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खालिस्तानियों की दादागिरी! स्कॉटलैंड में भारतीय अधिकारी को गुरुद्वारा जाने से रोका

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खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर कनाडा और भारत के बीच तनाव के हालात पैदा हो गए हैं। यूनाइटेड किंगडम में खालिस्तानी समर्थकों के दुस्साहस का एक मामला सामने आया है।यहां स्कॉटलैंड में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोराईस्वामी को गुरुद्वारे जाने से रोका गया है। ये करतूत खालिस्तानी समर्थकों की है। 

विक्रम दोरईस्वामी गुरुद्वारा कमेटी के बुलावे पर लंगर के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए, लेकिन जैसे ही उनकी कार गुरुद्वारे के मेन गेट पर पहुंची, 3-4 कट्टरपंथी सिखों ने उन्हें गुरुद्वारे में प्रवेश करने से रोक दिया और नारेबाजी करने लगे। हैरानी की बात यह है कि किसी ने भी इन सिख कट्टरपंथियों को रोकने की कोशिश नहीं की। भारतीय उच्चायुक्त गुरुद्वारे के निमंत्रण पर वहां पहुंचे थे।

भारतीय उच्चायुक्त को कार से उतरने नहीं दिया

इस घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि खालिस्तानी समर्थकों ने उच्चायुक्त को गाड़ी से उतरने ही नहीं दिया गया। उन्होंने बताया कि वह जब गुरुद्वारे के बाहर पहुंचे तो उनके पास कुछ लोगों ने आकर कहा कि उनका यहां स्वागत नही है। वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि सिख कट्टरपंथियों ने भारतीय उच्चायुक्त की कार के दरवाजे को भी खींचा। थोड़ी ही देर में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दुराईस्वामी ने अपने ड्राइवर को वहां से निकलने का आदेश दिया और वह कार्यक्रम में शामिल हुए बिना गुरुद्वारे के गेट से ही वापस चले गए। 

ब्रिटेन में पहले भी हो चुकी है ऐसी घटना

ब्रिटेन में यह कोई पहली घटना नहीं है जब खालिस्तानी समर्थकों द्वारा भारतीय समुदाय के लोगों के साथ अभद्रता की गई हो। ब्रिटेन में पहले भी खालिस्तानी समर्थक ऐसा बर्ताव कर चुके हैं। इसी साल मार्च को राजधानी लंदन में स्थित भारतीय उच्चायोग पर भी हमला किया गया था। यहां खालिस्तानियों ने भारत का झंडा उतार कर खालिस्तान का झंडा फहराने की कोशिश की थी। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर बहुत वायरल हुआ था जिसके बाद भारत सरकार ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी थी।

निज्जर की हत्या के बाद से जारी है बवाल

बता दें कि कुछ महीने पहले कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। कनाडा की सरकार ने इस मुद्दे को निज्जर की मौत के 3 महीने बाद उठाया और उसकी हत्या में भारतीय एजेंसियों का हाथ होने की बात कही। भारत ने कनाडा के आरोपों को न सिर्फ कड़ाई से खारिज किया, बल्कि वीजा मंजूरी की सर्विस भी रोक दी। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को भारत पर लगाए गए इन गंभीर इल्जामों के लिए जबरदस्त आलोचना झेलनी पड़ रही है। वहीं, इस मुद्दे के उठने के बाद खालिस्तान समर्थकों की तरफ से भी तमाम तरह की घटनाओं को अंजाम देने की कोशिश की जा रही है।

भारत ने शूटिंग में जीता सिल्वर मेडल, सरबजोत-दिव्या फाइनल में गोल्ड से चूके

#asiangames2023day7

एशियन गेम्स 2023 में भारत को शूटिंग में एक और मेडल मिला. 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम इवेंट में भारत के सरबजोत और दिव्या ने सिल्वर अपने नाम किया। भारतीय टीम से गोल्ड की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन फाइनल गंवाने के बाद उन्हें सिल्वर से ही संतोष होना पड़ा।

चीन ने मैच अपने नाम किया

10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम स्पर्धा के फाइनल में भारत के सरबजोत सिंह और दिव्या टीएस को हार का सामना करना पड़ा। शुरुआत में तो दिव्या ने शानदार प्रदर्शन किया। भारतीय जोड़ी ने 14 प्वाइंट्स स्कोर किए , लेकिन बाद में चीन की जोड़ी आगे हो गई।चीन ने 16-14 के अंतर से मैच अपने नाम किया। इस प्रतियोगिता में शूटिंग में यह भारत के लिए आठवां रजत पदक है।

भारत की झोली में कुल 33 पदक

एशियाई खेलों का आज सातवां दिन है। छह दिन में भारत की झोली में कुल 33 पदक आ चुके हैं। प्रतियोगिता के पहले दिन भारत को पांच, दूसरे दिन छह, तीसरे दिन तीन, चौथे दिन आठ, पांचवें दिन तीन और छठे दिन आठ पदक मिले। सातवें दिन भारत को एथलेटिक्स और शूटिंग में पदक मिल सकते हैं। भारत ने शूटिंग में अब तक कुल 19 मेडल जीते हैं. इसमें 9 गोल्ड, 8 सिल्वर और 5 ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं।

भारत के पास कितने पदक

स्वर्णः 8

रजतः 13

कांस्यः 13

कुलः 34

तीन फिदायीन हमलों से दहला पाकिस्‍तान, 50 से ज्यादा लोगों की मौत, धमाकों से ढही मस्जिद

#pakistan_56_killed_as_suicide_bomb_blast

पाकिस्तान शुक्रवार को दो जगहों पर हुए तीन फिदायीन हमलों से थर्रा उठा। पहला धमाका बलूचिस्तान में एक मस्जिद के बाहर किया गया, जिसमें डीएसपी समेत 52 लोगों की मौत हो गई जबकि 60 से अधिक लोग घायल हो गए। धमाका उस वक्त किया गया जब मस्जिद के बाहर लोग ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के जुलूस के लिए इकट्ठा हो रहे थे। पैगम्बर मोहम्मद का जन्मदिन ‘ईद ए मिलाद उन नबी' मनाने के लिए मस्जिद के बाहर एक रैली के वास्ते भारी संख्या में लोग इकट्ठा हुए थे और उसी दौरान यह विस्फोट हुआ।

बलूचिस्तान में अभी इस धमाके की गूंज शांत भी नहीं हुई थी कि खैबर पख्तूनख्वा के हंगू शहर में एक के बाद एक दो धमाके किए गए। पहला धमाका एक मस्जिद में किया गया जबकि दूसरा एक पुलिस स्टेशन में हुआ। इस हमले में अब तक 4 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है। बताया जा रहा है कि धमाका इतना जोरदार था कि पूरी मस्जिद ही ढह गई। मस्जिद के मलबे में अभी भी 30 से 40 लोग दबे हुए हैं। अब तक 12 लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है।

बलूचिस्‍तान के मस्तुंग जिले में मदीना मस्जिद के पास जोरदार ब्‍लास्‍ट हुआ। ब्‍लास्‍ट में हमलावरों ने मस्जिद के पास से गुजर रहे ईद मिलाद-उन-नबी जुलूस को निशाना बनाया है। पाकिस्‍तान के अखबार डॉन के मुताबिक ब्‍लास्‍ट में 52 लोगों की मौत हो गई है। लेकिन अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। ब्‍लास्‍ट काफी तगड़ा था और कहा जा रहा है कि मृतकों का आंकड़ा बढ़ सकता है। मस्तुंग के असिस्‍टेंट कमिश्‍नर अत्ताहुल मुनीम ने घायलों की संख्या की जानकारी दी। मुनीम ने पुष्टि की कि विस्फोट डीएसपी गिश्कोरी की कार में हुआ था, जो जुलूस के किनारे मौजूद थे। एसएचओ मोहम्‍मद जावेद लेहरी ने बताया है कि इस घटना में एक पुलिसकर्मी की भी मौत हो गई है। उन्‍होंने कहा कि यह एक आत्मघाती विस्फोट था। हमलावर ने डीएसपी गिश्कोरी की कार के बगल में खुद को उड़ा लिया।

वहीं, खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में शुक्रवार को एक साथ दो विस्फोट की खबर आई। पहला हमला पुलिस स्टेशन के मुख्य द्वार पर हुआ और दूसरा परिसर में मौजूद मस्जिद के अंदर हुआ है। आत्मघाती विस्फोट में लगभग चार लोग मारे गए और छह अन्य घायल हो गए। ट जुमा की नमाज के दौरान हुआ, विस्फोट के समय मस्जिद में 30 से 40 नमाजी मौजूद थे। विस्फोट के प्रभाव के कारण मस्जिद की छत ढह गई।

सेक्स के लिए सहमति की मौजूदा उम्र में नहीं होगा बदलाव, विधि आयोग ने बताया क्यों

#lawcommissionreportonreducingageof_consent

विधि आयोग ने सरकार को सलाह दी है कि यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत यौन संबंधों के लिए सहमति की मौजूदा उम्र में बदलाव नहीं किया जाए।आयोग ने सुझाव दिया है कि यौन संबंधों के लिए सहमति की उम्र में बदलाव नहीं किया जाना चाहिए। इससे बाल विवाह और बाल तस्करी के खिलाफ लड़ाई पर नेगेटिव (नकारात्मक) असर पड़ेगा।साथ ही विधि आयोग ने 16 से 18 वर्ष की आयु के किशोरों की मौन स्वीकृति से संबंधित पॉक्सो मामलों में सजा के विषय में निर्देशित न्यायिक विवेक लागू करने का सुझाव दिया। बता दें कि देश में यौन संबंधों के लिए सहमति की उम्र अभी 18 वर्ष है।

सहमति की उम्र घटाने का होगा नकारात्मक असर

विधि आयोग ने पॉक्सो कानून के तहत यौन संबंधों के लिए सहमति की उम्र पर अपनी रिपोर्ट कानून मंत्रालय को सौंपी है, जिसमें इसने सुझाव दिया है कि 16 से 18 वर्ष की आयु के किशोरों की ओर से मौन स्वीकृति से जुड़े मामलों में स्थिति को सुधारने के लिए संशोधनों की आवश्यकता है।आयोग ने कहा कि सहमति की उम्र घटाने का सीधा और नकारात्मक असर बाल विवाह एवं बाल तस्करी के खिलाफ लड़ाई पर पड़ेगा। आयोग ने अदालतों को उन मामलों में सतर्कता बरतने की सलाह दी, जहां यह पाया जाए कि किशोरावस्था के प्रेम को नियंत्रित नहीं किया जा सकता और इसका आपराधिक इरादा नहीं रहा होगा।

चरणबद्ध तरीके से ई-एफआईआर की सिफारिश

विधि आयोग ने चरणबद्ध तरीके से ई-एफआईआर का पंजीकरण शुरू करने की सिफारिश की है। आयोग ने अपनी सिफारिश में कहा है कि इसकी शुरुआत तीन साल तक की जेल की सजा वाले अपराधों से की जा सकती है। इस सप्ताह की शुरुआत में सरकार को सौंपी गई और शुक्रवार को सार्वजनिक की गई एक रिपोर्ट में, विधि आयोग ने ई-एफआईआर के पंजीकरण की सुविधा के लिए एक केंद्रीकृत राष्ट्रीय पोर्टल बनाने का भी प्रस्ताव दिया। रिपोर्ट में कहा गया है कि ई-एफआईआर से प्राथमिकी के पंजीकरण में देरी की लंबे समय से चली आ रही समस्या से निपटा जा सकेगा और नागरिक वास्तविक समय में अपराध की सूचना दे सकेंगे।

नारी शक्ति वंदन अधिनियम बना कानून, राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद अधिसूचना जारी

#womensreservationbillbecame_law

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को महिला आरक्षण बिल यानी नारी शक्ति वंदन अधिनियम को मंजूरी दे दी है। राष्ट्रपति की मंजूरी के साथ अब यह कानून बन गया है। हाल ही में खत्म हुए संसद के विशेष सत्र के दौरान मोदी सरकार की ओर से इस बिल को संसद की पटल पर रखा गया था। बिल पर चर्चा के बाद दोनों सदनों की मंजूरी भी मिल गई थी जिसके बाद इसे राष्ट्रपति के पास भेज दिया गया था। बिल में लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान है।

18 से 21 सितंबर तक चले संसद के विशेष सत्र के दौरान लोकसभा और राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पेश किया गया। इस पर दोनों सदनों में लंबी चर्चा चली। राज्यसभा में करीब 10 घंटे की चर्चा के बाद सर्वसम्मति से इसे पास कर दिया गया। विधेयक के पक्ष में 214 सदस्यों ने मतदान किया जबकि इसके विरोध में एक भी मत नहीं पड़ा।इससे पहले महिला आरक्षण बिल को 19 सितंबर को लोकसभा में पेश किया था। सदन में दो दिन इस पर चर्चा चली। ज्यादातर दलों ने इस बिल का समर्थन किया। 20 सितंबर को लोकसभा में इस बिल के पक्ष में 454 मत पड़े और और दो वोट विरोध में पड़े। विरोध में एआईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने वोट डाला और उनकी पार्टी के ही एक और सांसद ने विरोध में वोट दिया था। आखिर लोकसभा में दो तिहाई बहुमत से विधेयक पारित हुआ।

15 साल के लिए महिलाओं को मिलेगा आरक्षण

इस कानून के तहत फिलहाल 15 साल के लिए महिला आरक्षण का प्रावधान किया गया है और संसद को इसे बढ़ाने का अधिकार होगा।कानून एवं विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने विधेयक को चर्चा के लिए पेश पेश करते हुए कहा था कि यह विधेयक महिला सशक्तिकरण से संबंधित विधेयक है और इसके कानून बन जाने के बाद 543 सदस्यों वाली लोकसभा में महिला सदस्यों की मौजूदा संख्या (82) से बढ़कर 181 हो जाएगी। इसके पारित होने के बाद विधानसभाओं में भी महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि इस विधेयक को लागू करने के लिए जनगणना और परिसीमन की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि जैसे ही यह विधेयक पारित होगा तो फिर परिसीमन का काम निर्वाचन आयोग करेगा।

कब तक लागू होगा महिला आरक्षण का कानून?

कई विपक्षी दलों ने बिल का समर्थन तो किया है लेकिन इसे लागू करने के लिए निर्धारित किए गए प्रावधानों को लेकर सरकार की आलोचना की है। दरअसल, बिल के प्रावधान कहते हैं कि है कि इसे जनगणना और परिसीमन प्रक्रिया पूरी होने के बाद लागू किया जाएगा। लोकसभा चुनाव 2024 के बाद जनगणना होगी और उसके बाद परिसीमन होगा। जानकारों की मानें तो यह 2029 के लोकसभा चुनाव के आसपास अमल में आ सकेगा, जबकि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस समेत कई पार्टियों ने इसे जल्द से जल्द लागू करने की मांग की है, साथ ही यह भी कहा है कि इसमें ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) और मुस्लिम महिलाओं को भी शामिल करना चाहिए।

गांधी जयंती से पहले पीएम मोदी की देशवासियों से अपील, कहा- ‘स्वच्छ भारत हम सबकी जिम्मेदारी, मिलकर करने होंगे प्रयास’

#pmnarendramodicallsforcleanlinessdrivebeforeofgandhijayanti

दुनिया भर में शांति, अहिंसा और नैतिक चरित्र की शुद्धता का नजरिया देने वाले महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्टूबर करीब आ गई है। इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने चर्चित स्वच्छ भारत मिशन की भागीदारी के लिए एक दिन पहले 1 अक्टूबर से ही देशव्यापी अभियान की अपील की है।पीएम मोदी ने शुक्रवार को लोगों से एक अक्टूबर को सुबह 10 बजे राष्ट्रव्यापी स्वच्छता अभियान में शामिल होने की अपील की है। साथ ही पीएम मोदी ने एक पोस्‍ट कर का है कि स्वच्छ भारत एक साझा जिम्मेदारी है और हर प्रयास मायने रखता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में कहा, एक अक्टूबर को सुबह 10 बजे, हमें एक महत्वपूर्ण स्वच्छता पहल के लिए एक साथ आना है। स्वच्छ भारत एक साझा जिम्मेदारी है और हर प्रयास मायने रखता है। एक स्वच्छ भविष्य की शुरुआत करने के लिए इस महान प्रयास में शामिल हों।

मन की बात से भी अपील

इससे पहले भी पीएम मोदी ने अपने 'मन की बात' के 105वें एपिसोड में कहा था कि एक अक्टूबर यानी रविवार की सुबह स्वच्छता पर एक बड़े कार्यक्रम (एक तारीख, एक घंटा, एक साथ, स्वच्छता के लिए श्रमदान) का आयोजन किया जाएगा। सभी देशवासी इस कार्यक्रम से समय निकालकर जुड़ें और इस अभियान में मदद करें। आप अपनी गली, पड़ोस या किसी पार्क, नदी, झील या किसी भी सार्वजनिक स्थल पर स्वच्छता मिशन में शामिल हो सकते हैं। गांधी जयंती के उपलक्ष्य में यह विशाल स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है।

2 अक्टूबर 2014 को शुरू किया गया था मिशन

बता दें कि स्वच्छ भारत मिशन 2 अक्टूबर 2014 को शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य देश को खुले में शौच से मुक्त बनाना और सार्वभौमिक स्वच्छता कवरेज प्रदान करना था। इससे पहले 2021 की शुरुआत में, प्रधानमंत्री मोदी ने सभी भारतीय शहरों को ‘कचरा मुक्त’ और ‘जल सुरक्षित’ बनाने के लिए स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 लॉन्च किया। स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम-यू) 2.0 को 1 अक्टूबर, 2021 को पांच साल के लिए 100 प्रतिशत स्रोत पृथक्करण, घर-घर संग्रह और वैज्ञानिक प्रबंधन के माध्यम से सभी शहरों के लिए कचरा मुक्त स्थिति प्राप्त करने की दृष्टि से लॉन्च किया गया था। इसका उद्देश्य सभी हिस्टोरिकल डंपसाइटों का निवारण करना और उन्हें ग्रीन बेल्ट में परिवर्तित करना भी है। देशभर के लोगों से स्वच्छता अभियान को आगे बढ़ाना महात्मा गांधी के स्वच्छ भारत के सपने को पूरा करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।

पीसीबी चीफ जका अशरफ ने भारत के खिलाफ उगला जहर, बताया दुश्मन देश

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वर्ल्ड कप 2023 में हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तान की क्रिकेट टीम भारत आ गई है। 2016 टी20 वर्ल्ड कप के बाद पहली बार पाकिस्तानी खिलाड़ी भारत आए हैं।पहले पाकिस्तान को भारत आने के लिए वीजा नहीं मिला था। पाकिस्तान ने इसकी शिकायत आईसीसी से की थी। अब भारत आने पर पाकिस्तानी टीम का जोरदार स्वागत हुआ है। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। ये वीडियो है पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के चेयरमैन जका अशरफ का। इस वीडियो में वे भारत के खिलाफ जहर उगलते दिख रहे हैं है। जिसमें अशरफ भारत के लिए ‘दुश्मन मुल्क’ शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं।

दरअसल बुधवार रात पाकिस्तान क्रिकेट टीम वर्ल्ड कप के लिए भारत पहुंची और इसके बाद जका अशरफ ने भारत को लेकर बड़ा बयान दे दिया। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान हिंदुस्तान को दुश्मन मुल्क बोल दिया। पीसीबी चेयरमैन जका अशरफ ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा,"प्लेयर्स हैं इनका मोरल ऊपर रहना चाहिए, जब ये दुश्मन मुल्क या किसी भी जगह खेलने जाएं जहां कॉम्पिटीशन हो रहा हो। उन्हें मुल्क का पूरा सपोर्ट मिलना चाहिए ताकि वह अच्छे से परफॉर्म कर सकें।

भारत दौरे पर आई पाकिस्तानी टीम का हैदराबाद में भव्य स्वागत हुआ। उन्हें शानदार मेजबानी दी गई। इस पर पाकिस्तानी खिलाड़ी भी खूब खुश नजर आए। लेकिन दूसरी ओर जका जैसे अधिकारी हैं जो नफरत फैलाने में लगे हैं।

इस्कॉन ने मेनका गांधी को भेजा 100 करोड़ रुपये का मानहानि नोटिस, बीजेपी सांसद ने कसाइयों को गाय बेचने का लगाया ती गंभीर आरोप

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हाल ही में पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद मेनका गांधी ने इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस यानी इस्कॉन पर अपनी गोशाला की गायों को कसाइयों को बेचने का गंभीर आरोप लगाया था। जिसके बाद उनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इस्कॉन ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए मेनका गांधी को 100 करोड़ रुपये का मानहानि नोटिस भेजा है।

इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने कहा कि, हमने आज उन्हें नोटिस भेजा है। एक सांसद, जो कभी केंद्रीय मंत्री थीं, इतने बड़े समाज के खिलाफ बिना किसी सबूत के झूठ कैसे बोल सकती हैं? राधारमण दास ने कहा कि इस्कॉन के भक्त, समर्थक इन अपमानजनक, निंदनीय और दुर्भावनापूर्ण आरोपों से बहुत दुखी है।हम इस्कॉन के खिलाफ भ्रामक प्रचार के खिलाफ न्याय के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

इससे पहले इस्कॉन ने मेनका गांधी के आरोपों का खंडन करते हुए सफाई में एक लेटर भी जारी किया था।इस्कॉन का कहना था कि, इस्कॉन न केवल भारत में बल्कि दुनियाभर में गाय-बैल की रक्षा और देखभाल में सबसे आगे रहा है। हमारे यहां गायों और बैलों की जीवनभर सेवा की जाती है, न कि उन्हें कसाइयों को बेचा जाता है, जैसा कि आरोप लगाया गया है। इस्कॉन के प्रवक्ता युधिष्ठिर गोविंद दास ने कहा, मेनका गांधी आंध्र प्रदेश के अनंतपुर की गोशाला के बारे में कह रही हैं, वहां 250 से ज्यादा ऐसी गायें हैं, जो दूध नहीं देतीं। वहां सैकड़ों बछड़े भी हैं। मेनका के आरोप झूठे और निराधार हैं।

इससे पहले मेनका का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था। इस वीडियो में मेनका गांधी कहती हैं, इस्कॉन गौशालाएं स्थापित करता है और इसके लिए सरकार से जमीन का बड़ा टुकड़ा लेता है और असीमित लाभ भी कमाता है।इस दौरान बीजेपी सांसद दावा करती है कि हाल ही में वो आंध्र प्रदेश के अनंतपुर गोशाला गई थी, जो इस्कॉन संचालित करता है। वहां पर गायों की स्थिति एकदम खराब थी। गोशाला में कोई भी बछड़ा नहीं था, जिसका मतलब है कि वह गाय के बच्चे को बेच देते हैं। उन्होंने आगे आरोप लगाते हुए कहा कि संस्थान इन गोवंशों को कसाइयों को बेच देता है जो उन्हें मार देते हैं।

नीतीश की पीएम पद की दावेदारी पर क्या बोले अरविंद केजरीवाल?

# arvind_kejriwal_said_on_nitish_kumar_pm_candidacy

देश की राजनीति में इन दिनों बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चर्चा कुछ ज्यादा हो रही है। विपक्षी गठबंधन बनाने की कवायद से लेकर “इंडिया” के बन जाने के बाद भी नीतीश लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं। इन सब के बीच विपक्ष की ओर से पीएम उम्मीदवार को लेकर भी सीएम नीतीश कुमार के नाम की चर्चा होती रहती है। दरअसल, इंडिया का गठन हो गया है, लेकिन इंडिया गठबंधन का चेहरा कौन होगा? इस बात पर जहां गठबंधन के नेता खुद चुप्पी साध लेते हैं तो वहीं बिहार में राजद और जदयू उन्हें प्रधानमंत्री मैटेरियल बताने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। इस बीच अरविंद केजरीवाल ने साफ कर दिया है कि फिलहाल पीएम फेस के लिए व्यक्ति विशेष की बात नहीं करनी चाहिए।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी भी इंडिया गठबंधन का हिस्सा है। वह नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री बनाने के बिल्कुल खिलाफ हैं. कहते हैं कि, हमें देश में ऐसी व्यवस्था बनानी चाहिए जिसमें सभी 140 करोड़ लोग प्रधानमंत्री हों। हमें किसी व्यक्ति विशेष की बात नहीं करनी चाहिए। 

बता दें कि पीएम उम्मीदवार को लेकर बिहार की राजनीति में अक्सर सीएम नीतीश कुमार के नाम की चर्चा होती रहती है। कुछ दिन पहले ही जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने खुले मंच से सीएम नीतीश कुमार को पीएम उम्मीदवार बताया था। इनके अलावा भी कई जेडीयू के कई नेता नीतीश कुमार को पीएम उम्मीदवार बता चुके हैं। वहीं, इसमें आरजेडी भी शामिल है। आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह भी नीतीश कुमार का समर्थन कर चुके हैं। हालांकि नीतीश कुमार साफ कर चुके हैं कि उन्हें कोई पद नहीं चाहिए।

उज्जैन दुष्कर्म मामले में बार एसोसिएशन ने उठाया बड़ा कदम, कोई वकील नहीं लड़ेगा आरोपियों का केस

मध्य प्रदेश के उज्जैन दुष्कर्म मामले में बड़ी खबर आई है। कोई भी वकील 12 वर्षीय बच्ची के बलात्कार के दोनों आरोपियों का केस नहीं लड़ेगा। बार एसोसिएशन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए ये बड़ा फैसला किया है। उज्जैन बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक यादव ने बताया कि धार्मिक नगरी को शर्मसार करने वाले पर कार्रवाई हो। बार एसोसिएशन का कोई भी सदस्य अपराधी की पैरवी नहीं करेगा। उन्होंने घटना की निंदा करते हुए पुलिस से भी मांग की है कि अपराधी के खिलाफ मजबूत केस बनाकर सख्त सजा दिलवाए। ऐसे लोगों को फांसी की सजा हो, जिससे समाज में एक संदेश जाए तथा आने वाले वक़्त में कोई भी इस प्रकार की घटना करने की हिम्मत न करे।

वही इस दुष्कर्म मामले ने पूरे राज्य में हड़कंप मचा दिया है। पुलिस ने इस मामले के अपराधी भरत सोनी और राकेश मालवीय को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने इसमें राकेश मालवीय को सह आरोपी बनाया है।

 बता दें, पुलिस जब भरत को घटना स्थल ले जा रही थी, तब उसने गिरफ्त से भागने का प्रयास किया। इस प्रयास में वह घायल हो गया। उसे पकड़ने के प्रयास में दो पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। आरोपी को पुलिस ने हॉस्पिटल में भर्ती कराया है। गौरतलब है कि शहर में महाकाल थाना क्षेत्र के मुरलीपुरा में 27 सितंबर को दुष्कर्म पीड़ित एक नाबालिग बच्ची बेसुध हालत में मिली थी। बच्ची बड़ी मुश्किल से बोल पा रही थी।

कहा जा रहा है कि उसके कपड़े से खून टपक रहा था। उज्जैन के सांवराखेड़ी कॉलोनी में बच्ची खून से सनी ढाई घंटे तक सड़क पर भटकती रही। मगर कोई व्यक्ति उसकी सहायता को आगे नहीं आया। बच्ची ने कॉलोनी के एक घर के बाहर खड़े युवक से सहायता भी मांगी, मगर युवक ने मदद नहीं की। महाकाल थाना पुलिस को बच्ची के जो फुटेज प्राप्त हुए हैं, उसमें वह अर्धनग्न अवस्था में सड़क पर मदद मांगती नजर आई थी। वही अब पुलिस द्वारा मामले की सख्त कार्यवाही की जा रही है।