देश के दो राज्यों उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में आसमानी आफत ने लील ली कई जिंदगियां, जलप्रलय की स्थिति से मचा हाहाकार
देश के दो राज्यों उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में आसमानी आफत ने कई जिंदगियां लील ली है। इन दोनों ही राज्यों में स्थिति जल-प्रलय जैसी है। इन राज्यों के कई जिले बारिश से जलमग्न हैं। सबसे पहले बात हिमाचल प्रदेश की करते हैं, जहां आज एक भयानक हादसा भी हुआ है। हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश की वजह से अब तक 20 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा कई लोग लापता बताए जा रहे हैं। राज्य के तीन जिलों उना, किन्नौर और लाहोल-स्पीति को छोड़ सभी 9 जिलों में मौसम विभाग ने बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। कांगड़ा जिले में सबसे ज्यादा 273.4 मिलीमीटर बारिश पिछले 24 घंटों के दौरान हुई है। सुजानपुर तीरा में 254 मिलीमीटर और हमीरपुर तथा धर्मशाला में 250 मिलीमीटर बारिश हुई है। राज्य की राजधानी शिमला में 126 मिलीमीटर बारिश हुई है।
हिमाचल में जल से हाहाकार
सोलन जिले के जादोन गांव में बादल फटने से 7 लोगों की मौत हो गई है। इसके अलावा तीन लोग लापता बताए जा रहे हैं। पुलिस ने सोमवार को बताया कि रविवार रात को बादल फटने से दो मकान बह गए और हादसे में छह लोगों को बचाया गया है। हिमाचल के शिमला में भी एक ऐसा ही बड़ा हादसा हुआ। भूस्खलन के कारण शिमला के समर हिल इलाके में एक शिव मंदिर में यह हादसा हुआ है। शिव मंदिर पर एक पहाड़ टूट कर गिर पड़ा। इस हादसे में करीब 24 से ज्यादा लोग मलबे में दब गए। अब तक 9 लोगों के शव बरामद किये जा चुके हैं।
राज्य में भारी बारिश के मद्देनजर सभी स्कूल और कॉलेज को सोमवार को बंद रखने का आदेश दिया गया है। हादसे पर दुख जताते हुए राज्य के मुख्यमंत्री सुखविंद सिंह सुक्खू ने कहा कि शिव मंदिर में हादसे की सूचना से आहत हूं। स्थानीय प्रशासन वहां लगातार मलबे को हटाने की कोशिश में लगा हुआ है। मलबे में कुछ और लोगों के दबे होने की आशंका है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने घटनास्थल पर जाकर जायजा लिया है। इसके अलावा राज्य के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने भी घटनास्थल का दौरा किया है।
राज्य आपदा प्रबंधन के अनुसार वर्तमान में बारिश के कहर ने बुनियादी ढांचे को काफी नुकसान पहुंचाया है और कई लोगों के जीवन को प्रभावित किया है। राज्य में हाल में हुई बारिश की वजह से हुई घटनाओं में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ से राष्ट्रीय राजमार्ग सहित लगभग 500 सड़कें बह गईं और बाधित हो गईं हैं। मंडी में भी बारिश से हालात अच्छे नहीं हैं। व्यास नदी का जलस्तर बढ़ने से यहां भी बाढ़ के आसार हैं।
उत्तराखंड में जलप्रलय जैसी स्थिति
इधर उत्तराखंड में भी हालात बेहद भयानक है। मौसम विभाग ने उत्तराखंड के छह जिलों— देहरादून, टिहरी, पौड़ी, उधमसिंह नगर, नैनीताल और चंपावत में सोमवार के लिए बारिश का रेड अलर्ट तथा हरिद्वार में ऑरेंज अलर्ट जारी करते हुए भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। पौड़ी जिले के लक्ष्मणझूला क्षेत्र में सोमवार को भूस्खलन होने के बाद चार से पांच व्यक्तियों के लापता होने की खबर है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पौड़ी में अतिवृष्टि के कारण कई लोगों के हताहत होने की सूचना मिली है जो अत्यंत दुखद है। एक ट्वीट में धामी ने कहा कि प्रदेश में हो रही भारी बारिश के संबंध में उन्होंने एक उच्चस्तरीय बैठक की तथा अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों एवं वहां किए जा रहे राहत व बचाव कार्यों की जानकारी प्राप्त की।
केदारनाथ के समीप लिंचोली में सोमवार तड़के भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन की चपेट में एक तंबू के आ जाने से उसमें सो रहे एक नेपाली मजदूर की मौत हो गई । रुद्रप्रयाग के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि अतिवृष्टि के कारण पहाड़ी की तरफ से बरसाती नाले में आया मलबा नेपाली बसावट में घुस गया जिसके नीचे दबकर कपिल बहादुर (27) की मौत हो गई। कपिल नेपाल का रहने वाला था।
उत्तराखंड में बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर हैं। कई जगहों पर लैंड स्लाइड होने की वजह से यहां कई रास्ते भी बंद हैं। चमोली जिले में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण बद्रीनाथ हाईवे पर मायापुर में पहाड़ से आए मलबे के कारण कई गाड़ियां भी यहां दब गई थीं। रविवार को यहां नंदाकिनी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया था।
Aug 15 2023, 13:31