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*जब संसद में बोलीं मीनाक्षी लेखी-'एक मिनट शांत रहो, कहीं तुम्हारे घर ईडी ना आ जाए, भड़का विपक्ष*

#whenbjpmpmeenakshilekhi_threatened

दिल्ली सेवा विधेयक लोकसभा में पास हो चुका है। बिल पर चर्चा के दौरान अमित शाह ने विपक्ष पर हमला बोला तो विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया।हंगामे के बीच में केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कुछ कैसा कह दिया कि विपक्षी सांसद भड़क गए। बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी विपक्षी सांसदों के विरोध पर उन्हें बोले गईं शांत बैठो वरना तुम्हारे घर भी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम आ जाएगी।

बीजेपी सांसद मीनाक्षी दिल्ली बिल के सपोर्ट में बोल रही थी। लोकसभा में वह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर अटैक कर रही थीं। उन्होंने कहा कि इस बिल के विरोध में असली कहानी शीशमहल की कहानी है। असली कहानी विजिलेंस और नॉन विजिलेंस मैटर की कहानी है। कांग्रेस का नाम लिए बगैर मीनाक्षी ने कहा कि जब ये लोग मोरालिटी (नैतिकता) की बात करते हैं तो मैं याद दिलाना चाहती हूं कि 90 बार 356 का इस्तेमाल कर जिन लोगों चुनी हुई राज्य सरकारों को डिशमिश (बर्खास्त) किया, वे संवैधानिक नैतिकता की बात ना करें तो बेहतर है। मीनाक्षी लेखी के इस बयान पर विपक्ष खेमे में बैठे कांग्रेस के सांसद विरोध जताने लगे। इसपर मीनाक्षी लेखी ने कहा- 'एक मिनट शांत रहो, कहीं तुम्हारे घर ना ईडी आ जाए।' इतना कहकर मीनाक्षी लेखी मुस्कुराने लगीं।

एनसीपी ने कहा-आरोपों सही साबित कर दिया

सदन में लेखी की टिप्पणी पर विपक्ष ने नाराजगी जताई।नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रवक्ता क्लाइड क्रास्टो ने कहा कि उनके इस इशारे ने विपक्षी नेताओं के उन आरोपों सही साबित कर दिया कि सरकार केंद्रीय एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर रही है। 

कांग्रेस ने पूछा- ये धमकी थी या चेतावनी?

इंडियन यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने भी सवाल उठाते हुए कहा कि क्या लेखी का ये बयान चेतावनी या धमकी था। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, 'ये धमकी थी या चेतावनी?

टीएमसी बोली- 'खुलेआम धमकी'

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के प्रवक्ता साकेत गोखले ने संसद में लेखी की ईडी की टिप्पणी को 'चौंकाने वाला' बतायाI उन्होंने कहा कि मंत्री अब विपक्षी नेताओं के खिलाफ ईडी का इस्तेमाल करने की 'खुलेआम धमकी' दे रहे हैं।

मणिपुर में फिर क्यों भड़क गई हिंसाःभीड़ का सुरक्षा चौकियों पर हमला, लूटे गए हथियार और गोला-बारूद

#manipur_violence

मई महीने की शुरूआत से हिंसा की चपेट में मणिपुर में हालात सुधरते नहीं दिख रहे हैं। पिछले 3 महीने रुक-रुककर कई घटनाएं हो रही हैं। हिंसा की वजह से अब तक 160 से भी ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। हजारों लोग घायल हैं। तमाम लोग अपने घर छोड़कर शिविरों में शरण लेने को मजबूर हैं। इस बीच मणिपुर में एक बार फिर माहौल तनावपूर्ण हो गया। गुरुवार को चुराचांदपुर में 35 लोगों के शव को सामूहिक रूप से दफनाने की कोशिश के बीच हिंसा भड़क गई। चुराचांदपुर और विष्णुपुर के बॉर्डर पर बीते दिन सुरक्षाबलों और लोगों के बीच हिंसा हुई, इस दौरान पत्थरबाजी हुई और आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए।

मणिपुर की जातीय हिंसा में मारे गए कुकी-जोमी लोगों को सामूहिक रूप से दफनाने की योजना थी।कुकी-जोमी संगठन ने बृहस्पतिवार को राज्य में जातीय दंगों में मारे गए 35 लोगों को चुराचांदपुर जिले के हाओलाई खोपी गांव में एक स्थल पर दफनाने की योजना बनाई थी।पुलिस की ओर से ऐसा ना करने की अपील की गई थी। जिसके परिणामस्वरूप मणिपुर के कई जिलों में तनाव पैदा हो गया।गुरुवार सुबह से लोगों का इस मैदान में जाने का सिलसिला शुरू हुआ और हालात बिगड़ना भी शुरू हो गए।

फोर्स ने लोगों को इस इलाके की ओर आने से रोका था, जिसके बाद भीड़ ने बड़ी संख्या में विरोध किया और पत्थरबाजी की। बाद में सुरक्षाबलों ने हवाई फायरिंग की और आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए।पुलिस ने गुरुवार को एक बयान जारी करते हुए राज्य में स्थिति को तनावपूर्ण बताया है। राज्य में पिछले 24 घंटों में गोलीबारी और अनियंत्रित भीड़ की छिटपुट घटनाएं सामने आई हैं। बयान में कहा गया है कि राज्य के कौट्रुक, हारोथेल और सेनजम चिरांग इलाकों में क्रॉस-फायरिंग की घटनाओं के दौरान एक सुरक्षाकर्मी की मौत हो गई, जबकि एक अन्य व्यक्ति गोली लगने से घायल हो गया।

मणिपुर पुलिस के अनुसार भीड़ ने कई इलाकों में पुलिस स्टेशनों पर भी हमला किया और हथियार और गोला-बारूद छीन लिए। पुरुषों और महिलाओं दोनों की भीड़ ने बिष्णुपुर जिले में मणिपुर सशस्त्र पुलिस की दूसरी बटालियन के कीरेनफाबी पुलिस चौकी और थंगलवई पुलिस चौकी में तोड़फोड़ की और हथियार लूट लिए। भीड़ ने हेनगांग और सिंगजामेई पुलिस स्टेशनों से भी हथियार और गोला-बारूद जब्त करने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षा बलों ने उनके हमले को विफल कर दिया। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि सशस्त्र हमलावरों और सुरक्षा बलों के बीच कौतरुक, हरोथेल और सेंजम चिरांग इलाकों में गोलीबारी हुई। दोनों ओर से हुई गोलीबारी में एक सुरक्षाकर्मी सहित दो लोग घायल हो गए।

इंफाल पश्चिम के सेनजम चिरांग में स्नाइपर के सिर में गोली लगने से मणिपुर पुलिस के एक जवान की मौत हो गई। पास की पहाड़ी शृंखलाओं से कौत्रुक और सेंजाम चिरांग में संदिग्ध आतंकवादियों की आरे से की गई गोलीबारी में एक गांव का स्वयंसेवक भी घायल हो गया। बिष्णुपुर और चुराचांदपुर जिलों के बीच सीमा पर स्थित फुगाकचाओ इखाई में 500-600 लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई। सुरक्षा बलों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और इस दौरान करीब 25 लोगों को मामूली चोटें आईं।

रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की टीम में बड़ा बदलाव, इंग्लैंड के पूर्व कोच एंडी फ्लावर को बनाया गया नया हेड कोच

#andy_flower_appointed_head_coach_of_royal_challengers_bangalore

रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर इंडियन प्रीमियर लीग खेलने वाली एक ऐसी टीम हैं, जिसके पास दिग्गजों की कमी नहीं है। बावजूद ये टीम अभी तक आईपीएल जीतने में नाकाम रही है। अनिल कुंबले, राहुल द्रविड़, डेनियल विटोरी, क्रिस गेल, एबी डिविलियर्स एक से बढ़कर एक दिग्गज खिलाड़ी ने इस टीम के लिए अपना योगदान दिया। सबसे बड़े खिलाड़ी तो बने विराट कोहली जो साल 2008 से लगातार इसका हिस्सा हैं वह भी टीम को टाइटल नहीं जिता पाए। हालांकि एक बार फिर रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने अगले सीजन के लिए तैयारी शुरू कर दी है। इसी क्रम में आरसीबी ने टीम डायरेक्टर माइक हेसन और हेड कोच रहे संजय बांगार के कार्यकाल को न बढ़ाने का फैसला किया है और इन दोनों “टाटा-बाय-बाय” कह दिया है। इसके साथ ही जिम्बाब्वे के पूर्व क्रिकेट और इंग्लैंड के पूर्व कोच एंडी फ्लावर को टीम का नया हेड कोच नियुक्त किया है।

टीम पिछले 16 सीजन में एक बार भी ट्रॉफी नहीं जीत पाई है। पिछले सीजन तो टीम प्लेऑफ के लिए भी नहीं क्वालिफाई कर पाई थी। इसका ठीकरा हेड कोच संजय बांगर और टीम डायरेक्टर माइक हेसन पर फूटा है। आरसीबी फ्रेंचाइजी ने हेसन और बांगर को बर्खास्त कर दिया है। आरसीबी ने संजय बांगर की जगह एंडी फ्लावर को हेड कोच बनाया है।आरसीबी ने ट्विटर के जरिए जानकारी दी है। टीम ने ट्वीट कर बताया कि आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप विनिंग कोच एंडी फ्लावर को टीम का हेड कोच बनाया गया है। वे आईसीसी हॉल ऑफ फेम भी रह चुके हैं। आरसीबी ने फ्लावर की तस्वीरें भी ट्वीट की हैं।

बता दें कि एंडी फ्लावर का अब तक का कोचिंग करियर बेहतरीन रहा है।जिम्बाब्वे के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी एंडी फ्लावर आरसीबी से पहले आईपीएल में लखनऊ सुपर जायंट्स के साथ जुड़े थे। वे लखनऊ के हेड कोच थे। फ्लावर ने इस टीम को बनाने में अहम रोल निभाया था। फ्लावर के रहते लखनऊ ने लगातार दोनों साल-2022 और 2023 में प्लेऑफ में जगह बनाई थी। लखनऊ से पहले फ्लावर पंजाब किंग्स के साथ भी काम कर चुके हैं। फ्लॉवर का हाल ही में लखनऊ सुपर जायंट्स के साथ 2 साल का कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो गया था जिसे फ्रेंचाइजी द्वारा बढ़ाया नहीं गया और उनकी जगह ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज जस्टिन लैंगर को कोच नियुक्त कर दिया गया।

इंग्लैंड वो टीम है जिसने दो टी20 वर्ल्ड कप जीते हैं। इस टीम ने अपना पहला टी20 वर्ल्ड कप 2010 में पॉल कॉलिंगवुड की कप्तानी में जीता था और उस समय फ्लावर टीम के हेड कोच थे. ये इंग्लैंड की किसी भी फॉर्मेंट में पहली वर्ल्ड कप जीत थी। जब वह इंग्लैंड टीम से विदा हुए थे तब उन्होंने कहा था कि 2010 में टीम के साथ मिली टी20 वर्ल्ड कप जीत इंग्लैंड टीम के साथ बिताए गए सबसे अच्छे पलों में से एक है। उनके कोच रहते ही इंग्लैंड ने 2010-11 में ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में एशेज सीरीज में 3-1 से हराया था और भारत को भी भारत में टेस्ट सीरीज हराई थी।

उत्तराखंड के गौरीकुंड में भारी बारिश से भूस्खलन, करीब 13 लोगों के लापता होने की खबर, रेस्क्यू जारी

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उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में गुरुवार देर रात से हो रही भारी बारिश से कहर बरपा है। गौरीकुंड में लैंडस्लाइड करीब 13 लोगों के लापता होने की खबर है। पहाड़ी से लगातार बोल्डर गिरने के चलते रेस्क्यू टीम को पेरशानी हो रही है। रुद्रप्रयाग पुलिस, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ सहित कई टीमें रेस्क्यू में जुटी हुई हैं, लेकिन अभी तक लापता लोगों की जानकारी नहीं मिल पाई है।

बता दें कि रुद्रप्रयाग के गौरीकुंड में गुरुवार शाम से बारिश हो रही थी. देर रात बारिश और तेज हो गई। बारिश तेज होने से पहाड़ी पर लैंडस्लाइड हो गया, जिससे दो दुकानें क्षतिग्रस्त हो गईं। वहीं दुकानों में काम करने वाले करीब 13 लोग मलबे में दब गए। लैंडस्लाइड की जानकारी होने पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।

एसडीआरएफ सहित जिला प्रशासन की टीम मौके पर रेस्क्यू के लिए पहुंची थी, लेकिन रात को रेस्क्यू करने में आ रही दिक्कतों के कारण अभियान को रोकना पड़ा। इसके बाद सुबह फिर रेस्क्यू शुरू किया गया, लेकिन लगातार बारिश चुनौती बनी हुई है। 

आपदा प्रबंधन टीम ने एक लिस्ट जारी की है, जिसमें 13 लोगों के नाम हैं। हालांकि अभी तक ये पता नहीं चल पा रहा है कि ये लोग लापता हैं या नदी में बह गए हैं या मलबे में दबे हुए हैं। अभी आपदा प्रबंधन की टीम ने इसकी पुष्टी नहीं की है, लेकिन सूची जारी की है।

नूंह हिंसा में सरकार का बड़ा एक्शन, एसपी का तबादला, 10 से 12 बजे तक कर्फ्यू में ढील

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हरियाणा के नूंह में इस सोमवार हुई हिंसा के बाद हालात अभी तक पूरी तरह से पटरी पर नहीं लौटे हैं। इस बीच हरियाणा सरकार ने बड़ा फैसला लिया है और नूंह के एसपी का ट्रांसफर कर दिया गया है। नूंह के एसपी वरुण सिंगला को अब भिवानी भेज दिया गया है, जबकि भिवानी एसपी नरेंद्र बिजारनिया को नूंह की जिम्मेदारी सौंपी गई है। 

वहीं, तनाव के बीच आज कर्फ्यू में 3 घंटे की ढील दी जाएगी, जिसमें लोग चाहें तो सुबह 10:00 से दोपहर 1:00 बजे तक घर से बाहर जाकर जरूरी सामान खरीद सकते हैं।नूंह, पलवल, फरीदाबाद ,पटौदी मानेसर, सुहाना में 5 अगस्त तक इंटरनेट बंद रहेगा। कल 4 घंटे इंटरनेट भी चालू किया गया था ताकि सीईटी के एग्जाम प्रवेश पत्र को छात्र डाउनलोड किया जा सके।

घर से अदा की जाएगी जुमे की नमाज

सांप्रदायिक माहौल सुधारने के लिए मुस्लिम समुदाय ने शुक्रवार को गुरुग्राम में जुमे की नमाज घर से अदा करने का एलान किया। जमीयत उलमा के अध्यक्ष मुफ्ती सलीम कासमी ने वीडियो संदेश से लोगों से सार्वजनिक स्थानों पर नमाज के लिए इकट्ठा होने से परहेज करने को कहा। वहीं, नूंह में उलमाओं ने आश्वासन दिया कि सार्वजनिक स्थल पर नमाज नहीं अदा की जाएगी।

पुलिस प्रशासन की पैनी नजर

जुमे की नमाज में लोग इकट्ठा न हो और किसी अप्रिय घटना को अंजाम न दें इसको लेकर पुलिस प्रशासन की पैनी नजर है। इसी को लेकर उपायुक्त प्रशांत पंवार ने उलेमाओं की बैठक ली और उनसे आग्रह किया वे शुक्रवार को जुमे की नमाज अपने घरों में ही अदा करें और अपने आस-पास के लोगों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करें।

हिंसा की आंच पड़ोसी राज्यों तक पहुंची

नूंह में हुई हिंसा धीरे-धीरे पड़ोसी राज्यों तक पहुंच गई। गुरुग्राम और राजस्थान के कई इलाकों में भी हिंसा की खबर सामने आई हैं। हिंसा के कारण गुरुग्राम में भी एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। वहीं, हिंसक भीड़ ने कई दुकानों और गाड़ियों में तोड़फोड़ की और आग भी लगाई थी। हालांकि, पुलिस के अनुसार कई क्षेत्रों में स्थिति पर काबू पा लिया गया है।

अब तक 176 लोगों की गिरफ्तार

नूंह हिंसा में अब तक कुल 6 लोगों की मौत हो चुकी है। हिंसा के संबंध में पुलिस ने कुल 93 एफआईआर दर्ज की हैं, जिसमें में नूंह से 46, फरीदाबाद जिला में 3, गुरुग्राम जिला में 23, रेवाड़ी जिला में 3 और पलवल जिला में 18 एफआईआर दर्ज की गई हैं। वहीं, 176 लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी हैपुलिस का कहना है कि नूंह में हालात तेजी से सामान्य की तरफ बढ़ रहे हैं, फिलहाल शनिवार तक इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है, समीक्षा करके आगे की रणनीति तय की जाएगी।

दिल्ली सेवा बिल लोकसभा में पास, विपक्ष का सदन से वॉकआउट, आप सांसद सुशील कुमार रिंकू पूरे सत्र के लिए निलंबित

#delhiordinancebillpassedinloksabha

दिल्ली अध्यादेश से जुड़ा ‘राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक, 2023’ लोकसभा से पास हो गया।साथ ही आम आदमी पार्टी के सांसद सुशील कुमार रिंकू को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है।दिल्ली अध्यादेश बिल के पारित होने के बाद विपक्ष ने संसद से वॉकआउट किया जिसके बाद संसद कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।अब इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा।

लोकसभा में बिल पर चर्चा का जवाब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिया।इस दौरान कांग्रेस, टीएमसी और डीएमके सहित अन्य विपक्षी दलों ने बिल का कड़ा विरोध किया।संसद में हो रहे हंगामे के बीच आप सांसद रिंकू सिंह ने कागज फाड़कर चेयर की तरफ फेंका था। संसदीय कार्यमंत्री ने इस बाबत कहा कि सुशील कुमार रिंकू को निलंबित कर देना चाहिए क्योंकि उन्होंने चेयर का अपमान किया है। इसके बाद सभापति ने सुशील कुमार सिंह रिंकू को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया।

शाह ने नेहरू-पटेल और अंबेडकर का किया जिक्र

वहीं, अमित शाह ने विधेयक के पक्ष में तर्क देते हुए सदन में कहा, अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश को संदर्भित करता है जिसमें कहा गया है कि दिल्ली को लेकर किसी भी मुद्दे पर सरकार को कानून बनाने का अधिकार है। उन्होंने बताया कि संविधान में भी हमें ये अधिकार दिया गया। अमित शाह ने आगे कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, राजाजी, राजेंद्र प्रसाद और डॉ. बी.आर. अंबेडकर भी दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने के विरोध में थे। 

नियम पढ़ लिए होते आज यह नहीं कहते- शाह

अमित शाह ने चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि मैंने पहले दिन से कहा कि मणिपुर पर जितनी चर्चा करनी है कर लो। मैं दूंगा जवाब। उनको एक ही दिक्कत है जनता के मन में भ्रांति पैदा कर दो। जनता है सब जानती है। सदन जनता को गुमराह करने की जगह नहीं। सभी लोग राज्य के अधिकार, राज्य के अधिकार कह रहे हैं लेकिन दिल्ली तो राज्य है ही नहीं। राज्य और केंद्र शासित प्रदेश दोनों अलग-अलग है। चुनाव लड़ने से पहले नियम पढ़ लिए होते तो आज नहीं कहते कि अधिकार नहीं है। हम नहीं इसको बनाए हैं।

विपक्ष के लिए देश नहीं गठबंधन जरूरी-शाह

शाह ने आगे कहा कि मणिपुर मुद्दे पर विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग करता रहा। सदन में हंगामा होता रहा, लेकिन आज इस बिल के लिए आप सब यहां आ गए। इसी बिल के लिए क्यों आए? बाकी बिल के लिए क्यों नहीं। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए है क्योंकि आपके लिए देश नहीं गठबंधन जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि इस बिल के पास होने के बाद अरविंद केजरीवाल आपको टाटा-बाय बाय कर देंगे। विपक्षी दलों पर तंज कसते हुए अमित शाह ने दावा किया कि कितने ही गठबंधन कर लो, 2024 में आएंगे मोदी ही।

पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ ने जताई भारत से बातचीत के इच्छा, विदेश मंत्रालय ने दिया ये जवाब

#mearesponseonpakpmshehbazsharifcommentonindiaregarding_talks

भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों की खटास कम होने का नाम नहीं ले रही है। पड़ोसी देश पाकिस्तान की नापाक हसरतें इसके लिए जिम्मेदार है। हालांकि, इसी बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हाल ही में अपने एक बयान में भारत के साथ बातचीत करने की इच्छा जाहिर की थी।पाकिस्‍तान की मीडिया की मानें तो दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों और सन् 1947 में के बाद से हुए तीन युद्धों के बावजूद अब पीएम मूल्यवान रिश्‍तों को तरजीह देना चाहते हैं।इसे लेकर अब विदेश मंत्रालय की ओर से जवाब सामने आया है।

भारत ने कहा-इसके लिए आतंक मुक्त माहौल बनाना होगा

शहबाज शरीफ की भारत के साथ बातचीत को लेकर की गई टिप्पणी पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, हमने रिपोर्ट देखी है। भारत का रुख इस बात पर कायम है कि हम सभी देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध चाहते हैं...लेकिन इसके लिए एक आतंक मुक्त माहौल बनाना होगा। अन्यथा शत्रुता अनिवार्य रूप से कायम रहेगी।

पाकिस्तान ने कहा- युद्ध अब कोई विकल्प नहीं

इससे पहले इस्लामाबाद में मिनरल समिट के ओपनिंग सेरेमनी को संबोधित करते हुए शहबाज ने कहा कि पाकिस्‍तान ने पिछले 75 वर्षों में भारत के साथ तीन युद्ध लड़े हैं। इन युद्धों की वजह से मुल्‍क को सिर्फ गरीबी, बेरोजगारी और अशिक्षा, खराब स्वास्थ्य व्‍यवस्‍था और संसाधनों की कमी झेलनी पड़ी है। शहबाज ने कहा, 'हम हर किसी के साथ बात करने के लिए तैयार हैं, यहां तक कि अपने पड़ोसी के साथ भी। मगर शर्त बस यह है कि पड़ोसी मेज पर गंभीर मुद्दों पर बात करे क्योंकि युद्ध अब कोई विकल्प नहीं है।

वार्ता के साथ पाक के परमाणु संपन्न होने की दिलाई याद

शहबाज एक तरफ तो वार्ता की बात कर रहे थे तो दूसरी तरफ वह यह याद दिलाना भी नहीं भूले कि पाकिस्तान एक परमाणु शक्ति से लैस देश है।शहबाज शरीफ ने अपने संबोधन में कहा कि पाकिस्तान परमाणु संपन्न देश है। उन्होंने कहा कि यह आक्रामक होने के लिए नहीं बल्कि खुद की रक्षा के लिए है। हम नहीं चाहते कि कभी परमाणु युद्ध की नौबत आए। उन्होंने कहा कि युद्ध से किसी का कोई भला नहीं होता।

पहले भी दे चुके हैं ऐसा बयान

शहबाज ने इसी तरह का बयान इस साल की शुरुआत में दिया था। दुबई के अरेबिक न्‍यूज चैनल को दिए इंटरव्‍यू में शहबाज ने कहा था कि भारत के साथ तीन युद्धों के बाद पाकिस्तान ने सबक सीख लिया है और वह भारत के साथ शांति से रहना चाहता है।शरीफ ने कश्मीर जैसे कई और मुद्दों पर भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी से ईमानदारी के साथ वार्ता की अपील की थी। अगस्त 2019 में जब भारत ने जम्मू और कश्मीर की विशेष स्थिति को रद्द कर दिया था तब से ही पाकिस्‍तान के साथ बातचीत बंद है। द्विपक्षीय संबंधों पर गंभीर असर पड़ा है और राजनयिक स्‍तर पर भी कोई प्रगति नहीं हुई है।

*ज्ञानवापी के सर्वे पर इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती, अंजुमन इंतेजामिया सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका

#gyanvapi_survey_muslim_side_plea_in_supreme_court_over_allahabad_high_court_order 

वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वे का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। ज्ञानवापी सर्वे पर इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ मुस्लिम पक्ष अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद समिति ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया है।मस्जिद कमेटी के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में मामले का जिक्र करते हुए कहा कि एएसआई को सर्वे की इजाजत न दी जाए। वहीं सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वह इस मुद्दे पर गौर करेगा। बता दें कि आज ही ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वैज्ञानिक सर्वेक्षण को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एएसआई को अनुमति दी है। 

मुस्लिम पक्ष के वकील निजाम पाशा ने मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच में मेंशनिंग करते हुए कहा कि एएसआई सर्वे पर रोक लगाई जानी चाहिए, हमने आपको इलाहाबाद हाई कोर्ट का आदेश ई-मेल कर दिया है। वहीं मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हम ई-मेल देखकर कोई फैसला करेंगे।

इससे पहले काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू याचिकाकर्ताओं में से एक ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में कैविएट अर्जी दायर की। इसमें मांग की गई है कि अगर मुस्लिम पक्ष एएसआई को मस्जिद परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण की अनुमति देने वाले इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिका दायर करता है तो कोई भी आदेश पारित करने से पहले उसका पक्ष सुना जाए। दरअसल, एक वादी कैविएट आवेदन यह सुनिश्चित करने के लिए दायर करता है कि बिना उसका पक्ष सुने उसके खिलाफ कोई आदेश पारित न किया जाए।

इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के एएसआई का सर्वे को लेकर गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट ने अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की याचिका को खारिज कर दिया और ज्ञानवापी परिसर के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण सर्वे को हरी झंडी दे दी। अब कल से सर्वे शुरू होगा।

अंजुमन इंतेजामिया कमेटी की ओर से वाराणसी की जिला अदालत के 21 जुलाई के आदेश के खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी। हालांकि हाई कोर्ट ने जिला अदालत के फैसले को बरकरार रखा और अपने फैसले में कहा कि एएसआई की ओर से यह कहा जाना कि ढांचा क्षतिग्रस्त नहीं होगा, इसे इस पर विश्वास करना चाहिए। साथ ही हाई कोर्ट कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वे के लिए किसी तरह की खुदाई नहीं का जानी चाहिए।

बता दें कि ज्ञानवापी के अंदर से आई तस्वीरों में दीवारों और खंभों पर कई कलाकृतियां दिख रही हैं। दावा ये किया जा रहा है कि कलाकृतियां नागर शैली में बनी हैं और ऐसा प्राचीन मंदिरों में होता था। बताया जा रहा है कि ज्ञानवापी में खंडित मुर्ति तो दिखी ही, दीवारों पर स्वास्तिक के निशान दिख रहे हैं। हिंदू पक्ष पूछ रहा है कि मस्जिद में स्वास्तिक का निशान तो होता नहीं है फिर ज्ञानवापी में क्यों है। स्वास्तिक ही नहीं, ज्ञानवापी की दीवारों पर डमरू के चिन्ह होने का भी दावा किया जा रहा है। इसके अलावा मंदिर के मंडर के ऊपर गर्भगृह होने के दावे की एक और भी तस्वीर सामने आई। ज्ञानवापी के अंदर की जो दीवारें हैं, उनका कंस्ट्रक्शन बिल्कुल वैसा ही है, जैसा प्राचीन मंदिरों का होता है। इतना ही नहीं दीवारों पर श्लोक लिखे होने का दावा किया गया है।

तीन राज्यों के बजट से अधिक है 4001 विधायकों की संपत्ति , वाईएसआर कांग्रेस के विधायक हैं सबसे अमीर, एडीआर और नेशनल इलेक्शन वॉच ने जारी की खबर


एडीआर और नेशनल इलेक्शन वॉच ने विधायकों द्वारा जमा किए गए हलफनामों का अध्ययन कर पता लगाया है कि देश के 4001 विधायकों के पास तीन राज्य के बजट से भी अधिक संपत्ति है। रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि वाईएसआरसीपी के विधायक सबसे अमीर हैं।

  चुनाव पर नजर रखने वाली एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और नेशनल इलेक्शन वॉच (एनईब्ल्यू) ने विधायकों द्वारा जमा कराए गए हलफनामों का अध्यन कर चौंकाने वाला खुलासा किया है। देश के कुल 4033 विधायकों में से 4001 विधायक के पास कुल संपत्ति 54545 करोड़ है। इन सभी विधायकों की संपत्ति तीन राज्य के बजट से भी ज्यादा है। नागालैंड , मिजोरम और सिक्किम तीन राज्यों का कुल सालाना बजट 49103 करोड़ है जो इन विधायकों की संपत्ति से काफी कम है। उल्लेखनीय है कि साल 2023 - 24 में नागालैंड का बजट 23086 करोड़ , मिजोरम का बजट 14210 करोड़ और सिक्किम का बजट 23086 करोड़ पेश किया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक देश के हर विधायक के पास औसतन संपत्ति 13.63 करोड़ रुपये है।

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी के 1356 विधायक के पास औसतन 11.97 करोड़ रुपये की संपत्ति है। वहीं कांग्रेस के 719 विधायक के पास 21.97 करोड़ की औसत संपत्ति है। तृणमूल कांग्रेस के 227 विधायक के पास 03.51 करोड़ रुपये की औसत संपत्ति है। वहीं आम आदमी पार्टी के विधायकों की बात करें तो संपत्ति के मामले में यह भी पीछे नहीं हैं। आप के 161 विधायकों के पास 10.20 करोड़ की संपत्ति है। वहीं वाईएसआरसीपी के 146 विधायकों के पास औसतन 23.14 करोड़ रुपये की संपत्ति है जो देश भर के विधायकों में सबसे अधिक है।

 

अगर पार्टी की बात की जाए तो बीजेपी के विधायकों की कुल संपत्ति 16234 करोड़ , कांग्रेस की 15798 करोड़ , वाईएसआरसीपी की 3379 करोड़ , द्रमुक की कुल संपत्ति 1663 करोड़ है। वहीं आम आदमी पार्टी के विधायकों के पास कुल 1642 करोड़ की संपत्ति है।

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक के विधायकों के पास सबसे ज्यादा संपत्ति पाई गई है। 21 राज्यों के विधायकों की कुल संपत्ति से भी ज्यादा कर्नाटक के विधायकों की संपत्ति पाई गई है। 21 राज्यों के विधायकों की कुल संपत्ति 13976 करोड़ है वहीं कर्नाटक के विधायकों के पास कुल 14359 करोड़ की संपत्ति है।

रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र के 288 में से 284 विधायक के पास 6679 करोड़ की संपत्ति है , आंध्र प्रदेश के 175 में से 174 विधायक के पास 4914 करोड़ रुपये की संपत्ति है। वहीं यूपी के 403 विधायक की कुल संपत्ति 3255 करोड़ , गुजरात के 182 विधायक के पास 2987 करोड़ , तमिलनाडु के 224 विधायक के पास 2767 करोड़ और मध्य प्रदेश के 230 विधायक के पास 2476 करोड़ रुपये की संपत्ति पाई गई है।

तीन राज्यों के बजट से अधिक है 4001 विधायकों की संपत्ति , वाईएसआर कांग्रेस के विधायक हैं सबसे अमीर, एडीआर और नेशनल इलेक्शन वॉच ने जारी की खबर


एडीआर और नेशनल इलेक्शन वॉच ने विधायकों द्वारा जमा किए गए हलफनामों का अध्ययन कर पता लगाया है कि देश के 4001 विधायकों के पास तीन राज्य के बजट से भी अधिक संपत्ति है। रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि वाईएसआरसीपी के विधायक सबसे अमीर हैं।

  चुनाव पर नजर रखने वाली एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और नेशनल इलेक्शन वॉच (एनईब्ल्यू) ने विधायकों द्वारा जमा कराए गए हलफनामों का अध्यन कर चौंकाने वाला खुलासा किया है। देश के कुल 4033 विधायकों में से 4001 विधायक के पास कुल संपत्ति 54545 करोड़ है। इन सभी विधायकों की संपत्ति तीन राज्य के बजट से भी ज्यादा है। नागालैंड , मिजोरम और सिक्किम तीन राज्यों का कुल सालाना बजट 49103 करोड़ है जो इन विधायकों की संपत्ति से काफी कम है। उल्लेखनीय है कि साल 2023 - 24 में नागालैंड का बजट 23086 करोड़ , मिजोरम का बजट 14210 करोड़ और सिक्किम का बजट 23086 करोड़ पेश किया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक देश के हर विधायक के पास औसतन संपत्ति 13.63 करोड़ रुपये है।

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी के 1356 विधायक के पास औसतन 11.97 करोड़ रुपये की संपत्ति है। वहीं कांग्रेस के 719 विधायक के पास 21.97 करोड़ की औसत संपत्ति है। तृणमूल कांग्रेस के 227 विधायक के पास 03.51 करोड़ रुपये की औसत संपत्ति है। वहीं आम आदमी पार्टी के विधायकों की बात करें तो संपत्ति के मामले में यह भी पीछे नहीं हैं। आप के 161 विधायकों के पास 10.20 करोड़ की संपत्ति है। वहीं वाईएसआरसीपी के 146 विधायकों के पास औसतन 23.14 करोड़ रुपये की संपत्ति है जो देश भर के विधायकों में सबसे अधिक है।

 

अगर पार्टी की बात की जाए तो बीजेपी के विधायकों की कुल संपत्ति 16234 करोड़ , कांग्रेस की 15798 करोड़ , वाईएसआरसीपी की 3379 करोड़ , द्रमुक की कुल संपत्ति 1663 करोड़ है। वहीं आम आदमी पार्टी के विधायकों के पास कुल 1642 करोड़ की संपत्ति है।

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक के विधायकों के पास सबसे ज्यादा संपत्ति पाई गई है। 21 राज्यों के विधायकों की कुल संपत्ति से भी ज्यादा कर्नाटक के विधायकों की संपत्ति पाई गई है। 21 राज्यों के विधायकों की कुल संपत्ति 13976 करोड़ है वहीं कर्नाटक के विधायकों के पास कुल 14359 करोड़ की संपत्ति है।

रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र के 288 में से 284 विधायक के पास 6679 करोड़ की संपत्ति है , आंध्र प्रदेश के 175 में से 174 विधायक के पास 4914 करोड़ रुपये की संपत्ति है। वहीं यूपी के 403 विधायक की कुल संपत्ति 3255 करोड़ , गुजरात के 182 विधायक के पास 2987 करोड़ , तमिलनाडु के 224 विधायक के पास 2767 करोड़ और मध्य प्रदेश के 230 विधायक के पास 2476 करोड़ रुपये की संपत्ति पाई गई है।