मेंटर्स एडुसर्व निदेशक आनंद जायसवाल की छात्र-छात्राओं को सलाह, आईआईटीयन और डॉक्टर बनना चाहते हैं तो छठवीं कक्षा से शुरू कर दें तैयारी
पटना : दक्षिण भारत के विद्यार्थी ज्यादातर आईआईटी और मेडिकल प्रवेश परीक्षा में टॉपर रहते हैं या टॉपर की लिस्ट में होते हैं। इसकी वजह उनके तैयारी करने का तरीका है। वहां बच्चे छठवीं या सातवीं कक्षा से ही आईआईटी और मेडिकल की तैयारी शुरू कर देते हैं। ऐसे में 11वीं कक्षा में पहुंचने से पहले ही उनका आधा से अधिक सिलेबस पूरा हो चुका होता है। तो बचे हुए समय को वो रिवीजन में लगाते हैं। इस वजह से दक्षिण भारत का सफलता दर इन परीक्षाओं में ज्यादा है। यह बातें पूर्वोत्तर भारत की अग्रणी कोचिंग संस्थान मेंटर्स एडुसर्व के निदेशक और आईआईटी टॉपर के भौतिकी गुरू आनंद कुमार जायसवाल ने कही। श्री जायसवाल सोमवार को गांधी मैदान स्थित बापू सभागार हौल में पांचवीं, छठवीं, सातवीं, आठवीं एवं नवमीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए आयोजित सेमिनार को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि मेंटर्स एडुसर्व इसी फॉर्मूले पर काम कर रहा है। मेंटर्स एडुसर्व की ओर से छठवीं कक्षा से ही बच्चों को ट्रेंनिग देना या फाउंडेशन कोर्स कराना शुरू कर दिया जाता है। इससे बच्चों के रिजल्ट में भी सुधार देखा गया है। खासकर, गणित एवं विज्ञान विषयों में वो बेहतर अंक प्राप्त कर रहे हैं। इसी तरह मैथेमैटिकल ओलंपियाड, जूनियर साइंस ओलंपियाड, एनटीएसई आदि परीक्षाओं के लिए मानसिक मजबूती चाहिए। यह स्कूल में संभव नहीं है। यह काम हमलोग अपने संस्थान में करते हैं। सेमिनार में राज्यभर से स्कूली बच्चे और उनके अभिभावक आए थे।
ट्रेनिंग प्रक्रिया से बढ़ती है गणित एवं विज्ञान विषयों के प्रति रूचि:
भौतिकी के विख्यात शिक्षक आनंद कुमार जायसवाल ने बच्चों और उनके परिजनों को संबोधित करते हुए कहा कि छठवीं, सातवीं, आठवीं, नवमीं एवं दसवीं कक्षा के बहुत सारे चैप्टर का विस्तार या वृहद रूप आगे की कक्षाओं में पढ़ना होता है। ऐसे में हम वर्तमान कक्षा का चैप्टर पढ़ाने के बाद आगे की कक्षा का सिलेबस भी थोड़ा-थोड़ा पढ़ाना शुरू कर देते हैं। यहां तक की आईआईटी और मेडिकल प्रवेश परीक्षा में पूछे जानेवाले प्रश्नों को भी अक्सर बच्चों को पेश करते हैं। ऐसे में ये बच्चे पूर्व से ही अपने आगे के सिलेबस के फ्रेंडली हो जाते हैं। इस ट्रेनिंग प्रक्रिया से बच्चों में गणित एवं विज्ञान विषयों के प्रति रूचि भी बढ़ती है।
एडवांस सिलेबस पढ़े बिना मैथेमैटिकल ओलंपियाड, जूनियर साइंस ओलंपियाड, एनटीएसई में सफलता मुश्किल:
श्री आनंद कुमार जायसवाल ने कहा कि इस ट्रेनिंग से सिर्फ आईआईटी और मेडिकल प्रवेश परीक्षा में ही सफलता की संभावना नहीं बढ़ जाती, बल्कि कई और फायदें होते हैं। हाई स्कूल स्तर के बच्चे ही मैथेमैटिकल ओलंपियाड, जूनियर साइंस ओलंपियाड, एनटीएसई आदि में भाग लेते हैं। लेकिन इन परीक्षाओं में थोड़े एडवांस प्रश्न होते हैं। ऐसे में सिर्फ स्कूल का सिलेबस पढ़ कर इसमें उत्तीर्ण नहीं हुआ जा सकता है। इस वजह से भी छठवीं से ही फाउंडेशन कोर्स कराते हैं। इस फाउंडेशन कोर्स या ट्रेनिंग प्रोग्राम में आईआईटी और मेडिकल की तैयारी करानेवाले शिक्षक ही पढ़ाते हैं।
मेंटर्स एडुसर्व ने नए सत्र (2024-25) में एडमिशन की घोषणा कर दी है:
मेंटर्स एडुसर्व ने नए सत्र में एडमिशन की घोषणा कर दी है। इसके साथ ही एडवांस बैच की तारीख भी घोषित की जा चुकी है। कक्षा 8वीं से 11वीं तक में जाने वाले विद्यार्थियों के लिए एडवांस बैच 14 दिसम्बर 2023 से शुरू हो रहा है। साथ ही कक्षा 8वीं से 11वीं तक में जाने वाले विद्यार्थियों के लिए एक बैच 04 अप्रैल 2024 से भी शुरू हो रहा है। कक्षा 6वीं एवं 7वीं में जाने वाले विद्यार्थियों के लिए एडवांस बैच 04 अप्रैल 2024 से शुरू हो रहा है। इस एडवांस बैच में नामांकन लेने पर दोहरे लाभ के रूप में विद्यार्थियों को अर्ली फीस बेनिफिट भी दिया जा रहा है, ताकि वो अपनी पढ़ाई जल्दी शुरू कर सकें। अभी नामांकन पिछले सत्र के फीस पर ही हो रही है और साथ ही विद्यार्थियों को सर्वाधिक छात्रवृत्ति भी दी जा रही है। एडवांस बैच से संबंधित सभी जानकारी के लिए विद्यार्थी 9569668800 पर संपर्क कर सकते हैं।
Oct 20 2023, 19:04