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पटना हवाई अड्डा के नवनिर्मित सिविल विमानन निदेशालय भवन का सीएम नीतीश कुमार ने किया उद्घाटन, एयरपोर्ट पर चल रहे निर्माण कार्य का लिया जायजा

डेस्क :  आज पटना हवाई अड्डा के नवनिर्मित सिविल विमानन निदेशालय भवन का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फीता काटकर एवं शिलापट्ट अनावरण कर उद्घाटन किया। उद्घाटन के पश्चात् मुख्यमंत्री ने नवनिर्मित सिविल विमानन निदेशालय भवन का निरीक्षण किया। 

नवनिर्मित भवन के मीटिंग हॉल में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ बैठक की और वहां की व्यवस्थाओं के संबंध में विस्तृत जानकारी ली। इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने पटना हवाई अड्डा पर चल रहे निर्माण एवं सौंदर्यीकरण कार्य का भी जायजा लिया और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये।

कार्यक्रम के पश्चात् पटना हवाई अड्डा से निकलकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि राज्य सरकार का जो क्षेत्र है वहां पर विकास कार्य कराए जा रहे हैं। एक हिस्से का काम हो गया है और एक हिस्से का कार्य प्रगति पर है, उसका हम जायजा लेने आए हैं। बहुत पहले ही हमने इस सड़क का चौड़ीकरण करवाया ताकि पटना एयरपोर्ट तक लोगों का आवागमन आसान हो सके।

उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र बहुत ही ऐतिहासिक है इसलिए यहां ज्यादा कुछ छेड़छाड़ कर निर्माण कार्य नहीं कर सकते हैं और वृक्षों को काटना भी ठीक नहीं है। बगल से भी हमलोग रास्ता बनवा रहे हैं ताकि पटना हवाई अड्डा तक पहुंचने में किसी को कोई दिक्कत नहीं हो। जब बिहटा एयरपोर्ट बन जाएगा तो फिर कोई दिक्कत नहीं होगी। दोनों एयरपोर्ट तक लोगों को आने-जाने में कोई दिक्कत नहीं होगी ।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव सह मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, अपर पुलिस महानिदेशक, विशेष शाखा सुनील कुमार, पटना के जिलाधिकारी चन्द्रशेखर सिंह, वरीय पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के निदेशक अंचल प्रकाश, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के जेनरल मैनेजर के०एस० विजयन सहित अन्य वरीय अधिकारी मौजूद थे।

शोएब अख्तर का बड़ा बयान, कहा-भारत के पैसे से पलते हैं पाकिस्तान के क्रिकेट खिलाड़ी

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पाकिस्तानी के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर रिटायरमेंट के बाद भी अपने बयानों के कारण सुर्खियों में बने रहते हैं। एक बार फिर पूर्व क्रिकेटर ने ऐसा बयान दिया है, जिससे विवाद गहरा सकता है। उन्होंने भारतीय खेल पत्रकार को दिए इंटरव्यू में पाकिस्तान क्रिकेट को लेकर बड़ी बात कही है। शोएब अख्तर ने कहा कि भारत के पैसों से पाकिस्तान के क्रिकेटर पलते हैं।अख्तर के इस बयान पर पाकिस्तान में काफी बवाल हो सकता है।

शोएब अख्तर ने वरिष्ठ खेल पत्रकार बोरिया मजूमदार से खास बातचीत में बताया कि बीसीसीआई वर्ल्ड क्रिकेट में कितनी पावरफुल एसोसिएशन है।एशिया कप में भारत-पाकिस्तान के मुकाबले को लेकर बोरिया मजूमदार से बातचीत के दौरान शोएब अख्तर ने इस बात को माना कि बीसीसीआई के जरिए जो पैसा आईसीसी के पास आता है और फिर इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल रेवेन्यू शेयरिंग के तहत वो पैसा पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को भेजती है। उसी पैसे के दम पर ही पाकिस्तान में घरेलू क्रिकेटर्स को मैच फीस मिल पाती है।

शोएब अख्तर ने ये भी कहा कि वर्ल्ड कप 2023 सुपरहिट होने वाला है। अख्तर ने भविष्यवाणी करते हुए कहा कि बीसीसीआई इस वर्ल्ड कप से काफी पैसा कमाएगी। इससे बीसीसीआई की आर्थिक स्थिति और ज्यादा मजबूत हो जाएगी।साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि मैं चाहता हूं कि भारत इस विश्व कप से खूब पैसे बनाए।कई लोग इस बात को कहने से हिचकेंगे।लेकिन मैं साफ कहता हूं कि भारत से जो रेवेन्यू आईसीसी को जाता है। उसका हिस्सा पाकिस्तान में भी आता है और इससे हमारे घरेलू क्रिकेटरों को मैच फीस मिलती है। यानी भारत से जो पैसा आ रहा है, उससे हमारे युवा क्रिकेटर पल रहे हैं।

शोएब अख्तर ने आईगे कहा कि भारत-पाकिस्तान मैच में एक बार फिर टीम इंडिया पर ही दबाव होगा। अख्तर ने कहा कि ये दबाव मीडिया की वजह से बनता है। लगातार टीम इंडिया की जीत के ही दावे किए जाते हैं। स्टेडियम भी बिल्कुल ब्लू कर दिए जाते हैं। इससे पाकिस्तान को मदद ही मिलती है क्योंकि वो अपने आप ही डार्कहॉर्स बन जाती है और इससे उसके खिलाड़ियों को खुलकर खेलने में मदद मिलती है।

दिल्ली से पुणे जा रही फ्लाइट में बम होने की खबर, सभी यात्रियों को उतारा गया

#bomb_threat_on_delhi_pune_vistara_flight_at_delhi_airport

दिल्ली एयरपोर्ट पर दिल्ली-पुणे विस्तारा फ्लाइट में बम की धमकी मिली।जिसके बाद एयरपोर्ट पर ही फ्लाइट की जांच शुरू हो गई। सभी यात्रियों को उनके सामान सहित सुरक्षित उतारा गया।विमान में बम होने की जानकारी जीएमआर सेंटर को दी गई।

जानकारी के अनुसार जीएमआर कॉल सेंटर में शुक्रवार सुबह फ्लाइट में बम होने की कॉल मिली। काल मिलते ही सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गईं।सुरक्षा एजेसिंयों की तरफ से विमान की जांच की गई।बम रखे जाने की सूचना मिलते ही यात्रियों में हड़कंप मच गया।

एयरपोर्ट पर आइसोलेशन बे में विमान का निरीक्षण किया गया। विमान में कोई भी संदिग्ध सामान नहीं मिला है। सीआईएसएफ और दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है।

यह पहली बार नहीं है जब विस्तारा की फ्लाइट में बम होने की सूचना मिली है। जून महीने में दिल्ली से एक शख्स दुबई जा रहा था जब उसने कथित रूप सै गुस्से में कहा कि उनके बैग में बम है। बस क्या था, यात्री के बगल में बैठी एक महिला यात्री ने गलत सुन लिया और घबरा गई। उसने शोर मचाया और केबिन क्रू को बुलाया। शख्स को दिल्ली एयरपोर्ट पर ही हिरासत में ले लिया गया था।

अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी, कहा-हमें ये देखना है संविधान का उल्लंघन तो नहीं हुआ

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जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 को हटाने को लेकर शीर्ष अदालत में बहस जारी है।आर्टिकल 370 को बेअसर करने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर गुरुवार को भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।गुरुवार को सुनवाई के सातवें दिन के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आर्टिकल 370 को खत्म किए जाने को सिर्फ इस आधार पर चुनौती दी जा सकती है कि इसमें संवैधानिक प्रावधानों का कथित तौर पर उल्लंघन हुआ है। इस आधार पर नहीं कि इस कदम को उठाने के लिए सरकार की मंशा क्या थी। अगली सुनवाई अब 22 अगस्त मंगलवार को होगी।

सुनवाई के दौरान सीजआई के नेतृत्व में बनी संविधान पीठ ने गुरुवार को याचिकाकर्ताओं में से एक का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे से पूछा, क्या आप अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के सरकार के फैसले की समझदारी की समीक्षा करने के लिए अदालत को आमांत्रित कर रहे हैं? आप कह रहे हैं कि सरकार के फैसले के आधार का पुनर्मूल्यांकन करना चाहिए कि अनुच्छेद 370 को जारी रखना राष्ट्रीय हित में नहीं था? इस पीठ में जस्टिस संजय किशन कौल, संजीव खन्ना, बी आर गवई और सूर्यकांत शामिल हैं।

अनुच्छेद 370 हटाए जाने के विरोध में दलील पेश करते हुए एडवोकेट दुष्यंत दवे ने कहा कि वो संविधान के साथ धोखाधड़ी की तरफ इशारा कर रहे हैं। केंद्र सरकार का फैसला पूरी तरह सियासी था। उन्होंने कहा कि अगर आप पूरे घटनाक्रम को देखें तो फैसले से पहले जम्मू कश्मीर की विधानसभा भंग कर दी गई थी और संसद के पास शक्ति के साथ राष्ट्रपति को भी अनुच्छेद 356 के तहत शक्ति हासिल थी। उन्होंने अनुच्छेद 370 के उपखंड तीन का हवाला देते हुए कहा कि इस आधार पर अनुच्छेद 370 को हटाया ही नहीं जा सकता था। केंद्र सरकार ने संविधान के साथ धोखाधड़ी की थी।

सुनवाई के दौरान दवे ने ये भी दलील दी कि आर्टिकल 370 को सिर्फ संविधान में संशोधन के जरिए ही खत्म किया जा सकता था। उन्होंने कहा, एक नैरेटिव है कि आर्टिकल 370 की वजह से ही जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं है, लेकिन ये पूरी तरह गलत है। जम्मू-कश्मीर हमेशा से भारत का अभिन्न हिस्सा रहा है। यहां तक कि जवाहर लाल नेहरू ने भी इस नैरेटिव को खारिज किया।

इस पर भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि राष्ट्रपति को आर्टिकल 356 के तहत संविधान के कुछ प्रावधानों को निलंबित करने की शक्ति है। बेंच ने कहा कि जनवरी 1957 में जम्मू-कश्मीर की संविधान सभा भंग होने के बाद अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के प्रावधान को अकेले अस्तित्वहीन नहीं माना जा सकता है। आर्टिकल 370 के कुछ हिस्से अगले 62 सालों तक प्रभाव में रहे।

साल दर साल तबाह हो रहा हिमाचल प्रदेश, केवल कुदरत का कहर या मानवीय चूक भी इसके लिए जिम्मेदार?

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पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश से हिमाचल प्रदेश में भारी तबाही हो रही है।पिछले दो महीने से राज्य के किसी न किसी क्षेत्र में बादल फट जाने की घटना हो जाती है।बारिश के साथ-साथ बादल फटने की घटनाएं भयानक तबाही मचा रही हैं। इसके अलावा भूस्खलन से पहाड़ टूट रहे हैं, जिसके कारण मंडी, शिमला, कुल्लू और अन्य क्षेत्रों में हालात काफी बिगड़े हुए हैं।हिमाचल प्रदेश में इस हफ्ते हुई तबाही में अब तक कम से कम 70 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 7500 करोड़ का अभी तक नुकसान हुआ है। यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है।

दस साल पहले 2013 में केदार नाथ हादसा हुआ था, जिससे पूरा गढ़वाल क्षेत्र चौपट हो गया था। उस समय चूंकि चार धाम यात्रा भी चल रही थी, इसलिए कोई दस हजार के करीब तीर्थ यात्री मारे गये थे।यही अब हिमाचल में हो रहा है। जुलाई में मंडी के आसपास का इलाका नष्ट हुआ था और अगस्त की बारिश ने राजधानी शिमला को ध्वस्त कर दिया।

इन हालात में तबाही के लिए पूरी तरह कुदरत को दोष देना सही नहीं है। कहीं न कही मानवीय चूक भी इसके लिए जिम्मेदार है।हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य में इस हफ्ते हुई तबाही के लिए अंधाधुंध निर्माण कार्य को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा है कि बिना नक्शे के गलत तरीके से बन रहे मकान और प्रवासी वास्तुकारों के कारण प्रदेश को आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोग बिना नक्शे का उपयोग किए घर बना रहे हैं। हाल ही में बनी इमारतों में जल निकासी की व्यवस्था बहुत खराब है। वो बिना यह जाने पानी बहा रहे हैं कि पानी कहीं और नहीं बल्कि पहाड़ियों में जा रहा है, जिससे यहां की स्थिति नाजुक हो रही है।राजधानी शिमला पर टिप्णणी करते हुए सीएम ने कहा, शिमला डेढ़ सदी से भी अधिक पुराना शहर है और इसकी जल निकासी व्यवस्था उत्कृष्ट थी। लेकिन अब नालों पर इमारतें बन गई हैं।आजकल जो मकान गिर रहे हैं, वो स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग के मानकों से नहीं गुजरे हैं।

शिमला तो ब्रिटिश कालीन भारत की समर कैपिटल हुआ करती थी। गर्मियां शुरू होते ही वायसरॉय कलकत्ता से शिमला आ जाया करते। कालका एक्सप्रेस ट्रेन चलाई ही इसीलिए गई थी। हावड़ा से वाया दिल्ली कालका और फिर टॉय ट्रेन से शिमला।इतना करने के बाद भी ब्रिटिशर्स ने किसी भी पहाड़ी शहर का प्राकृतिक दोहन नहीं किया। क्योंकि उन्हें पता था, कि हिमालय के पहाड़ कच्चे हैं। उनका व्यावसायिक इस्तेमाल किया तो वे ढह जाएंगे। यही कारण है कि जब तक अंग्रेज रहे न यहां कभी बादल फटा न आफत की बारिश आई।

आजादी के बाद से भारत की हर चीजों को लूटने का सिलसिला शुरू हुआ। तो वहीं विकास के नाम पर प्रकृति के साथ खिलवाड़ का भी सिलसिला शुरू हो गया। आज हिमाचल की स्थिति बहुत ख़राब हो चली है। कालका-शिमला रोड को चौड़ा करने के पहले भी कई बार आगाह किया गया था, कि यहां पहाड़ों का खनन ठीक नहीं है। पर तब सरकार नहीं चेती। कालका से शिमला जाते हुए धर्मपुर को इतना व्यावसायिक स्वरूप दे दिया गया है, कि पूरा क्षेत्र बर्बादी के कगार पर है।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान के एक 2017 में हुए एक शोध से पता चला था कि हिमाचल प्रदेश में कुल 118 हाइड्रो प्रोजेक्ट हैं जिनमें से 67 पहाड़ खिसकने वाले ज़ोन में हैं। राज्य के आदिवासी बहुल ज़िले किन्नौर, कुल्ली और कई अलग हिस्सों में जब हाइड्रो प्रोजेक्ट लगाये जा रहे थे तब पर्यावरणविदों और प्रभावित स्थानीय नागरिकों ने उनका विरोध भी किया था और कई जन अभियान भी चले थे। हिमालय के पहाड़ अभी छोटे बच्चे की तरह हैं, जो निरंतर बढ़ रहे हैं। माउंट एवरेस्ट की हाइट भी हर साल एक सेंटीमीटर से ज्यादा बढ़ रही है। ऐसे हिमालय में अवैज्ञानिक व अंधाधुंध कटिंग तबाही का बड़ा कारण है।

हत्या कांड के फरार आरोपी ने न्यायालय में किया आत्मसमर्पण: पिस्टल की बट से मारकर किया था जख्मी, इलाज के दौरान हुई थी मौत

गया। बिहार के गया में हत्या कांड के फरार आरोपी पुलिस दबिश से भय के डर से न्यायालय में आत्मसमर्पण किया। वादिनी के द्वारा मुफस्सिल थाना में फर्दब्यान दिया गया कि मेरा पुत्र को आरोपी के द्वारा बुलाकर ले गया और कुछ देर बाद मेरा छोटा पुत्र आया और बोला की भैया शनि कुमार के द्वारा पटाखा खरीद कर छोड़ा गया है, जिससे शेखर कुमार के दुकान का सारा पटाखा जल गया है।

जब वादिनी वहाँ पहुँची तो देखी कि इनके पुत्र शनि कुमार को अभियुक्तोगणों के द्वारा चारों तरफ से घेर कर पकड़े हुए है और हरवे हथियार भी लिए हुए है, शेखर कुमार के द्वारा पिस्टल लहराते हुए बोला की तुम्हारा बेटा को आज गोली मार देंगे। ऐसा बोलते हुए मेरा पुत्र को अपने घर के गली के तरफ लेकर चला गया था और पिस्टल की बट से पीट-पीटकर जख्मी कर दिया। अगले दिन इलाज के दौरान मुत्यु हो गई। इस संबंध में मुफस्सिल थाना कांड संख्या 855/ 21, दिनांक 25.10.2021 धारा-302/34 भा0द0वि0 एवं 27 आर्म्स एक्ट दर्ज कर अनुसंधान प्रारंभ किया गया। वरीय पुलिस अधीक्षक के निर्देशानुसार अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी वजीरगंज के नेतृत्व में एक टीम का गठन करते हुए पु०नि० मुफस्सिल अंचल, थानाध्यक्ष मुफस्सिल थाना के अन्य पदाधिकारी एवं कर्मी तथा तकनीकी शाखा गया के पदाधिकारी एवं कर्मी को शामिल किया गया है। 

उक्त टीम के द्वारा इस कांड मे फरार आरोपी के गिरफ्तारी करने हेतु लगातार छापामारी की जा रही है। पुलिस की लगातार कार्रवाई एवं दबिश के भय से अभियुक्त शेखर कुमार ने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया। उल्लेखनीय है कि इस कांड मे पूर्व में भी दो आरोपी नन्दु चौधरी और लड्डु गिरफ्तार कर न्याययिक हिरासत में भेजा जा चुका है। शेष अन्य आरोपी की गिरफ्तारी हेतु लगातार छापामारी जारी है।

डोभी में सड़क दुर्घटना: मां की इलाज की लिए पैसे की जुगाड़ कर जा रहा था युवक, तीन घायल

गया/डोभी। डोभी-गया सड़क मार्ग के अकबरपुर बाजार के समीप बाइक के अनियंत्रित होने से बाइक सवार तीनों व्यक्ति दुर्घटनाग्रस्त हो गए। इस घटना की जानकारी देते हुए स्थानीय ग्रामीणों ने बताया सभी घायल व्यक्ति डोभी थाना क्षेत्र के खैरा पर एवं डोभी के निवासी बताए जाते हैं।

जिसमें खैरा पर निवासी उपेंद्र सिंह का पुत्र सौरभ कुमार एवं भोला सिंह का पुत्र आजाद कुमार शामिल है। दोनों व्यक्ति को गंभीर चोटें आई है। वहीं तीसरा व्यक्ति डोभी निवासी ग्राम गया मिस्त्री का पुत्र भी शामिल था। गया मिस्त्री के पुत्र को हल्की चोटें आई है। जिसका इलाज स्थानीय क्लीनिक में कराया जा रहा है।

बताया जाता है कि तीनों व्यक्ति आजाद की मां का ज्यादा तबीयत खराब होने के कारण गया अभय नारायण मेडिकल अस्पताल में भर्ती थे। जिन्हें इलाज को लेकर कुछ पैसे लेकर वहां सभी बाइक पर सवार होकर जा रहे थे। इस घटनाक्रम में सभी का इलाज स्थानीय स्तर पर कराया जा रहा है। इस मामले में प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया सभी की घरों में सूचना दे दी गई है। वहीं डोभी पुलिस को भी इस मामले की जानकारी दूरभाष पर दी गई है।

रिपोर्ट: महेंद्र कुमार।

17 सूत्री मांगों को लेकर प्रखंड के सभी मुखिया ने बीडीओ को सौंपा ज्ञापन, 31 अगस्त तक गए हड़ताल पर, सभी कार्यों को किया बहिष्कार

गया/आमस। जिले के आमस प्रखंड के सभी पंचायत के मुखिया बिहार प्रदेश मुखिया महासंघ के आवाहन पर 17 सूत्री मांगों को लेकर आगामी 31 अगस्त तक पंचायत में सभी कार्यों को बहिष्कार किया है बुधवार को संध्या मुखिया संघ के प्रखंड अध्यक्ष महेंद्र पासवान के अध्यक्षता में प्रखंड के 09 पंचायत के मुखिया अपनी मांगों को लेकर प्रखंड विकास पदाधिकारी डॉ अवतुल्य कुमार आर्य के हाथों ज्ञापन सौंपा है।

ज्ञापन में बताया है कि बिहार प्रदेश मुखिया महासंघ के आवाहन पर ग्राम पंचायत के अधिकारों में कटौती के खिलाफ अपने विभिन्न मांगों को लेकर आगामी 31 अगस्त तक हड़ताल या कार्य का बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया है। इस दौरान ग्राम पंचायत के सभी प्रकार के कार्यों सरकारी कार्यक्रमों बैठकों का बहिष्कार करने एवं आगामी 22 अगस्त को प्रखंड मुख्यालय पर धरना का भी आयोजन करने का निर्णय लिया गया और 17 सूत्री मांगी रखी गई है।

जिसमें ग्राम पंचायत को 73वां संविधान संशोधन के तहत प्रदत 29 अधिकारों को पुण्य रूपेण ग्राम पंचायत का सौपा जाए, ग्रामसभा की रक्षा हेतु पारित निर्णय का अनुपालन सुनिश्चित हो, ग्राम सभा से चयनित योजनाओं को प्राथमिकता दी जाए। सरकार ग्राम सभा में अनावश्यक हस्तक्षेप बंद किया जाए, मुख्यमंत्री सोलर स्ट्रीट लाइट योजना में ब्रेडा असफल हो चुकी है इसे अपना ग्राम पंचायत को सौप जाए, पंचायत सरकार भवन का निर्माण में पूर्व में ही लायो असफल साबित हुई है इससे लाइव से हटकर ग्राम पंचायत को क्रियान्वयन का जिम्मा दिया जाए, मुख्यमंत्री नल जल योजना का कार्य पूरी तरह बाधित है इससे पीएचडी से हटाकर पुणे वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति को दिया जाए, पंचायतों में बंद पड़े कबीर अंत्येष्टि योजना को चालू किया जाए, सभी प्रकार के सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना को गति प्रदान किया जाए, ग्राम पंचायतों को पुनः जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने का अधिकार दिया जाए।

अपराधियों द्वारा हत्या कर दिए गए मुखिया के परियों को सरकार 50 लाख तक मुआवजा दे स्पीडी ट्रायल के माध्यम से दोषियों को अभिलंब सदा दिलवाये, ग्राम पंचायत में कार्यरत कर्मियों के वेतन विवरनी या उपस्थिति पंजी मुखिया के हस्ताक्षर के बाद ही भुगतान किया जाए इसका सख्ती से अनुपालन कराया जाए, ग्राम पंचायत को राजस्व कर वसूली का हिस्सा सभी मदो से उपलब्ध कराया जाए, मनरेगा में ग्राम पंचायत को प्रशासनिक अधिकार पंचायती राज विभाग की तरह 20 लाख तक किया जाए तथा ग्राम पंचायतों को भुगतान का अधिकार दिया जाए, मनरेगा में एन एम एम एस का प्रयोग राज्य के मजदूरों के हित में नहीं है आज भी ग्राम पंचायतों में मोबाइल नेटवर्क आ समस्या है सरकार इसका निदान करें, मनरेगा में मजदूरी इधर बढ़ाया जाए तथा बाजार दर के अनुसार एस ओ आर निर्धारित किया जाए तथा समय पर भुगतान सुनिश्चित कराया जाए, 15वीं वित्त की राशि के आवंटन में ग्राम पंचायत को अधिक भागीदारी सुनिश्चित कराया जाए, प्रधानमंत्री आवास योजना में नए पत्र लागू का नाम जोड़ने हेतु आवश्यक कार्रवाई की जाए इस दौरान मुखिया महेंद्र पासवान,अनुराग कुमार रंजन,दीपक कुमार सिंह,जानकी चौहान,किशोरी मांझी, मुनेरा खातून,अर्जुन यादव,मनोज यादव सहित अन्य लोग शामिल रहें।

रिपोर्ट: धनंजय कुमार।

पर्वत पुरुष दशरथ मांझी महोत्सव का हुआ आयोजन, ग्रामीण विकास मंत्री ने महोत्सव का किया उद्घाटन

गया : जिले के मोहड़ा प्रखंड के गेहलौर गांव में पर्वत पुरुष दशरथ मांझी महोत्सव का उद्घाटन द्वीप प्रज्वलन कर ग्रामीण विकास मंत्री के कर कमलों से किया गया। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री सह इम्मामगंज विधायक जीतन राम मांझी, नगर विधायक प्रेम कुमार, सांसद जहानाबाद, अतरी विधायक, अतरी के पूर्व विधायक, जिला परिषद के अध्यक्ष सहित अन्य आगत अतिथियों द्वारा किया गया।

इसके उपरांत जिलाधिकारी द्वारा आगत अतिथियों को अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया। ग्रामीण विकास मंत्री द्वारा पर्वत पुरुष दशरथ मांझी के बेटा को अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह देकर उनका अभिनन्दन किया। स्वागत गान नवोदय विद्यालय के छात्राओ द्वारा किया गया। जिलाधिकारी ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि आज पर्वत पुरुष के नाम से प्रसिद्ध दशरथ मांझी के 16वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित दशरथ मांझी महोत्सव, 2023 में उपस्थित सभी को हार्दिक अभिनंदन करते हुए कहां कि अपनी दृढ संकल्प कर्मठता एवं अगम्य साहस के बल पर दशरथ मांझी द्वारा किए गए इस अद्भूत कार्य के कारण न सिर्फ गया जिला बल्कि बिहार राज्य तथा भारत देश को गौरवान्वित किया है। 

इस कार्य के लिए पर्वत पुरुष दशरथ मांझी के सम्मान में आयोजित इस महोत्सव में सर्वप्रथम गेहलौर की धरती का नमन करता हूँ जिसने ऐसे जीवट पुरुष को जन्म दिया। आपको बता दें कि दशरथ गांझी की पत्नी फाल्गुनी देवी इसी पहाड़ के कारण बुरी तरह घायल हो गई थी। चिकित्सीय ईलाज के लिए गेहलौर से 55 किलोमीटर दूर वजीरगंज में होने के कारण उनकी पत्नी ने दशरथ मांझी के सामने प्राण त्याग दिए। यह दृश्य दशरथ मांझी को पूरी तरह झझोर कर रख दिया। उनकी अंतरात्मा उन्हें कचोट रही थी कि यदि यह पहाड़ बीच में नहीं होता तो वे अपनी पत्नी का उचित ईलाज के लिए आसानी से वजीरंगज चले जाते और उनकी पत्नी आज उनके साथ होती। 

वर्ष 1960 में दशरथ मांझी ने इस दुर्गंग पहाड़ को केवल एक छेनी और हथौड़ा के सहारे 22 वर्षों के कठोर परिश्रम, लगन एवं जीवटता के बल पर पहाड़ का सीना चीरकर एक सुगम्य रास्ता बना दिया, जिससे गेहलौर से वजीरंगज की दूरी 55 किलोमीटर से मात्र 15 किलोमीटर हो गया। आज इस मार्ग का लाभ आज हजारों लाखों लोगों को मिल रहा है। 

उन्होंने यह भी सिद्ध कर दिया कि मनुष्य यदि ठान लें तो काई भी कार्य असंभव नहीं है। आज की भावी पीढ़ी के लिए यह एक प्रेरणा स्त्रोत बन गया है। बॉलीवुड हॉलीवुड के बड़े-बड़े निर्माताओं ने उन पर कई फिल्में बनायी जो अत्यंत लोकप्रिय है। पहाड़ से ऊँचा आदमी THE MAN WHO MOVED THE MOUNTAIN", MANJHI THE MOUNTAIN MAN इत्यादि फिल्म बेहद लोकप्रिय रही। इनकी कर्मठता से प्रभावित होकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें अपनी कुर्सी पर बैठाया और उनके द्वारा किए गए अदभूत कार्य की कहानी को पूरी दुनिया के सामने लेकर आए राज्य सरकार द्वारा दशरथ मांझी के नाम पर स्मारक स्थल का निर्माण कराया गया, जहाँ उनकी जीवंत आकार की काले पत्थर की मूर्ति स्थापित है। 

मंदिर प्रांगण में छायादार वृक्ष सहित आगंतुकों के बैठने के लिए बेंच की सुविधा, जन सुविधा, प्याऊ, पार्किंग आदि का निर्माण किया गया है। रॉक कट के दोनों छोर पर भव्य द्वार का भी निर्माण करवाया गया है, जिसका नाम "दशरथ मांझी द्वार" है। सड़क की कुल लम्बाई 03 किलोमीटर है। 

उनकी याद में स्मृति भवन बनाया गया जहाँ उनके द्वारा उपयोग में लाए गए छेनी हथौड़ा एवं अन्य सामान है। साथ ही साथ अस्पताल, ओ०पी० पंचायत भवन, किसान भवन समाधी स्थल तथा गेहलौर का पर्यटकीय विकास किया गया है। कई बार उन्होंने पैदल ही दिल्ली तक की यात्रा की थी। इस वर्ष 2023 में राज्य सरकार द्वारा दशरथ मांझी समाधी स्थल के पास सामुदायिक भवन का निर्माण जिसकी कुल लागत राशि 46 लाख 54 हजार रूपये है। प्राथमिक विद्यालय, गेहलौर का निर्माण में 28 लाख 59 हजार रुपये की लागत से निर्माण करवाया जा रहा है। समाधी स्थल एवं गेहलौर घाटी के सड़क किनारे 1000 पौधारोपण एवं बागवानी कार्य करवाया गया है, जिसमें कुल लागत राशि 39 लाख 64 हजाररूपये है। दशरथ मांझी स्थल पर बंद पडे लाईटों की मरम्मती कार्य तथा शौचालय में पानी की व्यवस्था किया गया है। 

आपको बता दें कि दशरथ मांझी स्मृति भवन में Display Board पर दशरथ मांझी के जीवनी संबंधित पोस्टर एवं भवन के बाहर प्रकाशयुक्त बोर्ड का कार्य करवाया गया है। इसके अलावा दशरथ नगर में मिनी जलापूर्ति को मरम्मती कराकर नल-जल योजना को शुरू किया गया है, जिसमें 42 लाख 86 हजार रूपये की लागत से करवाया गया। दशरथ मांझी समाधी स्थल के पास स्टैण्ड पोस्ट एवं 10 चापाकल का अधिष्ठापन करवाया गया है, जिस कार्य में कुल 17 लाख रूपये की लागत से हुए हैं। इस वर्ष पहली बार पहाड़ो पर लाइट एंड साउंड शो का भी आयोजन किया गया है, जो पर्वत पुरुष के व्यक्तित्व को दिखाया जाएगा। 

सरकार आम लोगों की सुविधा एवं बिहार के विकास के लिए कृत संकल्प है। हर घर में नल का जल, शौचालय, बिजली, गैस कनेक्शन की व्यवस्था कर रही है। सभी वृद्धजनों को पेंशन प्रदान कर रही हैं, युवाओं को शिक्षा, रोजगार एवं कौशल विकास के लिए राज्यव्यापी कार्यक्रम चलाया जा रहा है। शराबबंदी से समाज में खुशनुमा माहौल बना है। बच्चों की पढ़ाई, चिकित्सा, विकास की मुकम्मल व्यवस्था की गयी। महिलाओं को सभी क्षेत्र के रोजगार में आरक्षण प्रदान कर उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ा गया है।

गया से मनीष

दिल्ली से पटना पहुंचे सीएम नीतीश कुमार, बीजेपी और प्रशांत किशोर के बयान का दिया यह जवाब

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली दौरे के बाद आज गुरुवार को पटना वापस आ गए। पटना पहुंचकर सीएम ने कहा कि, हम तो दिल्ली अपने निजी कामों को लेकर गए थे। कल डॉक्टर से बात भी हुई थी, चेकअप भी करना था। दो साल पहले जांच हुआ था। फिर करवाना था। इसी के लिए गए थे। 

वहीं सीएम ने कहा कि, कल अटल जी का जंयती भी था। तो वह सदैव अटल पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि भी दिए। नीतीश कुमार ने कहा कि अटल जी से पुराना संबंध रहा है मेरा। बहुत मानते थे हमको। इतना अच्छा काम करते थे,कभी वो रिश्ता हम नही भूल सकते ।

नीतीश कुमार ने कहा कि, अटल जी के समय में ही भाजपा का नामकरण हुआ। एनडीए नाम रखा गया। कितना अच्छा नाम हैं। 1999 में एनडीए का नामकरण हुआ। तब बहुत मिटिंग होता था। लेकिन जब हम साथ थे तो कभी मिटिंग नही हुआ। लेकिन अब जब I.N.D.I.A की बैठक हो रही है तो एनडीए का मीटिंग होने लगा है। इसी महीने 31, 1 को हमारी फिर मिटिंग होने ही वाली है। 

वहीं भाजपा के बयान सीएम दिल्ली I.N.D.I.A गठबंधन के लोगों से मिलने गए थे लेकिन उन्हें किसी ने टाइम नहीं दिया। जिससे वह वापस आ गए। इसपर सीएम ने कहा कि, किसी से मुलाकात का कोई प्लान नहीं था। वो लोग ऐसे ही बोल रहा है,कोई मतलब ही नहीं है। हमारी बातचीत तो होते ही रहती है।इसी महीने मीटिंग होने ही वाली है। कई विरोधी दल का गठबंधन हुआ तब से ये लोग परेशान है, और कुछ भी बोल रहे हैं। दिल्ली में किसी से बातचीत का कोई प्लान नहीं था,मेरा खुद का समस्या था आंख दिखाना था।

वहीं प्रशांत किशोर और बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के बयान पर सीएम बोले की वो क्या बोलता है नही पता आप लोग जनता से पूछिए। संजय जयसवाल के बयान पर सीएम ने कहा कि, यहां कोई अपराधिक घटना नहीं हो रहा है। अपराधिक घटनाएं बहुत कम है। बिना मतलब का सब बोलते रहता है। मीडिया पर सब कब्जा कर लिया है। 2024 वाली लड़ाई देश के हित में होगा।