डुमरी उपचुनाव:संभावित प्रत्याशियों में नोक झोंक शुरू,इलेक्शन मैनेजमेंट हुई सटीक तो बाजी झामुमो की
गिरिडीह: डुमरी विधानसभा उपचुनाव के तिथि की अभी तक हालांकि घोषणा नहीं हुई है। लेकिन दूसरी ओर विभिन्न राजनीतिक दलो के संभावित प्रत्याशियों में सोशल मीडिया पर घमासान मची है।
जहां शनिवार 15 जुलाई को डुमरी प्रखण्ड मुख्यालय अवस्थित जामतारा पंचायत भवन सभागार में एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष शाकिर अंसारी के आगमन तथा उनके द्वारा पार्टी के कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित किए जाने के बाद इस पार्टी के दो उम्मीदवार आगामी चुनाव के लिए अपनी अपनी दावेदारी पेश कर आपस में ही भिड़ गए हैं,क्योंकि प्रदेश अध्यक्ष ने इस उप चुनाव में प्रत्याशी खड़ा करने की घोषणा कर दिया है।
वही बात अगर डुमरी विधानसभा क्षेत्र के दिग्गज व वजनदार रही सत्तारूढ़ दल झारखंड मुक्ति मोर्चा की संभावित प्रत्याशी दिवंगत शिक्षा मंत्री व पूर्व विधायक टाइगर जगरनाथ महतो की पत्नी वर्तमान उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री बेबी देवी और आजसू की संभावित प्रत्याशी यशोदा देवी के समर्थकों में सोशल मीडिया पर नोक झोंक होने लगी है।
उधर स्थानीय कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने भी यूपीए के झामुमो की स्थानीय इकाई पर उनकी उपेक्षा किए जाने का आरोप लगा दिया है।जिसके एवज में इन्होंने आगामी डुमरी उपचुनाव में अपनी पार्टी का प्रत्याशी उतारने की बात तक कह दी है और इसकी मांग रखी है।यह बात दीगर है कि डुमरी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी को ऐसा कोई चेहरा ढूंढे भी नहीं मिले।
इसका कारण स्पष्ट है कि एक ओर जहां कांग्रेस के पूर्व प्रखंड अध्यक्ष के बाद नए वर्तमान अध्यक्ष की पकड़ क्षेत्र में ढीली ही रही है,वहीं जमीनी हकीकत यह है कि क्षेत्र के मतदाताओं पर इनकी पकड़ कमजोर मानी जाती है।
इधर राज्य में पिछले दिनों हुए रामगढ़ उप चुनाव में जीत मिलने के बाद आजसू पूरे रुआब में है।आजसू पार्टी के समर्थक यह मान कर चल रहे हैं कि जैसे रामगढ़ में एनडीए की जीत हुई थी,उसी तरह डुमरी में भी जीत का सेहरा बंधेगा ही।यह अलग बात है कि डुमरी विधानसभा क्षेत्र में कई धड़ों में बंटे बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने एनडीए के संभावित प्रत्याशी को कैसे और कितना साथ देना,इसका पत्ता अब तक नहीं खोला है।जिससे असमंजस की स्थिति इसलिए भी मानी जा रही है क्योंकि कई अवसरों पर एकदूसरे से इनकी नाराजगी जगजाहिर है।
वहीं बीजेपी के एक स्थानीय नेता,चूंकि उन्हें अब तक पार्टी में कोई भी पद नहीं मिल पाई है,इस उपचुनाव में अपना भाग्य आजमाने की लंबे समय से आश लगाए हुए हैं।
ध्यान देने योग्य यह भी है कि इस उपचुनाव में 1932 खतियान आधारित नियोजन नीति के आंदोलन को लेकर ग्रामीण युवाओं के हजारों की भीड़ जुटा ले रहे युवा को भी नजरंदाज नहीं किया जा सकता है।जबकि मुख्य मंत्री ने हाल ही में नावाडीह आगमन पर 1932 खतियान आधारित नियोजन नीति के आधार पर नौकरी दिए जाने की बात पुनः दोहराकर अपना संदेश दे दिया है।बावजूद इसके उक्त संगठन द्वारा डुमरी के एक स्थानीय कार्यकर्ता को इस चुनाव में उतारे जाने की बात कही जा रही है।
कुल मिलाकर संभावना यह भी बनती नजर आ रही है कि पिछले विधानसभा चुनाव,जिसमे दिवंगत जगरनाथ महतो ने पोलिंग के केवल दो दिन पहले ही क्षेत्र के राजनीतिक विश्लेषकों की संभावनाओं पर पानी फेर दिया था,साथ ही विपक्षी उम्मीदवारों को शिकस्त दे दी थी।ऐसा कुछ हुआ तो यह सीट पुनः जेएमएम के ही खाते में जाएगी, इस विधानसभा में टाइगर की ओज अभी भी बरकरार है।
बशर्ते झामुमो नेतृत्व,मंत्री पुत्र व झामुमो पदाधिकारीगण की इलेक्शन मैनेजमेंट एकदम टाइगर जगरनाथ महतो की भांति सटीक हो।
Jul 17 2023, 11:45