जेपीएन सदर अस्पताल में आई फ्लू के प्रतिदिन आ रहे 60 से 70 मरीज, आई फ्लू को लेकर स्वास्थ्य महकमा अलर्ट
गया। जिले में गर्मी और उमस के कारण कंजेक्टिवाइटिस यानी आई- फ्लू की बीमारी तेजी से फैल रही है। बड़ी संख्या में लोग आई - फ्लू से पीड़ित होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। शहर के जेपीएन सदर अस्पताल में प्रतिदिन औसतन 60 से 70 मामले आई - फ्लू के आ रहे हैं। आई- फ्लू यानि कंजेक्टिवाइटिस के फैलते प्रकोप को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है। सिविल सर्जन डा. रंजन कुमार सिंह ने बताया कि सदर अस्पताल सहित सभी प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आई- फ्लू के उपचार की सुविधा निशुल्क उपलब्ध है।
जेपीएन सदर अस्पताल के डिप्टी सुप्रीटेंडेंट सह नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. चंद्रशेखर प्रसाद ने बताया कि सौ में से लगभग 60 से 70 मामले आई - फ्लू के मिल रहे हैं। मौसम के बदलाव के कारण यह हो रहा है। दवा वितरण काउंटर पर मौजूद वेद प्रकाश ने बताया कि सोमवार को सुबह के ओपीडी में 150 से 200 आई ड्राप वितरित किया गया है। वहीं, आंख जांच केंद्र में अंशु कुमारी, सत्येंद्र कुमार व सुधीर कुमार के द्वारा आंख की बीमारी से ग्रसित मरीजों की आंख की जांच कर दवा और चश्मा लगाने की सलाह दी जा रही है।
उन्होंने मानसून को लेकर मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। नेत्र विभाग में मानपुर के नारायण नगर गांव से आये सौरभ कुमार बताते हैं कि उनके परिवार के कई सदस्य आई- फ्लू से पीड़ित हुए हैं। इलाज चल रहा है।
कंजेक्टिवाइटिस को आम भाषा में आंख आना भी कहते हैं। यह बीमारी मानसून के दिनों में तेजी से फैलती है। बीमारी के कारण आंखें लाल हो जातीं हैं। आंखों में पानी निकलता है। आंखों में तेज चुभन होती है तथा आंखों में सूजन भी आ जाता है। बच्चों में बुखार भी आ जाता है। आई- फ्लू से बचने के उपाय आई- फ्लू से बचाव के लिए अपने हाथों को नियमित अंतराल पर साबुन और सैनिटाइजर से साफ करते रहें। आंखों को सुरक्षित रखने के लिए धूप- चश्मा का इस्तेमाल करें। आंखों को गंदे हाथों से न छूएं। अपने आंखों को साफ पानी से धोते रहें। संक्रमित लोगों के तौलिए, रुमाल, चादर आदि साझा न करें। अपने वातावरण को साफ रखें। भीड़ वाली जगहों से बचें। मानसून के दिनों में भीड़ वाली जगहों से बचें। ध्यान रखें कि आई- फ्लू एक संक्रामक बीमारी है. जो 9 संपर्क से फैलती है। रोगी से हाथ मिलाने और अपनी आंखों को रगड़ने से बचना चाहिए।
शहरी क्षेत्र के अलावा जिला के मानपुर, टनकुप्पा, वजीरगंज, परैया, गुरारू, फतेहपुर, इमामगंज, शेरघाटी, आमस, डुमरिया, डोभी, बाराचट्टी, टिकारी, कोंच, बेलागंज, सहित कई अन्य प्रखंडों के ग्रामीण क्षेत्र में आई - फ्लू का प्रकोप है। आई- फ्लू होने पर इससे राहत के लिए एंटीबायोटिक आई ड्राप का इस्तेमाल किया जाता है। चिकित्सकों द्वारा इसके लिए विभिन्न प्रकार के एंटीबायोटिक जैसे जेंटामाइसिन, सिप्रोफ्लोक्सीन या माक्सीफ्लोक्सीन आई ड्राप देते हैं। आई ड्राप आंखों में दिन में चार से छह बार इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
Aug 01 2023, 15:36