरा।

भूपेश बघेल ''कका' तो रमन सिंह चाउर वाले ''बाबा'', लोगों के बीच इन नामों से जानें जाते हैं छत्‍तीसगढ़ के नेता

रायपुर-  राजनीति में राजनेताओं को न केवल तख्त और ताज मिल रहा है, बल्कि उन्हें नया नाम और पहचान भी मिल रही है। छत्तीसगढ़ की राजनीतिक परिदृश्य के साथ-साथ अन्य राज्यों में राजनेता कुर्सी पर बैठने के बाद नए रिश्तों के नाम के साथ पहचाने जाने लगे हैं। प्रदेश में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को कका, पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह को चाउर वाले बाबा का नाम राजनीति में आने से ही मिला है।

समाजशास्त्रियों के अनुसार रिश्ता एक ऐसा शब्द है जिसके कहने से ही अपनत्व का भाव दिमाग में उभर आता है। राजनीति में रिश्तों का ताना-बाना पहले से ही जुड़ा हुआ है, लेकिन बीते कुछ वर्षों में इसने एक अलग ही छाप छोड़ दी है। ऐसे नेताओं के साथ भले ही खून के रिश्ते न हो फिर भी कार्यकर्ताओं और लोगों की ओर से दिए गए नाम से है, जिसे कई जगहों पर जनता ने इसे हाथों हाथ लेते हुए इसे अमलीजामा पहनाया है।

आज कई नेताओं ने इन्हीं रिश्तों के नाम से ही अपनी प्रसिद्धि को और आगे बढ़ाया है। उनके साथ जुड़े रिश्ते ही उनकी पहचान बन गई है। कई नेताओं को आज कका, मामा, बाबा, बहन, दीदी के नाम से जानते हैं।

''कका'' कहते ही जुबां पर आते हैं भूपेश

प्रदेश में मुख्यमंत्री भूपेश पूरे राज्य में कका के नाम से जाने जाते हैं। यह शब्द अब इतना प्रचलित हो चुका है कि कका शब्द बोलते ही भूपेश बघेल की छवि लोगों के दिमाग में आ जाती है। भूपेश बघेल भी कई मंचों से कह चुके हैं कि उन्हें ये कका का टाइटल मैंने खुद नहीं दिया है, बल्कि युवाओं और प्रदेश की जनता ने दिया है। ये लोगों का भरोसा है जो कहते हैं कका है तो भरोसा है और कका अभी जिंदा है।

रमन कहलाए चाउर वाले ''बाबा''

इसी तरह छत्तीसगढ़ के ही पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह को उनके कार्यकाल में लोग उन्हें चाउर वाले बाबा के नाम से पुकारते थे। इन्होंने अपने कार्यकाल में गरीबों को कम कीमत पर चावल बांटा, जिसके कारण ही उन्हें चाउर वाले बाबा यानी चावल वाले बाबा के नाम से जाने जाना लगा। सार्वजनिक वितरण प्रणाली में लोगों तक भाेजन पहुंचाने के कारण लोगों ने उन्हें चाउर वाले बाबा कहना शुरू कर दिया।

प्रदेश के उपमुख्यमंत्री भी ''बाबा''

छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव को पूरे राज्य में ''बाबा'' के नाम से जानते है। ऐसा माना जाता है कि जो उनके करीब हैं उन्हें इसी नाम से पुकारते हैं, कुछ नेता उन्हें महाराज साहब भी बोलते हैं। राजपरिवार से आने वाले बाबा अंबिकापुर से विधानसभा सीट से वे विधायक हैं।

AIIMS में 28 लाख का गबन करने वाला कनिष्ठ लेखाधिकारी कोर्ट में पेश, तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया आरोपित

रायपुर-  राजधानी के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ( एम्स ) के वित्त विभाग में राशि के गबन मामले में आरोपित कनिष्ठ लेखाधिकारी योगेंद्र पटेल को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने आरोपित को तीन दिनों की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। पुलिस ने एम्स प्रबंधन से भी मूल दस्तावेज मांगे हैं।

आमानाका थाने की पुलिस ने एम्स के एक कर्मचारी की शिकायत पर शुक्रवार को फर्जी कूटरचित दस्तावेज, धोखाधड़ी और गबन समेत कई अन्य धारा के तहत अपराध दर्ज कर आरोपित को गिरफ्तार किया था। एम्स में 27,89,400 रुपये गठन का मामला सामने आया है। प्रबंधन की ओर से एम्स स्थापना से लेकर अब तक के रिकार्ड को खंगाले जा रहे हैं, जिसमें पांच करोड़ से ज्यादा की राशि गबन करने की संभावना जताई जा रही है।

जानिए क्‍या है पूरा मामला

दरअसल मामला यह है कि एम्स में नौकरी छोड़ने से पहले डाक्टरों को नियमानुसार तीन महीने पहले आवेदन के माध्यम से प्रबंधन को इसकी सूचना देनी पड़ती है। जो डाक्टर इस अवधि को पूरा किए बिना बीच में नौकरी छोड़ देते हैं तो नोटिस पीरिएड के बचे दिनों में बनने वाले वेतन की राशि का भुगतान करना पड़ता है।

एम्स के बहुत से डाक्टरों ने नोटिस पीरिएड में नौकरी छोड़ी थी। डाक्टरों से राशि लेकर नई रसीद के बदले तीन-चार वर्ष पुरानी रसीद दे दी गई और उस राशि को एम्स के खाते में जमा ही नहीं किया गया। ऐसे ही जिन डाक्टरों ने डिमांड ड्राफ्ट जमा किया था, उन्हें कुछ समय बाद लेन-देन करके डिमांड ड्राफ्ट लौटा दिया गया था।

अधिकारियों और कर्मचारियों से भी होगी पूछताछ

एम्स प्रबंधन की ओर से मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन किया गया था। टीम के समक्ष बयान में योगेंद्र पटेल ने कहा था कि वित्त एवं लेखा विभाग के अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों से भी पूछताछ की जानी चाहिए। उन्होंने ही हस्ताक्षर करने के लिए निर्देशित किया था। योगेंद्र पटेल के बयान के आधार पर पुलिस वित्त एवं लेखा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों से भी पूछताछ कर सकती है। इस पूरे प्रकरण में आरोपित कर्मचारी योगेंद्र पटेल के अतिरिक्त नौकरी, कोर्स छोड़ने वाले कर्मचारी और विद्यार्थी भी शामिल हो सकते हैं।

तीन बार तबादला, पर हर बार टला

एम्स स्थापना के समय से वित्त विभाग में संविदा पर कनिष्ठ लेखाधिकारी योगेंद्र पटेल पदस्थ हैं। इस बीच कनिष्ठ लेखाधिकारी का तीन बार तबादला हुआ था, लेकिन एक उच्च अधिकारी के हस्तक्षेप से विभागीय जरूरत बताकर हर बार टाल दिया गया। उच्च अधिकारी के भी राशि गबन में संलिप्त होने से इन्कार नहीं किया जा सकता है।

एडिशनल एसपी पश्चिम जयप्रकाश बढ़ई ने कहा, आरोपित को कोर्ट में पेश किया गया था। तीन दिनों की रिमांड मिली है, जिसमें पूछताछ की जाएगी। एम्स प्रबंधन से मूल दस्तावेज मांगे गए हैं।

इन बिंदुओं पर जांच

- आरोपित कब से कर रहा था गड़बड़ी

- गबन में कौन-कौन शामिल

- बैंक खाते खंगाल रहे

- आरोपित से जुड़े लोगों से पूछताछ