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लोकसभा में स्मृति ईरानी ने उठाया कश्मीरी पंडितों का मुद्दा तो संसद छोड़कर निकले राहुल गांधी, हुआ जबरदस्त हंगामा


लोकसभा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के दिए गए संबोधन को लेकर सदन में ही जबरदस्त हंगामा हुआ। राहुल गांधी के तुरंत पश्चात् उन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव में अमेठी में हराने वालीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भाषण आरम्भ किया। उन्होंने कहा कि आप हिंदुस्तान नहीं हैं,

भारत मेरिट पर भरोसा करता है, वंशवाद पर नहीं। उन्होंने कहा कि पहली बार भारत मां की हत्या की बात तथा कांग्रेस पार्टी यहां पर तालियां बजाती रही। जो भारत की हत्या की बात पर कांग्रेस पार्टी ने ताली पीटी है विपक्षी सदस्यों ने। यहां आज हिंदुस्तानी होने के नाते कहती हूं कि मणिपुर खंडित नहीं है, विभाजित नहीं है, मेरे देश का अंग है।

मैं इनसे पूछती हूं, इन्हीं के गठबंधन के एक सदस्य बैठे हैं, जो तमिलनाडु में बोलते हैं कि भारत का मतलब मात्र उत्तर भारत। क्या भारत सिर्फ उत्तर भारत है, अगर दम है तो अपने सहयोगी को मुंहतोड़ जवाब दें।

 कहा कि यदि राहुल गांधी में हिम्मत है तो भारत पर इस प्रकार का कटाक्ष करने वाले इस नेता का खंडन करके बताएं। कांग्रेस के एक नेता ने अदालत में जाकर वक्तव्य दे दिया कि कश्मीर में जनमत संग्रह होना चाहिए। यदि हिम्मत है गांधी खानदान में है तो कांग्रेस के उस नेता का वक्तव्य क्यों है। आप भारत नहीं हैं। क्या भारत विभाजित हो, यह कांग्रेस के नेतृत्व के निर्देश के अनुसार है? हमारे राष्ट्र के संसदीय इतिहास में आज तक भारत मां की हत्या की बात करने वाले कभी भी बैठकर मेज नहीं थपथपाते। इन्होंने मेज थपथपाई है। ये बात करते हैं इंसाफ की? यह चेहरा धूमिल है। मैं बताऊं किसका चेहरा है?

वही फिर स्मृति ईरानी ने कश्मीरी पंडितों की दास्तान सुनाने लगी तो राहुल गांधी संसद से चले गए। स्मृति ईरानी ने कहा कि यह चेहरा गिरिजा टिक्कू का है। कश्मीरी पंडितों की दास्तान सुन लीजिए। 90 के दशक में एक महिला यूनिवर्सिटी में अपना चेक लेने जाते हैं।

बस से घर लौटने का प्रयास करते हैं। 5 मर्द खींचकर ले जाते हैं, बलात्कार करते हैं और आरी से बदन काट देते हैं। जब गिरिजा टिक्कू के जीवन पर एक फिल्म में दिखाया गया तो कांग्रेस के कुछ प्रवक्ताओं ने उसे प्रपोगैंडा कहा। आप नहीं चाहते कश्मीरी पंडितों की दास्तान सुनाई जाए। सरला बट्ट को भी अगवा कर गैंगरेप किया गया था। ये आप अपने आप को इंसाफ का पुजारी बताते हैं, लेकिन मुझे बताइए कि गिरिजा टिक्कू और सरला बट्ट को कब इंसाफ मिलेगा? तब वहां यह नारा दिया जाता था कि या तो धर्म बदलो, या कश्मीर छोड़ो या यहीं मरो।

राहुल गांधी का मोदी सरकार पर तीखा प्रहार, कहा- आपने मणिपुर में भारत माता की हत्या की

#noconfidencemotiondebaterahulgandhispeech 

केन्द्र की मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में पहले अविश्वास प्रस्ताव का सामना कर रही है। सरकार के खिलाफ इस अविश्वास प्रस्ताव पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने लोकसभा में चर्चा में भाग लिया। राहुल गांधी ने कहा, स्पीकर महोदय मैं आपसे माफी मांगना चाहता हूं। मैंने पिछली बार अडानी के मुद्दे पर जोर से बोला था। उससे सीनियर नेता को कष्ट हुआ। लेकिन आपको अब डरने की जरूरत नहीं है। कोई घबराने की जरूरत नहीं है। आज मैं अडानी पर नहीं बोलने जा रहा है। बीजेपी की ओर इशारा करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि 'आप लोग डरें नहीं, रिलेक्स रहें।

कांग्रेस सांसद ने बोलना जारी रखते हुए कहा कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान बहुत सारे लोगों ने बोला तुम क्यों चल रहे हो? शुरुआत में मेरे मुंह से जवाब नहीं निकलता था। शायद मुझे ही नहीं मालूम था कि मैंने ये यात्रा क्यों शुरू की थी। जब मैंने कन्याकुमारी से यात्रा शुरू की मैं सोच रहा था मैं लोगों के बीच जाना चाहता हूं, लोगों को समझना चाहता हूं, पर मुझे स्पष्ट मालूम नहीं था मैं क्या चाहता हूं। पर कुछ दिनों में मुझे समझ में आने लगा कि जिस चीज से मुझे प्यार था, जिस चीज के लिए मैं करने के लिए तैयार हूं, जिस चीज के लिए मैं मोदी जी के जेल जाने के लिए तैयार हूं, उस चीज को मैं समझना चाहता हूं। राहुल ने कहा, "जब मैंने यात्रा शुरू की थी दो तीन दिन में मेरे घुटने में दर्द शुरू हो गया। हर कदम में दर्द। पहले दो तीन दिनों में जो अहंकार था, भेड़िया जो निकला था वो चींटी बन गया।"

हमें अहंकार, नफरत को मिटाना पड़ेगा-राहुल गांधी

राहुल ने कहा कि कोई कहता है यह देश अलग जमीन है, अलग मिट्टी, धर्म है, सोना है, चांदी है, मगर सच्चाई यह है कि यह देश सिर्फ एक आवाज है। अगर हमें इस आवाज को सुनना है तो हमारे दिल में जो अहंकार है, जो सपने हैं, उन्हें हमें परे करना होगा। तब हमें हिंदुस्तान की आवाज सुनाई देगी। अब आप कहेंगे कि यह बात मैंने अविश्वास प्रस्ताव में क्यों रखी? भारत इस देश के सब लोगों की आवाज है। हमें अहंकार, नफरत को मिटाना पड़ेगा। 

आपने भारत माता की हत्या मणिपुर में की-राहुल गांधी

राहुल ने कहा, जैसे मैंने भाषण की शुरुआत में बोला भारत एक आवाज है। भारत हमारी जनता की आवाज है। दिल की आवाज है। उस आवाज की हत्या आपने मणिपुर में की। इसका मतलब आपने भारत माता की हत्या मणिपुर में की। राहुल ने कहा, कुछ दिन पहले मणिपुर गया। लेकिन हमारे पीएम नहीं गए। क्योंकि उनके लिए मणिपुर भारत नहीं है। मणिपुर की सच्चाई है कि मणिपुर नहीं बचा है। मैं राहत शिविरों में गया हूं, मैंने वहां महिलाओं से बात की। मणिपुर को आपने तोड़ दिया है।

बीजेपी की राजनीति ने मणिपुर में हिंदुस्तान की हत्या-राहुल गांधी

इस दौरान स्पीकर ओम बिरला ने राहुल को टोका और कहा कि उन्हें आदर से बात करनी चाहिए। इस पर राहुल गांधी ने कहा कि मैं अपनी मां की हत्या की बात कर रहा हूं। मैं आदर से बोल रहा हूं। मेरी एक मां यहां बैठी है। दूसरी मां को मणिपुर में मारा है।हिंदुस्तान की सेना चाहे तो मणिपुर में एक दिन में शांति बहाल कर सकती है। सरकार मणिपुर में शांति नहीं चाहती है। मोदी देश की आवाज नहीं सुनते। बीजेपी की राजनीति ने मणिपुर में हिंदुस्तान की हत्या की है। तुम देशद्रोही हो, राष्ट्रद्रोही हो, आपने भारत माता की हत्या की है। आप भारत माता के रखवाले नहीं हो, भारत माता के हत्यारे हो।

एनसीपी प्रमुख शरद पवार का बड़ा खुलासा, बोले- 'बाबरी गिरने से पहले मैंने नरसिम्हा राव को कहा था की

 NCP प्रमुख शरद पवार ने खुलासा किया कि रामजन्मभूमि आंदोलन जब जोर पकड़ रहा था तब उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव को सलाह दी थी कि उन्हें भाजपा के वादे पर विश्वास नहीं करना चाहिए कि बाबरी मस्जिद को कुछ नहीं होगा। शरद पवार ने कहा कि तब तत्कालीन भाजपा नेता विजया राजे सिंधिया ने तत्कालीन पीएम पीवी नरसिम्हा राव को आश्वासन दिया था कि बाबरी मस्जिद को कुछ नहीं होगा। राव ने अपने मंत्रियों की सलाह के खिलाफ उनकी बात पर भरोसा किया था। शरद पवार नरसिम्हा राव सरकार में रक्षा मंत्री थे। वरिष्ठ पत्रकार नीरजा चौधरी की किताब 'हाउ प्राइम मिनिस्टर्स डिसाइड' के विमोचन पर बाबरी मस्जिद विध्वंस के वक़्त रक्षा मंत्री रहे पवार ने कहा कि वह तत्कालीन गृह मंत्री शंकरराव चव्हाण एवं गृह सचिव माधव गोडबोले के साथ उस बैठक में मौजूद थे। पवार ने दावा किया कि उस बैठक में विजया राजे सिंधिया ने तत्कालीन प्रधानमंत्री राव को आश्वासन दिया था कि बाबरी मस्जिद को कुछ नहीं होगा।  

NCP सुप्रीमो ने कहा कि गृहमंत्री और गृह सचिव को लगा कुछ भी हो सकता है, किन्तु नरसिम्हा राव ने सिंधिया पर भरोसा करना चुना। शरद पवार ने उस घटनाक्रम को इस तरह बताया। "मंत्रियों का एक समूह था, उस समूह का मैं एक सदस्य था। इस बैठक में विजया राजे सिंधिया ने कहा था कि बाबरी मस्जिद को कुछ नहीं होगा, विजया राजे ने कहा था कि वे लोग सभी आवश्यक कदम उठाएंगे और प्रधानमंत्री को सख्त कदम नहीं उठाने चाहिए।" शारद पवार ने कहा कि विजया राजे का सुझाव प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने स्वीकार कर लिया, तत्पश्चात, गृह मंत्री, गृह सचिव और स्वयं शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव को सलाह दी थी कि उन्हें भाजपा नेतृत्व की बातों पर विश्वास नहीं करना चाहिए, कुछ भी हो सकता है। शरद पवार ने कहा कि प्रधानमंत्री ने भाजपा नेताओं की बात पर विश्वास करना पसंद किया और इसके बाद क्या हम सभी जानते हैं।

कार्यक्रम के चलते पत्रकार नीरजा चौधरी ने मस्जिद विध्वंस के पश्चात् राव की कुछ वरिष्ठ पत्रकारों के साथ हुई बातचीत को याद किया, जहां पीएम से पूछा गया था कि विध्वंस के समय वह क्या कर रहे थे। चौधरी ने दावा किया कि राव ने मीडिया से कहा था कि उन्होंने ऐसा होने दिया क्योंकि इससे एक गंभीर घाव खत्म हो जाएगा तथा उन्हें लगा कि बीजेपी अपना मुख्य राजनीतिक कार्ड खो देगी। इस पुस्तक के विमोचन में शरद पवार के अतिरिक्त, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, कांग्रेस नेता शशि थरूर, पूर्व रेल मंत्री और भाजपा नेता दिनेश त्रिवेदी और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने किया। वहीं दिनेश त्रिवेदी ने पीएम के रूप में राजीव गांधी के समय और उनके प्रमुख सलाहकारों में से एक अरुण नेहरू की भूमिका को याद किया। त्रिवेदी ने कहा, "अरुण नेहरू परिवार की तरह थे।।। वह सबसे अच्छे दौर में से एक था तथा यदि यह जारी रहता तो चीजें बहुत अलग होती।" 

मनमोहन सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि अन्ना हजारे आंदोलन को ठीक से नहीं संभाल पाना, कांग्रेस के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के पतन की वजह बना। उन्होंने कहा, "सरकार के पतन का कारण पहले हुए घोटाले, 2जी... हमने अन्ना आंदोलन को ठीक से नहीं संभाला, इसी के कारण कांग्रेस सरकार का पतन हुआ।" उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह आम सहमति बनाने में अच्छे थे एवं उन्होंने परमाणु समझौते का भी उल्लेख किया। नीरजा चौधरी की पुस्तक ऐतिहासिक महत्व के 6 फैसलों से देश के प्रधानमंत्रियों की कार्यशैली का विश्लेषण करती है। 1977 में आपातकाल के पश्चात् अपनी अपमानजनक हार के पश्चात् 1980 में पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी की सत्ता में वापसी, शाहबानो मामले में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को रद्द करने का राजीव गांधी का फैसला, वीपी सिंह द्वारा मंडल आयोग की रिपोर्ट को लागू करना, पीएम के रूप में पीवी नरसिम्हा राव की भूमिका पुस्तक में चर्चा किए गए विषयों में बाबरी मस्जिद घटना और अटल बिहारी वाजपेयी एवं मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकारें सम्मिलित हैं।

क्या है आज से शुरू हो रहा ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान? डिटेल में जानिए इस अभियान से जुड़े हर सवाल के जवाब

15 अगस्त को देश अपना 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा। इस बार का स्वतंत्रता का पर्व कई मायनों में विशेष होगा। सरकार ने 'मेरी माटी मेरा देश' अभियान के साथ इस बार स्वतंत्रता दिवस मनाने का कार्यक्रम बनाया है। यह अभियान 9 अगस्त यानी आज से शुरू किया जाएगा तथा स्वतंत्रता दिवस तक चलेगा। बीते वर्ष केंद्र सरकार द्वारा 'हर घर तिरंगा अभियान' का ऐलान किया गया था। तत्पश्चात, देशभर में लोगों ने बड़े उत्साह से अपने घरों में तिरंगा फहराया था। अब इस बार देशवासी 'मेरी माटी मेरा देश' अभियान के साथ स्वतंत्रता के पर्व को मनाएंगे। इस बीच हमें जानना आवश्यक है कि आखिर 'मेरी माटी मेरा देश' अभियान क्या है? इसका उद्देश्य क्या है? 

'मेरी माटी मेरा देश' अभियान 

पीएम नरेंद्र मोदी ने 30 जुलाई को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 103वें संस्करण के चलते 'मेरी माटी मेरा देश' अभियान का ऐलान किया था। इस अभियान में वीरों को याद करने के लिए देशभर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। उनकी स्मृति में अमृत सरोवरों के निकट ग्राम पंचायतों में शिलाफलकम (स्मारक पट्टिकाएं) स्थापित किए जाएंगे। पीएम ने कहा था कि अमृत महोत्सव की गूंज और 15 अगस्त नजदीक आने के बीच, देश में एक और महान अभियान आरम्भ होने की कगार पर है। हमारे वीर पुरुषों और महिलाओं के सम्मान में 'मेरी माटी मेरा देश' अभियान आरम्भ किया जाएगा।

 समयसीमा

'मेरी माटी मेरा देश' अभियान 9 अगस्त को आरम्भ होगा, जिसके तहत 15 अगस्त, 2023, स्वतंत्रता दिवस तक निर्धारित कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके बाद के कार्यक्रम 16 अगस्त, 2023 से ब्लॉक, नगर पालिका/निगम और राज्य स्तर पर होंगे। समापन कार्यक्रम कर्तव्य पथ, नई दिल्ली में गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में 30 अगस्त, 2023 को निर्धारित है।

अभियान का उद्देश्य

इस अभियान का उद्देश्य उन बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों एवं वीरों का सम्मान करना है, जिन्होंने देश के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया। सूचना एवं प्रसारण और दूरसंचार विभाग के सचिव अपूर्व चंद्रा के अनुसार, ‘मेरी माटी मेरा देश’; आजादी का अमृत महोत्सव का समापन कार्यक्रम होगा, जिसके तहत भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने का उत्सव मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बीते वर्ष आयोजित राष्ट्रव्यापी अभियान, हर घर तिरंगा बेहद सफल रहा था और इस वर्ष स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव के तहत एक और महत्वाकांक्षी कार्यक्रम 'मेरी माटी मेरा देश' शुरू किया जा रहा है। 

अभियान के लिए वेबसाइट और पोर्टल लॉन्च

संस्कृति सचिव ने कहा कि जनभागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए, एक पोर्टल https://merimaatimeradesh.gov.in/ लॉन्च किया गया है, जहां लोग मिट्टी या मिट्टी का दीपक हाथ में लेकर अपनी सेल्फी अपलोड कर सकते हैं। ऐसा करके, वे भारत को एक विकसित देश बनाने, गुलामी की मानसिकता को समाप्त करने, हमारी समृद्ध विरासत पर गर्व करने, एकता और एकजुटता बनाए रखने, नागरिक के रूप में अपने कर्तव्यों को पूरा करने एवं राष्ट्र की रक्षा करने वालों का सम्मान करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए पंच प्राण की प्रतिज्ञा ले सकते हैं। एक बार प्रतिज्ञा लेने के बाद, हिस्सेदारी का एक डिजिटल प्रमाणपत्र वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है।

युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय की सचिव मीता राजीवलोचन ने बताया कि युवा सेल्फी और पौधरोपण जैसी अपनी गतिविधियों को इस पोर्टल पर अपलोड करके भी https:// yuva.gov.in/meri_maati_mera_desh पोर्टल के जरिए अभियान में सम्मिलित हो सकते हैं। उन्होंने युवाओं से अभियान में उत्साह के साथ हिस्सा लेने और हमारी मातृभूमि के वीरों को श्रद्धांजलि देने के राष्ट्रव्यापी प्रयास में सम्मिलित होने का आग्रह किया।

हैरतंअगेज! भोपाल में करोड़पति निकला जिला अस्पताल राजगढ़ का स्टोर कीपर, देखकर दंग रह गई लोकायुक्त की टीम

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में लोकायुक्त की टीम ने एक बार फिर काली कमाई के धनकुबेर को बेनकाब किया है। लोकायुक्त भोपाल की टीम ने मंगलवार तड़के आय से ज्यादा संपत्ति के मामले में कार्रवाई करते हुए एक सेवानिवृत स्टोर कीपर के ठिकानों पर छापा मारा है। चौंकाने वाली बात ये रही कि रिटायर्ड स्टोर कीपर 10 करोड़ से ज्यादा संपत्ति का मालिक निकला।

जानकारी के अनुसार, रिटायर्ड स्टोर कीपर के खिलाफ आय से ज्यादा संपत्ति की शिकायत मिली थी। इसी शिकायत के चलते उसके भोपाल एवं विदिशा जिले के लटेरी स्थित घर और अलग-अलग सम्पत्तियों पर छापामार कार्रवाई की गई। पता चला कि रिटायर्ड स्टोर कीपर तो 10 करोड़ से ज्यादा संपत्ति का मालिक है। लोकायुक्त एसपी मनु व्यास ने बताया कि 'अशफाक अली निवासी लटेरी जो जिला अस्पताल राजगढ़ में पूर्व में स्टोर कीपर के रूप पर पदस्थ था। उसके खिलाफ आय से ज्यादा संपत्ति अर्जित करने की शिकायत प्राप्त होने पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया। परिवार के सदस्यों के नाम पर 16 से ज्यादा अचल संपत्तियों की जानकारी प्राप्त हो चुकी है तथा तकरीबन 50 से ज्यादा अचल संपत्तियों को लेकर भोपाल-विदिशा और लटेरी में तहकीकात की जा रही है। 

वही अभी तक की तहकीकात में अपराधी और उसके परिजनों के नाम पर कई चल-अचल संपत्तियों की क्रय संबंधी अभिलेख प्राप्त हो चुके हैं। जिनकी कीमत तकरीबन सवा करोड़ रुपए है। अन्य 50 से भी अधिक अचल संपत्तियों के संबंध में लटेरी विदिशा एवं भोपाल में जानकारी एकत्र की जा रही।'' लोकायुक्त एसपी के अनुसार, जब अशफाक अली स्टोर कीपर के पद से सेवानिवृत हुआ था तब उसका वेतन लगभग 45 हजार रुपए था मगर छापे के चलते जो सम्पत्तियां, कैश और गहने मिले हैं वो उसकी आय के मुकाबले कई सौ गुना अधिक हैं। लटेरी में आरोपी का 14000 स्क्वायर फीट का एक निर्माणाधीन शॉपिंग कॉम्प्लेक्स मिला है।

राहुल गांधी ने आखिरी समय में अविश्वास प्रस्ताव पर बोलने की रणनीति क्यों बदली

#WhyRahulGandhichangethestrategyspeakingonnoconfidencemotion

2024 के लोकसभा चुनाव में अभी वक्त बचा है। हालांकि इससे पहले मंच तैयार किए जाने लगे हैं। इस मानसून सत्र को भी सत्ता पक्ष और विपक्ष ने एक बड़ा मंच मान लिया है। अभी एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा कि विपक्ष का सेमीफाइनल का मन था और दिल्ली सेवा बिल पर राज्यसभा में हुई वोटिंग एक तरह से सेमीफाइनल था। जिसके नतीजा सबके सामने है। इसी क्रम में मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव लाकर लोकसभा चुनाव 2024 की लड़ाई को और आक्रामक रूप दे दिया है। जिसके एक खास रणनीति के तरह खेला जा रहा है। मंगलवार को राहुल गांधी का मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर विपक्ष की ओर से चर्चा शुरू नहीं करना कांग्रेस की इसी रणनीति का हिस्सा है।

नॉर्थ ईस्ट के लिए बड़ा संदेश दे गई कांग्रेस

दरअसल, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी लोकसभा की सदस्यता बहाली के बाद मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर विपक्ष की ओर से चर्चा शुरू करने वाले थे। हालांकि आखिरी समय में इसे बदल दिया गया। लोकसभा की कार्रवाई शुरू होने से ऐन पहले कांग्रेस में इसके लिए तैयारी भी पूरी थी। लोकसभा स्पीकर को नोटिस भी जारी कर दिया गया था। ट्विटर हैंडल से बाकायदा बताया गया था कि राहुल गांधी आज सदन में बोलेंगे। यू-ट्यूब पर भाषण का लिंक शेयर किया गया, लेकिन राहुल गांधी नहीं बोले। जैसे ही चर्चा शुरू होने वाली थी तभी कांग्रेस ने गौरव गोगोई को आगे कर दिया। कांग्रेस ने इसे अपनी रणनीति पर बताया। राहुल गांधी के एक फैसले ने सरकार की पूरी रणनीति फेल कर दी और नॉर्थ ईस्ट के लिए भी एक बड़ा संदेश दे दिया।

कांग्रेस की ओर से गोगोई ने यूं संभाला मोर्चा

मणिपुर के मसले पर होने वाली चर्चा की शुरुआत कांग्रेस की ओर से नॉर्थ ईस्ट से आने वाले एक सांसद ने की। कांग्रेस के युवा सांसद गौरव गोगोई असम से आते हैं। कांग्रेस यह संदेश देने में सफल होती दिखी कि उन्होंने पूर्वोत्तर की आवाज़ को उठाया है। गौरव गोगोई ने भी अपने भाषण में गृह मंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक पर निशाना साधा, यहां तक कि उनके निशाने पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी आए। गौरव गोगोई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मौन पर सवाल उठाए और तीन मुख्य बिंदुओं के जरिए मणिपुर मसले पर सरकार की विफलता गिनाई।

राहुल बनाम मोदी की सीधी लड़ाई दिखाने की कोशिश

राहुल गांधी अगर शुरुआत में बोलते तब उसके बाद विपक्ष और सरकार के अन्य सांसदों का भाषण होता, लेकिन सरकार के बड़े मंत्रियों और खुद प्रधानमंत्री का भाषण आखिर में ही होता. ऐसे में इस बड़े गैप को भरने के लिए और राहुल बनाम मोदी की सीधी लड़ाई दिखाने के लिए कांग्रेस ने इसी रणनीति को आगे बढ़ाया।

राहुल गांधी के भाषण ना देने पर बीजेपी की आपत्ति

मोदी सरकार के खिलाफ़ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर जब राहुल गांधी ने मंगलवार को भाषण नहीं दिया तो उस पर बीजेपी ने कड़ी आपत्ति जताई। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि कांग्रेस ने सुबह 11 बजकर 55 मिनट पर एक पत्र दिया, जिसमें कहा गया कि राहुल गांधी बोलेंगे, बहस दोपहर में शुरू हुई, मुझे आश्चर्य है कि पाँच मिनट में ऐसी क्या समस्या आ गई कि उन्होंने भाषण ना देने का फ़ैसला ले लिया।इसके जवाब में कांग्रेस सांसद रंजन गोगोई ने कहा कि “सत्ता पार्टी के मंत्रियों को लोकसभा स्पीकर के चेंबर में हुई बातों को सार्वजनिक रूप से सामने नहीं लाना चाहिए।” चेतावनी वाले लहजे में उन्होंने कहा कि “अगर इस तरह स्पीकर से हुई हमारी बात को सामने लाया जा रहा है तो फिर चेंबर में प्रधानमंत्री और स्पीकर के बीच क्या बात हुई है ये भी आपको बताना होगा।”

गोगोई के इस बयान पर गृहमंत्री अमित शाह ग़ुस्से मे अपनी सीट से उठ गए और कहा, “ ये गंभीर आरोप है, आपको बताना चाहिए कि पीएम ने क्या कहा है।” प्रह्लाद जोशी ने स्पीकर से कहा, “आप स्पीकर और प्रधानमंत्री को लेकर ऐसे बेबुनियाद आरोप नहीं लगा सकते। यह एक गंभीर मामला है।”इस पर लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने गौरव गोगोई से कहा मेरा चेंबर भी लोकसभा का हिस्सा है इसलिए ऐसे कोई बयान मत दीजिए जिसके पीछे सच्चाई ना हो।”

*केजरीवाल का राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे को खत, 'दिल्ली सेवा बिल' पर समर्थन के लिए जताया आभार*

#arvind_kejriwal_writes_to_mallikarjun_kharge_and_rahul_gandhi

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सांसद राहुल गांधी को पत्र लिखा है। अपने इस खत के जरिए केजरीवाल ने दिल्ली सेवा बिल खिलाफ मतदान करने और उनकी पार्टी के समर्थन के लिए दिल्ली के 2 करोड़ लोगों की ओर से आभार व्यक्त किया है।बता दें कि संसद में दिल्ली सर्विस बिल पेश किए जाने के दौरान कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी का साथ दिया था और इस बिल का विरोध किया था। हालांकि इस विरोध के बावजूद पहले लोकसभा और फिर राज्यसभा में ये बिल पास हो गया।

केजरीवाल ने अपने ख़त में लिखा- ''दिल्ली सर्विस बिल पेश किए जाने के दौरान आपकी पार्टी ने जो हमारा साथ दिया है, दिल्ली के दो करोड़ लोगों की तरफ से मैं आपका धन्यवाद करता हूं। मुझे यकीन है कि संविधान के प्रति आपकी इस वफादारी को दशकों तक याद रखा जाएगा।'' केजरीवाल ने कहा कि संसद के अंदर और बाहर आपने दिल्लीवालों के हक के लिए जो लड़ाई लड़ी, उसके लिए हम आपके आभारी हैं।

इससे पहले भी जब सदन में दिल्ली सेवा बिल पास हो गया था, तब केजरीवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। उस प्रेस कॉन्फ्रेंस में जहां उन्होंने इस बिला को काला कानून बताया था, वहीं उन सभी पार्टियों को धन्यवाद दिया था जिसने विधेयक के विपक्ष में वोटिंग की।

*पीएम मोदी का विपक्ष पर हमला, बोले- देश कह रहा है, भ्रष्टाचार-वंशवाद और तुष्टिकरण भारत छोड़ो*

#quitindiamovementday2023pmnarendramoditargets_opposition

नौ अगस्त 1942 को महात्मा गांधी ने अंग्रेजों के ख़िलाफ़ 'भारत छोड़ो आंदोलन' की शुरुआत की थी। इस आंदोलन की सालगिरह पर पीएम मोदी ने बुधवार को इस आंदोलन में शामिल होने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी। साथ ही पीएमन मोदी ने 'भारत छोड़ो आंदोलन' को याद करते हुए कहा कि भारत अब भ्रष्टाचार, वंशवाद और तुष्टिकरण के खिलाफ आवाज उठा रहा है।

पीएम मोदी ने एक वीडियो भी ट्विटर पर शेयर किया। पीएम मोदी ने ट्वीट किया- ''महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारत छोड़ो आंदोलन ने आज़ादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. आज भारत एक स्वर में कह रहा है- भ्रष्टाचार क्विट इंडिया, वंशवाद क्विट इंडिया, तुष्टीकरण क्विट इंडिया।

इस शेयर किए वीडियो में पीएम मोदी का हाल ही में दिया भाषण भी सुनाई देता है। पीएम मोदी इस वीडियो में कहते हुए सुनाई देते हैं, ''नौ अगस्त की तारीख़ भारत के सबसे बड़े आंदोलनों की तारीख़ रही है। नौ अगस्त को ही गांधी जी के नेृतत्व में क्विट इंडिया मूवमेंट यानी इंडिया छोड़ो आंदोलन की शुरुआत हुई थी। पूज्य बापू ने अंग्रेज़ों को साफ-साफ कह दिया था- क्विट इंडिया।'' पीएम मोदी कहते हैं, ''एक चेतना बनी। आख़िर में अंग्रेज़ों को इंडिया छोड़ना पड़ा। आज गांधी जी की उस इच्छा शक्ति को आगे बढ़ाना ही है। विकसित भारत के संकल्प में कुछ बुराइयां रोड़ा बनी हुई हैं। आज भारत कह रह रहा है- परिवारवाद इंडिया छोड़ो, तुष्टीकरण इंडिया छोड़ो।''

आज से शुरू हो रहा बीजेपी का महाअभियान

पीएम मोदी ने विपक्ष पर परोक्ष रूप से ऐसे समय में निशाना साधा है जब सत्तारूढ़ भाजपा बुधवार को इसी तर्ज पर देशभर में कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है।भारत छोड़ो आंदोलन के 81 साल पूरे होने पर भारतीय जनता पार्टी एक महाअभियान शुरू करने जा रही है। 21 दिनों तक चलने वाले इस अभियान की शुरुआत संसद में लगी गांधी प्रतिमा से बुधवार को किया जाएगा।इस अभियान को विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ पर एक तरह का तीखा हमला माना जा रहा है, जिसमें बीजेपी के दोनों सदनों के सांसद शामिल होंगे।

विपक्ष पर भ्रष्टाचार, वंशवाद और तुष्टिकरण के आरोप लगते रहे हैं

पीएम मोदी ने विपक्षी दलों पर भ्रष्टाचार, वंशवाद और तुष्टिकरण की राजनीति करने का बार-बार आरोप लगाया है। पिछले दिनों एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोदी ने भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत के दिन को ऐतिहासिक करार दिया था और कहा था कि इसने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में नई ऊर्जा पैदा की। उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं से ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ की तर्ज पर ‘भ्रष्टाचार-भारत छोड़ो, वंशवाद-भारत छोड़ो, तुष्टिकरण-भारत छोड़ो’ अभियान चलाने का आह्वान किया था।

भारत छोड़ो आंदोलन' की बरसी पर हिरासत में लिए गए महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी, पुलिस स्टेशन से ट्वीट कर कही ये बात

#mahatma_gandhis_great_grandson_tushar_gandhi_detained_by_police 

महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी को मुंबई में हिरासत में ले लिया गया है। उन्होंने खुद ट्वीट कर ये दावा किया है। उन्होंने बताया है कि है कि वे भारत छोड़ो आंदोलन को बरसी मनाने के लिए निकले थे। लेकिन सांता क्रूज पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।

तुषार गांधी ने ट्वीट कर कहा, आजाद भारत के इतिहास में पहली बार मुझे हिरासत में लिया गया। मैं 9 अगस्त को भारत छोड़ो आंदोलन की बरसी मनाने के लिए घर से निकला था, मुझे सांता क्रूज स्टेशन में हिरासत में ले लिया गया. मुझे गर्व है कि मेरे परदादा बापू और बा को भी इस ऐतिहासिक तारीख पर ब्रिटिश पुलिस ने गिरफ्तार किया था।

तुषार गांधी ने पुलिस स्टेशन से ही ट्वीट किया कि जैसे ही उन्हें छोड़ा जाता है वह अगस्त क्रांति मैदान में मार्च करेंगे। उन्होंने कहा, यह शहीदों की याद दिलाने वाला दिन है और अगस्त क्रांति दिवस जरूर मनाया जाएगा। इस ट्वीट को किए जाने को दो घंटे बाद तुषार गांधी ने ट्विटर पर लिखा- ''अब मुझे जाने की अनुमति मिल गई है। मैं अगस्त क्रांति मैदान जा रहा हूं। इंकलाब ज़िंदाबाद।

बता दें कि नौ अगस्त 1942 को महात्मा गांधी ने भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत की थी। 1857 के बाद देश की आजादी के लिए चलाए जाने वाले सभी आंदोलनों में 1942 का ये आंदोलन सबसे विशाल और सबसे तीव्र आंदोलन साबित हुआ था। भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत बापू ने अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के मुम्बई अधिवेशन से की थी। उस समय बापू ने मुंबई के गोवालिया टैंक मैदान या अगस्त क्रांति मैदान में अपना ऐतिहासिक भाषण दिया था और इस भाषण में 'करो या मरो' का नारा दिया था। आंदोलन छेड़ने के बाद ब्रिटिश सरकार ने कांग्रेस पर कहर ढाना शुरू कर दिया। नेताओं की गिरफ्तारी की जाने लगी। देशभर में कांग्रेस के ऑफिसों पर छापे पड़े। उनके फंड सीज़ कर दिए गए। शुरुआत में तो ये आंदोलन शांतिपूर्ण रहा, लेकिन ब्रिटिश सरकार के छापेमारी से प्रदर्शनकारी अचानक हिंसक हो गए और उन्होंने पोस्ट ऑफिस, सरकारी बिल्डिंग और रेलवे स्टेशनों को निशाना बनाना शुरू कर दिया। इसमें तोड़ फोड़ की ढेर सारी घटनाएं हुईं और सरकार ने हिंसा की इन गतिविधियों के लिए गांधी जी को उत्तरदायी ठहराया।इसके बाद अंग्रेजी हुकूमत ने गांधी जी और आंदोलन के सभी प्रमुख नेताओं को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया। इस आंदोलन ने देश की आजादी में बहुत बड़ी भूमिका निभाई

भारत छोड़ो आंदोलन' की बरसी पर हिरासत में लिए गए महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी, पुलिस स्टेशन से ट्वीट कर कही ये बात

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महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी को मुंबई में हिरासत में ले लिया गया है। उन्होंने खुद ट्वीट कर ये दावा किया है। उन्होंने बताया है कि है कि वे भारत छोड़ो आंदोलन को बरसी मनाने के लिए निकले थे। लेकिन सांता क्रूज पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।

तुषार गांधी ने ट्वीट कर कहा, आजाद भारत के इतिहास में पहली बार मुझे हिरासत में लिया गया। मैं 9 अगस्त को भारत छोड़ो आंदोलन की बरसी मनाने के लिए घर से निकला था, मुझे सांता क्रूज स्टेशन में हिरासत में ले लिया गया. मुझे गर्व है कि मेरे परदादा बापू और बा को भी इस ऐतिहासिक तारीख पर ब्रिटिश पुलिस ने गिरफ्तार किया था।

तुषार गांधी ने पुलिस स्टेशन से ही ट्वीट किया कि जैसे ही उन्हें छोड़ा जाता है वह अगस्त क्रांति मैदान में मार्च करेंगे। उन्होंने कहा, यह शहीदों की याद दिलाने वाला दिन है और अगस्त क्रांति दिवस जरूर मनाया जाएगा। इस ट्वीट को किए जाने को दो घंटे बाद तुषार गांधी ने ट्विटर पर लिखा- ''अब मुझे जाने की अनुमति मिल गई है। मैं अगस्त क्रांति मैदान जा रहा हूं। इंकलाब ज़िंदाबाद।

बता दें कि नौ अगस्त 1942 को महात्मा गांधी ने भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत की थी। 1857 के बाद देश की आजादी के लिए चलाए जाने वाले सभी आंदोलनों में 1942 का ये आंदोलन सबसे विशाल और सबसे तीव्र आंदोलन साबित हुआ था। भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत बापू ने अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के मुम्बई अधिवेशन से की थी। उस समय बापू ने मुंबई के गोवालिया टैंक मैदान या अगस्त क्रांति मैदान में अपना ऐतिहासिक भाषण दिया था और इस भाषण में 'करो या मरो' का नारा दिया था। आंदोलन छेड़ने के बाद ब्रिटिश सरकार ने कांग्रेस पर कहर ढाना शुरू कर दिया। नेताओं की गिरफ्तारी की जाने लगी। देशभर में कांग्रेस के ऑफिसों पर छापे पड़े। उनके फंड सीज़ कर दिए गए। शुरुआत में तो ये आंदोलन शांतिपूर्ण रहा, लेकिन ब्रिटिश सरकार के छापेमारी से प्रदर्शनकारी अचानक हिंसक हो गए और उन्होंने पोस्ट ऑफिस, सरकारी बिल्डिंग और रेलवे स्टेशनों को निशाना बनाना शुरू कर दिया। इसमें तोड़ फोड़ की ढेर सारी घटनाएं हुईं और सरकार ने हिंसा की इन गतिविधियों के लिए गांधी जी को उत्तरदायी ठहराया।इसके बाद अंग्रेजी हुकूमत ने गांधी जी और आंदोलन के सभी प्रमुख नेताओं को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया। इस आंदोलन ने देश की आजादी में बहुत बड़ी भूमिका निभाई