लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने बताया मणिपुर में कैसे भड़की हिंसा, सीएम बीरेन को क्यों नहीं हटाया इसपर भी दिया जवाब
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मणिपुर के मुद्दे पर विपक्ष संसद में लगातार सरकार को घेर रहा है।विपक्ष प्रधानमंत्री मोदी से हिंसा पर बयान देने की मांग कर रहा है। इस बीच केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान बोलते हुए मणिपुर हिंसा पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि यह सच है कि मणिपुर में हिंसा का तांडव हुआ। हिंसक घटनाएं हुईं। वहां जो कुछ भी हुआ, वह शर्मनाक है। उस पर राजनीति करना उससे भी ज्यादा शर्मनाक है।
अमित शाह ने कहा, एक भ्रांति देश मै फैलाई गई है कि ये सरकार मणिपुर पर चर्चा नहीं करना चाहती है। हम पहले दिन से चर्चा को तैयार थे। आप चर्चा को तैयार ही नहीं थे। आप को ये लगता है कि हंगामा करके हमें चुप कर देंगे। आप ऐसा नहीं कर सकते। इस देश की 130 करोड़ जनता ने हमें चुनकर भेजा है। शाह ने कहा कि जब सदन की तारीख भी नहीं आई थी, हम तबसे कह रहे हैं कि चर्चा होनी चाहिए।
6 साल में मणिपुर में एक भी दिन कर्फ्यू नहीं लगा-शाह
गृह मंत्री ने कहा मैं देश को बताना चाहूंगा कि सरकार ने मणिपुर के लिए क्या किया है। 6 साल में मणिपुर में एक भी दिन कर्फ्यू नहीं था। उन्होंने कहा एक भी दिन बंद नहीं रहा। मणिपुर में 6 साल से बीजेपी का शासन है। 2023 में दंगा हुआ।
गृह मंत्री ने कहा, ‘2021 में पड़ोसी देश म्यांमार में सत्ता परिवर्तन हुआ तो वहां मिलेट्री शासन में कुकी लोगों पर अत्याचार होने लगे। चूंकि म्यांमार का हमारा बॉर्डर खुला हुआ है तो म्यांमार से हजारों कुकी ने मणिपुर मिजोरम में आकर बसना शुरू कर दिया। इससे जनसांख्यकी बदलनी शुरू हो गई। अमित शाह ने कहा, ‘वहां हमारा समझौता है कि कोई पासपोर्ट नहीं लगता। ऐसे में हमने इसको देखते हुए 2022 में बॉर्डर पर फेंसिंग शुरू किया। 2023 में हमने थंब इम्प्रेशन और आई इम्प्रेशन लेकर भारत की वोटर आईडी में डालने का कार्य शुरू किया।
हाई कोर्ट के फैसले ने आग में तेल का काम किया-शाह
अमित शाह ने कहा कि 29 अप्रैल को एक अफवाह फेल गई कि शरणार्थियों के स्थान को गांव घोषित कर दिया गया, जिससे तनाव शुरू हुआ। हाई कोर्ट ने मैतई को एसटी का दर्जा देने का फैसला दिया। मणिपुर हाई कोर्ट के फैसले ने आग में तेल डालने का काम किया।
प्रधानमंत्री ने मुझे रात को 4 बजे कॉल किया-शाह
अमित शाह ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री ने मुझे रात को 4 बजे कॉल किया है और सुबह 6 बजे मुझे उठाया भी है। और ये लोग (विपक्ष) कहते हैं कि प्रधानमंत्री ध्यान नहीं रखते।तीन दिन तक लगातार हमने यहां से काम किया। 16 वीडियो कॉन्फ्रेंस की, 36 हजार जवान भेजे।चीफ सेक्रेटरी को बदल दिया गया। डीजीपी बदल दिया गया. सुरक्षा सलाहकार भेजे गए।
सीएम बीरेन सिंह को नहीं हटाने पर क्या बोले शाह
सीएम बीरेन सिंह को नहीं हटाने पर अमित शाह ने कहा कि ये कहते हैं कि 356 (राष्ट्रपति शासन) क्यों नहीं लगाया। 356 तब लगाया जाता है जब हिंसा के समय राज्य सरकार मदद न करे। हमने जो बदले राज्य सरकार ने स्वीकार कर लिया। सीएम तब बदलना पड़ता है जो मदद न करे। सीएम मदद कर रहे हैं।
महिलाओं के साथ दरिंदगी का वीडियो सत्र शुरू होने से एक दिन पहले ही क्यों सामने आया-शाह
महिलाओं से बर्बरता के वायरल वीडियो पर अमित शाह ने कहा कि किसी ने पूछा कि यह वीडियो संसद के मानसून सत्र शुरू होने से एक दिन पहले ही क्यों सामने आया? अगर किसी के पास वीडियो था तो उसे पुलिस तंत्र को या संसद को देना चाहिए था। इसे सार्वजनिक करने की क्या जरूरत थी? महिलाओं के सम्मान की चिंता करनी चाहिए। चार तारीख की घटना का वीडियो था, अगर उसे सार्वजनिक करने की जगह डीजीपी तक पहुंचाया जाता तो पांच को ही कार्रवाई हो जाती।
1993 में नगा-कुकी हिंसा में 7 सौ से ज्यादा लोग मारे गए
गृह मंत्री ने कहा कि दंगे पहले भी हुए हैं पर हमने दंगों को किसी पार्टी से नहीं जोड़ा है। न कभी किसी गृह मंत्री को दंगों पर जवाब देने से रोका है। न ही सदन की कार्यवाही प्रभावित की है।उन्होंने बताया कि ‘मणिपुर में पहले से भी नस्लीय हिंसा होती आ रही है। इससे पहले नरसिंह राव सरकार के दौरान 1993 में भी नगा-कुकी हिंसा हुई थी, जिसमें 750 से ज्यादा लोग मारे गए।
Aug 10 2023, 09:57