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हरियाणा में दंगाइयों के डर से तीन साल की बच्ची को लेकर भागी महिला जज, भीड़ ने उनकी कार को जलाया

दिल्ली-अलवर रोड पर एक पुरानी वर्कशॉप में जाकर छिपी थीं


हरियाणा के नूंह जिले में हुए सांप्रदायिक दंगे की आग में एक महिला जज भी फंस गई थीं। इस दौरान दंगाइयों की भीड़ ने उनकी कार को जला डाला। किसी तरह महिला जज ने खुद की और अपनी तीन साल की बच्ची की जान बचाई। हिंसा के दौरान वह दिल्ली-अलवर रोड पर बनी एक पुरानी वर्कशॉप में जाकर छिपी थीं। जज के साथ उनके गनर, ड्राइवर भी मौजूद थे। इसके बाद भी उन्हें किसी तरह भीड़ से बचकर भागना पड़ा। पुलिस में दर्ज एक एफआईआर से इस घटना का खुलासा हुआ है। नूंह की अडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट अंजलि जैन अपने स्टाफ के साथ रास्ते में थीं। वह शहीद हसन खान मेवाती गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज से लौट रही थीं।

उनके साथ ड्राइवर, गनर और प्रोसेस सर्वर मौजूद थे। महिला जज पर हुए हमले की जानकारी उनके प्रोसेस सर्वर 48 वर्षीय टेकचंद ने ही दी। उन्होंने कहा कि हम लोग जज अंजलि जैन के साथ कार में आ रहे थे। हमारे साथ ड्राइवर के अलावा जज की तीन साल की बच्ची और एक गनर सियाराम भी थे। टेकचंद ने बताया, 'हम नल्हड़ के अस्पताल से लौट रहे थे। इसी दौरान हमने देखा कि 100 से 150 लोगों की भीड़ सड़क पर है और वे गाड़ियों को जला रहे हैं। पत्थर भी फेंक रहे हैं।' उन्होंने कहा कि इसी दौरान एक पत्थर हमारी कार पर आ लगा और पिछला शीशा टूट गया। दंगाई फायरिंग भी कर रहे थे। 

दहशत में थी छोटी बच्ची, कई घंटे वर्कशॉप में छिपे बैठे रहे 

टेकचंद ने कहा कि गोलियों की आवाज सुनकर हम लोग डर गए थे। टेकचंद बीते 10 सालों से नूंह की जिला अदालत में काम कर रहे हैं। वह इसी साल जून से ही जज अंजलि जैन के साथ काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी लोग डरे हुए थे। इससे पहले की दंगाइयों की भीड़ हमें निशाना बनाती, हम लोग कार को छोड़कर भाग गए। इसके बाद दिल्ली-अलवर रोड पर हरियाणा रोडवेज की एक पुरानी वर्कशॉप में जाकर शरण ली। टेकचंद ने वाकये को याद करते हुए बताया, 'स्थिति बेहद तनावपूर्ण थी। हम लोगों को अपनी जिंदगी की फिक्र थी। हमारे साथ एक छोटी बच्ची भी थी, इसलिए जिम्मेदारी कहीं ज्यादा थी। हर तरफ आग थी और हमारे साथ कुछ भी हो सकता था। गाड़ियों को आग लगाई जा रही थी और भीड़ बेकाबू थी।'

घंटों बाद बाहर निकले, वकीलों को बुलाना पड़ गया

टेकचंद ने कहा कि भीड़ के कार तक पहुंचने से पहले ही हम लोग भाग निकले। उन्होंने कहा, 'मैं चाहता था कि जज मैडम और उनकी बच्ची सुरक्षित घर पहुंच जाएं। हमारे पास वर्कशॉप में छिपकर बैठने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा था। हालात कुछ सामान्य हुए तो हमने स्थानीय वकीलों को घटना के बारे में जानकारी दी। वे लोग आए तो हम बाहर निकले।' उन्होंने कहा कि जब हम वर्कशॉप से निकलकर आए तो देखा की कार पूरी तरह से जल चुकी है। पहचानना भी मुश्किल था कि यह वही गाड़ी है, जिसे हम छोड़कर गए थे। यह जज की पर्सनल कार थी। 

पुलिस ने मंगलवार को दर्ज किया केस, इंटरनेट बैन बढ़ा

पुलिस ने बताया कि उन्हें मंगलवार को इस घटना की जानकारी मिली थी। हमने इस मामले में दंगा फैलाने की धारा 148, गैरकानूनी तौर पर एकत्र होने की धारा 149 समेत कई सेक्शन में केस दर्ज किया है। बता दें कि नूंह में हालात फिलहाल शांत हैं, लेकिन स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। हिंसा फिर से न भड़क जाए, इसके लिए भारी फोर्स तैनात की गई है। नूंह में 5 अगस्त तक के लिए इंटरनेट बैन को बढ़ा दिया गया है।

उत्तरप्रदेश के सांसदों से बोले पीएम मोदी, राममंदिर पर नहीं मिलेंगे वोट, गरीबी ही सबसे बड़ी जाति, मुफ्त चीजें बांटने की संस्कृति का करें विरोध

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सांसदों के साथ बैठक में क्रम में उत्तर प्रदेश और दक्षिणी राज्यों के सांसदों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए जीत का मंत्र दिया। पीएम मोदी ने उनसे कहा, 'गरीबी सबसे बड़ी जाती है।' पीएम मोदी ने उत्तर प्रदेश के 45 से अधिक सांसदों की एक बैठक को संबोधित किया। इसके बाद सभी दक्षिणी राज्यों के सांसदों के एक समूह को भी संबोधित किया।

पहली बैठक उत्तर प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र के एनडीए सांसदों के साथ हुई। दूसरी बैठक में दक्षिणी राज्यों के सांसद मौजूद थे, जिनमें आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह शामिल हैं।

पहली बैठक की मेजबानी मोदी सरकार के वरिष्ठ मंत्री महेंद्र नाथ पांडे ने केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के साथ की। प्रधानमंत्री मोदी भी पूर्वी यूपी से सांसद हैं। इस बैठक को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी संबोधित किया। राजनाथ सिंह भी इसी क्षेत्र से सांसद चुने जाते हैं।

प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के सांसदों से कहा कि केंद्र सरकार की योजनाओं को जनता तक ले जाना और विपक्ष द्वारा फैलाई जा रही अफवाहों को दूर करना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, "विपक्ष के झूठे आरोपों का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए पेशेवर सोशल मीडिया टीमों के साथ अपने निर्वाचन क्षेत्रों को सशक्त बनाएं।" पीएम मोदी ने सांसदों को सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने और डिजिटल दुनिया में अपना प्रदर्शन बढ़ाने के लिए पेशेवर सोशल मीडिया विशेषज्ञों की सेवाएं लेने की सलाह दी।

प्रधानमंत्री ने एनडीए सरकार द्वारा किए गए कार्यों के बारे में स्थानीय लोगों के साथ सांसदों को संवाद करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "इसे हासिल करने का एक कॉल सेंटर खोलने पर विचार कर सकते हैं।"

गरीबी उन्मूलन की दिशा में काम पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "गरीबी सबसे बड़ी जाति है"। उन्होंने कहा, "राम मंदिर का वादा बीजेपी की विचारधारा से पैदा हुआ था, लेकिन सांसद यह मानकर संतुष्ट नहीं हो सकते कि इससे वोट मिलेंगे।"

पीएम मोदी ने सांसदों को निर्वाचन क्षेत्रों में नई परियोजनाएं शुरू नहीं करने की भी सलाह दी। उन्होंने कहा, "इसके बजाय चल रहे कार्यों को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करें और सरकार की उपलब्धियों को प्रभावी ढंग से प्रचारित करें।

पीएम मोदी ने यह भी कहा कि यह सच है कि अनुच्छेद 370 और राम मंदिर भाजपा की प्रतिबद्धता का हिस्सा रहे हैं, लेकिन वोट सुरक्षित करने के लिए लोगों के लिए लगन से काम करना चाहिए।

पीएम मोदी की नजर दक्षिण भारत पर

दूसरी बैठक की मेजबानी केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी और विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने की। इस बैठक को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी संबोधित किया। दक्षिण भारत के सांसदों के साथ बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने पिछले नौ वर्षों में अपनी सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला, जिसमें दक्षिण भारत पर विशेष ध्यान दिया गया। उन्होंने विपक्ष शासित राज्यों, विशेषकर दक्षिण में भ्रष्टाचार के स्तर पर भी चिंता व्यक्त की।

पीएम मोदी ने एनडीए सदस्यों से विपक्ष के नेतृत्व वाले राज्यों में प्रचलित मुफ्त चीजें बांटने की संस्कृति का विरोध करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, "ऐसी प्रथाओं से लंबे समय में देश को महत्वपूर्ण नुकसान हो सकता है।

पीएम मोदी ने विपक्ष के गुट पर फिर तीखा हमला बोला और कहा कि यह गठबंधन बिना सोचे-समझे स्वार्थी एजेंडे के बनाया गया है। उन्होंने कहा, मैं विपक्षी सांसदों को चुनौती दे सकता हूं। उनमें से किसी से भी पूछने का प्रयास करें कि I.N.D.I.A. का फुल फॉर्म क्या है, उनमें से एक को भी पता नहीं होगा।

हरियाणा के नूंह, गुरुग्राम समेत आसपास के इलाकों में जारी बवाल पर अमेरिकी की अाई प्रतिक्रिया, प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, शांति बनाए रखना ही सर्

हरियाणा के नूंह, गुरुग्राम समेत आसपास के इलाकों में जारी बवाल पर अमेरिकी की भी प्रतिक्रिया आई है। राष्ट्रपति जो बाइडेन सरकार ने शांति बनाए रखने और हिंसा से बचने की अपील की है। स्थानीय समयानुसार बुधवार को जारी प्रेस ब्रीफिंग के दौरान विदेश मंत्रालय ने यह बात कही है। इधर, हरियाणा के कई जिलों में सुरक्षा के मद्देनजर 5 अगस्त तक इंटरनेट पर रोक लगा दी है।

प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, 'हिंसक झड़पों को लेकर मैं कहूंगा कि हमेशा कि तरह हम शांति और पार्टियों को हिंसक गतिविधियों से बचने की अपील करेंगे।' गुरुग्राम की हिंसा में किसी अमेरिकी के प्रभावित होने को लेकर उन्होंने जानकारी दी, 'मुझे इस तरह की कोई जानकारी नहीं है। मैं दूतावास से संपर्क कर खुश हूं।'

हरियाणा में क्या हुआ?

राज्य के नूंह में सोमवार को एक धार्मिक यात्रा पर हुए हमले के बाद दो समूहों में हिंसा भड़क गई। फिलहाल, नूंह, फरीदाबाद, पलवल और गुरुग्राम के तीन सब डिवीजन सोहना, पटौदी और मानेसर में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। बुधवार को प्रदेश सरकार ने इन सभी जिलों में 5 अगस्त तक के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद करने का फैसला किया है। साथ ही इन जिलों में सुरक्षा व्यवस्था को भी बढ़ा दिया गया है।

अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) टी वी एस एन प्रसाद की तरफ से आदेश जारी किए गए। उन्होंने कहा, 'नूंह, फरीदाबाद, पलवल और गुरुग्राम के उपायुक्तों द्वारा मेरे संज्ञान में यह लाया गया है कि कानून और व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की गई है और सूचित किया गया है कि उनके संबंधित जिलों में स्थिति अब भी गंभीर और तनावपूर्ण है।

इसमें कहा गया है, इसलिए, मोबाइल फोन और एसएमएस पर व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर आदि जैसे विभिन्न सोशल मीडिया मंचों के माध्यम से गलत सूचना और अफवाहों के प्रसार, आंदोलनकारियों और प्रदर्शनकारियों की भीड़ को संगठित होने से रोकने के लिए मोबाइल इंटरनेट निलंबन की सीमा को बढ़ाया जा रहा है।

दिल्ली सेवा बिल को लेकर विपक्ष की उम्मीदों पर पानी, केंद्र ने राज्यसभा में भी किया बहुमत का जुगाड़, जानें वोटों का पूरा गणित

#delhiordinance2023billnumbergameinloksabharajya_sabha 

दिल्ली सरकार के अधिकारों और सेवा से जुड़े विधेयक 'राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 को लेकर विपक्ष की उम्मीद पर पानी फिरता नज़र आ रहा है। आम आदमी पार्टी के तमाम दावों के उलट बीजेपी ने उच्च सदन राज्यसभा में भी दिल्ली सेवा बिल को पारित करवाने के लिए बहुमत का जुगाड़ कर लिया है। संख्याबल के आधार पर माना जा रहा है कि लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी दिल्ली सरकार के अधिकारों और सहयोग से जुड़े विधेयक को पारित करवाने में सरकार को कोई दिक्कत नहीं होगी, क्योंकि उच्च सदन में भी बहुमत का आंकड़ा बिल के साथ है।

केंद्र सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (संशोधन) विधेयक पेश किया। इस पर आज से चर्चा होनी है। इस विधेयक के ज़रिए मोदी सरकार उस अध्यादेश को क़ानून बनाना चाहती है, जिसमें दिल्ली के उपराज्यपाल के पास दिल्ली में अधिकारियों की पोस्टिंग या ट्रांसफ़र का आखिरी अधिकार होगा। विपक्ष को उम्मीद थी कि इस विधेयक को लोकसभा में ना सही तो राज्यसभा में पूरा दम दिखा कर पारित होने से रोका जाएगा। लेकिन मंगलवार को जब जगनमोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस और नवीन पटनायक के बीजू जनता दल ने इस बिल पर मोदी सरकार के समर्थन करने का एलान किया तो अब विपक्ष की उम्मीद पर पानी फिरता नज़र आ रहा है।

दरअसल, लोकसभा में भाजपा के अपने 301 सांसद हैं और इस वजह से वहां सरकार को किसी भी विधेयक को पारित करवाने में कोई दिक्कत नहीं होती है। लेकिन, उच्च सदन राज्यसभा में एनडीए गठबंधन के सांसदों को शामिल कर लेने के बावजूद भी एनडीए गठबंधन बहुमत के आंकड़े से काफी पीछे रह जाता है। इसी आधार पर आम आदमी पार्टी और विपक्षी गठबंधन में शामिल दल दावा कर रहे हैं कि वे राज्यसभा में बिल को गिरा देंगे। हालांकि, भाजपा ने विपक्षियों की घेरेबंदी को तोड़ते हुए राज्यसभा में इस बिल को पारित करवाने के लिए बहुमत का जुगाड़ कर लिया है। ऐसे में जानते हैं कि दोनों सदनों में अब नंबरगेम क्या होगा? 

क्या है लोकसभा का गणित?

लोकसभा में बीजेपी के पास बहुमत है, जहां उसके 301 सांसद हैं। अगर बीजेपी के सहयोगी दलों के गठबंधन एनडीए की बात करें, तो सांसदों की संख्या और भी ज्यादा बढ़ जाती है। एनडीए के सांसदों की संख्या 333 है, जो बहुमत के आंकड़े से बहुत ज्यादा है। दूसरी ओर विपक्ष के पास सिर्फ 142 सांसद हैं, जिसमें से अकेले 50 सांसद तो कांग्रेस से ही हैं। इस तरह लोकसभा में बीजेपी के पास बहुमत है।

सरकार के पास कितने सांसदों का समर्थन

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस विधेयक के ख़िलाफ़ समर्थन जुटाने के लिए बीते दिनों अलग-अलग पार्टियों के नेताओं से मिल रहे थे। लेकिन आँकड़ों का जो समीकरण अब बनता दिख रहा है वो केजरीवाल सरकार के पक्ष में नहीं जा रहा है।राज्यसभा में बीजेपी के पास 92 सांसद हैं, जिनमें पांच नॉमिनेटेड सदस्य हैं. एनडीए के पास कुल 103 सांसद हैं। एआईएडीएमके का पास चार सांसद हैं। आरपीआई (अठावले), असम गण परिषद, पट्टाली मक्कल काची, तमिल मनीला कांग्रेस (मूपनार), नेशनल पीपल्स पार्टी, मिज़ो नेशनल फ्रंट, यूनाइटेड पीपल्स पार्टी (लिबरल) के पास 1-1 सांसद हैं। बीजेडी और वाईएसआर के पास पास 9-9 सदस्य हैं यानी 18 सदस्यों का समर्थन बीजेपी के पास है।मोदी सरकार के पास अब तक के गणित के हिसाब से 121 का संख्या बल है।बीएसपी, टीडीपी और जेडीएस जिनके पास एक-एक सदस्य हैं वो भी सरकार को समर्थन दे सकते हैं।

विपक्ष के साथ कौन-कौन

अब बात करते हैं विपक्ष के पास मौजूद संख्या बल की. 26 पार्टियों के गठबंधन वाले इंडिया के कुल 98 सदस्य सदन में हैं. अकेले कांग्रेस के पास 31 सांसद हैं। आम आदमी पार्टी के पास 10 और डीएमके पा पास 10 सदस्य हैं। टीएमसी के पास 13 और आरजेडी के पास 6 सदस्य हैं। सीपीआई(एम) और जेडीयू के पास 5-5 सदस्य हैं।एनसीपी के पास चार और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के पास तीन सांसद हैं। जेएमएम और सीपीआई के पास 2-2 सांसद हैं। आईयूएमएल, केरल कांग्रेस (एम), आरएलडी और एमडीएमके के पास 1-1 सांसद हैं। बीआरएस इंडिया गठबंधन का हिस्सा नहीं है लेकिन अगर वो भी अरविंद केजरीवाल के समर्थन में वोट देता है तो 7 वोट विपक्ष को और मिल सकते हैं। यानी अधिक से अधिक विपक्ष के पास 105 सदस्यों का समर्थन ही हो सकता है।

बता दें कि केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार के अधिकारों और सेवा से जुड़े विधेयक - 'राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 ' को मंगलवार को लोकसभा में पेश कर दिया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में यह विधेयक पेश किया। इस विवादित बिल के जरिए उस अध्यादेश को बदल दिया जाएगा, जो केंद्र सरकार को दिल्ली के नौकरशाहों के ट्रांसफर और नियुक्तियों की शक्ति देती है। इस बिल के कानून बनने के बाद उपराज्यपाल को दिल्ली सरकार के अधिकारियों के ट्रांसफर और तैनाती के लिए अंतिम फैसला लेने की शक्ति मिलेगी। कांग्रेस, डीएमके और टीएमसी सहित कई विपक्षी दलों ने बिल को संघवाद की भावना और संविधान के खिलाफ बताते हुए इसे सदन में पेश करने का विरोध किया।

पीएम मोदी ने एक बार फिर की एनडीए सांसदों के साथ बैठक, दिया मिशन 2024 के लिए जीत का मंत्र

#pm_modi_nda_mps_cluster_meet

2024 लोकसभा चुनाव के लिए तैयारी शुरू हो गई है। इसी क्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एनडीए में शामिल दलों के बीच समन्वय बढ़ाने और 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर एनडीए सांसदों को एक बार फिर संबोधित किया। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के 48 सांसदों के साथ बैठक की। पीएम मोदी ने बुधवार पहले उत्तर प्रदेश के मध्य और पूर्वी क्षेत्रों के 45 से अधिक सांसदों की एक बैठक को संबोधित किया और फिर दक्षिणी राज्यों के सांसदों के एक अन्य समूह से बात की। इस दौरान प्रधानमंत्री ने एनडीए सांसदों को विपक्षी की जातीय सियासत में उलझने के बजाय गरीबों के कल्याण के लिए काम करने और क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा वक्त गुजराने की सलाह दी।इस दौरान मोदी ने कहा कि गरीब ही सबसे बड़ी जाति है।

गरीबों के लिए काम करने से ही वोट मिलेगा-पीएम मोदी

बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के सांसदों के साथ लगातार पीएम मोदी संवाद कर रहे हैं और उन्हें 2024 में जीत का मंत्र दे रहे हैं। पीएम मोदी ने बुधवार को एनडीए गठबंधन के सांसदों को संबोधित करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव करीब हैं, इसलिए आप सभी इसकी तैयारियों में जुट जाएं। ज्यादा से ज्यादा वक्त जनता के बीच बिताएं और अपने-अपने क्षेत्र का भ्रमण करें। पीएम मोदी ने एनडीए के सासंदों से गरीबों के कल्याण के लिए काम करने की नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि सरकार की जो भी कल्याणकारी योजनाएं हैं, उन्हें गरीबों तक पहुंचाएं, जिससे उनका कल्याण हो। प्रधानमंत्री ने सांसदों से कहा कि गरीबों के लिए काम करने से ही वोट मिलेगा। इसलिए ज्यादा से ज्यादा वक्त उनलोगों के साथ बिताए। उनकी समस्याओं को सुनें और उस पर काम करने की कोशिश करें। हमें गरीब कल्याण के लिए काम करना है और हम वही करते रहेंगे। गरीबी ही सबसे बड़ी जाति है।

सांसद अपने-अपने संसदीय क्षेत्र में कॉल सेंटर लगवाएं-पीएम मोदी

चुनाव की तैयारी में जुटने की नसीहत देते हुए पीएम ने कहा कि सभी सांसद अपने-अपने संसदीय क्षेत्र में कॉल सेंटर लगवाएं। इस कॉल सेंटर के जरिए सरकार और खुद के द्वारा किए कामों को लोगों तक पहुंचे और प्रचार करें। प्रधानमंत्री ने सांसदों से कहा है कि सरकार की योजनाओं को एक-एक लाभार्थी तक पहुंचाने के लिए जनता से लगातार संपर्क में रहे। कॉल सेंटर के जरिए ये चीजें आसान होंगी।

लोगों के फीडबैक का भी पता करना है-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने मीटिंग के दौरान कहा कि पब्लिक में ज्यादा से ज्यादा सक्रियता बढ़ाने के लिए सांसदों को जमीनी स्तर पर पहुंच बनानी होगी। उन्होंने कहा कि योजनाओं को जरूरतमंद लोगों तक तक तो पहुंचाना ही है, लेकिन उनका फीडबैक भी पता करना है। जिससे लोगों की सोच का अंदाजा भी रहे।

पीएम मोदी लगातार कर रहे हैं बैठक

इससे पहले प्रधानमंत्री ने सोमवार को दो समूहों के सांसदों से बात की थी। पहले समूह में उत्तर प्रदेश के पश्चिमी और कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्रों के सांसदों ने भाग लिया, जबकि दूसरे में पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड के सांसदों ने भाग लिया। ये बैठक बंद कमरे में हुई। पीएम मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला था कि कैसे भाजपा के नेतृत्व वाले राजग ने अपने 25 वर्षों से अधिक के अस्तित्व में समावेशिता और विकास का एजेंडा तैयार किया है। उन्होंने देश के विकास को ऊपर उठाने और समाज के सभी वर्गों को सकारात्मक रूप से प्रभावित करने के लिए अपनी सरकार की विभिन्न पहलों के बारे में बात की।

ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका, इलाहाबाद कोर्ट का एएसआई सर्वे पर रोक लगाने से इनकार

#allahabad_high_court_allows_conduct_a_survey_of_gyanvapi_mosque 

वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे को लेकर मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने एएसआई सर्वे पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है।मुस्लिम पक्ष ने इस सर्वे के खिलाफ अपील की थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया है। अब अदालत के फैसले के बाद ज्ञानवापी में सर्वे तुरंत शुरू होगा।

इससे पहले 27 जुलाई को हुई सुनवाई के दौरान सभी पक्षों की जिरह सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था और अगले आदेश तक एएसआई सर्वे पर रोक बरकरार रखा था। लेकिन आज अदालत में अपने फैसले में एएसआई को ज्ञानवापी परिसर का सर्वे करने की इजाजत दे दी है।21 जुलाई को मुस्लिम पक्ष ने ज्ञानवापी का सर्वे कराए जाने के जिला अदालत के फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।

मुस्लिम पक्ष ने सर्वे से ढांचे को नुकसान होने की बात कही थी, जिसके बाद एएसआई की ओर से एक एफिडेविट दाखिल कर कहा गया था कि सर्वे से कोई नुकसान नहीं होगा, जिसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ये फैसला सुनाया।

इससे पहले वाराणसी जिला कोर्ट ने एएसआई सर्वे की मंजूरी दी थी। काशी विश्वनाथ मंदिर के पास स्थित मां श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मस्जिद मामले में विवादित हिस्से को छोड़कर पूरे ज्ञानवापी परिसर की पुरातात्विक जांच का आदेश दिया गया था। वाराणसी जिला कोर्ट ने एएसआई को 4 अगस्त तक अपनी रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया था। लेकिन इस मामले में अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने हाईकोर्ट में अपील की और एएसआई सर्वे पर रोक लगाने की मांग की थी।

नूंह हिंसा के बाद इंटरनेट पर बढ़ी पाबंदी, हरियाणा के कई जिलों में सेवाएं 5 अगस्त तक निलंबित, एसआईटी करेगी मामले की जांच

#haryana_nuh-_violence 

हरियाणा के नूंह जिले में हालात अभी भी तनावपूर्ण हैं। सांप्रदायिक हिंसा सबसे पहले यहीं भड़की। यहां बड़े स्तर पर आगजनी की गई। जिसका असर हरियाणा के दूसरे जिलों में बी देखा जा रहा है। हालात को सामान्य करने की कोशिशों के तहत कर्फ्यू लगाया गया वहीं शांति-व्यवस्था बनाए रखने के लिए नूंह, फरीदाबाद और पलवल और गुरुग्राम जिले के सोहना, पटौदी और मानेसर उप-मंडलों में 5 अगस्त तक इंटरनेट सेवाओं को बंद रखने का फैसला हरियाणा सरकार ने लिया है। सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।

हिंसा के बाद हरियाणा पुलिस का एक्शन

हिंसा के बाद हरियाणा पुलिस ने 139 लोगों को गिरफ्तार किया है और 45 एफआईआर दर्ज की हैं तीन एफआईआर सोशल मीडिया पर भड़काऊ चीजें पोस्ट करने वालों के खिलाफ हैं।वहीं सांप्रदायिक हिंसा की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन कर दिया गया है। नूह हिंसा की जांच के लिए 10 एसआईटी बनाई गई हैं। हर टीम पांच एफआईआर की जांच करेगी।

नुकसान की वसूली उपद्रवियों से होगी

वहीं, मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने हिंसा में हुए नुकसान की वसूली उपद्रवियों से ही करने का एलान किया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि उपद्रव के दौरान जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई दंगाइयों की ही करवाई जाएगी।

नूंह में केंद्रीय बलों की 14 टीमें तैनात

हिंसा नूंह में बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद की शोभा यात्रा के दौरान हुई। स्थानीय मुस्लिम समुदाय का दावा है कि वे तलवार और बंदूक लहराते यात्रा कर रहे थे। मुस्लिम विरोधी नारेबाजी कर रहे थे। बाद में इस यात्रा पर पथराव हो गया जो हिंसा में तब्दील हो गया। हिंसाओं को काबू करने के लिए नूंह समेत गुरुग्राम तक भारी सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। अकेले नूंह में केंद्रीय बलों की 14 टीमें तैनात की गई है। इनके अलावा पलवल में तीन, गुरुग्राम में दो और फरीदाबाद में एक टीम की तैनाती हुई है।

कूनो में नहीं रुक रहा चीतों की मौत का सिलसिला, नामीबिया से लाई गई मादा चीता ने तोड़ा दम, पिछले चार महीने में नौ की गई जान

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मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क में चीतों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार को एक और मादा चीता की मौत हो गई।बताया जा रहा है कि मादा चीता तब्लीशी पार्क में मृतक पाई गई।यहां पिछले चार महीनों में 9 चीतों की मौत हो चुकी है। इनमें से 6 वयस्‍क जबकि 3 शावक हैं।

राज्य के वन विभाग की ओर से जारी बयान में एक और चीते के मौत की जानकारी दी गई। कूनो नेशनल पार्क में आज सुबह मादा चीता 'धात्री' मृत पाई गई। उसकी मौत कैसे हुई इसका अभी कुछ पता नहीं चल पाया है। मौक के मामले पता लगाने के लिए पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। बताया जा रहा है कि दो दिनों से चीते का लोकेशन नहीं मिल रहा था। पार्क प्रबंधन उसकी तलाश में जुटा हुआ था। आज कूनो के बाहरी इलाके में चीते की बॉडी मिली।

9 चीतों की हो चुकी है मौत

कूनो नेशनल पार्क में बीते 4 महीने में अब तक 6 चीतों और तीन शावकों समेत कुल 9 चीतों की मौत हो चुकी है। फिलहाल कूनो नेशनल पार्क में अब 14 चीते और एक शावक ही बचा है। जिससे इस प्रोजेक्ट को लेकर भी अब पार्क प्रबंधन की परेशानियां बढ़ गई हैं।

हर चीते के मौत की अलग-अलग वजह

बता दें कि अब तक कूनों में जिन चीतों की मौत हुई है, उनमें सबके अलग-अलग कारण रहे हैं। कुछ चीते आपसी झगड़े के बाद बुरी तरह से घायल हो गए थे। जबकि कुछ चीते डिहाइड्रेशन का शिकार हुए थे। इसके अलावा हाल ही में एक चीते की मौत की वजह गले में लगी कॉलर आईडी की वजह से हुआ इन्फेंशन भी था।

राजेंद्र गुढ़ा ने जारी किए ‘लाल डायरी’ के अंश, सीएम गहलोत के बेटे का नाम लेकर लगाए गंभीर आरोप, कहा-मुझे माफी मांगने के लिए बनाया जा रहा दबाव

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राजस्थान सरकार से बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा इन दिनों अपनी लाल डायरी को लेकर खासे चर्चा में हैं। झुंझुनूं की उदयपुरवाटी विधानसभा सीट के विधायक राजेंद्र गुढ़ा की लाल डायरी ने राजस्थानी की सियासत में तूफान मचा दिया है। अब लाल डायरी से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है।दरअसल, बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने बुधवार को अपने घर पर मीडिया से बातचीत में विवादास्पद लाल डायरी के कुछ अंश जारी किए हैं।

सीएम के बेटे का नाम लेकर किया आरसीए में करप्शन का जिक्र

प्रेसवार्ता में गुढ़ा ने कहा,’लाल डायरी में जो तथ्य थे, उसके कुछ अंश मैं आपके सामने रख रहा हूं।’ इस दौरान उन्होंने धर्मेंद्र राठौड़ की हैंड राइटिंग दिखाई। राजेंद्र गुढ़ा ने कहा,’डायरी में लिखा है राजस्थान क्रिकेट संघ( आरसीए) को लेकर मेरी वैभव से बात हुई। भवानी सामोता किस तरह तय करके लोगों को अब तक पैसा नहीं दे रहा। सामोता ने वादा पूरा नहीं किया। डायरी में सौभाग का भी नाम है।

बता दें कि उन्होंने जिस डायरी के अंश जारी किए हैं। उसमें सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत और राजस्थान क्रिकेट संघ के सचिव और विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के करीबी भवानी सामोता का जिक्र है।

मीडिया में समय-समय पर जानकारी देने की बात

प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि विधासनभा में डायरी को टेबल पर रखना चाहता था, मेरे खिलाफ झूठे मुकदमें दर्ज किए जा रहे हैं। राजेंद्र गुढ़ा ने आगे कहा कि मैं इस डायरी को विधानसभा की पटल पर रखना चाहता था जिससे सारे तथ्य आधिकारिक रूप से सामने आ जाएं। उन्होंने कहा कि मेरे विश्वस्त के पास डायरी की पूरी डिटेल है। उन्होंने कहा कि अगर मुझे जेल में डाल दिया जाता है तो मीडिया के सामने समय-समय पर जानकारी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार मुझ पर दबाव बना रही है। गुढ़ा ने कहा कि मुझे माफी मांगने के लिए सरकार की ओर से दबाव बनाया गया। 

आरटीडीसी के चैयरमेन धर्मेंद्र राठौड़ की लिखावट का दावा

गुढ़ा ने कहा कि सरकार मुझे ब्लैकमेल कर रही है। मंत्री ने दावा किया कि डायरी में सीएम के करीबी और आरटीडीसी के चैयरमेन धर्मेंद्र राठौड़ की लिखावट है। डायरी में आरसीए को लेकर लेनदेन की बातें कोडवर्ड में हैं। इसके अलावा सीएम गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत के सचिव को लेकर भी बातें लिखी गई हैं।

24 जुलाई को सदन में लहराई थी लाल डायरी

बता दें कि मानसून सत्र के पहले चरण में राजेंद्र गुढ़ा ने सदन में मणिपुर हिंसा पर चर्चा के दौरान राजस्थान में महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों को लेकर अपनी ही सरकार निशाना साधा था। इसके बाद सीएम गहलोत ने उन्हें कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया था। इसके बाद वे 24 जुलाई को कथित लाल डायरी लेकर सदन पहुंचे थे और उसे विधानसभा पटल पर रखने की मांग कर रहे थे। इसके बाद स्पीकर के आदेश पर गुढ़ा को सदन से निष्कासित कर दिया गया था।

दिल्ली अध्यादेश कानून बिल पर राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने कहा, लोगों को गुलाम बनाने और लोकतांत्रिक अधिकार छिनने के लिए ये कानून लेकर आई है भाजपा


आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने लोकसभा में दिल्ली अध्यादेश कानून बिल के पेश होने को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि, 'दिल्लीवाले सीएम अरविंद केजरीवाल से बहुत प्यार करते हैं। इसलिए ही 10 साल से उन्हें हर बार वोट देते आए हैं। ये राष्ट्र विरोधी बिल है, जो इस बिल के समर्थन करेंगे, देश उन्हें राष्ट्र विरोधी के नाम से याद रखेगा. जो बिल के खिलाफ हैं वो देशभक्त कहलाएंगे।

विपक्षी दल INDIA को लेकर भी बोले चड्ढा

राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA को लेकर कहा कि सभी सांसद एकजुट है। राज्यसभा में कांटे की टक्कर होने वाली है। हम देश के संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए ये लड़ाई लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि ये मात्र एक छोटे से बिल पर मतदान की बात नहीं है। बल्कि ये एक धर्मयुद्ध है, जिसमें धर्म हमारे साथ है और अच्छाई हमारे साथ है, सत्य हमारे साथ है अधर्म बुराई और असत्य बीजेपी के खेमें में है और जब धर्म आपके साथ हो तो इस ब्रह्मांड की तमाम शक्तियां जिताने में लग जाती है। वहीं राघव चड्ढा ने कहा कि दिल्ली के लोगों को गुलाम बनाने के लिए उनका लोकतांत्रिक अधिकार छिनने के लिए बीजेपी ये कानून लेकर आई है।

संजय सिंह ने भी बीजेपी सरकार को घेरा

वहीं आम आदमी पार्टी के कद्दावर नेता और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने लोकसभा में दिल्ली अध्यादेश कानून बिल को पेश करने को लेकर कहा कि देश के संविधान और लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है। राज्यसभा में यह बिल गिर जाएगा। संजय सिंह ने दावा किया है कि राज्यसभा में विधेयक के विरोध में मतदान करने वाले दलों के पास पर्याप्त संख्या बल है। उन्होंने दिल्ली अध्यादेश को विधेयक सुप्रीम कोर्ट के फैसले, संविधान और देश के संघीय ढांचे के खिलाफ बताया है।