*चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से स्कूली बच्चों के लिए लगाया गया चिकित्सा शिविर*
प्रशान्त शर्मा
मुरादाबाद। बच्चों को मोबाइल से दूर रखने का दायित्व माता-पिता का है, इसे वह बच्चों के भविष्य संवारने के लिए तैयारी के रूप में ख्याल रखें, वरना आंखों की रोशनी में दिक्कत हो सकती है। माता-पिता बच्चों को मोबाइल खेलने के लिए दे देते हैं मगर यह नहीं समझते कि इससे आने वाले समय में उन्हीं बच्चों को किस तरह की समस्या का सामना करना पड़ सकता है, ऐसे में उन्हें जागरूक होना होगा।
यह कहना है नेत्र विशेषज्ञ डॉक्टर आशुतोष अग्रवाल का,ह्यआओ हाथ बढ़ाएं-एक पहल मदद कीह्ण चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा शुक्रवार को आर्यंस इंटरनेशनल स्कूल बुद्धि विहार में चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया,इसमें डॉक्टर आशुतोष अग्रवाल ने लगभग 250 स्कूली बच्चों की आंखों की जांच की,उन्होंने जांच के बाद इस बात पर चिंता जताई कि मोबाइल पर ज्यादा समय देने वाले बच्चों की आंखों की रोशनी प्रभावित हो रही है,इस पर अभिभावकों को ध्यान देना होगा,उन्होंने बताया कि जिन बच्चों की रोशनी कम हो रही थी उन्होंने पूछताछ में यह स्वीकार किया कि मोबाइल पर वह दो से तीन घंटे तक गेम खेल रहे हैं,यह खतरनाक स्थिति है,डॉक्टर अग्रवाल ने ट्रस्ट की अध्यक्ष गीतांजली पांडेय से भी कहा कि इन हालातों से बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है,हर स्कूल में इस तरह के आयोजन हों ताकि सही स्थिति का आकलन किया जा सके।
प्रधानाचार्य हेमंत कुमार झा ने भी अभिभावकों से अपील की कि डॉक्टर की सलाह को ध्यान में रखें।शिविर में गीतांजली पांडेय के अलावा राघव रस्तोगी, नीता सक्सेना, सोतेंद्र गुर्जर, मनोज चौधरी, सुमित सैनी, गुरप्रीत सिंह और मुकेश चंद्र गौड़ के अलावा आर्यंस इंटरनेशनल स्कूल के प्रधानाचार्य हेमंत कुमार झा,मंजू सिंह एवं रूना रॉय आदि मौजूद रहे।
Sep 30 2023, 17:12