मिड डे मिल बंद रहने का ग्रामीणों ने किया भारी विरोध, देव के दधपा मिडिल स्कूल में ग्रामीणों ने की तालाबंदी
औरंगाबाद()। औरंगाबाद के देव प्रखंड के दधपा स्थित राजकीय मध्य विद्यालय में मध्याह्न भोजन बंद रहने के विरोध में ग्रामीणों ने स्कूल में तालाबंदी कर दी। इसके पूर्व ग्रामीणों ने पहले सभी शिक्षकों को स्कूल से बाहर रहने की सलाह दी।
इस दौरान ग्रामीणों का आक्रोश देखकर सभी शिक्षक विद्यालय से बाहर खड़े रहे।
तीन किमी. पैदल चलकर स्कूल आते है बच्चें लेकिन मिड डे मिल बंद-मौके पर मौजूद ग्रामीण पवन सिंह, शंभू तिवारी, बबलू सिंह, अंकित सिंह, विकास सिंह, मदन सिंह और अखिलेश भारती ने बताया कि स्कूल में आसपास के गांवों दधपा, बसडीहा, माले नगर, भुइया बिगहा, दधपा बिगहा समेत अन्य गांवों के बच्चे पढ़ते है, जो करीब दो से तीन किलोमीटर पैदल चलकर आते है लेकिन विद्यालय में मध्याह्न भोजन बंद रहने से उन्हें काफी परेशानी हो रही है।
खासकर वैसे बच्चें जो समाज के अंतिम पंक्ति में बैठे है, उन्हे ज्यादा ही परेशानी होती है। उन्हें सरकार की योजनाओं का लाभ नही मिल पाता है। प्रखंड से लेकर जिला स्तर तक शिकायत के बावजूद एमडीएम चालू नही होने पर की तालाबंदी- ग्रामीणों ने कहा कि विद्यालय में महयाह्न भोजन बंद रहने की शिकायत उन्होने प्रखंड से लेकर जिला स्तरीय पदाधिकारियों तक से की।शिकायत पर कार्रवाई हुई तो मत्र दो दिन ही बच्चों को मिड डे मिल मिला। बाद में फिर से मध्याह्न भोजन बंद कर दिया गया। इसे लेकर अभिभावक आक्रोशित हो उठे और उन्होने स्कूल में तालाबंदी कर दी।
स्कूल के हेडमास्टर ने खड़े किए हाथ, कहा जब मेरा वेतन बंद तो कैसे चालू करूं एमडीए- इस बारे में पूछे जाने पर विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक नवनीत कुमार सिंह ने बताया कि उनके पूर्व की प्रभारी प्रधानाध्यापक अलका कुमारी के मातृत्व अवकाश पर चले जाने के कारण प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने आदेश निकालकर दो दिनों के अंदर उन्हे संपूर्ण प्रभार लेकर स्कूल में पठन पाठन और मध्याह्न भोजन आदि सुचारू रूप में चलाने को कहा। इस आदेश के आलोक में 9 सितंबर तक मुझे कोई भी प्रभार नही दिया गया।जब इसकी सूचना मैने बीआरसी को दी। इसके बाद सर्व शिक्षा अभियान के डीपीओ ने विद्यालय की जांच की और 11 सितंबर को मुझे आरोपित करते हुए स्पष्टीकरण जारी किया कि आपके द्वारा मध्याह्न भोजन बंद किया गया है।
इस कारण आपका वेतन बंद किया जाता है। कहा कि जब मुझे किसी तरह का प्रभार ही नही दिया गया तो मैं कैसे दोषी हूं। कहा कि 12 सितंबर को मैंने स्पष्टीकरण का जवाब दिया। इसके बाद भी विद्यालय में मध्याह्न भोजन बंद रहा। ग्रामीणों ने जब इसकी शिकायत पटना तक की, तब कार्रवाई की बात होने लगी। इसके बाद डीपीओ सह देव के प्रभारी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने मध्याह्न भोजन के बीआरपी अरविंद कुमार चौबे तथा लेखापाल अमित कुमार को भेजकर 16 सितंबर को विद्यालय का प्रभार हस्तगत कराया। इसके बाद 17, 18 व 19 सितंबर को विद्यालय में अवकाश था।कहा कि प्रभार देते समय यह बात तय हुआ था कि आप विद्यालय में मध्याह्न भोजन का संचालन कीजिए और आपके बंद वेतन को चालू करने का आदेश निर्गत कर दिया जाएगा। हमने 20 सितंबर से मध्याह्न भोजन शुरू कर दिया। इसके बावजूद मेरे बंद वेतन को चालू कर देने का आदेश नही जारी किया।इसकी सूचना मैंने वरीय अधिकारियों को 23 सितंबर को दी। कहा कि जब मेरा वेतन बंद है तो मैं किस परिस्थिति में मध्याह्न भोजन चालू रखूं। इसी को लेकर दो दिन से मध्याह्न भोजन बंद है। इसे लेकर ही आज ग्रामीणों ने विद्यालय में ताला लगा दिया। इस कारण हम सभी शिक्षक विद्यालय के बाहर है।
डीपीओ सह प्रभारी बीईओ ने कहा, बीईओ की गलती से एमडीएम बंद-इस बारे में जब डीपीओ सह प्रभारी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से बात की गई तो तो उन्होंने सिर्फ इतना ही कहकर फोन काट दिया कि इसमें प्रधानाध्यापक की गलती है।इसके बाद बार बार फोन किया गया मगर उन्होंने कॉल उठाना मुनासिब नहीं समझा।
तीन घंटें बाधित रही बच्चों की परीक्षा -विद्यालय में वर्ग 1 से 5 तक के बच्चों की परीक्षा थी जो आज लगभग 3 घंटे तक बाधित रही जबकि विद्यालय में कुल 267 बच्चें नामांकित है।
मामले की जानकारी जब जिला शिक्षा पदाधिकारी संग्राम सिंह को मिली तो उन्होने मामले को गंभीरता से लिया। प्रभारी प्रधानाध्यापक से पूरे मामले की जानकारी ली। कहा कि दो दिनों के अंदर वें खुद आकर पूरे मामले की जांच करेंगे।
डीईओ ने फोन पर की ग्रामीणों से बात, हेडमास्टर को भी दिया एमडीएम चालू करने पर वेतन चालू करने का भरोसा, तब गामीणों ने खोला ताला, फिर शुरु हुआ एमडीएम
जिला शिक्षा पदाधिकारी ने फोन पर ही ग्रामीणों से बात की। ग्रामीणों से विद्यालय का ताला खोलकर पठन पाठन को सुचारू रूप से चलने देने का आग्रह किया। डीईओ के आश्वासन के बाद ग्रामीण संतुष्ट हुए। उनके द्वारा विद्यालय का ताला खोल दिया गया। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने शिक्षक नवनीत कुमार को आदेश दिया कि मध्याह्न भोजन को सुचारू रूप से चलाए, वेतन बंद करने के आदेश को स्थगित करते हुए आपका वेतन भी चालू करने का आदेश जल्द ही कार्यालय से प्राप्त होगा।ग्रामीणों द्वारा ताला खोले जाने के बाद विद्यालय में शिक्षकों ने प्रवेश किया और विद्यालय को पढ़ाई शुरू कर बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन को चालू कराया।म
Sep 27 2023, 17:23