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धनबाद: तेज बुखार से 3 लोगों की मौत, स्वास्थ्य विभाग ने इस बुखार को मलेरिया या डेंगू मानने से किया इनकार

धनबाद : धनबाद में डेंगू के मामले हर दिन सामने आ रहे हैं। डेंगू की पहले मरीज की पुष्टि स्वास्थ्य विभाग ने 9 सितंबर को की थी। 23 दिनों के अंदर अब तक 42 डेंगू के मरीजों की पुष्टि की गई है।

राहत की बात यह है कि इसमें 41 मरीज पूरी तरह से स्वस्थ होकर अपने घर लौट गए हैं, जबकि एक संक्रमित मरीज निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती है।

स्वास्थ्य विभाग की एक टीम ने जाकर मरीज की जांच की। मरीज की स्थिति फिलहाल ठीक है। इधर, उपायुक्त के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगातार विभिन्न इलाकों में कंटेनर सर्वे और जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।

800 मरीज की हुई मलेरिया जांच, नहीं मिले एक भी मरीज

बुखार को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की ओर से डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया और टाइफाइड की जांच एक साथ की जा रही है। जिले में अब तक 23 दिनों के बीच 800 मरीजों की मलेरिया जांच की गई है। विभाग की माने तो इसमें एक भी मलेरिया का मरीज नहीं मिला है।

डेंगू मरीज मिलने के बाद सबसे ज्यादा संक्रामक वायरस फीवर को लेकर है। जिला वेक्टर बोर्न डिजीज सलाहकार रमेश कुमार ने बताया कि मौसम में बदलाव और बरसात के कारण वायरस संक्रमण का असर सबसे ज्यादा रहा। लोग बुखार बदन दर्द से पीड़ित हुए। ऐसे में, लगातार बीमारियों की जांच की जा रही है।

तीन की हुई मौत, विभाग ने नहीं माना डेंगू का कारण

धनबाद में तीन लोगों की मौत तेज बुखार बदन दर्द समेत अन्य कर्म से हो गई, लेकिन तीनों मौत को स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू का कारण नहीं माना। महुदा के एक मरीज की मौत रिम्स रांची में हो गई। वहीं, झरिया में दो मरीजों की मौत हो गई।

स्वास्थ्य विभाग का कहना है इन मरीजों की मौत दूसरी बीमारियों की वजह से हुई है। हालांकि, अब बुखार से पीड़ित थे। विभाग का दावा है कि डेंगू के लक्षण नहीं मिले हैं।

जिले में डेंगू से मौत की पुष्टि अभी तक नहीं हुई है, जो भी मरीज मिल रहे हैं। वह स्वस्थ होकर घर लौट रहे हैं। इलाके में लगातार सर्वे अभियान चलाया जा रहा है। -

शहर को स्वच्छ करने के लिए धनबाद के साहब ने झाड़ू तो उठा लिया ,लेकिन शहर में जलजमाव और उससे होने वाले वाले बीमारी का कब होगा इलाज़...?


धनबाद :(झा.डेस्क) पीएम मोदी के आह्वान पर 17 सितंबर से पुरे भारत में अधिकारी से लेकर भाजपा नेताओं ने शहर को स्वच्छ करने के लिए स्वछता अभियान चलाया। इस अभियान का समापन रविवार को हो गया।

 इस अभियान में इस मौके पर आम आदमी से लेकर खास तक ने शहर को स्वच्छ बनाने के लिए हाथों में झाड़ू थामकर सड़कों पर उतर पड़े।

जिस समय शहर के सांसद, विधायक, डीआरएम से लेकर नगर आयुक्त तक शहर में स्वच्छता अभियान चला रहे थे, ठीक उसी समय 500 मीटर की दूरी पर रानीबांध के समीप अधूरी सड़क पर भरे हुए बारिश के पानी लोग बाइक और स्कूटी से फिसल कर गिर रहे थे।

 इस सड़क से गुजरते हुए लोग कह रहे थे कि काश यहां भी कोई स्वच्छता अभियान चलाए।

पिछले 24 घंटे से हो रही बारिश की वजह से रानीबांध के समीप सड़क पर तीन-चार फीट पानी भर गया है। 

आईआईटी की ओर वाली सड़क की स्थिति और खराब हो गई है। यहां हर दस मिनट में एक बाइक फंसकर गिर रही है। पथ निर्माण विभाग सड़क तो बना रहा है लेकिन आधी अधूरी सड़क में बारिश का पानी इसे खतरनाक बना दिया है। एक तरफ सड़क ऊंची की जा रही है। वह भी पूरी तरह से बनी नहीं है लेकिन लोग उसी से चढ़कर गाड़ी पार करने लगे।

कापासाड़ा आउट सोर्सिंग के बंगाल सीमा के निकट चाल धंसने की सूचना,गंभीर रूप से घायल को सहयोगी ले भागे ,ईसीएल अधिकारी बता रहे हैं अफवाह


धनबाद: कापासारा आउट सोर्सिंग क्षेत्र के बंगाल सीमा के क्षेत्र में अवैध कोयला उत्खनन के दौरान चाल धंसी जिसमे तीन कोयला चोर गंभीर रूप से घायल हो गए। जिन्हें सहयोगियों द्वारा किसी गोपनीय स्थान पर इलाज कराने की सूचना है । घटना कल शाम सात बजे की बताई गई है । 

प्राप्त जानकारी के अनुसार आज भी बुधवार को प्रतिदिन की भांति अवैध कोयला खनन करने वाले खदान में पंहुंचे , शाम सात बजे आवाज के साथ चाल धंस गई जिसमें तीन गंभीर रूप से घायल हो गए । घटनास्थल पर कोहराम मच गया। 

 सहयोगियों ने आनन फानन में युद्ध स्तर पर घायलों को निकाला और गोपनीय स्थान पर ले गए जंहा इलाज किया जा रहा है । चाल धसने से सड़क में दरारें पर गई है ,अभी तक ईसीएल के कोई अधिकारी घटनास्थल पर नही पंहुंचे हैं । जानकर सूत्र बताते हैं कि पिछले 30 जून से आउट सोर्सिंग प्रबन्धन कार्य बन्द कर दिया है ।

सूत्र के अनुसार अवैध खनन करने वाले स्थानीय लोंगों के साथ बंगाल से बुलाये गए लोग शामिल हैं । वैसे इस पूरे घटना की आधिकारिक पुष्टि नही की गई है।ईसीएल अधिकारी इसे अफवाह बता रहे है।

बोकारो सेक्टर -1 के सिटी सेंटर में मिलता है स्वादिष्ट समोसा चाट, स्‍वाद ऐसा कि चाटती रह जाएंगी आप की उंगलियां


बोकारो : बोकारो के सेक्टर 1 स्थित सिटी सेंटर में चटपटे चाट की दुकान लगती है. यहां की समोसा चाट लोगों के बीच खासा फेसम है. लोग इसे खाने बड़े चाव से आते हैं. चाट के शौकिन यहां जरूर पहुंचते हैं.चाट दुकान के संचालक सुमित ने कहा कि वह पिछले 6 सालों से यहां समोसा चाट के बिक्री कर रहे हैं और उनके दुकान पर खास सात आइटम के मिश्रण से जबरदस्त समोसा चाट तैयार की जाती है. जिसकी कीमत ₹40 रूपये है.

 वहीं, हाल्फ प्लेट समोसा चाट की कीमत 20 रुपये होती है। चाट एक ऐसा डिश है जिसका नाम सुनते मुंह में पानी आ जाता है. बोकारो के सेक्टर 1 स्थित सिटी सेंटर में चटपटे चाट की दुकान लगती है. यहां की समोसा चाट लोगों के बीच खासा फेसम है. लोग इसे खाने बड़े चाव से आते हैं. 

चाट के शौकिन यहां जरूर पहुंचते हैं.चाट दुकान के संचालक सुमित ने कहा कि वह पिछले 6 सालों से यहां समोसा चाट के बिक्री कर रहे हैं और उनके दुकान पर खास सात आइटम के मिश्रण से जबरदस्त समोसा चाट तैयार की जाती है. जिसकी कीमत ₹40 रूपये है. वहीं, हाल्फ प्लेट समोसा चाट की कीमत 20 रुपये है.

इस टेस्टी चाट को बनाने की विधि को लेकर सुमित ने कहा कि सबसे पहले खस्ता समोसा को तोड़कर गरमा गरम छोला डाला जाता फिर ऊपर से उबला आलू, मूंग दाल, टमाटर, प्याज, धनिया चटनी, पुदीना चटनी, मीठी चटनी, दही और पापड़ी डाला दिया जाता है.

 फिर ऊपर से विभिन्न मसाले डालकर समोसा चाट को तैयार करते हैं. अब इसे खाया या परोसा जा सकता है.

रोजाना 150 से 200 प्लेट की खपत

सुमित ने बताया कि उनके यहां रोजाना 150 से लेकर 200 प्लेट समोसा चाट की खपत होती है. दुकान रोजाना शाम 3:00 बजे से रात 10:00 बजे तक लगाते है. इस दौरान चाट खाने वालों के आने का सिलसिला जारी रहता है. लोग यहां खाने के साथ-साथ घर के लिए पैक भी कराते हैं.वहीं समोसा चाट खाने आए ग्राहक पिंटू ने कहा कि यहां की चटपटी समोसा चाट का स्वाद बेहद ही मजेदार होता है. वे 4 किमी की दूरी तय कर यहां इसका लुत्फ उठाने पहुंचते हैं. कई बाद रिश्तेदार व दोस्तों के साथ भी आते हैं.

बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार आईआईटी आईएसएम धनबाद के छात्रों से हुए रूबरू, संस्थान आने की जताई इच्छा

 धनबाद : अपनी अपकमिंग फिल्म मिशन रानीगंज को लेकर अभिनेता अक्षय कुमार ने आईआईटी आईएसएम धनबाद के छात्रों से ऑनलाइन बातचीत की. 

उन्होंने स्टूडेंट्स के सवाल का बखूबी जवाब भी दिया. बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार में संस्थान आने की इच्छा जताई है.

धनबाद: तीसरी लाइन निर्माण कार्य को लेकर12 ट्रेनें रहेंगी रद्द

धनबाद : रेल प्रशासन यात्री सुविधा बेहतर करने के लिए प्रयासरत है। इस दौरान विजयवाड़ा मंडल के बापटला रेलवे स्टेशन पर तीसरी लाइन निर्माण के लिए ब्लाक लिया जाएगा। इस दौरान दस स्पेशल ट्रेनें निरस्त रहेंगी।

इस दौरान केएसआर बेंगलूरु-दानापुर स्पेशल 02 व 09 अक्टूबर,

दानापुर -केएसआर बेंगलूरु स्पेशल - दानापुर से 04 एवं 11 अक्टूबर,

दानापुर-एसएमभीवी, बेंगलूरु स्पेशल - दानापुर से 03 अक्टूबर,

एसएमभीवी, बेंगलूरु-दानापुर स्पेशल - दानापुर से 05 अक्टूबर,

दानापुर-एसएमभीवी, बेंगलूरु स्पेशल - दानापुर से 28 सितम्बर एवं 05 अक्टूबर,

एसएमभीवी, बेंगलूरु-दानापुर स्पेशल - दानापुर से 30 सितम्बर एवं 07 अक्टूबर,

दानापुर-एसएमभीवी, बेंगलूरु स्पेशल - दानापुर से 04 अक्टूबर,

एसएमभीवी, बेंगलूरु-दानापुर स्पेशल - दानापुर से 29 सितम्बर एवं 06 अक्टूबर,

दानापुर-एसएमभीवी, बेंगलूरु स्पेशल - दानापुर से 29 सितम्बर व 06 अक्टूबर,

एसएमभीवी, बेंगलूरु-दानापुर स्पेशल - दानापुर से 01 एवं 08 अक्टूबर,

दानापुर-एसएमभीवी, बेंगलूरु स्पेशल - दानापुर से 01, 02, 08 एवं 09 अक्टूबर,

एसएमभीवी, बेंगलूरु-दानापुर स्पेशल - दानापुर से 03, 04, 10 एवं 11 अक्टूबर को रद्द रहेगी।

परिवर्तित मार्ग से चलाई जाने वाली ट्रेन : धनबाद से 02 से 10 अक्टूबर तक खुलने वाली धनबाद-एल्लेपी एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग निडढ़वोलू-भीमवरम टाउन-गुडिवाडा-विजयवाड़ा के रास्ते चलाई जायेगी।

धनबाद में एसटीएफ जवान की पत्नी ने घर में फांसी लगाकर कर ली आत्महत्या

धनबाद : बलियापुर थाना क्षेत्र की बाघमारा पंचायत के आमटांड़ गांव निवासी एसटीएफ जवान भवानी प्रसाद महतो की पत्नी उषा महतो (30) ने बुधवार को अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.

घटना की सूचना मिलते ही बलियापुर थानेदार सुबेदार कुमार यादव दलबल के साथ आमटांड़ पहुंचे और मृतका के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए एसएनएमएमसीएच भेज दिया.

धनबाद :आज हीरापुर सबस्टेशन क्षेत्र में रहने वाले लोगों को करना पड़ेगा बिजली संकट का सामना, क्यों जानने के लिए पढिये पूरी खबर..?

धनबाद: हीरापुर सबस्टेशन संबंधित इलाकों में रहने वाले लोगों को रविवार को बिजली संकट का सामना करना पड़ेगा. दिन के 10 बजे से लेकर शाम के छह बजे तक सबस्टेशन से बिजली आपूर्ति बंद रखने की घोषणा जेबीवीएनएल के अधिकारियों ने की है.

 कार्यपालक अभियंता शिवेंद्र कुमार ने बताया कि रविवार को सबस्टेशन में पांच एमवीए क्षमता का नया पावर ट्रांसफॉर्मर लगाया जायेगा. इस वजह विद्युत आपूर्ति नहीं होगी. बता दें कि हीरापुर सबस्टेशन में लगे एक पावर ट्रांसफॉर्मर में कुछ दिनों पूर्व खराबी आ गयी है.

 हालांकि, उसे दुरुस्त कर हाफ लोड पर चलाया जा रहा है. इसे देखते हुए सबस्टेशन में पांच एमवी का अतिरिक्त ट्रांसफॉर्मर लगाने का निर्णय जेबीवीएनएल के अधिकारियों ने लिया है. शनिवार को रांची से पांच एमवीए का ट्रांसफॉर्मर धनबाद पहुंच चुका है.

धनबाद: ड्यूटी से आ रहे बीसीसीएल कर्मी मजदूर की सड़क हादसा में हुई मौत, मज़दूरों के आंदोलन ये बाद मिला मृतक के पुत्र को नौकरी


मुनीडीह : मुनीडीह प्रोजेक्ट से बुधवार को रात द्वितीय पाली ड्यूटी कर घर लौट रहे हैं तेतुलिया (कतरास ) लौट के क्रम में सड़क हादसे बीसीसीएल कर्मी बटुआ बाउरी का इलाज के दौरान गुरुवार को मृत्यु हो गया था गुरुवार शाम को मुनीडीह प्रोजेक्ट जीएम कार्यालय के मुख्य गेट पर लाश को रखकर नियोजन की मांग कर रहे थे वार्ता के दौरान नियोजन देने के लिए कंपनी ने सहमति नहीं जताई ।

वार्ता बेनतीजा रही इसके बाद आज शुक्रवार को चंदन कियारी के विधायक अमर कुमार बाउरी आंदोलन स्थल पर पहुंचकर जीएम से वार्ता की प्रबंधक नियोजन देने में आनाकानी कर रही थी उसके बाद कोल इंडिया के चेयरमैन से दूरभाष पर बात कर इसकी जानकारी दी उसके बाद कंपनी ने नियोजन देने के सहमति हुई ।

नियोजन मृतक के द्वितीय पुत्र राजू बाउरी को दिया गया परिजन ने शव को अपना गांव चंदड़ा चंदनकियारी ले गए वार्ता में चंदनकियारी के विधायक अमर कुमार बाउरी गौर चन्द बाउरी योगेन्द्र यादव ध्रुप हरि श्रीमंत बाउरी बालेश्वर बाउरी वकील बाउरी प्रकाश बाउरी सदानंद पासी सुरेश यादव राजेश हाडी रमेश बाउरी गोपाल बाउरी बांटी बाउरी लालू बाउरी आनंद बाउरी अजीत बाउरी राम प्रसाद बाउरी आदि मौजूद थे।

करमा पर्व: करमा पर्व में कुंवारी लड़कियां ही क्यों उठाती हैं जावा, आइये जानते हैं इसके पीछे का गूढ़ रहस्य...?


धनबाद : महान प्रकृति पर्व 'करमा' में मुख्यतः चार महत्वपूर्ण और अनिवार्य तत्त्व हैं- जावा डाली, करम डाइर, अनगिनत जावा गीत और करमा-धरमा की धर्मकथा. समस्त पर्व में इन तत्त्वों की अवसरगत महत्ता है.

जावा डाली इस पर्व का प्राणतत्त्व है. गीत इसकी प्राणवायु हैं. करम डाइर मानो आत्मा है तो करमा-धरमा की कथा उसके विश्वास की धुरी है. 

जैसा कि विदित है, जावा डाली झारखंड की बहनों द्वारा विधि विधान से नदी के बालू में एक उथरी टोकरी में सघन रूप से बुने गए बीजों के अंकुरण और प्रारंभिक पल्लवन का नाम है. कर्मा एकादशी के नौ दिन, सात दिन या पांच दिन पूर्व जावा डाली के उठाने की क्रिया होती है. 

बांस की छोटी नयी टोकरी में बीजों के अंकुरण की परंपरा को सतही दृष्टि से देखने से हमें यह कृषक कन्याओं का बाल सुलभ खेल-कौतुक सा लगता है. 

पर इस महानतम पर्व के इस प्राण तत्त्व का अर्थ इतना उथला नहीं है. इसके निहितार्थ में गहरा दर्शन समाहित है.

कन्याएं ही क्यों उठाती हैं डाली?

वस्तुतः जावा डाली के द्वारा हम बीजों की अभ्यर्थना करते हैं. बीज, जो कि सृष्टि का आधार हैं. जैव जगत की निरंतरता के लिए बीज और वीर्य की अनिवार्यता स्वयं सिद्ध है. इसी सार्वभौमिक, सार्वकालिक शाश्वत सत्य को जावा डाली के माध्यम से प्रस्तुत किया जाता है.

 इस पर्व में डाली उठाने का कार्य कन्याएं ही करती हैं. इसके पीछे भी एक गूढ़ रहस्य निहित है. कन्याएं धरतीस्वरूपा हैं. बीज धारण करने की क्षमता धरती में होती है और वीर्य धारण कर सृष्टि को आगे बढ़ाने का सामर्थ्य नारी में है.

 इस शाश्वत सत्य को सांकेतिक तौर पर कन्याओं को बताया जाता है. जावा डाली इसी सत्य का प्रतीक है. मालूम हो कि जावा डाली में अधिकतम नौ प्रकार के बीजों के वपण का विधान है. नौ सबसे बड़ी मूल संख्या होने के कारण पूर्णता का द्योतक है. अर्थात् जावा डाली में समस्त बीजों की अभ्यर्थना की जाती है. बीजों में निहित शक्ति और उसकी महिमा का वंदन किया जाता है. करम पर्व का पहला गीत "इति- इति जावा किया-किया जावा...सेहो रे जावा एक पाता सइ रे..

" बीज की महत्ता को निरूपित करता है.

करम डाइर की अनिवार्यता और करमा-धरमा की कहानी

इस पर्व का दूसरा अनिवार्य तत्त्व है करम डाइर. उपवास की रात अखरा में 'करम' वृक्ष की डाली को स्थापित किया जाता है. इसका निहितार्थ स्पष्ट है, भाइयों को, अर्थात् पुरुष वर्ग को अपने कर्मों-दायित्वों के प्रति गड़े करम डाल की तरह अडिग रहना, जीवन के कर्मों के प्रति सदैव प्रतिबद्ध रहना. उपवास की रात को करम अखरा में वाचन-श्रवण की जानेवाली 'करमा-धरमा' की लोक कथा इस महान पर्व की धर्मकथा है. इसमें निहित संदेश शाश्वत जीवन-दर्शन से युक्त है. इसमें बताया गया है कि मानव जीवन में कर्म के साथ धर्म का समन्वय आवश्यक है. केवल कर्म से हम भौतिक परिणाम तो पा सकते हैं, पर कर्मों को यदि नीति-आदर्श से हीन कर दें तो उसकी कोई महत्ता नहीं रह जाती है. धर्महीन व्यक्ति की उपयोगिता नष्ट हो जाती है, उसका जीवन विकृत-विद्रूप हो जाता है. कथा में करम गोसाईं के रूठ कर 'सात समुंदर टापुपार' चले जाने का प्रसंग भी हमें धर्मविहीन जीवन में खुशियों के रूठ जाने की प्रतीकात्मक सीख देता है.

यों तो इस पर्व को भाई-बहन के नैसर्गिक और पावन प्रेम की उत्सवीय अभिव्यक्ति के रूप में भी देखा जाता है. पर यह इसका अनुषंगी निहितार्थ है. इसके मूल में सृष्टि की निरंतरता में बीज और वीर्य तथा धरती और कोख की महत्ता की सांकेतिक शिक्षा भी है. साथ ही निहित है, मानव मात्र का प्रकृति से अटूट संबंध और उसके सामाजिक जीवन में कर्म और धर्म के संतुलन-समन्वय की अनिवार्यता का महान संदेश है.