हज़ारीबाग: पद्मा क्षेत्र में लाईन होटल में काम कर रहे 2 बाल श्रमिक को कराया गया मुक्त
हजारीबाग-बरही हाईवे के दर्जनों होटलों, ढाबों एवं रेस्टोरेंट में बाल श्रमिक के विरूद्ध श्रम अधीक्षक अनिल कुमार रंजन के नेतृत्व में अभियान चलाया गया।
श्रम विभाग की द्वारा छापामारी अभियान में संगम लाईन होटल के संचालक प्रदीप मेहता ग्राम- कदवा, पो०- केवाल, थाना- पदमा, हजारीबाग के प्रतिष्ठान से 2 (दो) बाल श्रमिकों को विमुक्त कराया गया। दोनो बाल ग्राम-गिधा, पोस्ट- बरसोत, थाना- बरही, जिला- हजारीबाग के निवासी है। इनका उम्र क्रमशः 10 वर्ष एवं 13 वर्ष है।
श्रम विभाग की टीम ने बाल श्रमिकों को विमुक्त कराकर को बाल कल्याण समिति, हजारीबाग को सौंपा दिया है। साथ ही होटल के नियोजक सह संचालक के विरूद्ध स्थानीय पदमा थाना में बाल श्रमिक अधिनियम, 1986 की धारा 3(1) का उल्लघन के आरोपी पर प्राथमिकी (F.L.R.) दर्ज करने के लिए श्रम अधीक्षक अनिल कुमार रंजन के द्वारा आवेदन दिया गया है। इसके अलावा नियोजक को प्रति बाल श्रमिक 20-20 हजार रूपये बाल श्रमिक पूनर्वास -सह-कल्याण कोष में जमा करने का निदेश दिया गया।
श्रम अधीक्षक अनिल कुमार रंजन ने कहा बाल श्रमिक के विरूद्ध अभियान जिले में निरंतर जारी रहेगा। बाल श्रम को नियोजित करना समाजिक एवं कानून अपराध है। बाल एवं अल्पव्यस्क (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के अंतर्गत किसी भी प्रतिष्ठान में 14 वर्ष से कम उम्र के बालकों का किसी भी कार्य में मजदूरी कराना एवं खतरनाक नियोजनों में 14-18 वर्ष के आयुवर्ग का नियोजन प्रतिषेधित है।
उल्लंघन की स्थिति में 20 हज़ार रूपये से 50 हज़ार रूपये तक का जुर्माना अथवा 6 माह से 2 वर्ष तक का कारावास या दोनों हो सकता है।
बाल श्रम के विरूद्ध चलाए गए अभियान में श्रम अधीक्षक, बाल संरक्षण पदाधिकारी, संजय प्रसाद, बाल कल्याण समिति के मुन्ना कुमार पाण्डेय तथा पदमा थाना के गस्ती दल शामिल थे।
Jul 18 2023, 17:34