चांद पर निभाई जाएगी धरती की दोस्ती, इसरो ने रूस के लूना-25 लॉन्च पर दी बधाई, कहा- अंतरिक्ष यात्रा में एक और मुलाकात
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भारत के बाद अब रूस ने भी लूनर मिशन लूना-25 लॉन्च कर दिया है। धरती के दोनों दोस्त अब अंतरिक्ष में भी अपनी दोस्ती निभाएंगे। दरअसल, शुक्रवार सुबह रूस ने भी मून मिशन लॉन्च किया है।इस मिशन के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रूसी अंतरिक्ष एजेंसी को बधाई दी।
रशियन स्पेस एजेंसी रोस्कोस्मोस ने शुक्रवार सुबह लूना-25 को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में भेजा। पिछले 50 सालों में रूस का यह पहला चंद्रमा मिशन है। इसरो ने कहा कि लूना-25 के सफल लॉन्च पर रोस्कोस्मोस को हमारी तरफ से बधाई। हमारी अंतरिक्ष यात्रा में एक और मुलाकात होना अद्भुत है। उसने कहा कि चंद्रयान-3 और लूना-25 मिशनों को अपने लक्ष्य हासिल करने के लिए शुभकामनाएं।
दरअसल, भारत द्वारा लॉन्च किए गए मून मिशन चंद्रयान 3 के करीब एक महीने बाद यानी आज शुक्रवार को रूस ने अपना मून मिशन लूना-25 को लॉन्च किया है। बताया जा रहा है कि भारत का चंद्रयान-3 और रूस का लूना-25 दोनों ही चांद के दक्षिणी ध्रुव पर करीब-करीब एक ही समय में या फिर थोड़ा बहुत आगे-पीछे लैंड करेंगे। हालांकि, कौन पहले चांद पर कदम रखेगा, इस बारे में स्पष्टता नहीं आई है।
रूसी मीडिया के अनुसार, शुक्रवार 11 अगस्त को सुबह 4.40 बजे रूस के वोस्तोनी कॉस्मोड्रोम से लूना- 25 लैंडर की लॉन्चिंग की। लूना- 25 को सोयुज 2.1 बी रॉकेट में चांद पर भेजा गया है। इसे लूना-ग्लोब मिशन का नाम दिया गया है। रॉकेट की लंबाई करीब 46.3 मीटर है, वहीं इसका व्यास 10.3 मीटर है। रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस का कहना है कि लूना-25 चांद की ओर निकल चुका है। पांच दिनों तक यह चांद की तरफ बढ़ेगा। इसके बाद 313 टन वजनी रॉकेट 7-10 दिनों तक चांद का चक्कर लगाएगा। उम्मीद है कि 21 या 22 अगस्त को यह चांद की सतह पर पहुंच जाएगा।रूस की योजना है कि लैंडर को चांद के दक्षिणी पोल पर उतरेगा। जानकारों का कहना है कि चांद के इसी पोल पर पानी मिलने की संभावना है।
बता दें कि रूस ने आखिरी बार 1976 में चंद्रमा पर कोई स्पेसक्राफ्ट भेजा था। लूना-25 की लॉन्चिंग यूरोपियन स्पेस एजेंसी की मदद के बिना किया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लूना-25 के 23 अगस्त को चंद्रमा पर पहुंचने की संभावना है। उसी दिन शाम को चंद्रयान-3 के भी चंद्रमा की सतह पर कदम रखने की उम्मीद है। भारत ने चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को लॉन्च किया था। लूना-25 और चंद्रयान-3, दोनों ही चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश करेंगे। अब तक यहां पर कोई स्पेसक्राफ्ट लैंड नहीं कर सका है। चंद्रमा पर भी केवल तीन देश- अमेरिका, सोवियत संघ और चीन ही स्पेसक्राफ्ट भेज पाए हैं। चंद्रयान-3 की सफलता के साथ भारत इस एलीट क्लब में शामिल हो जाएगा।
Aug 11 2023, 14:59