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पंजाब में जो काम कोई सरकार नहीं कर पाई, वो भगवंत मान सरकार ने महज 1 साल में कर दिखाया, आप इकाई ने किया दावा

पंजाब में भगवंत मान सरकार ने विधानसभा चुनाव के दौरान अस्थायी शिक्षकों से किए अपने वादों को पूरा करने में लगे हैं। हाल ही में उन्होंने ऐसे 12,710 अस्थायी शिक्षकों को स्थायी करने का ऐलान किया। उनके इस घोषणा के बाद आम आदमी पार्टी ने ट्विटकर बताया है कि जो काम पिछले कई सालों के दौरान कोई सरकार नहीं कर पाई, वो काम भगवंत मान सरकार ने महज 1 साल में कर दिखाया। पंजाब आप इकाई ने दावा किया है कि उनकी पार्टी ने पंजाब चुनाव के समय टीचर्स को पक्का करने की गारंटी को पूरा कर दिखाया।

दरअसल, विगत पंजाब विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान सीएम अरविंद केजरवाल ने कहा था कि पंजाब सरकार बनने के तुरंत बाद जितने टीचर्स आउटसोर्स या ठेके पर काम कर रहे हैं और उन्हें पक्का किया जाएगा। आप ने अपने उसी वादों पर अमल करते हुए पंजाब के स्कूलों में 10 से 15 वर्षों से पढ़ा रहे 12,710 अस्थायी अध्यापकों को रेगुलर कर दिया है। मान सरकार का यह फैसला नौकरी पक्की होने का वर्षों से इंतजार कर रहे शिक्षकों के लिए किसी बड़ें तोहफा से कम नहीं है।

हर साल वेतन में होगी 5% की बढ़ोतरी 

सरकार के इस फैसले से स्थायी नौकरी पाने वाले टीचर्स के वेतन में दो से चार गुना तक की बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा, अब हर साल इनके वेतन में 5 फीसदी की बढ़ोतरी होगी। इन्हें नियमित कर्मचारियों की तरह अब कई लाभ मिलेंगे। महिला शिक्षकों को अब मातृत्व अवकाश और अन्य छुट्टियां भी पेड होंगी। स्थायी नौकरी पाने वाले शिक्षकों को सीएम भगवंत मान ने शुक्रवार को चंडीगढ़ में एक कार्यक्रम के दौरान नियुक्ति पत्र बांटे। सीएम मान ने टीचर्स से कहा कि आप सरकार ने उनके भविष्य की सारी चिंता दूर कर दी है। अब आप लोगों को पंजाब का भविष्य संवारना है। उन्होंने शिक्षकों से अपील की है कि जहां भी उनकी ड्यूटी लगाई जाती है, वहां जाकर नौकरी ज्वाइन करें। फिलहाल, ट्रांसफर के लिए अर्जी न लगाएं।

AAP ने नौकरी रेगुलर करने का किया था वादा

बता दें कि आम आदमी पार्टी ने पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान शिक्षा विभाग के स्कूलों में आउटसोर्स और ठेके पर काम कर रहे हजारों शिक्षकों से वादा किया था कि अगर हमारी सरकार बनी तो सभी की नौकरी पक्की हो जाएगी। पंजाब के शिक्षक सालों से अपनी पक्की नौकरी के लिए संघर्ष कर रहे थे। अब जाकर उनका सपना पूरा हो गया। पंजाब की भगवंत मान सरकार वो काम कर दिखाया जो अभी तक कोई सरकार नहीं कर पाई। खास बात यह है कि मान सरकार ने अपने डेढ़ साल के कार्यकाल में ही हजारों शिक्षकों की नौकरी पक्की कर दी। सालों बाद स्थानी नौकरी मिलने पर कई महिला टीचर कार्यक्रम के दौरान भावुक हो गईं और रोने लगीं।

ज्ञानवापी में मिले खंडित प्रतिमाओं के अवशेष..', सर्वे के दौरान हिन्दू पक्ष के वकील का बड़ा दावा,

अब दूसरे तहखाने में प्रवेश करने की तैयारी, कराई जाएगी मैपिंग


ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष के वकील सुधीर त्रिपाठी ने मीडिया से बात करते हुए दावा किया कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा किए जा रहे सर्वेक्षण के दौरान विवादित परिसर में कथित तौर पर मूर्तियों के टुकड़े पाए गए हैं। उन्होंने कहा कि, ''मूर्तियां नहीं मिलीं, बल्कि खंडित मूर्तियों के अवशेष मिले हैं।'' उन्होंने कहा कि उन्हें (हिंदू पक्ष को) उम्मीद है कि सर्वेक्षण के दौरान मूर्तियां भी मिलेंगी।  

मीडिया से बात करते हुए, त्रिपाठी ने कहा कि, "मूर्तियां नहीं, बल्कि खंडित मूर्तियों के अवशेष पाए गए हैं। हमें पूरी उम्मीद है कि मूर्तियां भी बरामद होंगी। सर्वेक्षण वुजू खाना (प्रक्षालन क्षेत्र) के आसपास अधिक केंद्रित है, जहां 'शिवलिंग' पाया गया था और वह स्थान जहां वे (मुसलमान) प्रार्थना करते थे।" त्रिपाठी ने अब तक की खोजों के बारे में बात की और दावा किया कि कलश, पूजा की घंटियाँ, स्वास्तिक, ओम आदि कलाकृतियाँ मिली हैं।

हिंदू पक्ष के एक अन्य वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "ASI टीम मस्जिद परिसर के केंद्रीय गुंबद में एक सर्वेक्षण कर रही है, जहां उन्होंने इमेजिंग और मैपिंग शुरू कर दी है। ASI टीम 'तहखाना' में प्रवेश कर चुकी है '(तहखाने), जो व्यास परिवार के कब्जे में है, लेकिन दूसरे तहखाने में प्रवेश नहीं किया है।'

झारखंड के गिरिडीह से में देर रात एक यात्री बस बराकर नदी में पलटी, तीन की मौत और दस लोग घायल, राहत बचाव के जारी


झारखंड के गिरिडीह से बड़ी खबर सामने आ रही है। यहां पर शनिवार को देर रात एक यात्री बस बराकर नदी में पलट गई है। बताया जा रहा है कि बस रांची से गिरिडीह जा रही थी। इसी दौरान डुमरी रोड के पास बराकर नदी में पलट गई। देर रात मिली जानकारी के अनुसार घटना में तीन लोगों की मौत हो चुकी है। 10 से अधिक घायल बताए जा रहे हैं। फिलहाल मौके पर बचाव कार्य जारी है।

जानकारी मिलते ही स्थानीय लोगों के साथ पुलिस रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी है। बताया जा रहा है कि हादसे के वक्त बस में 25 से 30 लोग सवार थे। मिली खबर के अनुसार घटना में तीन लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि अधिकारिक तौर पर मौत की पुष्टि नहीं हुई है। खबरों की माने तो घायलों में 10 लोगों की हालत गंभीर है। सभी का इलाज स्थानीय अस्पताल में चल रहा है।

असंतुलित होकर बराकर नदी में जा गिरी बस

बताया जा रहा है कि बस रांची से गिरिडीह जा रही थी। इसी दौरान तेज रफ्तार बस रास्ते में असंतुलित होकर बराकर नदी में जा गिरी। बस के दुर्घटनाग्रस्त होते ही अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय लोगों ने तुरंत घटना की जानकारी स्थानीय थाना पुलिस को दी और बचाव कार्य में लग गए।

घटना की सूचना पाकर गिरिडीह के डीसी नमन प्रियेश लकड़ा और एसपी दीपक शर्मा भी मौके पर पहुंच गए। जानकारी के अनुसार बस पर 30 से अधिक लोग सवार थे। सभी घायल बताये जा रहे हैं। घायलों में 10 लोगों की स्थिति चिंताजनक बनी है। सूचना पर स्थानीय विधायक सुदिव्य कुमार भी मौके पर पहुंच गए। बचाव कार्य में जुटे ग्रामीणों के साथ विधायक खुद ही बचाव कार्य में जुटे। सूचना पर केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी भी मौके पर पहुंच चुकी हैं। राहत बचाव कार्य जारी है।

तीन साल पहले आज ही के दिन किया गया था अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर का शिलान्यास, 65 प्रतिशत पूरा हुआ काम, विश्वस्तरीय शहर बन रही भगवान श्रीराम की नगरी


भारतीय इतिहास में 5 अगस्त 2020 का दिन बेहद खास है क्योंकि आज ही के दिन 3 साल पहले 5 अगस्त 2020 को रामलला के मंदिर के निर्माण का शिलान्यास किया गया था। 3 वर्ष पहले जिस भव्य राम मंदिर की परिकल्पना की गई थी वो अब साकार होने वाला है। कोरोना काल के बीच इसकी शुरुआत की गई थी। तब से लेकर अयोध्या में कई परिवर्तन हो गए हैं। रामलला का भव्य मंदिर आकार लेने लगा है।

इन तीन वर्षों में राम मंदिर का तकरीबन 65 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। 161 फीट ऊंचे तीन मंजिला राममंदिर के भूतल का काम पूरा हो चुका है। रामलला का गर्भगृह बनकर तैयार है तो प्रथम तल के स्तंभों को भी लगाने का काम प्रारंभ कर दिया गया है। प्रथम तल पर रामदरबार की स्थापना होगा। वहीं जनवरी 2024 में राममंदिर भक्तों के लिए खुल जाएगा। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा मकर संक्रांति के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। बता दे कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान 15 जनवरी 2024 से आरम्भ हो जाएगा। वहीं 21 से 23 जनवरी के बीच रामलला के विग्रह का प्राण प्रतिष्ठा समारोह आयोजित किए जाने की संभावना है। इसके लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की तरफ से पीएम नरेंद्र मोदी को आमंत्रण की भेजा जा चुका है।

कहा जा रहा है कि 70 एकड़ के भीतर प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर किए जाने वाली तैयारियों के बारे में अभी विचार नहीं हुआ है। शासन स्वयं करेगा, ट्रस्ट की भागीदारी रहेगी या केवल ट्रस्ट करेगा। राममंदिर के भूमिपूजन पर 5 अगस्त के परिसर के अंदर का आर्थिक दायित्व शासन व ट्रस्ट ने आपस में मिलकर वहन किया था। 70 एकड़ परिसर के बाहर की जाने वाली सभी इंतजामों एवं सभी कार्यों का आर्थिक दायित्व स्वाभाविक रूप से श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र वहन करेगा।

एनएसए अजित डोवाल पहुंचे जेद्दाह, यूक्रेन शांति वार्ता में होंगे शामिल, बैठक पर रूस की होगी खास नजर

#nsa_ajit_doval_in_jeddah_for_saudi_arabia_hosted_peace_talks 

बीते एक साल से अधिक वक्त से रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है। युद्ध में शामिल दोनों देशों ने अब तक यही कहा है कि वो बिना शर्तों के शांति वार्ता के लिए बातचीत की मेज़ तक नहीं आएंगे। यूक्रेन का कहना है कि वो अपनी ज़मीन का कोई हिस्सा रूस को नहीं देगा। वहीं रूस का कहना है कि यूक्रेन को "नई ज़मीनी सच्चाई" को स्वीकार करना होगा। अब इस जंग को खत्म करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 30 देश एक साथ आए हैं। सऊदी अरब शनिवार और रविवार को जेद्दा में शिखर सम्मेलन आयोजित कर रहा है, जिसमें शामिल होने के लिए भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल पहुंच गए हैं।

रियाद में स्थित भारतीय दूतावास ने ट्वीट कर कहा, एनएसए अजित डोवाल यूक्रेन पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए जेद्दाह पहुंचे। जेद्दाह हवाईअड्डे पर राजदूत डॉ. सुहेल खान और महावाणिज्य दूत मोहम्मद शाहिद आलम ने उनका स्वागत किया। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की इस वार्ता का आयोजन यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की की पहल पर किया गया है।

जेद्दा शिखर सम्मेलन के लिए 30 देशों को न्योता दिया गया है। इनमें चिली, मिस्र, यूरोपीय संघ, इंडोनेशिया, मैक्सिको, पोलैंड, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और जाम्बिया आदि देश शामिल हैं। जेलेंस्की के चीफ ऑफ स्टाफ एंड्री यरमक ने कहा कि कई देशों के अधिकारी सऊदी अरब शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इस दौरान जंग को रोकने के लिए शांति फॉर्मूला पर चर्चा होगी, जिसमें 10 बिंदु शामिल हैं।

एक अमेरिकी अखबार ने 29 जुलाई को पहली बार चर्चा में शामिल राजनयिकों का हवाला देते हुए शिखर सम्मेलन की रिपोर्ट दी और कहा कि वार्ता पांच और छह अगस्त को जेद्दाह शहर में होगी, जिसमें लगभग 30 देश भाग लेंगे। अखबार ने यह भी कहा कि यूक्रेन और पश्चिमी देशों के अधिकारियों को उम्मीद है कि संघर्ष को खत्म करने का प्रयास इस साल के अंत में एक शांति शिखर सम्मेलन के रूप में समाप्त हो सकते हैं, जहां वैश्विक नेता युद्ध को हल करने के लिए साझा सिद्धांतों पर हस्ताक्षर करेंगे।

बता दें कि 24 फरवरी 2022 को रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण किया था। इस आक्रमण में दोनों पक्षों के हजारों लोग मारे गए हैं।

तोशखाना मामले में इमरान खान को 3 साल की जेल, 5 साल नहीं लड़ सकेंगे चुनाव, लाहौर से हुए गिरफ्तार

#imran_khan_arrest_in_toshakhana_case

पाकिस्तान की एक अदालत ने शनिवारको तोशाखाना मामले में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को 3 साल जेल की सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री पर एक लाख का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने कहा कि इमरान खान ने जानबूझकर फर्जी जानकारी दी है। इमरान खान इसी के साथ अगले 5 साल के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य हो गए हैं। सजा के एलान के बाद इस्लामाबाद पुलिस ने इमरान को लाहौर से गिरफ्तार कर लिया।

पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, इस्लामाबाद की ट्रायल कोर्ट ने शनिवार को तोशाखाना मामले में पीटीआई अध्यक्ष इमरान खान को दोषी पाया। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए उन्हें तीन साल जेल की सजा सुनाई। कोर्ट ने पीटीआई प्रमुख पर 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।आज सुनवाई के दौरान अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीएसजे) हुमायूं दिलावर ने फैसला सुनाया कि मामले में पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ आरोप साबित हुए हैं। उन्होंने कहा कि इमरान खान ने जानबूझकर पाकिस्तान चुनाव आयोग को फर्जी विवरण प्रस्तुत किया और उन्हें भ्रष्ट आचरण का दोषी पाया गया है। उन्होंने चुनाव अधिनियम की धारा 174 के तहत पीटीआई प्रमुख को तीन साल के लिए जेल की सजा सुनाई। एडीएसजे दिलावर ने यह भी निर्देश दिया कि अदालत के आदेशों के कार्यान्वयन के लिए आदेश की एक प्रति इस्लामाबाद पुलिस प्रमुख को भेजी जानी चाहिए।

इससे पहले, पाकिस्तान उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को भ्रष्टाचार के एक मामले में सुनवाई के खिलाफ दायर इमरान खान की याचिका खारिज कर दी। इसमें पूर्व प्रधानमंत्री पर राज्य भंडार से अपने पास रखे उपहारों का विवरण छिपाने का आरोप है। इमरान पर 2018 से 2022 के बीच प्रधानमंत्री पद का दुरुपयोग करते हुए विदेश यात्रा के दौरान मिले राजकीय तोहफों को बेचने का आरोप है जिनकी कुल कीमत 6.35 लाख अमेरिकी डॉलर से अधिक है।

इमरान खान की गिरफ्तारी पर उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए इंसाफ का बयान भी आ गया है और उन्होंने इसे पाकिस्तान के लिए काला दिन बताया है। पीटीआई ने इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है। बताया जा रहा है कि इमरान खान को बेल तो मिल सकती है लेकिन सजा बरकरार रहने की वजह से वो चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। कोर्ट से तीन साल की सजा मिलने पर इमरान खान पर सियासी संकट भी मंडरा गया है। इमरान खान अब 5 साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। उनपर कोर्ट ने 1 लाख का जुर्माना भी लगाया है।

दरअसल, पाकिस्तान के कानून के अनुसार किसी विदेशी राज्य के गणमान्य व्यक्तियों से प्राप्त कोई भी उपहार स्टेट डिपॉजिटरी यानी तोशाखाना में रखना होता है। अगर राज्य का मुखिया उपहार को अपने पास रखना चाहता है तो उसके लिए उसे इसके मूल्य के बराबर राशि का भुगतान करना होगा। यह एक नीलामी की प्रक्रिया के जरिए तय किया जाता है। ये उपहार या तो तोशाखाना में जमा रहते हैं या नीलाम किए जा सकते हैं और इसके माध्यम से अर्जित धन को राष्ट्रीय खजाने में जमा किया जाता है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के प्रमुख खान पर प्रधानमंत्री रहते हुए स्टेट डिपॉजिटरी यानी तोशाखाना से रियायती मूल्य पर प्राप्त एक महंगी ग्राफ कलाई घड़ी सहित अन्य उपहार खरीदने और लाभ के लिए उन्हें बेचने का आरोप है। इमरान खान को आधिकारिक यात्राओं के दौरान करीब 14 करोड़ रुपये के 58 उपहार मिले थे। इन महंगे उपहारों को तोशाखाना में जमा किया गया था। बाद में इमरान खान ने इन्हें तोशाखाना से सस्ते दाम पर खरीद लिया और फिर महंगे दाम पर बाजार में बेच दिया। इस पूरी प्रक्रिया के लिए उन्होंने सरकारी कानून में बदलाव भी किए।

जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के 4 साल पूरे, महबूबा समेत कई नेताओं के नजरबंद किए जाने का दावा

#many_leaders_including_mehbooba_mufti_under_house_arrest 

जम्मू कश्मीर में आज ही के दिन चार साल पहले धारा 370 को संसद ने हटा दिया था और जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करते हुए लद्दाख को उसके प्रशासन से अलग कर दिया था। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के 4 साल पूरे होने पर कड़ी सुरक्षा और हलचल के बीच कई बड़े नेताओं को नजरबंद कर दिया गया है। जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी की चीफ महबूबा मुफ्ती ने खुद ट्वीट कर ये कहा कि मुझे आज अन्य वरिष्ठ पीडीपी नेताओं के साथ नजरबंद कर दिया गया है।

शुक्रवार को मुफ्ती ने दावा किया कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने की चौथी वर्षगांठ से पहले उनकी पार्टी के नेताओं को हिरासत में लिया जा रहा है। महबूबा ने वीडियो पोस्ट करते हुए एक ट्वीट में कहा कि 5 अगस्त की पूर्व संध्या पर जम्मू कश्मीर पुलिस पीडीपी नेताओं को हिरासत में क्यों ले रही है? इस वीडियो में आरिफ लैगरू को पुलिस द्वारा ले जाया गया है।

महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट में लिखा कि एक तरफ, पूरे श्रीनगर में कश्मीरियों से अनुच्छेद 370 के अवैध निरस्तीकरण का जश्न मनाने का आह्वान करने वाले विशाल होर्डिंग्स लगाए गए हैं। जबकि लोगों की वास्तविक भावना का गला घोंटने के लिए क्रूर बल का प्रयोग किया जा रहा है। आशा है कि माननीय उच्चतम न्यायालय ऐसे समय में इन घटनाक्रमों पर संज्ञान लेगा जब अनुच्छेद 370 पर सुनवाई हो रही है।

महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट करके कहा कि मुझे और अन्य वरिष्ठ पीडीपी नेताओं को घर में ही नजरबंद किया गया है। उन्होंने कहा कि आधी रात को अचानक पुलिस ने पीडीपी पार्टी कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर थाने में बिठा रखा है। उन्होंने कहा पुलिस की यह हरकत सुप्रीम कोर्ट में सरकार के उस दावे को खारिज करती है जिसमें उन्होंने कश्मीर में शांति स्थापित होने की बात कही थी।

बताया जा रहा है कि मुफ्ती की जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने आज सेमिनार आयोजित करने की इजाजत मांगी थी लेकिन प्रशासन ने इजाजत देने से इनकार कर दिया। पीडीपी के एक प्रवक्ता ने कहा कि हमारे प्रतिनिधि को 4 अगस्त 2023 को शाम 5 बजे के आसपास बताया गया कि मांगी गई अनुमति बिना कोई कारण बताए अस्वीकार कर दी गई है।उन्होंने कहा कि पीडीपी को अनुमति देने से इनकार कर दिया गया था, लेकिन भाजपा की ओऱ से जवाहर नगर पार्क में एक कार्यक्रम आयोजित करने और बाद में दोनों अनुच्छेदों के निरस्त होने का जश्न मनाने के लिए नेहरू पार्क से एसकेआईसीसी तक एक रैली आयोजित करने के अनुरोध को अनुमति दे दी गई है।

बता दें कि केंद्र सरकार ने 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को रद्द कर दिया था। इसके जरिए जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा मिला था। अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू, कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश में बांट दिया गया था।

हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व, यहां पढ़िए, अधिक मास की अमावस्या को क्या करें और क्या न करें, कब है शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, हर मास में पूर्णिमा और अमावस्या तिथि पड़ती है। लेकिन अधिक मास में पड़ने वाली अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है, क्योंकि यह अमावस्या तीन साल के बाद आती है। दरअसल, अधिक मास तीन साल के बाद आता है। इसे मलमाल और पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। मंगलवार के दिन पड़ने के कारण इसे दर्श अमावस्या कहा जाएगा। अधिक मास की अमावस्या तिथि को स्नान-दान करने के साथ पितरों का तर्पण करने का विशेष महत्व है। इसके साथ ही भगवान विष्णु, शिव जी और मां पार्वती की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और राहु-केतु के दोषों से छुटकारा मिलता है। जानिए अधिक अमावस्या की तिथि, मुहूर्त और महत्व।

अधिक मास अमावस्या 2023 तिथि 

अधिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि प्रारंभ: 15 अगस्त, मंगलवार को दोपहर 12 बजकर 42 मिनट से

अधिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि समाप्त: 16 अगस्त, बुधवार को दोपहर 3 बजकर 7 मिनट तक

अधिक मास अमावस्या तिथि- उदया तिथि के अनुसार,अधिक मास की अमावस्या 16 अगस् 2023 को होगी।

अधिक मास अमावस्या 2023 पूजा मुहूर्त 

स्नान दान का मुहूर्त: सुबह 5 बजकर 51 मिनट से सुबह 9 बजकर 8 मिनट

पूजा का शुभ मुहूर्त: सुबह 10 बजकर 47 मिनट से दोपहर 12 बजकर 25 मिनट

पितृ तर्पण का सही समय: सुबह 11 बजकर 30 मिनट से दोपहर 2 बजकर 30 मिनट

शिववास का समय: सुबह 4 बजकर 24 मिनट से लेकर दोपहर 3 बजकर 7 मिनट

पितृ दोष के मुक्ति के उपाय करने का मुहूर्त – सुबह 11 बजकर 30 मिनट से दोपहर 2 बजकर 30 मिनट के बीच

अधिक मास अमावस्या 2023 महत्व 

हिंदू धर्म में मलमास अमावस्या का विशेष महत्व है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही अपनी जरूरत के अनुसार अनाज, वस्त्र आदि का दान करने से पुण्य मिलता है। इसके अलावा पीपल के पेड़ में जल अर्पित करने से पितर और देवी-देवता प्रसन्न होते हैं।

अधिक मास की अमावस्या तिथि के दिन पितरों का तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध करना काफी फलदायी माना जाता है। इस दिन कुछ खास ज्योतिषीय उपाय करके व्यक्ति पितृ दोष से छुटकारा पा सकता है।

पुर्नेश मोदी के वकील महेश जेठमलानी ने कहा, मोदी सरनेम मानहानि मामले में सुप्रीम कोर्ट से स्टे मिला है, राहुल गांधी अब भी कन्विक्ट, मजिस्ट्रेट को

मोदी सरनेम मानहानि मामले में राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से स्टे मिल गया। इस पूर्णेश मोदी के वकील महेश जेठमलानी का भी बयान आया है। जेठमलानी ने कहा कि शीर्ष कोर्ट ने केवल कन्विक्शन पर रोक लगाई है। कोर्ट ने यह कहा है कि सेशंस कोर्ट ने अधिकतम सजा देने के पीछे पर्याप्त वजह नहीं बताई है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस स्टे के चलते भले ही राहुल गांधी का कन्विक्शन रुक जाए, लेकिन कानून की नजरों में वह अभी भी कन्विक्ट हैं। जेठमलानी ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट से मिले इस स्टे की बदौलत वह संसद में लौट सकते हैं। लेकिन मजिस्ट्रेट कोर्ट द्वारा दिया गया फैसला और सजा दोनों सही है। 

सजा तो मिलकर रहेगी

राहुल गांधी की अयोग्यता मामले में आगे कानूनी प्रक्रिया कैसे चलेगी महेश जेठमलानी ने इस पर भी रोशनी डाली। महेश जेठमलानी ने कहा कि यह बहुत छोटी बात है। चूंकि सेशंस कोर्ट में सजा की वजह नहीं बताई गई थी, इसलिए उन्हें राहत मिल गई। उन्होंने कहा कि अब फिर से सेशंस कोर्ट में अपील की जाएगी। जब उनसे पूछा गया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राहुल गांधी ने इसे सच की जीत बताया है। इस पर पर महेश जेठमलानी ने कहा कि मुझे नहीं पता कि राहुल गांधी के लिए सच और झूठ के मायने क्या हैं। उन्होंने कहा कि जब केस चलेगा तो राहुल गांधी दोषी माने जाएंगे। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि मामले में उन्हें सजा कितनी मिलेगी, सेशंस कोर्ट दो साल की सजा देगी, कम सजा देगी या जुर्माना लगाएगी, यह मैं नहीं कह सकता। उन्होंने कहा लेकिन चूंकि सुबूत इतना मजबूत है कि राहुल गांधी कन्विक्शन से बच नहीं पाएंगे।

यह है मामला

गौरतलब है कि पूर्णेश मोदी ने 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी सभा में मोदी उपनाम के संबंध में की गई कथित विवादित टिप्पणी को लेकर राहुल के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था।

 राहुल ने सभा में टिप्पणी की थी कि सभी चोरों का एक ही उपनाम मोदी कैसे हो सकता है? कांग्रेस नेता को 24 मार्च को संसद सदस्य के रूप में तब अयोग्य घोषित कर दिया गया था जब गुजरात की एक अदालत ने उन्हें मोदी उपनाम के बारे में की गई टिप्पणियों के लिए दोषी ठहराया था और आपराधिक मानहानि के लिए दो साल की कैद की सजा सुनाई थी।

वहीं, हाई कोर्ट ने दोषसिद्धि पर रोक लगाने की गांधी की याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि राजनीति में शुचिता समय की मांग है। सूरत की एक मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने 23 मार्च को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष को भादंसं की धारा 499 और 500 (आपराधिक मानहानि) के तहत दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी। फैसले के बाद, गांधी को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत एक सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था।

फिल्म जगत को एक और बड़ा झटका, नितिन देसाई के बाद अब इस मशहूर एक्टर की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत

मनोरंजन जगत से एक दुखद खबर सामने आई है। 70 और 80 के दशक में सुपरस्टार कमल हासन की कई फिल्मों में सपोर्टिंग रोल निभाने वाले, मशहूर तमिल एक्टर मोहन का निधन हो गया है। अभिनेता का निधन रहस्मयी परिस्थितियों में हुआ है। मोहन मदुरै की सड़कों पर मृत पाए गए हैं। मोहन 60 साल के थे। उनकी मौत बेहद खराब हालातों में हुई है। 

कहा जा रहा है कि मोहन का शव मदुरै के तिरुपरंगुंद्रम की सड़कों पर पड़ा मिला है। ये भी बताया जा रहा है कि अभिनेता की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी। वो कुछ समय से पैसों की तंगी से जूझ रहे थे और गुजारा करने के लिए वहां भीख मांगते थे। 

प्राप्त खबर के अनुसार, स्थानीय लोगों ने 31 जुलाई को मोहन को सड़क पर मृत पड़ा देखा और फिर इसकी खबर पुलिस को दी। रिपोर्ट्स के अनुसार, उनकी हालत इतनी खराब थी कि उन्हें पहचान पाना भी मुश्किल था। प्राप्त एक रिपोर्ट के अनुसार, शव को बाद में पोस्टमॉर्टम के लिए मदुरै के सरकारी चिकित्सालय भेज दिया गया था। फिर उनके परिवार वालों को उनकी मौत की खबर दी गई। फिलहाल, पुलिस को किसी भी तरह की गड़बड़ी का पता नहीं चला है तथा बताया जा रहा है कि मोहन की मौत खराब स्वास्थ्य की वजह से हुई है।

अभिनेता की मौत से उनके परिवार को गहरा सदमा लगा है। प्रशंसक और सेलेब्स भी एक्टर की मौत से सदमे में हैं और उन्हें नम आंखों से याद कर रहे हैं। मोहन तमिल फिल्मों के पॉपुलर एक्टर्स में शुमार किए जाते थे। उन्हें अक्सर सपोर्टिंग रोल्स में कास्ट किया जाता था। वो तमिल फिल्मों में अपनी शॉर्ट अपीयरेंस के लिए जाने जाते थे। कमल हासन की फिल्म 'अपूर्व सगोथारार्गल' में काम करके उन्हें फेम मिला था।