निठारी कांड का आरोपी मोनिंदर पंढेर जेल से हुआ रिहा, जानें कोर्ट ने क्यों किया बरी
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दिल्ली से सटे नोएडा में हुआ निठारी हत्याकांड एक ऐसा आपराधिक मामला था जिसनें क़रीब 17 साल पहले पूरे भारत को झकझोर कर रख दिया था। महीनों तक यह मामला सुर्ख़ियों में छाया रहा था। इस मामले में पिछले कई वर्षों से जेल में बंद मोनिंदर सिंह पंढेर आज शुक्रवार को जेल से रिहा कर दिया गया। इससे पहले सोमवार 16 अक्टूबर को जब इलाहाबाद हाई कोर्ट ने निठारी हत्याकांड से सुरिंदर कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर को बरी कर दिया तो ये एक चौंकाने वाली ख़बर थी। हाई कोर्ट ने कोली और पंढेर को यह कहते हुए बरी कर दिया कि प्रॉसिक्यूशन या अभियोजन पक्ष इन दोनों का अपराध साबित करने में नाकाम रहा। कोर्ट के आदेश के बाद आज मोनिंदर पंढेर जेल से बाहर आ गया।
कोर्ट ने कहा-पुलिस आरोपी साबित करने में विफल रही
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निठारी नरसंहार में सीबीआई कोर्ट से फांसी की सजा पाए सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर को दोषमुक्त करार दिया था। कोर्ट ने कहा, पुलिस दोनों के खिलाफ आरोपी साबित करने में विफल रही। न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति एसएएच रिजवी की खंडपीठ ने जांच पर नाखुशी जताते हुए कहा, जांच बेहद खराब थी सबूत जुटाने की मौलिक प्रक्रिया का पूरी तरह उल्लंघन किया गया। जांच एजेंसियों की नाकामी जनता के विश्वास से धोखाधड़ी है।हाईकोर्ट ने कहा, जांच एजेंसियों ने अंग व्यापार के गंभीर पहलुओं की जांच किए बिना एक गरीब नौकर को खलनायक की तरह पेश कर उसे फंसाने का आसान तरीका चुना। ऐसी गंभीर चूक के कारण मिलीभगत सहित कई तरह के निष्कर्ष संभव हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि आरोपी अपीलकर्ताओं की निचली अदालत से स्पष्ट रूप से निष्पक्ष सुनवाई का मौका नहीं मिला।
18 मासूमों और एक महिला से दुष्कर्म व हत्या का आरोप
सीबीआई की विशेष अदालत ने 13 फरवरी 2009 को दोनों को दुष्कर्म और हत्या का दोषी मानकर फांसी की सजा सुनाई थी। पंढेर और कोली पर 18 मासूमों और एक महिला से दुष्कर्म व हत्या का आरोप था। इस मामले अदालत में पहला केस 8 फरवरी, 2005 को दर्ज किया गया था।
जानिए कौन हैं मोनिंदर पंढ़ेर और सुरेंद्र कोली
मोनिंदर सिंह मूल रूप से पंजाब का रहने वाला था और साल 2000 में दिल्ली आया था। वहीं, सुरेंद्र कोली, जो उत्तराखंड के अल्मोड़ा के एक गांव का रहने वाला था दिल्ली में एक ब्रिगेडियर के घर पर खाना बनाने का काम करता था। कहा जाता है कि कोली खाना बेहतरीन बनाता था। साल 2003 में वह पंढे़र से मिला और उसके घर पर नौकर बनकर का काम करने लगा। सुरेंद्र कोली के आने के बाद मोनिंदर सिंह की फैमिली उसे छोड़कर पंजाब चली गई। तब से वह कोली के साथ रहने लगा।
बता दें कि नोएडा के सेक्टर-31 स्थित निठारी गांव निवासियों के बच्चे वर्ष 2004 से लापता हो रहे थे। इसी क्रम में सेक्टर-19 निवासी नंदलाल ने सेक्टर-31 स्थित डी-5 नंबर की कोठी के मालिक मोनिंदर सिंह पंढेर पर बेटी के अपहरण का शक जाहिर करते हुए पुलिस से शिकायत की। इसी दौरान हुए जांट पड़ताल में मोनिंदर सिंह पंढेर की कोठी के पीछे नाले से बच्चों और महिलाओं के दर्जनों कंकाल बरामद किए गए थे। पुलिस ने मोनिंदर सिंह और उसके नौकर सुरेंद्र कोली को आरोपी बनाया था।
Oct 20 2023, 16:16