पुलिस की एक तरफा कार्यशैली से परेशान सरकारी शिक्षक ने किया सुसाइड, पीड़ित परिवार मांग रहा न्याय
नवादा : जिले के नरहट प्रखंड के खनवा निवासी 34 वर्षीय शिक्षक राहुल कुमार के द्वारा आत्महत्या मामले में मृतक शिक्षक के परिजनों ने नवादा पुलिस के ऊपर गंभीर आरोप लगाया है। मृतक के परिजनों ने पुलिस के व्यवहार पर भी सवाल खड़ा किया है।
घटना के संबंध में मृतक के परिजनों ने बताया कि 1 मई 2023 की रात्रि में पड़ोस के ही मनोज सिंह उर्फ पप्पू सिंह की मृत्यु के मामले में प्रवीण उर्फ छोटे सिंह, कृष्णा सिंह, गायत्री देवी, सुमन कुमार और राहुल कुमार को नामजद आरोपी मनोज सिंह उर्फ पप्पू सिंह की पत्नी के द्वारा बनाया गया था।
मृतक शिक्षक राहुल कुमार के परिजनों ने बताया कि जिस व्यक्ति के मौत के मामले में राहुल को अभियुक्त बनाया गया था वह मानसिक विक्षिप्त था। अक्सर वह गांव में उलुल - जुलूल हरकत करते रहता था। 1 मई को ही उसने अपने ही गोतीया घर के एक व्यक्ति को गाली-गलौज करने के बाद जान मारने के उद्देश्य से चाकू भी उसको दिखाया। इसी कारण से उसके घर वालों ने उसका हाथ पांव बांधकर घर के अंदर बंद कर दिया और अचानक उसकी मृत्यु रात्रि हो गई। जिसका आरोप राहुल सहित अन्य लोगों पर लगाया गया।
पीड़ित परिवार का कहना है कि निष्पक्ष जांच करने का अनुरोध करने पर डांट कर भगा दिया करते थे आरक्षी अधीक्षक
राहुल के परिजनों ने बताया कि नवादा एसपी से हम लोग कई बार इस घटना के बारे में निष्पक्ष जांच करने की मांग आवेदन देकर किया। लेकिन जब भी हम लोग उनके पास गए हम लोगों को हमेशा डांट कर भगा दिया जाता था।
परिजनों ने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिसिया कार्रवाई बिल्कुल एक पक्षीय किया गया। जिसके कारण राहुल काफी परेशान रहने लगा था। बार-बार उसे फोन करके पुलिस द्वारा डराया धमकाया भी जाता था।
वादी प्रतिमा देवी के द्वारा न्यायालय में राहुल कुमार के निर्दोष होने का शपथ पत्र भी दायर किया गया था
घटना के संबंध में मनोज सिंह ऊर्फ पप्पू सिंह की पत्नी प्रतिमा देवी के द्वारा 22 मई 2023 को न्यायालय में शपथ पत्र दाखिल कर राहुल सहित तीन व्यक्तियों के निर्दोष होने का अनुरोध भी किया गया था। फिर भी स्थानीय पुलिस राहुल के पीछे हाथ धोकर पड़ी रही।
घर का इकलौता कमानें वाला सदस्य था राहुल
मृतक राहुल कुमार अपने घर का इकलौता कमाऊ सदस्य था। राहुल के पिता की मृत्यु पूर्व में हो चुकी थी। अपने पिता के जगह पर ही अनुकंपा के आधार पर राहुल को नौकरी हुई थी। अब उसकी मृत्यु के बाद घर में उसकी विधवा मां, पत्नी और 18 माह का इकलौता बच्चा रह गया है। जिसके कारण परिवार के समक्ष काफी विकट स्थिति उत्पन्न हो गई है।
परिजनों का आरोप है कि नवादा पुलिस अगर निष्पक्ष होकर मनोज हत्याकांड की जांच की होती तो आज राहुल इस दुनिया में हंसता खेलता रहता। लेकिन पुलिस के एक पक्षीय कार्रवाई के कारण राहुल को मौत को गले लगाना स्वीकार करना पड़ा।
नवादा से राकेश कुमार चंदन की रिपोर्ट
Aug 14 2023, 19:11