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चुनाव प्रचार में 40 लाख रुपये खर्च कर सकेंगे प्रत्याशी, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी की इन बातों का जरूर रखें ध्‍यान

रायपुर- विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को चुनाव आयोग के प्रविधानों की जानकारी दी। प्रतिनिधियों को बताया गया कि प्रत्येक विधानसभा में खर्च की अधिकतम सीमा 40 लाख रुपये है। खर्च का ब्यौरा भी निर्वाचन कार्यालय में प्रस्तुत करना होगा। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबासाहेब कंगाले ने बैठक में आदर्श आचार संहिता, निर्वाचन व्यय, नामांकन दाखिले की प्रक्रिया और चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों की जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि निर्वाचन अवधि के दौरान वाहनों व रैलियों के लिए अनुमति लेना आवश्यक होगा। उन्होंने कहा कि अभ्यर्थियों द्वारा नामांकन पत्र दाखिल करने के समय सावधानी बरतें। मतदान के दोनों चरणों में निर्वाचक नामावली में नाम जोड़े जाने की अंतिम तिथि पर भी दलों के सवालों का उन्होंने जवाब दिया। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अधिकारियों ने बताया कि इस बार कानून में किए गए संशोधन के अनुसार निर्वाचन ड्यूटी में तैनात कर्मचारियों को केवल सुविधा केंद्र पर ही मतदान करना अनिवार्य होगा।

शिकायतों के त्वरित निराकरण के लिए प्रशिक्षण कल

विधानसभा निर्वाचन-2023 के दौरान विभिन्न माध्यमों से प्राप्त होने वाली शिकायतों के साफ्टवेयर के माध्यम से त्वरित निराकरण करने के लिए गुरुवार को प्रशिक्षण दिया जाएगा। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के सभागृह में यह प्रशिक्षण मिलेगा। शिकायतों के त्वरित निराकरण के लिए तकनीक ईजाद की गई है। सभी नोडल अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे इस प्रशिक्षण में अनिवार्य रूप से मौजूद रहे।

टीएस सिंहदेव बने बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती

रायपुर-   बीजेपी ने सीएम भूपेश बघेल को घेरने के लिए उनके निर्वाचन क्षेत्र पाटन के हाट सीट के लिए सांसद और सीएम के भतीजे विजय बघेल को मैदान में उतारा है, वहीं एक और हाट सीट अंबिकापुर में उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव को टक्कर देने के लिए दमदार प्रत्याशी नहीं मिल पा रहा है।

भाजपा ने 2018 में अनुराग सिंहदेव को उतार कर देख लिया है। अनुराग सिंहदेव तीन बार टीएस सिंहदेव से भिड़ चुके है लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी।

एक चर्चा तो ये है कि बीजेपी आलाकमान अब अम्बिकापुर से डमी कैंडिडेट उतारने के मूड में नही है और टी एस सिंहदेव के सामने जिताऊ कंडीडेट बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती है। अब अनुराग सिंहदेव के चुनाव लड़ने से इंकार करने के बाद बीजेपी यहां उलझ कर रह गई है।

बीजेपी के पास जो पैनल है उसमें तीन नाम है लेकिन पत्ता खोल नहीं पा रही है। अंबिकापुर का चुनावी किला बीजेपी के संभावित प्रत्याशी से बहुत ऊंचा होने के कारण भाजपा के पास जो नाम है वो सिंहदेव के कद मुकाबले बहुत छोटा है।

बीजेपी की दूसरी सूची मे दूसरी हाई प्रोफाइल सीट अम्बिकापुर से बीजेपी ने कोई भी नाम तय नहीं कर पाई है। अब अम्बिकापुर के बीजेपी नेता और राजनीति म दिलचस्पी रखने वाले नेताओं मे मंत्रणा का दौर चल रहा है। गौरतलब है कि अम्बिकापुर सीट से डिप्टी सीएम टी एस सिंहदेव कांग्रेस के तय उम्मीदवार माने जा रहे है। ऐसे में इसके पहले बीजेपी में जिन तीन नाम को यहाँ से प्रत्याशी के लिए भेजा था। उस पर अब तक मुहर ना लग पाने से तरह तरह की चर्चाएँ होने लगी है।

14 सीट पर कांग्रेस कब्जा

सरगुजा संभाग की 14 सीटों पर 2018 में हुए चुनाव में सभी सीटों पर बीजेपी का हार का मुँह देखना पडा था. और कांग्रेस ने सभी 14 सीट जीतकर सूबे में कांग्रेस सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। इसके साथ ही प्रदेश में कांग्रेस का 15 साल का वनवास भी खत्म हुआया था।

2018 के चुनाव में ये चर्चा थी कि अगर कांग्रेस सरकार बनती है तो टी एस सिंहदेव सीएम बनेंगे. और सरगुजिहा सरकार के नारे का ऐसा असर हुआ कि संभाग से बीजेपी का सूपडा साफ हो गया था। पर इस बार परिस्थितियाँ 2018 जैसी नहीं है। ऐसा खुद टी एस सिंहदेव सार्वजनिक मंच में कह चुके है। बहरहाल देखना दिलचस्प होगा कि आखिर जिस अम्बिकापुर सीट को लेकर बीजेपी आलाकमान इतनी लंबी मंत्रणा कर रहा है।उसका परिणाम क्या निकलता है।

अरविंद केजरीवाल: हम मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में पूरी ताकत से चुनाव लड़ेंगे


रायपुर- चुनाव आयोग ने पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। दिल्ली और पंजाब में सरकार बनाने के बाद आप के संयोजक सीएम अरविंद केजरीवाल ने छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश,राजस्थान में चुनाव लड़ने की ताल ठोंक दी है। चुनाव की तारीखों की घोषणा पर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारी तैयारी है, हम मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में पूरी ताकत से चुनाव लड़ेंगे।

वहीं, आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय संगठन महामंत्री डॉ संदीप पाठक ने कहा कि आम आदमी पार्टी विधानसभा चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार है। डॉ संदीप पाठक ने कहा कि पार्टी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ेगी।

उन्होंने कहा कि जनता ने सभी पार्टियों को बार-बार मौका दिया है, अब जनता ने आम आदमी पार्टी को मौका देने का मन बना लिया है। यह चुनाव बहुत निर्णायक होने वाला है।

आम आदमी पार्टी की तरफ से दी जाने वाली गारंटी पर राष्ट्रीय संगठन महामंत्री डॉ संदीप पाठक ने कहा कि एक समय ऐसा होता था जब शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, बिजली और पानी जैसे मुद्दे किसी भी राजनीतिक पार्टियों के चुनाव का एजेंडा नहीं होते थे। आम आदमी पार्टी ने चुनाव के पूरे परिपेक्ष को ही बदल कर रख दिया है।

आम आदमी पार्टी ने शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी, महिला सुरक्षा और रोजगार जैसे जनहित मुद्दों को अपना चुनावी एजेंडा बनाया। अब सारी पार्टियां भी आम आदमी पार्टी को कॉपी कर रही हैं। पर सब जानते हैं कि कॉपी तो कॉपी ही होती है। सब सबको पता है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गारंटी ओरिजिनल होती है और इसका जीता जागता सबूत दिल्ली और पंजाब हैं।

उन्होंने कहा कि आज छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान के हर गांव में आम आदमी पार्टी की कमेटी है। आम आदमी पार्टी का संगठन तीनों राज्यों में घर-घर तक फैला हुआ है। हम जनता के बीच में दिल्ली और पंजाब के गुड गवर्नेंस मॉडल को लेकर जा रहे हैं। अब जनता को झूठे वादे करने वाली सरकार नहीं चाहिए, इस बार जनता फ्री बिजली, पानी, स्वास्थ्य सेवाएं और शिक्षा देने वाली सरकार चाहती है।

जनता ने सभी पार्टियों को बार-बार आजमा कर देख लिया है अब जनता ने आम आदमी पार्टी को अपना मत देने का मन बना लिया है। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह की गिरफ्तारी पर डॉक्टर संदीप पाठक ने कहा कि भाजपा चुनाव में मिलने वाली हार से बौखलाई हुई है। उनको पता चल गया है कि अब आम आदमी पार्टी को रोकना मुश्किल है इसीलिए वह इस तरह की गंदी राजनीति कर रही है।

आज जिस तरह से भाजपा देश की संस्थाओं को एक-एक कर के खत्म कर रही है यह देश के लिए खतरे की घंटी है। मुझे दुख होता है कि भारतीय जनता पार्टी ने अपने चुनावी एजेंडे के लिए देश की व्यवस्थाओं को तहस-नहस करने का काम किया है। किसी भी व्यवस्था को खड़ा करने में सदियां लग जाती हैं लेकिन भारतीय जनता पार्टी धीरे-धीरे इसे खत्म कर रही है। अपने चुनावी एजेंडे के लिए भाजपा देश के हितों को दांव पर लगा रही है।

यह बहुत ही गंदी राजनीति है और देश की जनता इसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेगी। राज्यसभा सांसद डॉक्टर संदीप पाठक ने आगे कहा कि आज 24 घंटे फ्री बिजली, फ्री शिक्षा, फ्री स्वास्थ्य सेवाएं, रोजगार, महिला संबंधित सुविधाएं जनता की मूलभूत जरूरतें हैं। इन सब से ही किसी भी देश का भविष्य निर्धारित होता है। हमारी राजनीति स्पष्ट तरीके से इन सभी मुद्दों पर आधारित है। इन सभी मुद्दों को लेकर हम मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में चुनाव लड़ने वाले हैं।

पांच सीटों को लेकर रमन सिंह का आया बयान


रायपुर-   भाजपा की दूसरी सूची जारी होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह का बड़ा बयान सामने आया है। डॉ रमन सिंह ने कहा कि, 90 में से 85 सीटों पर प्रत्याशी घोषित हुए हैं। प्रत्याशियों के नामों की घोषणा के बाद कार्यकर्ताओं में उत्साह का माहौल है। 85 प्रत्याशियों में से 40-42 युवाओं को मौका मिला है।

डा. रमनसिंह ने कहा कि जारी हुई सूची में 14 महिलाओं को मौका दिया है और सभी वर्गों को व्यापक प्रतिनिधि देने का कार्य किया गया। बाकी पांच सीटों के उम्मीदवारों की घोषणा को लेकर पूर्व सीएम ने कहा कि, बची हुई पांच सीटों पर जल्द ही प्रत्याशियों के नाम घोषित किए जाएंगे। छत्तीसगढ़ में भाजपा के रूके पांच नामों को लेकर राजनीतिक चर्चा जोर पकड़ने लगा है।

पांच नामों को लेकर कयासों को दौर राजनीतिक पटल गरमागर्म बहस का मुद्दा भी बनते जा रहा है। आचार संहिता लगते ही भाजपा ने छत्तीसगढ़-मध्य प्रदेश और राजस्थान के उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी। भाजपा ने छत्तीसगढ़ में अपने प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी की। इस सूची में 64 प्रत्याशियों के नाम शामिल है।

केंद्रीय प्रशासनिक अधिकारी सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने पहुंचे रायपुर


रायपुर-   भारत निर्वाचन आयोग ने छत्तीसगढ़ समेत पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव 2023 की घोषणा कर दी है। जिसमें पहला चरण 7 नवंबर और दूसरे चरण की वोटिंग 17 नवंबर को होगी. छत्तीसगढ़ में दो चरणों में मतदान होना है. जिसमें पहले चरण में 20 सीटों पर और दूसरे चरण में 70 सीटों पर वोटिंग की जाएगी. पांचों राज्यों के चुनाव नतीजे एक साथ 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे. अब चुनाव आयोग के ऐलान के साथ ही पांचों चुनावी राज्यों में आचार सहिंता लागू हो गई है। आचार संहिता लागू होते ही केंद्रीय प्रशासनिक अधिकारी सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए रायपुर पहुंचे हैं।

बता दें कि, छत्तीसगढ़ में आचार संहिता लगने के बाद प्रशासनिक गतिविधियां बढ़ गई है. केंद्रीय प्रशासनिक अधिकारियों का आना जाना शुरू हो गया है. इसी क्रम में आईबी के 2JD, 1AD और SPG के 1 DIG स्तर के अधिकारी रायपुर पहुंचे हैं. जहां वे राज्य पुलिस और चुनाव अधिकारियों समेत पैरा मिलिट्री के अधिकारियों के साथ बैठक में शामिल होंगे और आगामी विधानसभा चुनाव में सुरक्षा व्यवस्था पर चर्चा करेंगे।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ की बैठक


रायपुर-   मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबासाहेब कंगाले ने आज अपने कार्यालय के सभा कक्ष में सभी मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के साथ बैठक की। बैठक में छत्तीसगढ़ विधानसभा आम निर्वाचन 2023 के दृष्टिगत प्रदेश में लागू आदर्श आचार संहिता, नॉमिनेशन प्रक्रिया एवं इलेक्शन एक्सपेंडिचर मॉनिटरिंग सिस्टम के संबंध में आवश्यक जानकारी प्रदान की गई।

रायपुर जिले की 8 विधानसभा सीटों के लिए अधिसूचना 21 अक्टूबर को जारी होगा यहां के लिए नये विधायक को चुनने 1879762 वोटर मतदान करेंगे। इनमें 45 हजार से अधिक 18-19 वर्ष वाले 45432 वोटर हैं।

डीआरओ ,कलेक्टर डॉ.सर्वेश्वर भूरे ने बताया कि इन सीटें के 1400 से अधिक पोलिंग बूथ पर वेब कास्टिंग से नजर रखी जाएगी। जो पांच हजार से अधिक ईवीएम के जरिए 17 नवंवर को मतदान करेंगे।इनमें सर्वाधिक बलौबाजार सीट पर हैं। जिले के हर विस क्षेत्र के हर मतदान केंद्र में औसतन एक हजार वोटर हैं।

हत्या के आरोपित आइएएस के भाई ने पांच साल बाद किया आत्मसमर्पण, ओवरटेक की वजह से हुआ था विवाद


रायपुर-  नवा रायपुर में पांच साल पहले हुई कंस्ट्रक्शन कंपनी के सुपरवाइजर की हत्या मामले में फरार आरोपित मुख्य आरोपित वरुण कौशल ने मंदिर हसौद थाने में आत्मसमर्पण किया है। आरोपित वरुण ने वर्ष 2018 में अपने साथी समीर सहित अन्य साथियों के साथ मिलकर कंस्ट्रक्शन कंपनी के सुपरवाइजर तुहिन मलिक को चाकू से गोदकर मौत के घाट उतार दिया था। इसके बाद से वह लगातार फरार चल रहा था। पुलिस आरोपित को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया। आरोपित वरुण कौशल प्रदेश की एक महिला आइएएस अधिकारी का भाई है। आरोपित के खिलाफ राजधानी के अलग-अलग थानों में हत्या, हत्या की कोशिश, अपहरण, बलवा, उगाही, मारपीट समेत कुल 11 गंभीर अपराधिक प्रकरण दर्ज हैं।

यह है मामला

10 मार्च 2018 की आधी रात कंस्ट्रक्शन कंपनी के सुपरवाइजर तुहिन मलिक की बेरहमी से चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या के पीछे कार रेसिंग के दौरान तुहिन मलिक की गाड़ी को ओवरटेक कर दोपहिया वाहन सवार निकला था। इसे लेकर विवाद इतना बढ़ा कि वरुण कौशल ने कार में सवार तीन साथियों के साथ मिलकर तुहिन और इंजीनियर अलंकार पाल पर चाकू से ताबड़तोड़ हमला कर दिया था।

इस घटना में गंभीर रूप से घायल तुहिन की मौत हो गई थी। मामले में पुलिस ने अभिषेक नागवंशी उर्फ बिट्टू और अभिलाष नागवंशी उर्फ बाबी को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। वहीं मुख्य आरोपित वरुण कौशल और समीर लगातार फरार चले रहे थे। वरुण ने आत्मसमर्पण कर दिया है। वहीं समीर अब भी फरार है।

पांच वर्ष में नहीं खोज सकी पुलिस

घटना को पांच वर्ष बीतने के बाद भी पुलिस आरोपित को नहीं पकड़ सकी थी। पुलिस ने इस मामले में 10 दिन के भीतर दो आरोपितों को पकड़ लिया था। पूछताछ में वरुण कौशल का नाम आने के बाद से कई तरह की बातें सामने आने लगी थी। पांच वर्ष बीतने के बाद भी आरोपित को पुलिस पता नहीं लगा सकी। उसकी कोई फोटो तक पुलिस ने जारी नहीं की थी। वहीं आत्मसमर्पण के बाद भी आरोपित को फोटो जारी नहीं की गई।

चुनावी बिगुल बजते ही प्रशासन अलर्ट, बैनर, पोस्ट उतारे, दीवारों पर लिखे दावे-वादे भी मिटाए

रायपुर-   चुनावी बिगुल बजने के बाद नेताजी आसमान से नीचे उतर आए हैं। आचार संहिता लागू होते ही निगम प्रशासन ने शहरभर में लगे राजनीतिक पोस्टर और बैनरों को उतार दिया। चौक-चौराहों पर लगे नेताओं के पोस्टर ढंकने के साथ ही दीवार लेखन को मिटाने सहित अन्य सभी प्रकार की चुनावी सामग्री हटाने की कवायद शुरू हो गई है।

कलेक्टर डा. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने इस संदर्भ में बैठक लेकर जिले में धारा 144 लागू कर दी है तथा अस्त्र-शस्त्र धारण करने पर प्रतिबंध लगा दिया है, ताकि विधानसभा निर्वाचन 2023 के दौरान चुनाव प्रक्रिया में असामाजिक तत्वों द्वारा भय और आतंक का वातावरण निर्मित कर शांतिपूर्ण एवं निष्पक्ष चुनाव में बाधा खड़ी न की जा सके तथा मतदाताओं में किसी भी प्रकार का भय पैदा न हो। वे भयमुक्त वातावरण में निर्भय होकर अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें।

जुलूस, आमसभा के लिए अनुमति जरूरी

निर्वाचन कार्यक्रम के साथ ही जुलूस आमसभा और धरना इत्यादि के लिए सक्षम अधिकारी से अनुमति लेनी होगी। जिले के भीतर कोई भी व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के न तो कोई सभा करेगा, न ही कोई रैली या जुलूस निकाल सकेगा तथा न ही कोई धरना देगा। इस आदेश का उल्लंघन करने वाले समूह/व्यक्ति के विरुद्ध धारा 188 भारतीय दण्ड संहिता के अंतर्गत कार्रवाई होगी।

विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगते ही पुलिस अलर्ट

विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगते ही पुलिस अलर्ट हो गई है। एसएसपी के निर्देश के बाद जिले के समस्त थाना क्षेत्रों में फिक्स चेकिंग पाइंट लगाकर सभी प्रकार के वाहनों की जांच की जा रही है। अवैध रूप से शराब परिवहन, चुनाव से संबंधित सामग्री सहित अन्य संदिग्ध वस्तुओं की सघन चेकिंग करने के साथ ही रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड में भी संदिग्ध व्यक्तियों के साथ सामान की चेकिंग की जा रही है।

इसके साथ ही विजिबल पुलिसिंग के अंतर्गत पैदल पेट्रोलिंग, वाहनों में पेट्रोलिंग, क्राइम प्रिवेंशन पेट्रोलिंग सहित 112 की टीमों द्वारा भीड़-भाड़ वाले स्थान, सार्वजनिक स्थान, सूने स्थान में जमवाड़ा लगाकर नशा करने वालों, गुटबाजी, अड्डेबाजी करने वालों, संदिग्ध व्यक्तियों, असामाजिक तत्वों की जांच की जा रही है। संदिग्ध व्यक्तियों के वाहनों की डिक्की की जांच, धारदार, बटनदार चाकू रखकर घूमने वालों सहित आम स्थानों पर शराब पीने, शराब पीने के लिए स्थान उपलब्ध कराने, सार्वजनिक मैदान, पार्क, चौक-चौराहों में चारपहिया वाहन के अंदर बैठकर शराब पीने वालों की भी चेकिंग की गई।

अधिकारी-कर्मचारियों के अवकाश पर प्रतिबंध

कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डा. भुरे ने आदेश जारी कर समस्त अधिकारी-कर्मचारियों के अवकाश पर प्रतिबंध लगा दिया है। बिना कलेक्टर या जिला निर्वाचन अधिकारी के पूर्वानुमति न तो अवकाश पर रहेंगे और न ही मुख्यालय छोड़ेंगे। जिला स्तर पर तथा जिले अंतर्गत समस्त शासकीय और राज्य शासन की विभागीय इकाइयों/उपक्रमों के अमले के अवकाशों की स्वीकृति जिला कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी करेंगे।

अजीत जोगी-रमन सिंह सीएम बनने के बाद बने विधायक, भूपेश बघेल ने तोड़ी परंपरा


रायपुर-  छत्तीसगढ़ में एक बार फिर पांचवें विधानसभा चुनाव के लिए पार्टियाें ने कमर कस ली है। यौवन की दहलीज पर खड़े छत्तीसगढ़ विधानसभा ने भी अपने 23 बसंत पूरे कर लिए है। प्रदेश के विधानसभा के चुनाव के बाद सरकार के गठन के समय प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी और दूसरे मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह को पहले मुख्यमंत्री बनाया गया और बाद में उप चुनाव के बाद वह विधायक बने हैं। सीएम की कुर्सी तक अभी तक तीन नेता पहुंचे। इनमें दो को पहली बार उप चुनाव ने ही सदन में पहुंचाया। वहीं इस परंपरा को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तोड़ दिया। वह सीधे पाटन विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर पहले विधायक बने इसके बाद सदन में मुख्यमंत्री बनकर पहुंचे हैं। प्रदेश में चुनाव तो चार हुए लेकिन सरकार पांच बार बनी।

राज्य गठन के समय बहुमत में थी कांग्रेस

प्रदेश में राज्य गठन के समय वर्ष 2000 में सदन में कांग्रेस का बहुमत था। इसलिए कांग्रेस से पहले मुख्यमंत्री बनाए गए। पूर्व आइएएस अजीत जोगी उस वक्त सदन के सदस्य नहीं थे। बिना विधायक के ही वह मुख्यमंत्री बनाए गए। 2003 में पहला विधानसभा चुनाव हुआ। भाजपा बहुमत में आई। उस समय भाजपा ने मुख्यमंत्री के तौर पर डा. रमन सिंह को चुना मगर वह भी विधायक नहीं थे। ऐसे में दोनों मुख्यमंत्री उप-चुनाव के जरिये विधानसभा के सदस्य बने।

जोगी के लिए भाजपा विधायक ने छोड़ी सीट

राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने अजीत जोगी के लिए तत्कालीन भाजपा विधायक रामदयाल उइके ने बिलासपुर जिले की मरवाही सीट छोड़ी थी। उइके के इस्तीफे के बाद मरवाही में उप चुनाव हुआ, जिसमें जोगी बड़ी अंतर के साथ जीतकर विधानसभा पहुंचे। जोगी ने 2003, 2008 और 2018 में भी इसी सीट से चुनाव लड़ा।

भाजपा विधायक ने ही दी रमन को भी सीट

डा. रमन सिंह 2003 में जब मुख्यमंत्री बने तब उनके लिए तत्कालीन भाजपा विधायक प्रदीप गांधी ने सीट छोड़ी। गांधी राजनांदगांव के डोंगरगांव सीट से विधायक थे। 2004 में डोंगरगांव में उप चुनाव हुआ। 2008 में डा. सिंह ने सीट बदल लिया। अब वे राजनांदगांव से चुनाव लड़ते हैं।

चार नेता प्रतिपक्ष चुनाव हारे, सिंहदेव ने बनाया रिकार्ड

पिछले चुनावों में नेता प्रतिपक्ष दूसरी बार सदन में नहीं पहुंच पाए। 2000 में भाजपा के नंदकुमार साय नेता प्रतिपक्ष बनाए गए। 2003 में जोगी के खिलाफ मरवाही सीट से चुनाव लड़े और हार गए। 2003 में भाजपा की पहली सरकार बनी तब कांग्रेस के महेंद्र कर्मा नेता प्रतिपक्ष बने। कर्मा 2008 का चुनाव हार गए। 2013 के चुनाव से पहले ही झीरम नक्सली नरसंहार में वह बलिदान हो गए। 2008 में कांग्रेस ने रविंद्र चौबे को नेता प्रतिपक्ष बनाया। साजा विधानसभा सीट से लगातार चुनाव जीतने वाले चौबे 2013 का चुनाव हार गए। हालांकि 2018 के चुनाव में नेता प्रतिपक्ष रहे कांग्रेस नेता टीएस सिंहदेव ने इस परंपरा को तोड़ी वह चुनाव भी जीते और प्रदेश के पहले उपमुख्यमंत्री भी बने।

हर बार हारे भाजपा के स्पीकर

भाजपा सरकार में अब तक जितने भी स्पीकर यानी विधानसभा अध्यक्ष हुए हैं कोई भी लगातार दूसरी बार नहीं जीता है। पहली सरकार में अध्यक्ष रहे प्रेम प्रकाश पांडेय 2008 का चुनाव हार गए। दूसरी सरकार में धरमलाल कौशिक अध्यक्ष बने और 2013 का चुनाव हार गए। इसके बाद भाजपा नेता गौरीशंकर अग्रवाल विधानसभा अध्यक्ष रहे वह भी 2018 का चुनाव हार गए। अभी कांग्रेस के नेता डा. चरणदास महंत अध्यक्ष हैं।

पंचायत मंत्री भी नहीं पहुंचे सदन

राज्य की पहली सरकार में अमितेष शुक्ल पंचायत मंत्री थे। 2003 का चुनाव वे हार गए। पहली भाजपा सरकार में पंचायत मंत्री रहे अजय चंद्राकर 2008 का चुनाव हार गए। भाजपा की दूसरी सरकार में पहले रामविचार नेताम उसके बाद हेमचंद यादव पंचायत मंत्री रहे। दोनों ही 2013 का चुनाव हार गए। हालांकि भाजपा की तीसरी सरकार में पंचायत मंत्री रहे अजय चंद्राकर 2018 में चुनाव जीत गए। अभी कांग्रेस सरकार में रविंद्र चौबे पंचायत मंत्री हैं।

महिला बाल विकास मंत्री का पद भी

प्रदेश में महिला बाल विकास मंत्री का भी पद रिकार्ड कायम करता रहा है। पहली सरकार में गीता देवी सिंह के पास इसकी जिम्मेदारी थी। 2003 का चुनाव वे हार गईं। भाजपा की पहली सरकार में रेणुका सिंह को महिला बाल विकास की जिम्मेदारी दी गई। 2008 का चुनाव हार गईं। दूसरी सरकार में लता उसेंडी को यह जिम्मेदारी मिली। लगातार दो बार की विधायक उसेंडी 2013 का चुनाव हार गईं। भाजपा सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री रहीं रमशीला साहू को पिछली बार टिकट ही नहीं मिला। वर्तमान में कांग्रेस सरकार में अनिला भेड़िया महिला एवं बाल विकास मंत्री हैं।

भाजपा उम्‍मीदवारों की दूसरी लिस्‍ट पर सीएम बघेल का तंज, कहा- बीजेपी ने हारे लोगों पर खेला दांव


रायपुर-   मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दिल्ली में आयोजित कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में शामिल हुए। देर रात रायपुर लौटे मुख्यमंत्री ने एयरपोर्ट पर पत्रकारों से चर्चा में कहा कि भाजपा ने हारे हुए प्रत्याशियों पर दांव खेला है। जल्द ही केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक होगी। हमारी पूरी तैयारी है। कांग्रेस प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि सीडब्ल्यूसी की बैठक में जातिगत जनगणना को लेकर सभी सदस्यों ने सहमति जताई है। बहुत ऐसी जातियां हैं जो पिछड़ी हुई हैं। उनके लिए योजना बनाने के लिए जनगणना जरूरी है। सभी वर्ग में आर्थिक रूप से कमजोर लोग हैं, इसलिए जातिगत जनगणना जरूरी है।

केंद्रीय मंत्री-सांसदों के टिकट पर तंज

भाजपा द्वारा केंद्रीय मंत्री और सांसदों को टिकट देने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तंज कसते हुए कहा कि केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह सरगुजा की सांसद हैं और टिकट दिया है कोरबा से। इसी तरह विष्णुदेव साय रहते हैं पत्थलगांव में और टिकट दिया गया है कुनकुरी से। सांसद गोमती साय रहती हैं कुनकुरी में और उन्हें टिकट दिया गया है पत्थलगांव से। ओपी चौधरी खरसिया से पलायन कर गए। हारे हुए लोगों पर दांव लगा रहे हैं।

उन्होंने भाजपा को अलोकतांत्रिक पार्टी बताते हुए कहा कि चुनाव में आफिशियल पोस्ट में तरह-तरह के पोस्ट कर रहे हैं। इससे उनके चेहरे का नकाब उतर चुका है। सीडब्ल्यूसी की बैठक में मुख्यमंत्री बघेल समेत प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा, उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव और गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू शामिल हुए।

साजा का प्रत्याशी अराजनीतिक व्यक्ति

मुख्यमंत्री ने बिरनपुर हिंसा से पीड़ित ईश्वर साहू को टिकट देने पर कहा कि भाजपा लाख कोशिश करे मगर यह मुद्दा नहीं हो सकता। जिसे टिकट दिया गया है, वह विशुद्ध रूप से अराजनीतिक व्यक्ति है। उन्होंने कहा कि भले ही बगल में अरुण साव को बैठा लें, मगर चल तो रमन सिंह का ही रहा है।

प्रसारित सूची से ही ज्यादातर नाम शामिल

तीन अक्टूबर को इंटरनेट मीडिया पर भाजपा प्रत्याशियों की प्रसारित सूची की बात सच साबित हुई है। नौ अक्टूबर को भाजपा द्वारा जारी 64 सीटों के ज्यादातर नाम प्रसारित सूची से ही मेल खा रहे हैं। हालांकि पार्टी ने इस पर कोई बयान नहीं दिया है। प्रसारित सूची की चर्चा काफी गर्म रही थी, वहीं वरिष्ठ नेताओं ने सूची को लेकर बयान भी दिया था। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि इसे भाजपा ने ही लीक कराया था।