*दिल्ली की सड़कों पर भी अपनी ही गाड़ी से चलेंगे अमेरिकी राष्ट्रपति, किसे किले से कम नहीं बाइडन की कार ‘द बीस्ट’
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भारत के नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन होने वाला है। इसमें कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी शिरकत करने नई दिल्ली पहुंच रहे हैं।बाइडेन कल यानी 7 सितंबर को नई दिल्ली पहुंच जाएंगे। बाइडेन दुनिया की उन हस्तियों में शामिल हैं, जिन्हें सबसे ज्यादा सुरक्षा मिलती है। अमेरिका के राष्ट्रपति के साथ खुद उनकी टीम भी मौजूद रहती है और उनके हर दौरे से पहले तमाम चीजों को देखा जाता है। जानते हैं कि अमेरिका से भारत तक जो बाइडेन की सुरक्षा आखिर कैसी होगी।
दिल्ली में भी व्हाइट हाउस के ही गार्ड्स करेंगे निगेहबानी
अमेरिका के राष्ट्रपति करीब 3 दिन तक दिल्ली में होंगे। इस दौरान उनकी सुरक्षा के लिए कई तरह के इंतजाम किए गए हैं।इस तीन दिन के दौरे के लिए पिछले कई हफ्तों से तैयारी हो रही है। जब जो बाइडेन नई दिल्ली में होंगे, तब उनकी पूरी सुरक्षा व्हाइट हाउस के ही गार्ड्स के हाथ में होगी।अमेरिकी राष्ट्रपति अपनी गाड़ी से ही चलेंगे, इसके अलावा कंट्रोल रूम से हर एक गतिविधि पर नज़र रखी जाएगी। अमेरिका के राष्ट्रपति जहां भी जाते हैं वहां उनकी खुद की सुरक्षा होती है। ऐसा ही जी-20 के लिए भी किया जा रहा है। नई दिल्ली में एक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जहां से जो बाइडेन के पूरे रूट पर नज़र रखी जाएगी।
एयरफोर्स वन प्लेन उड़ता हुआ किला
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन 7 सितंबर को भारत पहुंचेंगे। उनके आने से पहले हवाई सुरक्षा और साथ में ज़मीनी सुरक्षा की पूरी तैयारी हो गई है। प्रेसिडेंट जो बाइडेन एयरफ़ोर्स वन एयरक्राफ्ट से भारत आएंगे। यह एयरफ़ोर्स वन 4 हज़ार स्क्वायर फिट भारी-भरकम प्लेन है और तीन मंज़िला एयरक्राफ़्ट है। एयरफोर्स वन 747-200 बी सीरीज का एयरक्राफ्ट है जो उड़ता हुआ किला है जिसे भेदना बेहद मुश्किल है। इसमें हवा में ही ईंधन भरने की क्षमता है। अगर कोई अटैक होता है तो ये इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स के द्वारा उसको विफल कर सकता है। एयरफोर्स वन के अंदर प्रेजिडेंट सुईट ,कांफ्रेंस रूम ,मेडिकल फैसिलिटी, 100 -150 लोगों की क्षमता है। इस प्लेन में राष्ट्रपति के साथ सीनियर एडवाइजर से लेकर सीक्रेट सर्विस एजेंट्स की टीम साथ रहती है।
दिल्ली में अपनी गाड़ी से ही चलेंगे बाइडन
अमेरिकी राष्ट्रपति दिल्ली में अपनी गाड़ी से ही चलेंगे, जिसे द बीस्ट कहा जाता है। राष्ट्रपति जो बाइडेन की ‘द बीस्ट’ में बख्तरबंद बाहरी हिस्सा, बख्तरबंद खिड़कियां, टॉप-स्पेक कम्युनिकेशंस सिस्टम और केवलर-रीइनफोर्स्ड टायर्स होते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति की इस कार में आमतौर पर 9 खास सुरक्षा सुविधाएं होती हैं। किसी तरह की दुर्घटना की स्थिति में इसमें राष्ट्रपति के ब्लड ग्रुप वाले रक्त की आपूर्ति करने की व्यवस्था रहती है। साथ ही इसमें ऑक्सीजन आपूर्ति की सुविधा भी दी गई है। इसे ‘रोलिंग बंकर’ भी कहा जाता है। इस कार पर किसी धमाके का भी कोई असर नहीं होता है। कहा जाता है कि ये कार क्षुद्रग्रह के टकराव में भी सुरक्षित रह सकती है।
दिल्ली की सड़कों पर सबसे बड़ा गाड़ियों का काफिला बाइडन का ही होगा
माना ये जा रहा है कि दिल्ली की सड़कों पर सबसे बड़ा गाड़ियों का काफिला अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का ही होगा।जी 20 शिखर सम्मेलन के आयोजन स्थल प्रगति मैदान के भारत मंडपम तक जाने वाले हर देश के प्रमुख के काफिले में 14 से ज्यादा कारें नहीं होंगी, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति के काफिले को इस मामले में थोड़ी छूट मिल सकती है। अमेरिकी राष्ट्रपति के काफिले में चलने वाली कारों की संख्या 15 से 25 तक हो सकती है।
राष्ट्रपति से पहले पहुंचे यूएस सीक्रेट सर्विस के एजेंट
अमेरिकी राष्ट्रपति के किसी देश की यात्रा से कई हफ्ते पहले यूएस सीक्रेट सर्विस के एजेंट वहां पहुंच जाते हैं। यहां वो सुरक्षा को लेकर हर पहलू की जांच करते हैं। इस टीम में प्रेसिडेंट स्टाफ और बाकी सुरक्षाबल मौजूद होते हैं। एयरपोर्ट से लेकर जिस होटल में राष्ट्रपति ठहरते हैं, उसमें ये एजेंट्स पहुंचते हैं। उस देश में होने वाली हर गतिविधियों पर उनकी नजरें होती हैं और वो किसी भी तरह की सुरक्षा चूक नहीं होने देते हैं।राष्ट्रपति के किसी देश में आने से पहले ये एजेंट्स उस देश की सुरक्षा एजेंसियों से सभी तरह की जानकारी लेते हैं। इस दौरान ऐसे लोगों और संगठनों की पहचान की जाती है, जिनसे राष्ट्रपति को खतरा हो सकता है। इसके साथ ही उस पूरे रूट को बम स्क्वॉड चेक करता है, जिससे राष्ट्रपति गुजरते हैं।
Sep 06 2023, 20:06