चंद्रयान-3 के बाद अपना पहला सूर्य मिशन 'आदित्य एल1' लॉन्च : एचईसी को 19 महीनों से तनख्वाह नहीं मिली
चंद्रयान-3 के बाद आज ‘आदित्य एल1’ मिशन से सूर्य को नमन की तैयारी है।भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो) एक बार फिर इतिहास रचने की दहलीज पर है। अब देश के साथ-साथ विश्व की निगाहें इसरो के सूर्य मिशन यानी Aditya-L1 पर टिकी हैं। आज यानी शनिवार को दोपहर 11 बजकर 50 मिनट पर श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया।
HEC की कहानी बताती है कि आत्मनिर्भर भारत का कैसे मखौल उड़ाया जा रहा है। एचईसी लगातार सरकार को चंद्रयान, आदित्य एल1जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स से जोड़ी हैं। इसके बावजूद वो तनख्वाह तक नहीं बांट पा रही हैं। ऐसे में आदित्य एल 1 की सफलता को लेकर झारखंड की राजधानी रांची में स्थिति HEC के कर्मि भी अपने योगदानों को लेकर गर्व महसूस कर रहे हैं। साथ तनख्वाह न मिलने पर उनकी आखों से दुख साफ झलक रहा है।
सौर मिशन सूर्य और पृथ्वी के बीच मौजूद L1 पॉइंट पर पहुंचने के लिए 125 दिन लेगा। यह पॉइंट अपनी धरती से 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर है। यह सूर्य का अध्ययन करने के लिए सात पेलोड ले जाता है, जिनमें से चार सूर्य से प्रकाश का निरीक्षण करेंगे और शेष तीन प्लाज्मा और चुंबकीय क्षेत्र के यथास्थान मापदंडों को मापेंगे। आदित्य-एल1 को लैग्रेंजियन प्वाइंट 1 (एल1) के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित किया जाएगा। यह सूर्य के चारों ओर उसी सापेक्ष स्थिति में चक्कर लगाएगा।
उपग्रह को जनवरी के मध्य में कक्षा में स्थापित किए जाने की उम्मीद है और फिर हम परीक्षण करेंगे कि क्या सभी सिस्टम ठीक से काम कर रहे हैं और फरवरी के अंत तक हमें नियमित डेटा मिलने की उम्मीद है।
Sep 02 2023, 15:58